कैसा रहेगा आपके लिए नया साल। बता रहे हैं हमारे भविष्यफल 2015 के हाल चाल। इसकी सहायता से आप आने वाले समय के लिए न केवल सचेत रहेंगे,बल्कि सफलता और समृद्धि के सूत्र भी जान सकेंगे। प्रत्येक राशि के लिए कैसा होगा आने वाला प्रत्येक मास, भविष्यफल के माध्यम से यह बताने का प्रयास किया जा रहा है। वैसे यह प्रयास होता है कि राशिफल के माध्यम से अत्यधिक महत्वपूर्ण बातों को सटीकता के साथ बताया जाये। पाठकों से अनुरोध है कि यदि कोई विशेष परिस्थिति हो या कोई विशेष कार्य करने जा रहे हों तो विशेष परामर्श अवश्य लें। हालांकि भविष्यफल एकसाथ ही 12 माह का दिया जाता है लेकिन पाठकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए हमने सभी राशियों के आने वाले वर्ष में राशि के प्रभाव, बचाव व उपाय के बारे में जानकारी देने की कोशिश की है। इसके बाद अगले अंकों में प्रत्येक राशि के 12 माह के भविष्यफल की जानकारी क्रमश: लगातार दी जाएगी।
मेष :पूरे वर्ष पर्यन्त शनि आपके अष्टम भाव में रहेंगे साथ ही शनि की ढैया भी रहेगी। अत: स्वास्थ्य के प्रति अत्यधिक सतर्क रहें। यदि उच्च रक्त चाप या दिल के मरीज़ हैं तो अत्यधिक सावधानी बरतें। विपरीत समय में अचानक भारी हानि हो सकती है। विशेषकर यदि शनि या राहु की दशा,अन्तर्दशा चल रही हो तो बहुत सावधानी अपेक्षित है।
विशेष:शनि की साढ़े साती की ढैया रहेगी। नकारात्मक पक्ष:स्वाथ्य।
सकारात्मक पक्ष: भाग्य और मनोबल। लकी नंबर: 5 और 9
सावधानी: जब-जब चन्द्रमा वृश्चिक राशि पर आये स्वास्थ्य और दुर्घटना के प्रति सचेत रहें। उपाय: शनि और शिव की उपासना करें। बचें़:रंग - नीले, काले और हरा। यात्रा - दक्षिण। आहार - उड़द, बैंगन और फूल गोभी। संगत: व्यसन करने वालों से।
वृषभ: इस राशि के जातकों के लिए शिक्षा, संतान और धन के मामले में अत्यधिक सावधानी की आवश्यकता है। राहु का उपाय करें और विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करें इससे परेशानियों में कमी आएगी।
विशेष: लकी नंबर: 6 और 10 । सावधानी: गहरे पानी, आग और बिजली के उपकरणों से सावधान रहें। उपाय: राहु शांति और विष्णु की उपासना करें। बचें: रंग ,लाल और पीला। यात्रा: उत्तर। आहार: चावल, दही और ठंडी वस्तुएँ। संगत :अधीनस्थ कर्मचारियों और सेवकों से।
मिथुन :पूरे वर्ष शनि आपके छठे भाव में अपने परम शत्रु मंगल की वृश्चिक राशि में रहेंगे । धन के लिए यह स्थिति अच्छी नहीं है । कज़ऱ् लेंगे तो जल्दी चुकता नहीं होगा और अचानक हानि होने की सम्भावना बनेगी । अत: शनि देव की शांति हेतु उनके मंत्र का जप तथा भगवान शिव की नियमित आराधना इस प्रभाव को कम करने में सहायक होगी ।यदि किसी को धन की अधिक समस्या हो तो प्रत्येक शनिवार को सरसों का तेल लगाकर स्नान करें।
