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Monday, 13 April 2015

नोएडा व ग्रेनो पर सीएम हुए मेहरबान

नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना एक्सप्रेस वे के क्षेत्र को ग्लोबल सिटी बनाने के लिए 6795.87 करोड़ की 62 महत्वाकांक्षी परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया
ग्रेटर नोएडा (ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गौतमबुद्धनगर के नोएडा व ग्रेटर नोएडा को देश के समृद्धशाली शहरों में
शामिल करने का ऐलान किया है। श्री यादव ने शनिवार को अपने आवास से वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना एक्सप्रेस वे के क्षेत्र को ग्लोबल सिटी बनाने के लिए 6795.87 करोड़ की 62 महत्वाकांक्षी परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया।
श्री यादव ने अपने लखनऊ के कालिदास स्थित मुख्यमंत्री आवास से इन परियोजनाओं का शुभारंभ किया। इसका सीधा प्रसारण ग्रेटर नोएडा स्थित गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया। लखनऊ में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री यादव ने कहा कि नोएडा,ग्रेटर नोएडा व यमुना एक्सप्रेस वे प्रदेश का शो विंडो है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के लिए शुरू की गई विकासपरक योजनाओं का क्षेत्र की जनता को सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सपा सरकार राज्य के समग्र विकास के लिए गंभीर है।  मुख्यमंत्री ने शनिवार को नोएडा,ग्रेटर नोएडा व यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र के लिए जिन योजनाओं का लोकार्पण एवं शुभारंभ किया है उनमें से ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण की लोकार्पित परियोजनाओं की अनुमानित लागत 413.03 करोड़ रुपये हैं। इन योजनाओं में 137 एमएलडी की सीवेज शोधन संयंत्र का निर्माण, गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में आडिटोरियम और इण्डोर स्टेडियम का निर्माण कार्य व 500 किलोवाट क्षमता का रूफ टॉप सोलर पावर प्लान्ट का निर्माण तथा एक मेगावाट क्षमता का ग्रिड कनेक्टेड सोलर पावर प्लान्ट का निर्माण शामिल है।
ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण की जिन योजनाओं का मुख्यमंत्री द्वारा शिलान्यास किया गया है। इन योजनाओं की कुल लागात 1140.19 करोड़ है। इन योजनाओं में लोहिया एन्क्लेव आवासीय योजना, गंगाजल परियोजना, 20 एवं 15 एमएलडी सीवेज शोधन संयंत्र (सीटीपी) योजना तथा 2500 एकड़ में देश के सबसे बड़े ईको पार्क के निर्माण की योजना प्रमुख है।
मुख्यमंत्री ने यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की जिन योजनाओं का शिलान्यास किया है, उनकी लागत 901 करोड़ रुपये है। इन योजनाओं में समाजवादी आवास योजना के अन्तर्गत 1955 भवनों का निर्माण, सेक्टर 18 एवं 24 में 220ध्33 केवी के दो उपकेन्द्रों का निर्माण और यमुना एक्सप्रेस वे पर चैनेज किमी 67.14 पर स्थित बाजना-नौहझील रोड  और यमुना एक्सप्रेसवे के मध्य प्रवेश और निकास रैम्प का निर्माण की योजना प्रमुख है।
मुख्यमंत्री ने नोएडा प्राधिकरण के क्षेत्र में सबसे अधिक योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया। इन योजनाओं की कुल लागत 4341.65 करोड रुपये है। इन योजनाओं में बॉटेनिकल गार्डन मैट्रो स्टेशन से सेक्टर 18 तक ऐलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण, विश्व भारतीय पब्लिक स्कूल से शॉप्रिक्स मॉल तक ऐलिवेटेड रोड का निर्माण, मेट्रो स्टेशन परिसर सेक्टर 38ए में मल्टीलेवल कार पार्किग व व्यवसायिक परिसर का निर्माण है। मुख्यमंत्री ने सेक्टर 30 में सुपर स्पेशियालिटी बाल चिकित्सालय एवं पोस्ट ग्रेजुएट संस्थान के निर्माण व यमुना नदी पर ओखला पुल के समानान्तर अतिरिक्त पुल के निर्माण का शिलान्यास किया। उन्होंने इसके अलावा जिन योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्या किया उनमें सेकटर 105 में वृद्धाश्रम,अनाथालय,दादा-दादी पार्क का निर्माण, सेक्टर 117,118,122 आदि में समाजवादी आवास योजना के तहत 2000 आवासों का निर्माण, नोएडा स्टेडियम सेक्टर 21 ए में 4000 दर्शकों के इन्डोर स्टेडियम शूटिंग रेंज का निर्माण कार्य, सेक्टर 33 में शिल्प हाट व बुनकर भवन का निर्माण, सेक्टर 96 में नोएडा प्राधिकरण के प्रशासनिक भवन का निर्माण, एमपी-1 मार्ग पर सेक्टर 10 से सेक्टर 56 तक ऐलिवेटेड रोड का निर्माण, 37.50 क्यूसेक अतिरिक्त गंगा जल परियोजना, सेक्टर 94 में कमान्ड कन्ट्रेल सेन्टर बिल्डिंग का निर्माण, सेक्टर 82 में सिटी बस टर्मिनल का विकास कराया जाएगा। मुख्यमंत्री द्वारा शुभारंभ की गई अन्य योजनाओं में सेक्टर 108 में ट्रैफिक पार्क का विकास, सेक्टर 91 में 29 एकड़ भूमि पर शहीद भगत सिंह पार्क का निर्माण, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे पर हाइवे ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम की योजना और दस फुट ओवरब्रिज एवं सिंचाई नाले पर 6 पुलों के निर्माण शामिल है।
 मुख्यमंत्री ने नोएडा,ग्रेटर नोएडा की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए चौबीसों घंटे के लिए सभी परिसरों में सीसीटीवी की व्यवस्था करने की योजना का शुभारंभ किया। 

