भारत की आजादी की आधी सदी बीत जाने के बाद पहली बार हिन्दूवादी सरकार सत्ता में आयी थी। देश के बहुसंख्यक काफी खुश थे। इस सरकार ने सत्ता में दस साल का समय बिता लिया है। सरकार की नीतियों में आए आंशिक बदलाव के चलते अब बहुसंख्यक हिन्दुओं का भी इस सरकार से मोहभंग सा हो गया है। इसलिये तीसरे कार्यकाल के लिए हिन्दूवादी पार्टी भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाया है। अब यह सरकार जदयू के नीतीश कुमार और तेलुगूदेशम पार्टी के चन्द्रबाबू नायडू की बैसाखियों पर टिकी हुई है।
बांग्लादेश में तख्ता पलट का आरोप सीआईए पर ही लगा है
बांग्लादेश में हाल ही में हुए तख्ता पलट के लिए अमेरिकी जासूसी एजेंसी सीआईए पर आरोप लगाये जा रहे है। यह भी कहा जा रहा है कि अमेरिका इस क्षेत्र में अपना एक अड्डा बनाना चाहता है। इसलिये उसने बांग्लादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्री पर एक द्वीप देने के लिए दबाव डाला और न मिलने पर ऐसा माहौल बना दिया कि वहां की सरकार ही चली गयी। देश में अस्थिरता का माहौल बन गया।
क्या मोदी सरकार की हो गयी उल्टी गिनती शुरू
अब मीडिया की खबरों में यह दावा किया जा रहा है कि अमेरिकी जासूसी एजेंसी अब भारत सरकार को भी अस्थिर करना चाहती है। इसके लिए सीआईए लगातार विपक्षी नेताओं और सरकार को समर्थन दे रही पार्टियों से तालमेल बढ़ा कर ऐसा माहौल उत्पन्न कर रही है कि सरकार को खुद ही इस्तीफा देना पड़ जाये।
रूसी अखबार का दावा झूठा तो नहीं हो सकता
मीडिया सूत्रों के अनुसार रूस के दमदार समाचार पत्र स्पूतनिक ने दावा किया है कि सीआईए ने पिछले छह महीने पहले से ही बांग्लादेश में तख्ता पलट के बीच बो दिये गये थे। धीरे-धीरे ऐसा माहौल बन गया कि तख्ता पलट हो गया। अखबार ने यह भी दावा किया है कि उसने इस बारे में पहले ही खबर दे दी थी लेकिन उनकी खबरों पर किसी ने विश्वास नहीं किया था।
भारत में कभी भी गिर सकती है मोदी सरकार
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार रूसी समाचार पत्र ने यह दावा किया है कि सीआईए विपक्षी नेताओं और विपक्ष शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मिलकर ऐसी साजिश रच रहा है जिससे मोदी सरकार गिर जाये। इसलिये अमेरिकी राजदूत और महावाणिज्य के शीर्ष अधिकारी विपक्षी नेताओं से जल्दी-जल्दी भेंट कर उनसे लम्बी-लम्बी चर्चा कर रहे है। इस खबर को उस समय सबसे अधिक बल मिला जब सरकार को बाहर से समर्थन कर रही टीडीपी के मुखिया चन्द्रबाबू नायडू से अमेरिकी महावाणिज्यदूत जेनिफर लार्सन ने मुलाकात की। इसके साथ ही इस महिला अधिकारी ने मुस्लिम नेता ओवैसी से भी मुलाकात की। इसके अलावा दिल्ली में विपक्षी नेताओं से अमेरिकी अधिकारियों से मुलाकातें बढ़ गयीं है।
पूरे देश में बनाया जा रहा है सरकार विरोधी माहौल
बांग्लादेश की तर्ज पर भारत में भी सरकार विरोधी माहौल बनाया जा रहा है। कहा यह जा रहा है कि सीआईए की यह साजिश का असर इतनी जल्दी नहीं बल्कि कुछ समय के बाद ही हो सकता है। बांग्लादेश में जिस तरह से आरक्षण, महंगाई और बेरोजगारी को मुद्दा बनाया गया था। भारत में भी यही मुद्दे हैं जिनको भड़काया जा सकता है। इसके अलावा यहां पर हिन्दू-मुस्लिम कार्ड भी खेला जा सकता है। साथ ही अगड़ो-पिछड़ों की राजनीति का भी सहारा लिया जा सकता है।
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