विशेष: लकी नंबर: 7 और 11 । सावधानी: चन्द्रमा जब भी चतुर्थ भाव में आएँ। उपाय:शनि सम्बन्धी दान और माँ दुर्गा की उपासना। बचें:रंग , लाल। यात्रा:पूर्व-दक्षिण। आहार:. खट्टी वस्तुओं से। संगत:मित्रता दिखाने वाले से।
कर्क : कर्क लग्न के जातकों के लिए पूरे वर्ष राहू तृतीय भाव में और केतु नवम भाव में रहेंगे। अत: भाग्य में अचानक उतार-चढ़ाव संभव है। कई बार भाग्य अचानक धोखा दे सकता है।
निरंतरता बनाये रखने के लिए भगवान गणेश का नियमित ध्यान और पूजा करें। साथ ही राहू के कारण बुद्धि को नकारात्मकता की ओर जाने से बचाने के लिए पक्षियों को दाना तथा गाय को हरा चारा खिलाना श्रेयस्कर रहेगा।
विशेष: लकी नंबर: 8 और 12 । सावधानी: अमावस्या या शनिवार को गहरे पानी और वीरान जगह पर अकेले ना जायें। उपाय: केतु सम्बन्धी दान, भगवान गणेश की उपासना।
बचें़: रंग- काला और नीला। यात्रा-पश्चिम व दक्षिण। आहार : ठंडी वस्तुओं से। संगत: मित्र और किसी करीबी रिश्तेदार से सावधान रहें।
सिंह :सिंह लग्न वालों के लिए पूरे वर्ष पर्यन्त राहु दूसरे भाव में,केतु अष्टम में तथा शनि चौथे भाव में रहेंगे। प्रारम्भ के लगभग 7 माह गुरु भी द्वादश में रहेंगे। कुल मिलाकर धन की समस्या, स्वास्थ्य की समस्या,धन हानि, घटना- दुर्घटना का योग लगभग पूरे वर्ष बना रहेगा। वैसे आपके जन्म समय के ग्रहों तथा वर्तमान दशा-अन्तर्दशा का बहुत असर होता है, फिर भी आप बहुत सावधानी बरतें। समस्याओं से बचने के लिए उपाय आवश्यक हैं। प्रयास करें कि उपाय वर्ष के प्रारम्भ से ही करें इन सब बातों को ध्यान में रखकर, कुछ अदभुत उपचार नीचे दिए जा रहे हैं। जिन्हे पूरे संयम,श्रद्धा और नियम से करें। अवश्य लाभ होगा।1.सूर्य को अघ्र्य अर्पित करें और कम से कम एक बार आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ नियमित रूप से प्रात: करें 2.नए वर्ष के प्रारम्भ में ही रुद्राभिषेक करें और यदि संभव हो तो प्रत्येक मास की शिवरात्रि को प्रदोष बेला में पूरे वर्ष करें,हर माह संभव ना हो सके तो कम से कम हर 3 महीने में एक बार ज़रूर करें। 3.अपने से कमज़ोर लोगों की जितनी हो सके मदद करें। 4.क्रोध पर नियंत्रण रखने के लिए नियमित प्राणायाम करें और अपने को चुस्त- दुरुस्त रखें।
विशेष: शनि साढ़े साती ढैया: ढैया रहेगी। नकारात्मक पक्ष: वाणी तर्क और अहंकार। सकारात्मक पक्ष: निडरता और दृढ़ इच्छा शक्ति। लकी नंबर: 1 और 9 । सावधानी: जिस माह सूर्य मीन राशि में हों। उपाय:केतु सम्बन्धी दान, भगवान गणेश की उपासना, आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ। बचें: रंग- काला, हरा और नीला। यात्रा -दक्षिण व पश्चिम। आहार: गरिष्ठ और खट्टी वस्तुओं के सेवन से। संगत .: अपने से उम्र में बड़ी महिला या पुरुष से।
