कानपुर के छोटे से गांव से दुबई, थाईलैंड में फैले काले साम्राज्य में कई दिग्गज हस्तियों के नाम
कानपुर महानगर से मात्र 35 से 40 किलोमीटर पश्चिम में बसे ढाई हजार की बस्ती वाले बिकरू गांव में जन्मे विकास दुबे एकदम देहाती टाइप का आदमी देखने में लगता था लेकिन उसके बारे में यह जानकर सभी चौंक रहे हैं कि उस देहाती गुंडे का साम्राज्य देश में तो दिल्ली, मुंबई को छोड़िये दुबई और थाईलैंड में भी फैला था। उसके गैंग में शामिल लोगों की संख्या का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि पुलिस उसके गैंग के 2500 फोन को सर्विलांस पर लगाये हुए है। उसके बाद भी कोई खास जानकारी हाथ नहीं आ रही है। अब यदि उज्जैन से कानपुर तक विकास दुबे को लाने वाली एसटीएफ टीम के दावों को मानें तो विकास दुबे के गैंग में अनेक चौंकाने वाले लोग भी शामिल थे। एसटीएफ के दावे के अनुसार उसके गैंग में उत्तर प्रदेश के दो मंत्री, 11 विधायक, 50 पुलिस अधिकारी, जिनमें दो आईपीएस और कई पीपीएस भी शामिल थे।नेताओं और अफसरों को कैसे फंसाता था
जानकार लोगों की बात मानें तो यह कहा जा रहा है कि अपराध की दुनिया में अपना दबदबा बनाये रखने के लिए विकास ने शुरू से ही पुलिस अधिकारियों, विधायकों, मंत्रियों को अपने जान में फंसाने का काम करता रहता था। इसका फायदा पुलिस के स्थानीय अधिकारियों पर दबाव बनाने के लिए उठाता था। यही नही उसके संबंध प्रदेश के कुछ आला अधिकारियों से भी थे, जो उसकी जमीनी विवाद में खुलेआम मदद करते थे। विकास दुबे शातिर दिमाग का मालिक था, जितना बड़ा अफसर या राजनीतिज्ञ उतनी बड़ी रिश्वत का इंतजाम करता था। मीडिया रिपोटों का यकीन मानें तो विकास दुबे फार्म हाउस, बंगला, फ्रलैट और प्लाट तक की रिश्वत देता था। नकदी में तो वह कभी कंजूसी करता ही नहीं था क्योंकि उसे मालूम होता था कि किस अफसर से कितनी तक की कमाई की जा सकती है।
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