new

Tuesday, 20 February 2018

दिल थाम के रखिये आ रही है आपके शहर में प्रिया प्रकाश

सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद प्रिया प्रकाश की फिल्म आपके शहर में जल्द ही आने वाली है। बस आपको एक ऐसा व्यक्ति तलाशना है जो मलयालम भाषा से आपकी भाषा में फिल्म की कहानी व डॉयलाग बता सके। आपके फिल्म देखने का खर्चा बढ़ जाएगा। यह भी जरूर है कि यदि आपने फिल्म नहीं देखी को आप प्रिया प्रकाश के गजब के एक्सप्रेशंस देखने से चूक जाएंगे। बस आप फिल्म देखने की तैयारी करें।
सुप्रीम कोर्ट ने मलयालम अभिनेत्री प्रिया प्रकाश वारियर के खिलाफ सभी एफआईआर पर रोक लगा दी है.। कोर्ट ने किसी राज्य को इस मामले में एफआईआर या कारवाई न करने के आदेश दिए। साथ ही एफआईआर दर्ज कराने वालों को कोर्ट ने नोटिस जारी किया। बता दें, मलयालम फिल्म 'ओरु अदार लवÓ के गाने को लेकर उनके और निदेशक उमर अब्दुल वहाब के खिलाफ तेलंगाना और महाराष्ट्र में दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई थी.।
ये विवाद फिल्म के गाने 'माणिक्य मलाराया पूवी...Ó को लेकर हुआ, जो कि केरल के मालाबार क्षेत्र का एक पारंपरिक मुस्लिम गीत है। यह गाना पैगम्बर मोहम्मद और उनकी पहली पत्नी खदीजा के बीच प्रेम का वर्णन और प्रशंसा करता है। इस गाने के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद तेलंगाना, रजा अकादमी और जन जागरण समिति ने मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को कथित तौर पर चोट पहुंचाने के लिए  एफआईआर दर्ज कराई थी। याचिकाकतार्ओंं ने दायर याचिका में कहा है कि तेलंगाना और महाराष्ट्र में गाने की गलत व्याख्या के आधार पर विभिन्न समूहों द्वारा आपराधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं और इसी तरह की शिकायतें अन्य गैर-मलयालम भाषी राज्यों में भी दर्ज होने की संभावना है.
इस क्लिप ने प्रिया प्रकाश को रातोंरात बनाया स्टार...Óओरू अदार लवÓ के मेकर्स की ओर से दी गई याचिका में कहा गया है कि इस गीत को मूल रूप से केरल के एक पुराने लोक गीत के तौर पर पीएमए जब्बार द्वारा 1978 में लिखा गया था, जिसे पहली बार थलासेरी रफीक ने पैगम्बर और उनकी पत्नी खदीजा की प्रशंसा में गाया गया था। बिना किसी आधार के यह दावा किया गया है कि यह मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाओं को नुकसान पहुंचाता है.। यह समझना मुश्किल है कि पिछले 40 सालों से जो गाना आस्तित्व में है, जिसे मुस्लिमों ने ही लिखा और केरल में मुस्लिम समुदाय की ओर से पोषित हुए इस गीत को अब पैगम्बर और उनकी पत्नी के अपमान के रूप में माना जा रहा है।
 याचिकाकतार्ओं ने कहा है कि युवा अभिनेत्री और उसके परिवार के जीवन के लिए खतरे को देखते हुए एफआईआर और आपराधिक शिकायतें अनुच्छेद 21 के तहत जीने के अधिकार का उल्लंघन है.। ये अनुच्छेद 19(1) (ए) और 19(1) (जी) के तहत अभिव्यक्ति की आजादी का हनन भी है.।

No comments:

Post a Comment