आधे से अधिक असलहों के लाइसेंस हो जाएंगे निरस्त!

एक अक्टूबर तक हो जाएगा शस्त्र लाइसेंस चेक करने वाला प्रोग्राम लॉक
नई दिल्ली। अब देश भर में कहीं से भी जारी किए गए असलहे ऑनलाइन हो जाएंगे। हर जिले में आबादी के लगभग दस प्रतिशत शस्त्रों के लाइसेंस तो जारी कर दिए गएए पर आज तक यह नहीं पता लगाया जा सका कि सक्रिय कितने हैं और निष्क्रिय कितने। साथ ही यह भी कि कितने फर्जी हैं और कितने असली, अब एक क्लिक में खुल जाएगा खेल। जाहिर है, देश में आधे से अधिक लाइसेंस निरस्त हो जाएंगे।
दरअसल, आजादी के बाद से ताबड़तोड़ जारी हुए लाइसेंसों की ऑनलाइन पड़ताल की कवायद हुई है। इसके लिए एक कंप्यूटर प्रोग्राम शुरू किया गया है जिसका नाम है.नेशनल डेटाबेस ऑफ आम्र्स लाइसेंस एनडीएएल। इसके तहत 1 अक्टूूबर 2012 से जिन लाइसेंसों का नवीनीकरण हुआ है उनका डेटा कंप्यूटर में फीड किया जा रहा है। ठीक 1 अक्टूबर 2015 को यह प्रोग्राम लॉक कर दिया जाएगा। इसकी वजह यह है कि तीन साल के भीतर हर जगह लाइसेंसों का नवीनीकरण करा लेने का नियम है। इस अवधि में यह भी साफ हो जाएगा कि नवीनीकरण कराने के लिए कितने लोग आए। यानि, कितने लाइसेंस क्रियाशील हैं। जितने बचेंगे उन्हें अवैध घोषित करते हुए डिलीट कर दिया जाएगा। अपने आप उनका वजूद खत्म हो जाएगा।जिनके पास फर्जी लाइसेंस हैं, वे नवीनीकरण कराने पहुंचेंगे ही नहीं या पहुंचे भी तो पकड़ लिए जाएंगे। इस दायरे में वे भी होंगे जिन्होंने लाइसेंस कहीं और से किसी तरह हासिल किया और मौजूदा समय में दूसरे राज्यों में निवास कर रहे हैं। उन्हें संबंधित जिले के डीएम का प्रमाण पत्र सरकारी स्तर से भिजवाना पड़ेगा कि लाइसेंस की जरूरत है या नहीं। साथ ही यह भी दर्शाना होगा कि उन्हें लाइसेंस की आवश्यकता है या नहीं। डाक की जगह सीधे लेकर अनुमति पहुंचे तो भी मान्य नहीं होंगे।