कन्या : कन्या राशि वाले इस वर्ष साढ़े साती से पूरी तरह से मुक्त हैं। परन्तु लग्न में राहु और सप्तम भाव में केतु का गोचर पूरे वर्ष रहेगा। साथ ही लगभग आधे वर्ष के बाद गुरु भी द्वादश भाव में आ जाएंगे। परिणाम स्वरुप मन अनियंत्रित, क्रोध,अनिश्चितता, व्यापार में हानि और सबसे अधिक वैवाहिक जीवन में कठिनाई नजऱ आ रही है। यदि किसी विपरीत ग्रह की दशा-अन्तर्दशा चल रही हो या कुंडली में कालसर्प योग प्रथम और सप्तम भाव से हो तो परेशानियों में वृद्धि हो सकती है। कुछ अचूक उपाय दिए जा रहे हैं जिसे नए वर्ष के प्रारम्भ से ही करें:-
1. शरीर पर राहु के प्रभाव से सबसे अधिक प्रभाव निर्णय लेने की क्षमता पड़ता है। अत: बुध की शांति के लिए ऊं बुं बुधाय नम: मंत्र का 16000 जप किसी बुधवार को अच्छे योग में करें।
2.राहु की दशा या अंतर दशा हो तो राहु के लिए ऊं रां राहवे नम: मंत्र का जप 18000 बार करें। जप किसी शनिवार को अच्छे योग में करें तथा राहु सम्बन्धी दान, काला कपड़ा, तिल, सरसों का तेल,लोहे या स्टील के बर्तन इत्यादि अपने सेवकों को दें। प्रयास करें कि आपके सेवक आपसे प्रसन्न रहें।
3.परेशानियाँ ज़्यादा हों जैसे कालसर्प योग भी बन रहा हो तो ऊपर के उपाय के बजाय सिर्फ रुद्राभिषेक का सहारा ले, यदि प्रत्येक माह कर सकें तो अदभुत लाभ होगा।
4. वैवाहिक परेशानियाँ यदि अनियंत्रित हो रही हों तो माँ कात्यायनी का अनुष्ठान किसी योग्य विद्वान से सही योग में कराएँ।
विशेष: लकी नंबर: 2 और 10 । सावधानी:जीवन साथी से रिश्ते को लेकर।
उपाय: केतु और शनि सम्बन्धी दा, माँ कात्यायनी की उपासना।
परहेज़: रंग- लाल। यात्रा- पूर्व। आहार -तैलीय और खट्टी वस्तुओं के सेवन से। संगत -अति उत्साही और व्यसन करने वालों से।
तुला: तुला राशि के जातकों के लिए शनि की साढ़े साती का अंतिम चरण का पहला पक्ष रहेगा। अत: कुछ राहत महसूस करेंगे, कज़ऱ् और शत्रुओं से मुक्ति मिलने लगेगी फिर भी आय अभी उस गति से नहीं होगी जैसी अपेक्षित है। चोट.चपेट की सम्भावना रहेगी। ऐसे में भगवान शिव की उपासना और योग ध्यान का सहारा लें।
शनि साढ़े साती ढैया: साढ़े साती का अंतिम दौर रहेगा। नकारात्मक पक्ष: स्वास्थ्य।सकारात्मक पक्ष:परक्रम और निर्णय की क्षमता।
1 रुद्राभिषेक। 2. रुद्रगायत्री जपें तत्पुरुषाय विद्मह, महादेवाय धीम, तन्नो रुद्र: प्रचोदयात !! नियमित जप अत्यंत लाभकारी होगा। 3. रुद्राक्ष की माला धारण करें। 4. धन की समस्या यदि अधिक हो तो शनिवार को सायं काल सरसों का तेल पहले लगाएं फिर स्नान करें
विशेष: लकी नंबर: 3 और 11 । सावधानी: ऊँचे स्थान और कमर के निचले हिस्से को लेकर।
उपाय: शनि सम्बन्धी दान, शिव उपासना। परहेज: रंग- पीला और लाल। यात्रा -उत्तर व पूर्व। आहार .-खट्टी और मीठी वस्तुओं के सेवन से। संगत- पराई स्त्री,पर पुरुष और अपने सेवकों से।
वृश्चिक: राशिफल 2015 के अनुसार वर्ष का प्रारम्भ अच्छा होगा, भाग्य पक्ष बहुत मजबूत रहेगा। परक्रम, कार्य करने की क्षमता और इच्छा शक्ति बहुत तीव्र रहेगी।
