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Monday, 19 August 2024

बांग्लादेश के 15 प्रतिशत हिन्दू कहां गये?

बांग्लादेश से पहले ये पूर्वी बंगाल और पूर्वी पाकिस्तान के नाम से जाना जाता था। भारत से विभाजन से पूर्व यह क्षेत्र पूर्वी बंगाल के रूप में जाना जाता था। इस क्षेत्र में उस समय 23 प्रतिशत हिन्दू रहा करते थे। इस क्षेत्र में तब शांति थी और विकास था। ढाका की मलमल पूरी दुनिया में प्रसिद्ध थी। इसके बाद जैसे ही देश की आजादी के समय बंटवारा हुआ। उस समय भारत और पाकिस्तान के विभाजन के समय हिन्दूओं का कत्लेआम यानी दुनिया का सबसे बड़ा नरसंहार हुआ। 

बांग्लादेश बनने तक दस प्रतिशत हिन्दू घटे थे

पूर्वी बंगाल से पूर्वी पाकिस्तान बनने के समय इस क्षेत्र में 23 प्रतिशत हिन्दू थे, जिन पर खूलेआम अत्याचार और खदेड़ने की कार्रवाई चलती रहीं। इससे हिन्दू मजबूरी में पलायन करता रहा। इस क्षेत्र की विशाल सीमाएं भारत से लगीं थीं। जिन पर पूरी तरह से सतर्कता नहीं बरती जा सकी। इसका नतीजा यह हुआ कि मुस्लिमों के सताये गये हिन्दुओं ने अपनी जान बचाकर भारत में अवैध रूप से प्रवेश कर गये। हिन्दुओं पर यह अत्याचार लगातार चलता रहा। भारी उथल-पुथल के बीच जब यह क्षेत्र पाकिस्तान के चंगुल से मुक्त होकर बांग्लादेश बना तब भारी संख्या में बांग्लादेशी हिन्दू ने भारत में डेरा डाल लिया। उसके बाद भी वहां पर 13 प्रतिशत हिन्दू था। 

चार साल की शांति के बाद फिर शुरू हो गया हिन्दुओं का उत्पीड़न

बांग्लादेश के बनने के चार साल बाद तक तो शेख मुजीबुर्रहमान के शासन में हिन्दुओं को थोड़ी राहत व सम्मान मिला। 1975 में रक्त क्रांति में जब शेख मुजीबुर्रहमान के परिवार, साथी संगी तथा स्टाफ की सामूहिक हत्या के बाद सैनिक राज आया तो हिन्दुओं पर फिर कहर टूटा। उसके बाद हिन्दुओं पर अत्याचार लगातार 15 साल तक चलता रहा। चाहे जिया उर रहमान की सरकार रही हो चाहे जनरल इरशाद की सरकार रही हो हिन्दूओं पर जुल्म ढाये जाते रहे और हिन्दू लगातार भारत में आते रहे। 

वर्तमान समय में केवल 8 प्रतिशत हिन्दू ही बचे हैं बांग्लादेश में

तख्ता पलट के बाद हाल की हिंसा में हिन्दुओं पर फिर अत्याचार किये गये। एक बार फिर लाखों हिन्दुओं ने अपना बोरिया बिस्तर समेट कर भारत की ओर रुख किया है। भले ही सीमाएं सील हों। भारत की ओर से सीमाओं पर सतर्कता बढ़ा दी गयी हो लेकिन हिन्दुओं का भारत में आने का सिलसिला अभी जारी है।

जितने हिन्दू बांग्लादेश में है, उतने ही भारत में आ चुके हैं

एक सर्वेक्षण में यह बताया जा रहा है कि बांग्लादेश से पिछले 50 साल में एक करोड़ दो लाख हिन्दु भारत में शरणार्थी या घुसपैठ करके आ चुके हैं बताया जा रहा है कि बांग्लादेश में अब इतने ही हिन्दू बचे हैं। अब सवाल उठता है कि पूर्वी बंगाल के 23 प्रतिशत हिन्दू अब बांग्लादेश के 8 प्रतिशत ही रह गये हैं। सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि ये 15 प्रतिशत हिन्दू कहां गये।


