एक अक्टूबर तक हो जाएगा शस्त्र लाइसेंस चेक करने वाला प्रोग्राम लॉकनई दिल्ली। अब देश भर में कहीं से भी जारी किए गए असलहे ऑनलाइन हो जाएंगे। हर जिले में आबादी के लगभग दस प्रतिशत शस्त्रों के लाइसेंस तो जारी कर दिए गएए पर आज तक यह नहीं पता लगाया जा सका कि सक्रिय कितने हैं और निष्क्रिय कितने। साथ ही यह भी कि कितने फर्जी हैं और कितने असली, अब एक क्लिक में खुल जाएगा खेल। जाहिर है, देश में आधे से अधिक लाइसेंस निरस्त हो जाएंगे।
दरअसल, आजादी के बाद से ताबड़तोड़ जारी हुए लाइसेंसों की ऑनलाइन पड़ताल की कवायद हुई है। इसके लिए एक कंप्यूटर प्रोग्राम शुरू किया गया है जिसका नाम है.नेशनल डेटाबेस ऑफ आम्र्स लाइसेंस एनडीएएल। इसके तहत 1 अक्टूूबर 2012 से जिन लाइसेंसों का नवीनीकरण हुआ है उनका डेटा कंप्यूटर में फीड किया जा रहा है। ठीक 1 अक्टूबर 2015 को यह प्रोग्राम लॉक कर दिया जाएगा। इसकी वजह यह है कि तीन साल के भीतर हर जगह लाइसेंसों का नवीनीकरण करा लेने का नियम है। इस अवधि में यह भी साफ हो जाएगा कि नवीनीकरण कराने के लिए कितने लोग आए। यानि, कितने लाइसेंस क्रियाशील हैं। जितने बचेंगे उन्हें अवैध घोषित करते हुए डिलीट कर दिया जाएगा। अपने आप उनका वजूद खत्म हो जाएगा।जिनके पास फर्जी लाइसेंस हैं, वे नवीनीकरण कराने पहुंचेंगे ही नहीं या पहुंचे भी तो पकड़ लिए जाएंगे। इस दायरे में वे भी होंगे जिन्होंने लाइसेंस कहीं और से किसी तरह हासिल किया और मौजूदा समय में दूसरे राज्यों में निवास कर रहे हैं। उन्हें संबंधित जिले के डीएम का प्रमाण पत्र सरकारी स्तर से भिजवाना पड़ेगा कि लाइसेंस की जरूरत है या नहीं। साथ ही यह भी दर्शाना होगा कि उन्हें लाइसेंस की आवश्यकता है या नहीं। डाक की जगह सीधे लेकर अनुमति पहुंचे तो भी मान्य नहीं होंगे।
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