विशेष: शनि साढ़े साती ढैया: साढ़े साती का मध्य दौर रहेगा।
नकारात्मक पक्ष: क्रोध, वाणी, अनिर्णय और स्वास्थ्य। सकारात्मक पक्ष: विपरीत परिस्थितियों से निकलने की क्षमता। लकी नंबर: 4
सावधानी: वाहन चलाते समय सतर्क रहें। उपाय: शनि और केतु सम्बन्धी दान, शनि और शिव उपासना। बचें: रंग -नीला और काला। यात्रा -पश्चिम .दक्षिण। आहार -खट्टी और तीखी वस्तुओं के सेवन से। संगत -नीच कर्म और व्यसन करने वालों से।
धनु: धनु राशिफल 2015 के अनुसार वर्ष का प्रारम्भ धन के मामले में बहुत अच्छा जायेगा। धन एक से अधिक स्रोतों द्वारा आएगा जिसके कारण आर्थिक स्थिति मज़बूत होगी। राजनैतिक क्षेत्र में प्रभाव रहेगा।
विशेष:शनि साढ़े साती ढैया:साढ़े साती का प्रथम पक्ष प्रारम्भ। नकारात्मक पक्ष: उतावलापन और दूसरों पर अत्यधिक भरोसा।
सकारात्मक पक्ष: ईमानदारी और निरंतरता। लकी नंबर: 1 और 5 । सावधानी: शत्रुओं और पानी से।
उपाय: गुरु और शनि सम्बन्धी दान, गुरु, सूर्य और विष्णु की उपासना।
बचें: रंग - सफेद और काले रंग से। यात्रा- दक्षिण व पूर्व। आहार: मीठी और पीली वस्तुओं के सेवन से। संगत: अपने से बड़े परिवार के सदस्य से।
मकर: 2015 के अनुसार बहुत ही अच्छा समय है। मान-सम्मान खूब मिलेगा। व्यापार में वृद्धि होगी। नौकरीपेशा लोगों के लिए तरक्की के अवसर मिलेंगे। सामाजिक और राजनैतिक क्षेत्र से जुड़े लोंगो के लिए बहुत अच्छे अवसर आयेंगे और उच्च पद की भी प्राप्ति हो सकती है। मकर 2015 राशिफल कह रहा है कि आपका पराक्रम बहुत बढ़ा रहेगा।
विशेष: लकी नंबर: 6 । सावधानी: व्यसन से।
उपाय गुरु और राहु सम्बन्धी दान, राहु की शांति और शिव उपासना।
बचें: रंग -पीले और लाल रंग से। यात्रा -उत्तर व पूर्व। आहार- मीठी गरिष्ठ वस्तुओं के सेवन से। संगत- अपने सेवादारों से।
कुम्भ: 2015 राशिफल कह रहा है कि अपनी सेहत का विशेष खय़ाल रखें। खर्च की अधिकता रहेगी। किसी वाद-विवाद के कारण या किसी नुकसान के कारण धन अधिक खर्च होने की सम्भवना बन रही है। किसी करीबी से धोखा मिल सकता है। कुम्भ राशिफल 2015 की सलाह है कि आँख बंद करके किसी पर विश्वास ना करें। अपना धन किसी को उधार ना दें या अगर किसी विषम परिस्थिति में देना पड़े तो उसे जल्दी वापस मिलने की उम्मीद ना रखें।
विशेष: लकी नंबर: 3 । सावधानी: जब- जब चन्द्रमा आपके दूसरे और अष्टम भाव में आयेए विशेष कर पूर्णिमा को।
उपाय:अर्गला स्तोत्र कवच का नियमित पाठ और शिव उपासना।
बचे: रंग - लाल, सिंदूरी और गुलाबी रंग से। यात्रा -उत्तर। आहार -मीठी गरिष्ठ वस्तुओं और रात में दूध के सेवन से। संगत -अपने कऱीबी।
मीन: राशिफल 2015 के अनुसार धन और शिक्षा के मामलों में यह बहुत ही प्रभावशाली माह रहेगा। व्यापार के क्षेत्र में कार्य करने वालों के लिए बहुत ही अच्छा समय है। भविष्यफल 2015 के मुताबिक धन एक से अधिक स्रोतों से आएगा। शिक्षा -प्रतियोगिता में सफलता का अच्छा योग है। समाज में मान . प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
