आर्य समाज सूरजपुर के दो दशकों तक प्रधान रहे पं. महेन्द्र कुमार आर्य ने आजकल देश में अयोध्या में राम मंदिर बनाम बाबरी मस्जिद मुद्दे पर गरमागरम बहस पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि यह इतिहास का प्रश्न है कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद कैसे आई? उन्होंने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि भारतवर्ष आर्यों का देश हैं और महर्षि दयानंद इसे आर्यावर्त कहते थे, जो कि इसका पुरातन नाम था। यही नहीं मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम को भी आर्य कहा जाता था। हमारे इतिहासकारों ने खोज निकाला है कि श्रीराम का इतिहास 1 करोड़ 81 लाख वर्ष पुराना है तब तो इस्लाम धर्म का कोई अता-पता ही नहीं था। इस्लाम धर्म मात्र 1450 वर्ष पुराना है। इसके बाद ही अयोध्या में बाबरी मस्जिद बनी होगी तो फिर इससे पूर्व वहां पर क्या था? इस पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। ऐसे में सवाल उठता है कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद कैसे बननी चाहिए। वहां तो श्रीराम का स्थान है ।
वर्तमान समय में केन्द्र सरकार और उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकारों के सत्तासीन होने के बावजूद इस तरह के प्रसंग के चलते अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए श्री आर्य ने कहा कि भाजपा की नीयत में खोट लग रहा है। वह इसे केवल वोट की राजनीति के लिए जिंदा रखना चाहती है। वह अयोध्या में मंदिर नहीं बनवाएगी। ऐसे में हिन्दू समाज को जागृत होना चाहिए।
नोट: ये आर्य विचारक श्री आर्य के अपने निजी विचार हैं। इस बारे में किसी प्रकार के संशय होने पर सवाल जवाब उनके मोबाइल नं.9910550037 पर संपर्क करके किया जा सकता है।
वर्तमान समय में केन्द्र सरकार और उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकारों के सत्तासीन होने के बावजूद इस तरह के प्रसंग के चलते अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए श्री आर्य ने कहा कि भाजपा की नीयत में खोट लग रहा है। वह इसे केवल वोट की राजनीति के लिए जिंदा रखना चाहती है। वह अयोध्या में मंदिर नहीं बनवाएगी। ऐसे में हिन्दू समाज को जागृत होना चाहिए।
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