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Saturday, 4 February 2017

अब डॉक्टर बनना हुआ मुश्किल

एमबीबीएस: नीट केवल तीन बार, उम्र केवल 25 साल

हर भारतीय माता-पिता की महती इच्छा होती है कि उसकी संतान बड़ी होकर डॉक्टर या इंजीनियर बने। इसमें भी लोग डॉक्टर को अधिक प्राथमिकता देते हैं। इसी तरह बच्चे भी डॉक्टर बनने का सपना देखते हैं। सरकार ने अब डॉक्टर बनने के लिए छात्रों को सीमित अवसर देने का निश्चय किया है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एमसीआई से सलाह मशविरा करके यह निर्णय लिया है कि मेडिकल की यूजी एंट्रेंस के लिए सीबीएसई द्वारा प्रायोजित नीट परीक्षा में परीक्षार्थी केवल तीन बार ही बैठ सकेंगे। इसके लिए उनकी आयु की सीमा भी 25 वर्ष निर्धारित की गई है। आरक्षित श्रेणियों के अभ्यर्थियों के लिए आयु सीमा में पांच वर्ष की छूट दी गई है। आयु की गणना प्रवेश परीक्षा की तिथि से की जाएगी। प्रवेश परीक्षा के समय आयु 25 वर्ष और 30 वर्ष से अधिक न हो।  किन्तु सभी प्रत्याशियों के लिए तीन अवसर ही दिए गए हैं। इसके अलावा यह भी निर्णय लिया गया है कि आगामी 7 मई 2017 को होने वाली प्रवेश परीक्षा से पूर्व एआईपीएमटी या नीट के माध्यम से जो अभ्यर्थी तीन बार परीक्षा में बैठ चुके हैं, उन्हें परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी। नए परीक्षार्थियों के लिए परीक्षा के तीन चांस की गणना 2017 की परीक्षा से शुरू होगी।

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