विशेष: लकी नंबर: 4। सावधानी: जीवनसाथी से सम्बन्ध को लेकर। राशिफल 2015 के उपाय: राहु की शांति और दान तथा विष्णु सहस्त्र नाम का जप।
बचें: रंग - भूरे और काले रंग से।यात्रा -दक्षिण व पश्चिम। आहार- पीली और मीठी वस्तुओं से। संगत - नए स्त्री या पुरुष के साथ संबंधों से।
मेष :पूरे वर्ष पर्यन्त शनि आपके अष्टम भाव में रहेंगे साथ ही शनि की ढैया भी रहेगी। अत: स्वास्थ्य के प्रति अत्यधिक सतर्क रहें। यदि उच्च रक्त चाप या दिल के मरीज़ हैं तो अत्यधिक सावधानी बरतें। विपरीत समय में अचानक भारी हानि हो सकती है। विशेषकर यदि शनि या राहु की दशा,अन्तर्दशा चल रही हो तो बहुत सावधानी अपेक्षित है।
विशेष:शनि की साढ़े साती की ढैया रहेगी। नकारात्मक पक्ष:स्वाथ्य।
सकारात्मक पक्ष: भाग्य और मनोबल। लकी नंबर: 5 और 9
सावधानी: जब-जब चन्द्रमा वृश्चिक राशि पर आये स्वास्थ्य और दुर्घटना के प्रति सचेत रहें। उपाय: शनि और शिव की उपासना करें। बचें़:रंग - नीले, काले और हरा। यात्रा - दक्षिण। आहार - उड़द, बैंगन और फूल गोभी। संगत: व्यसन करने वालों से।
वृषभ: इस राशि के जातकों के लिए शिक्षा, संतान और धन के मामले में अत्यधिक सावधानी की आवश्यकता है। राहु का उपाय करें और विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करें इससे परेशानियों में कमी आएगी।
विशेष: लकी नंबर: 6 और 10 । सावधानी: गहरे पानी, आग और बिजली के उपकरणों से सावधान रहें। उपाय: राहु शांति और विष्णु की उपासना करें। बचें: रंग ,लाल और पीला। यात्रा: उत्तर। आहार: चावल, दही और ठंडी वस्तुएँ। संगत :अधीनस्थ कर्मचारियों और सेवकों से।
मिथुन :पूरे वर्ष शनि आपके छठे भाव में अपने परम शत्रु मंगल की वृश्चिक राशि में रहेंगे । धन के लिए यह स्थिति अच्छी नहीं है । कज़ऱ् लेंगे तो जल्दी चुकता नहीं होगा और अचानक हानि होने की सम्भावना बनेगी । अत: शनि देव की शांति हेतु उनके मंत्र का जप तथा भगवान शिव की नियमित आराधना इस प्रभाव को कम करने में सहायक होगी ।यदि किसी को धन की अधिक समस्या हो तो प्रत्येक शनिवार को सरसों का तेल लगाकर स्नान करें।
विशेष: लकी नंबर: 7 और 11 । सावधानी: चन्द्रमा जब भी चतुर्थ भाव में आएँ। उपाय:शनि सम्बन्धी दान और माँ दुर्गा की उपासना। बचें:रंग , लाल। यात्रा:पूर्व-दक्षिण। आहार:. खट्टी वस्तुओं से। संगत:मित्रता दिखाने वाले से।
कर्क : कर्क लग्न के जातकों के लिए पूरे वर्ष राहू तृतीय भाव में और केतु नवम भाव में रहेंगे। अत: भाग्य में अचानक उतार-चढ़ाव संभव है। कई बार भाग्य अचानक धोखा दे सकता है।
निरंतरता बनाये रखने के लिए भगवान गणेश का नियमित ध्यान और पूजा करें। साथ ही राहू के कारण बुद्धि को नकारात्मकता की ओर जाने से बचाने के लिए पक्षियों को दाना तथा गाय को हरा चारा खिलाना श्रेयस्कर रहेगा।