Sunday, 18 August 2024

बांग्लादेश के बाद क्या भारत में भी हो सकता तख्ता पलट? सीआईए की बड़ी साजिश

भारत की आजादी की आधी सदी बीत जाने के बाद पहली बार हिन्दूवादी सरकार सत्ता में आयी थी। देश के बहुसंख्यक काफी खुश थे। इस सरकार ने सत्ता में दस साल का समय बिता लिया है। सरकार की नीतियों में आए आंशिक बदलाव के चलते अब बहुसंख्यक हिन्दुओं का भी इस सरकार से मोहभंग सा हो गया है। इसलिये तीसरे कार्यकाल के लिए हिन्दूवादी पार्टी भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाया है। अब यह सरकार जदयू के नीतीश कुमार और तेलुगूदेशम पार्टी के चन्द्रबाबू नायडू की बैसाखियों पर टिकी हुई है। 

बांग्लादेश में तख्ता पलट का आरोप सीआईए पर ही लगा है

बांग्लादेश में हाल ही में हुए तख्ता पलट के लिए अमेरिकी जासूसी एजेंसी सीआईए पर आरोप लगाये जा रहे है। यह भी कहा जा रहा है कि अमेरिका इस क्षेत्र में अपना एक अड्डा बनाना चाहता है। इसलिये उसने बांग्लादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्री पर एक द्वीप देने के लिए दबाव डाला और न मिलने पर ऐसा माहौल बना दिया कि वहां की सरकार ही चली गयी। देश में अस्थिरता का माहौल बन गया। 

क्या मोदी सरकार की हो गयी उल्टी गिनती शुरू

अब मीडिया की खबरों में यह दावा किया जा रहा है कि अमेरिकी जासूसी एजेंसी अब भारत सरकार को भी अस्थिर करना चाहती है। इसके लिए सीआईए लगातार विपक्षी नेताओं और सरकार को समर्थन दे रही पार्टियों से तालमेल बढ़ा कर ऐसा माहौल उत्पन्न कर रही है कि सरकार को खुद ही इस्तीफा देना पड़ जाये।

रूसी अखबार का दावा झूठा तो नहीं हो सकता

मीडिया सूत्रों के अनुसार रूस के दमदार समाचार पत्र स्पूतनिक ने दावा किया है कि सीआईए ने पिछले छह महीने पहले से ही बांग्लादेश में तख्ता पलट के बीच बो दिये गये थे। धीरे-धीरे ऐसा माहौल बन गया कि तख्ता पलट हो गया। अखबार ने यह भी दावा किया है कि उसने इस बारे में पहले ही खबर दे दी थी लेकिन उनकी खबरों पर किसी ने विश्वास नहीं किया था।

भारत में कभी भी गिर सकती है मोदी सरकार

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार रूसी समाचार पत्र ने यह दावा किया है कि सीआईए विपक्षी नेताओं और विपक्ष शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मिलकर ऐसी साजिश रच रहा है जिससे मोदी सरकार गिर जाये। इसलिये अमेरिकी राजदूत और महावाणिज्य के शीर्ष अधिकारी विपक्षी नेताओं से जल्दी-जल्दी भेंट कर उनसे लम्बी-लम्बी चर्चा कर रहे है। इस खबर को उस समय सबसे अधिक बल मिला जब सरकार को बाहर से समर्थन कर रही टीडीपी के मुखिया चन्द्रबाबू नायडू से अमेरिकी महावाणिज्यदूत जेनिफर लार्सन ने मुलाकात की। इसके साथ ही इस महिला अधिकारी ने मुस्लिम नेता ओवैसी से भी मुलाकात की। इसके अलावा दिल्ली में विपक्षी नेताओं से अमेरिकी अधिकारियों से मुलाकातें बढ़ गयीं है। 

पूरे देश में बनाया जा रहा है सरकार विरोधी माहौल

बांग्लादेश की तर्ज पर भारत में भी सरकार विरोधी माहौल बनाया जा रहा है। कहा यह जा रहा है कि सीआईए की यह साजिश का असर इतनी जल्दी नहीं बल्कि कुछ समय के बाद ही हो सकता है। बांग्लादेश में जिस तरह से आरक्षण, महंगाई और बेरोजगारी को मुद्दा बनाया गया था। भारत में भी यही मुद्दे हैं जिनको भड़काया जा सकता है। इसके अलावा यहां पर हिन्दू-मुस्लिम कार्ड भी खेला जा सकता है। साथ ही अगड़ो-पिछड़ों की राजनीति का भी सहारा लिया जा सकता है।