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Friday, 7 April 2017

जीएसटी के क्या हैं नये नियम-कानून

भारत सरकार के अलावा सभी करो (टैक्स) को समाहित कर जीएसटी में शामिल किया है। जीएसटी एक्ट 2016 के अनुसार अब यह सारे टैक्स एक बार में जमा हो जाया करेंगे। इससे व्यापारी को फालतू के झंझट से छुटकारा मिलेगा, वहीं धन की भी बचत होगी। जीएसटी मानी गुड्स सर्विस एक्ट के प्रभावी होने से अब कारोबारी चाहे छोटा हो या फिर बड़ा सभी इसके दायरे में आएंगे। जीएसटी पर प्रकाश डाल रहे हैं हमारे विशेषज्ञ सीए अतुल शर्मा। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश:-
सवाल जीएसटी क्या है, इसमें सभी टैक्स शामिल है?
जवाब: जीएसटी का शाब्दिक अर्थ है गुड्स सर्विस टैक्स। इसमें आयकर (इनकम टैक्स) को छोडक़र सभी टैक्स शामिल किए गए हैं। एक्साइज (उत्पादन कर) सर्विस टैक्स (सेवा कर) सैल्स टैक्स (बिक्री कर) एंटरटेनमेंट टैक्स (मनोरंजन कर) और एंट्री टैक्स (प्रवेश शुल्क) मुख्यत: टैक्स जीएसटी में आते हैं।
सवाल: जीएसटी में पुराने कारोबारी किस तरह से कनवर्ट हो पाएंगे?
जवाब: ऐसे कारोबारी जिन्होंने उक्त टैक्सों एक्साइज,सर्विस,सैल्स टैक्स, एंटरटेनमेंट और एंट्री टैक्सेस में रजिस्ट्रेशन करवा रखे हैं। अब वे रजिस्ट्रेशन जीएसटी में कनवर्ट हो रहे हैं। इसके लिए जीएसटी जीओवी डॉट इन पर एनरोलमेंन्ट का प्रावधान है। रजिस्ट्रेशन कनवर्ट के लिए डिजिटल सिग्नेचर या ई साइन जरूर चाहिए।
सवाल: जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कनवर्ट होने बाद क्या स्टेज आती है?
जवार्ब: जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कनवर्ट होने के बाद एआरएन-एकनॉलेजमेंट रिस्पर नंबर प्राप्त होता है। प्रत्येक राज्य के लिए रजिस्ट्रेशन परिवर्तित कराने की समय सीमा अलग-अलग होती है। एआरएन के बाद डाक्यूमेंट अपलोड किए जाते हैं। इसमें रिटर्न का भी प्रावधान है। रिटर्न के लिए 10-15 और 20 दिन का समय भी दिया जाता है। ये जीएसटी रिटर्न है जब इनकम टैक्स रिटर्न अलग होती है जो वार्षिक होती है।
सवाल: नए कारोबारी के जीएसटी रजिस्ट्रेशन की क्या प्रक्रिया है?
जवाब: बिलकुल सही। प्रत्येक व्यक्ति,संस्था, प्रतिष्ठान अर्थात ऐसा समूह जो किसी भी काम धंधे से जुड़ा है। जीएसटी उन सब पर लागू है। जीएसटी में नया रजिस्ट्रेशन फार्म -जीएसटी आरईजी-6 संबंधित विभाग द्वारा जारी किया जाता है। विभाग का  मतलब जैसे सैल्स टैक्स, सर्विस टैक्स,एक्साइज या एंटरटेनमेंट आदि। नए रजिस्ट्रेशन के लिए पेन कार्ड, मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी ये तीनों चीजें जरूरी हैं। अपलोड करने के बाद ओ टीपी कोड फोन पर या ई-मेल पर आते हैं। इनके माध्यम से यूजर आईडी और पासवर्ड निकल कर आते हैं। इन डाक्यूमेंट्स के बाद डिपार्टमेंट वैलीडेशन की जांच करता है और फिर तीन कार्य दिवसों के दौरान पंजीयन यानी जीएसटी इन जारी कर दिया जाता है।
सवाल: अलग-अलग कार्य के लिए अलग-अलग जीएसटी इन लेना होता है?
जवाब: बिलकुल। एक जीएसटी इन से काम नहीं चलने वाला। रेस्टोरेंट के लिए अलग ड्राइक्लीन के लिए अलग तो सिक्योरिटी सर्विस और लेबर कान्ट्रेक्ट के लिए अलग-अलग जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कराने होंगे।
सवाल: जीएसटी रिटर्न में पैनल्टी का प्रावधान है?
जवाब: जीएसटी एक्ट-2016 के सेक्शन 42 में देरी से रिटर्न फाइल करने का 100 रुपये प्रतिदिन पैनल्टी का प्रावधान है और यह पैनल्टी 5000 रुपये तक हो सकती है।
सवाल: जीएसटी की दरें क्या हैं?
जवाब: जीएसटी की सामान्य दर 18 प्रतिशत है जबकि सरकार ने कारोबार को कई श्रेणियों में बांटा है। यदि हम कोई माल विदेशों को निर्यात करते हैं उस पर कोई टैक्स नहीं अर्थात विदेशी निर्यात पर जीएसटी की दर शून्य है जबकि मूल्यवान वस्तुओं जैसे सोना-चांदी, हीरा और जवाहरात पर जीएसटी 5 प्रतिशत लिया जाएगा। आवश्यक वस्तु खान-पान और दवाओं पर जीसटी 12 प्रतिशत लिया जाएगा। इसी प्रकार पान मसाला उत्पादों पर जीएसटी 28 प्रतिशत, शराब अल्कोहल पर 40 प्रतिशत और तंबाकू गुटखा पदार्थ पर 65 प्रतिशत जीएसटी लिया जाएगा। आटोमोबाइल्स कार पर जीएसटी 18 प्रतिशत  और लग्जरी स्पोर्ट कारों पर जीएसटी की दल 28 प्रतिशत होगी। इनके अलावा जो उत्पाद होंगे वह जीएसटी की सामान्य दर 18 प्रतिशत में आएंगे।

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