विशेष: लकी नंबर: 8 और 12 । सावधानी: अमावस्या या शनिवार को गहरे पानी और वीरान जगह पर अकेले ना जायें। उपाय: केतु सम्बन्धी दान, भगवान गणेश की उपासना।
बचें़: रंग- काला और नीला। यात्रा-पश्चिम व दक्षिण। आहार : ठंडी वस्तुओं से। संगत: मित्र और किसी करीबी रिश्तेदार से सावधान रहें।
सिंह :सिंह लग्न वालों के लिए पूरे वर्ष पर्यन्त राहु दूसरे भाव में,केतु अष्टम में तथा शनि चौथे भाव में रहेंगे। प्रारम्भ के लगभग 7 माह गुरु भी द्वादश में रहेंगे। कुल मिलाकर धन की समस्या, स्वास्थ्य की समस्या,धन हानि, घटना- दुर्घटना का योग लगभग पूरे वर्ष बना रहेगा। वैसे आपके जन्म समय के ग्रहों तथा वर्तमान दशा-अन्तर्दशा का बहुत असर होता है, फिर भी आप बहुत सावधानी बरतें। समस्याओं से बचने के लिए उपाय आवश्यक हैं। प्रयास करें कि उपाय वर्ष के प्रारम्भ से ही करें इन सब बातों को ध्यान में रखकर, कुछ अदभुत उपचार नीचे दिए जा रहे हैं। जिन्हे पूरे संयम,श्रद्धा और नियम से करें। अवश्य लाभ होगा।1.सूर्य को अघ्र्य अर्पित करें और कम से कम एक बार आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ नियमित रूप से प्रात: करें 2.नए वर्ष के प्रारम्भ में ही रुद्राभिषेक करें और यदि संभव हो तो प्रत्येक मास की शिवरात्रि को प्रदोष बेला में पूरे वर्ष करें,हर माह संभव ना हो सके तो कम से कम हर 3 महीने में एक बार ज़रूर करें। 3.अपने से कमज़ोर लोगों की जितनी हो सके मदद करें। 4.क्रोध पर नियंत्रण रखने के लिए नियमित प्राणायाम करें और अपने को चुस्त- दुरुस्त रखें।
विशेष: शनि साढ़े साती ढैया: ढैया रहेगी। नकारात्मक पक्ष: वाणी तर्क और अहंकार। सकारात्मक पक्ष: निडरता और दृढ़ इच्छा शक्ति। लकी नंबर: 1 और 9 । सावधानी: जिस माह सूर्य मीन राशि में हों। उपाय:केतु सम्बन्धी दान, भगवान गणेश की उपासना, आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ। बचें: रंग- काला, हरा और नीला। यात्रा -दक्षिण व पश्चिम। आहार: गरिष्ठ और खट्टी वस्तुओं के सेवन से। संगत .: अपने से उम्र में बड़ी महिला या पुरुष से।
कन्या : कन्या राशि वाले इस वर्ष साढ़े साती से पूरी तरह से मुक्त हैं। परन्तु लग्न में राहु और सप्तम भाव में केतु का गोचर पूरे वर्ष रहेगा। साथ ही लगभग आधे वर्ष के बाद गुरु भी द्वादश भाव में आ जाएंगे। परिणाम स्वरुप मन अनियंत्रित, क्रोध,अनिश्चितता, व्यापार में हानि और सबसे अधिक वैवाहिक जीवन में कठिनाई नजऱ आ रही है। यदि किसी विपरीत ग्रह की दशा-अन्तर्दशा चल रही हो या कुंडली में कालसर्प योग प्रथम और सप्तम भाव से हो तो परेशानियों में वृद्धि हो सकती है। कुछ अचूक उपाय दिए जा रहे हैं जिसे नए वर्ष के प्रारम्भ से ही करें:-
