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Sunday, 6 September 2015

परिचर्चा: 'ईश्वर और 'भगवान में क्या है अंतर?

ग्रेटर नोएडा (ब्यूरो)। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व होने के कारण शहर में भक्ति रस की धारा का प्रवाह हो रहा है। ऐसे समय में यह प्रश्न सामने आया कि सृष्टि रचयिता ईश्वर और आराध्य देव भगवान में क्या अंतर है।इस पर चंद हस्तियों के विचार इस प्रकार हैं:-
एकदूसरे के पर्यायवाची हैं: विद्यासागर वर्मा 
पूर्व राजदूत विद्यासागर वर्मा कहते हैं कि ईश्वर और भगवान एक दूसरे के पर्यायवाची हैं। ऐश्वर्यवान व्यक्ति को भगवान कहा दिया जाता है जैसे भगवान बुद्ध,भगवान महावीर आदि।
अनेक नाम ईश्वर एक है: बिजेन्द्र आर्य
आर्य नेता बिजेन्द्र आर्य ने कहा कि ईश्वर और भगवान एक ही है। जिस तरह से बच्चे को बचपन में अनेक नाम से पुकारा जाता है उसी तरह से हम ईश्वर को विभिन्न नामों से पुकारा जाता है।

ईश्वर निराकार है,भगवान साकार है:गोस्वामी
ग्रेटर नोएडा के प्रखर संत गोस्वामी सुशील जी महाराज ने कहा कि ईश्वर और भगवान दोनो ही अलग-अलग हैं। भगवान तो कोई भी मनुष्य भी सत्कर्म करके  बन सकता है। लेकिन ईश्वर निराकार है वह शरीर धारण नहीं करता है। उन्होंने कहा कि सत्कर्म करके ही राम,कृष्ण,महावीर और बुद्ध भगवान बन गए।
गुण-कर्म के आधार पर भगवान होते हैं:एडवोकेट राजकुमार नागररामलीला समिति के संरक्षक और वरिष्ठ एडवोकेट राजकुमार नागर भी कहते हेैं कि ईश्वर और भगवान एक ही है। गुण और कर्म के आधार पर भगवान माना जाता है।
ईश्वर सर्वगुण सम्पन्न होता है:पं. मूलचंद आर्य
आर्य समाज सूरजपुर के वरिष्ठ उप प्रधान पं. मूलचंद आर्य ने कहा कि ऐश्वर्ययुक्त
सभी गुणों से संपन्न परमात्मा को ईश्वर कहते हैं। सच्चिदानंद और परमेश्वर के नाम से उसे जाना जा सकता है। गुण कर्म और स्वभाव के कारण महामानव यहां भगवान बन गए और लोंगों ने उनकी आराधना की जबकि ये भगवान स्वयं किसी न किसी आराध्य की आराधना करते हैं। हमें भी उन्ही देवों की आराधना करनी चाहिए, यही आर्य समाज कहता है।
ईश्वर को ज्ञान से प्राप्त किया जा सकता है:तेजपाल सिंह नागर
प्राचार्य एवं नेता तेज पाल सिंह नागर कहते हैं कि ईश्वर को ज्ञान से और भगवान को भक्ति से पाया जा सकता है। ईश्वर तटस्थ होता है, जबकि भगवान अपने भक्त के अधीन होता है और वह पक्षपात भी कर सकता है।
ईश्वर सर्वव्यापक है: पं. धर्मवीर आर्य
आर्य समाज सूरजपुर के मंत्री पं. धर्मवीर आर्य का कहना है कि ईश्वर एक है और निराकार है सर्वव्यापक है। ईश्वर सम्पूर्ण 22 गुणों से युक्त होता है जबकि भगवान पुरुषोत्तम एवं छह गुणों वाला होता है। राम,कृष्ण आदि ऐसे ही भगवान है।
दोनों में अंतर है:एडवोकेट मुकेश शर्मा

वरिष्ठ समाजसेवी और एडवोकेट मुकेश कुमार शर्मा का कहना है कि ईश्वर और भगवान में अंतर जरूर है। ईश्वर एक है जबकि भगवान अनेक हैं। ये भगवान भी इसी ईश्वर की आराधना करते हैं।

1 comment:

  1. PARMATMA OR BHAGVAN ME ANTAR HAI BHA SE BHUMI G SE GAGAN V SE VAYU A SE ANAL N SE NIR JO PUTLA INSE BANA HAI USKO BHAJVAN KAH SAKTE HAI PRANTU PARMATMA EK HAI AJANMA HAI SAB KUCH KARNE ME SAKSHAM HAI

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