1. शरीर पर राहु के प्रभाव से सबसे अधिक प्रभाव निर्णय लेने की क्षमता पड़ता है। अत: बुध की शांति के लिए ऊं बुं बुधाय नम: मंत्र का 16000 जप किसी बुधवार को अच्छे योग में करें।
2.राहु की दशा या अंतर दशा हो तो राहु के लिए ऊं रां राहवे नम: मंत्र का जप 18000 बार करें। जप किसी शनिवार को अच्छे योग में करें तथा राहु सम्बन्धी दान, काला कपड़ा, तिल, सरसों का तेल,लोहे या स्टील के बर्तन इत्यादि अपने सेवकों को दें। प्रयास करें कि आपके सेवक आपसे प्रसन्न रहें।
3.परेशानियाँ ज़्यादा हों जैसे कालसर्प योग भी बन रहा हो तो ऊपर के उपाय के बजाय सिर्फ रुद्राभिषेक का सहारा ले, यदि प्रत्येक माह कर सकें तो अदभुत लाभ होगा।
4. वैवाहिक परेशानियाँ यदि अनियंत्रित हो रही हों तो माँ कात्यायनी का अनुष्ठान किसी योग्य विद्वान से सही योग में कराएँ।
विशेष: लकी नंबर: 2 और 10 । सावधानी:जीवन साथी से रिश्ते को लेकर।
उपाय: केतु और शनि सम्बन्धी दा, माँ कात्यायनी की उपासना।
परहेज़: रंग- लाल। यात्रा- पूर्व। आहार -तैलीय और खट्टी वस्तुओं के सेवन से। संगत -अति उत्साही और व्यसन करने वालों से।
तुला: तुला राशि के जातकों के लिए शनि की साढ़े साती का अंतिम चरण का पहला पक्ष रहेगा। अत: कुछ राहत महसूस करेंगे, कज़ऱ् और शत्रुओं से मुक्ति मिलने लगेगी फिर भी आय अभी उस गति से नहीं होगी जैसी अपेक्षित है। चोट.चपेट की सम्भावना रहेगी। ऐसे में भगवान शिव की उपासना और योग ध्यान का सहारा लें।
शनि साढ़े साती ढैया: साढ़े साती का अंतिम दौर रहेगा। नकारात्मक पक्ष: स्वास्थ्य।सकारात्मक पक्ष:परक्रम और निर्णय की क्षमता।
1 रुद्राभिषेक। 2. रुद्रगायत्री जपें तत्पुरुषाय विद्मह, महादेवाय धीम, तन्नो रुद्र: प्रचोदयात !! नियमित जप अत्यंत लाभकारी होगा। 3. रुद्राक्ष की माला धारण करें। 4. धन की समस्या यदि अधिक हो तो शनिवार को सायं काल सरसों का तेल पहले लगाएं फिर स्नान करें
विशेष: लकी नंबर: 3 और 11 । सावधानी: ऊँचे स्थान और कमर के निचले हिस्से को लेकर।
उपाय: शनि सम्बन्धी दान, शिव उपासना। परहेज: रंग- पीला और लाल। यात्रा -उत्तर व पूर्व। आहार .-खट्टी और मीठी वस्तुओं के सेवन से। संगत- पराई स्त्री,पर पुरुष और अपने सेवकों से।
वृश्चिक: राशिफल 2015 के अनुसार वर्ष का प्रारम्भ अच्छा होगा, भाग्य पक्ष बहुत मजबूत रहेगा। परक्रम, कार्य करने की क्षमता और इच्छा शक्ति बहुत तीव्र रहेगी।
विशेष: शनि साढ़े साती ढैया: साढ़े साती का मध्य दौर रहेगा।
नकारात्मक पक्ष: क्रोध, वाणी, अनिर्णय और स्वास्थ्य। सकारात्मक पक्ष: विपरीत परिस्थितियों से निकलने की क्षमता। लकी नंबर: 4
सावधानी: वाहन चलाते समय सतर्क रहें। उपाय: शनि और केतु सम्बन्धी दान, शनि और शिव उपासना। बचें: रंग -नीला और काला। यात्रा -पश्चिम .दक्षिण। आहार -खट्टी और तीखी वस्तुओं के सेवन से। संगत -नीच कर्म और व्यसन करने वालों से।
धनु: धनु राशिफल 2015 के अनुसार वर्ष का प्रारम्भ धन के मामले में बहुत अच्छा जायेगा। धन एक से अधिक स्रोतों द्वारा आएगा जिसके कारण आर्थिक स्थिति मज़बूत होगी। राजनैतिक क्षेत्र में प्रभाव रहेगा।
विशेष:शनि साढ़े साती ढैया:साढ़े साती का प्रथम पक्ष प्रारम्भ। नकारात्मक पक्ष: उतावलापन और दूसरों पर अत्यधिक भरोसा।
सकारात्मक पक्ष: ईमानदारी और निरंतरता। लकी नंबर: 1 और 5 । सावधानी: शत्रुओं और पानी से।
उपाय: गुरु और शनि सम्बन्धी दान, गुरु, सूर्य और विष्णु की उपासना।
बचें: रंग - सफेद और काले रंग से। यात्रा- दक्षिण व पूर्व। आहार: मीठी और पीली वस्तुओं के सेवन से। संगत: अपने से बड़े परिवार के सदस्य से।
मकर: 2015 के अनुसार बहुत ही अच्छा समय है। मान-सम्मान खूब मिलेगा। व्यापार में वृद्धि होगी। नौकरीपेशा लोगों के लिए तरक्की के अवसर मिलेंगे। सामाजिक और राजनैतिक क्षेत्र से जुड़े लोंगो के लिए बहुत अच्छे अवसर आयेंगे और उच्च पद की भी प्राप्ति हो सकती है। मकर 2015 राशिफल कह रहा है कि आपका पराक्रम बहुत बढ़ा रहेगा।
विशेष: लकी नंबर: 6 । सावधानी: व्यसन से।
उपाय गुरु और राहु सम्बन्धी दान, राहु की शांति और शिव उपासना।
बचें: रंग -पीले और लाल रंग से। यात्रा -उत्तर व पूर्व। आहार- मीठी गरिष्ठ वस्तुओं के सेवन से। संगत- अपने सेवादारों से।
कुम्भ: 2015 राशिफल कह रहा है कि अपनी सेहत का विशेष खय़ाल रखें। खर्च की अधिकता रहेगी। किसी वाद-विवाद के कारण या किसी नुकसान के कारण धन अधिक खर्च होने की सम्भवना बन रही है। किसी करीबी से धोखा मिल सकता है। कुम्भ राशिफल 2015 की सलाह है कि आँख बंद करके किसी पर विश्वास ना करें। अपना धन किसी को उधार ना दें या अगर किसी विषम परिस्थिति में देना पड़े तो उसे जल्दी वापस मिलने की उम्मीद ना रखें।
विशेष: लकी नंबर: 3 । सावधानी: जब- जब चन्द्रमा आपके दूसरे और अष्टम भाव में आयेए विशेष कर पूर्णिमा को।
उपाय:अर्गला स्तोत्र कवच का नियमित पाठ और शिव उपासना।
बचे: रंग - लाल, सिंदूरी और गुलाबी रंग से। यात्रा -उत्तर। आहार -मीठी गरिष्ठ वस्तुओं और रात में दूध के सेवन से। संगत -अपने कऱीबी।
मीन: राशिफल 2015 के अनुसार धन और शिक्षा के मामलों में यह बहुत ही प्रभावशाली माह रहेगा। व्यापार के क्षेत्र में कार्य करने वालों के लिए बहुत ही अच्छा समय है। भविष्यफल 2015 के मुताबिक धन एक से अधिक स्रोतों से आएगा। शिक्षा -प्रतियोगिता में सफलता का अच्छा योग है। समाज में मान . प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
विशेष: लकी नंबर: 4। सावधानी: जीवनसाथी से सम्बन्ध को लेकर। राशिफल 2015 के उपाय: राहु की शांति और दान तथा विष्णु सहस्त्र नाम का जप।
बचें: रंग - भूरे और काले रंग से।यात्रा -दक्षिण व पश्चिम। आहार- पीली और मीठी वस्तुओं से। संगत - नए स्त्री या पुरुष के साथ संबंधों से।
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