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Monday, 19 August 2024

बांग्लादेश के 15 प्रतिशत हिन्दू कहां गये?

बांग्लादेश से पहले ये पूर्वी बंगाल और पूर्वी पाकिस्तान के नाम से जाना जाता था। भारत से विभाजन से पूर्व यह क्षेत्र पूर्वी बंगाल के रूप में जाना जाता था। इस क्षेत्र में उस समय 23 प्रतिशत हिन्दू रहा करते थे। इस क्षेत्र में तब शांति थी और विकास था। ढाका की मलमल पूरी दुनिया में प्रसिद्ध थी। इसके बाद जैसे ही देश की आजादी के समय बंटवारा हुआ। उस समय भारत और पाकिस्तान के विभाजन के समय हिन्दूओं का कत्लेआम यानी दुनिया का सबसे बड़ा नरसंहार हुआ। 

बांग्लादेश बनने तक दस प्रतिशत हिन्दू घटे थे

पूर्वी बंगाल से पूर्वी पाकिस्तान बनने के समय इस क्षेत्र में 23 प्रतिशत हिन्दू थे, जिन पर खूलेआम अत्याचार और खदेड़ने की कार्रवाई चलती रहीं। इससे हिन्दू मजबूरी में पलायन करता रहा। इस क्षेत्र की विशाल सीमाएं भारत से लगीं थीं। जिन पर पूरी तरह से सतर्कता नहीं बरती जा सकी। इसका नतीजा यह हुआ कि मुस्लिमों के सताये गये हिन्दुओं ने अपनी जान बचाकर भारत में अवैध रूप से प्रवेश कर गये। हिन्दुओं पर यह अत्याचार लगातार चलता रहा। भारी उथल-पुथल के बीच जब यह क्षेत्र पाकिस्तान के चंगुल से मुक्त होकर बांग्लादेश बना तब भारी संख्या में बांग्लादेशी हिन्दू ने भारत में डेरा डाल लिया। उसके बाद भी वहां पर 13 प्रतिशत हिन्दू था। 

चार साल की शांति के बाद फिर शुरू हो गया हिन्दुओं का उत्पीड़न

बांग्लादेश के बनने के चार साल बाद तक तो शेख मुजीबुर्रहमान के शासन में हिन्दुओं को थोड़ी राहत व सम्मान मिला। 1975 में रक्त क्रांति में जब शेख मुजीबुर्रहमान के परिवार, साथी संगी तथा स्टाफ की सामूहिक हत्या के बाद सैनिक राज आया तो हिन्दुओं पर फिर कहर टूटा। उसके बाद हिन्दुओं पर अत्याचार लगातार 15 साल तक चलता रहा। चाहे जिया उर रहमान की सरकार रही हो चाहे जनरल इरशाद की सरकार रही हो हिन्दूओं पर जुल्म ढाये जाते रहे और हिन्दू लगातार भारत में आते रहे। 

वर्तमान समय में केवल 8 प्रतिशत हिन्दू ही बचे हैं बांग्लादेश में

तख्ता पलट के बाद हाल की हिंसा में हिन्दुओं पर फिर अत्याचार किये गये। एक बार फिर लाखों हिन्दुओं ने अपना बोरिया बिस्तर समेट कर भारत की ओर रुख किया है। भले ही सीमाएं सील हों। भारत की ओर से सीमाओं पर सतर्कता बढ़ा दी गयी हो लेकिन हिन्दुओं का भारत में आने का सिलसिला अभी जारी है।

जितने हिन्दू बांग्लादेश में है, उतने ही भारत में आ चुके हैं

एक सर्वेक्षण में यह बताया जा रहा है कि बांग्लादेश से पिछले 50 साल में एक करोड़ दो लाख हिन्दु भारत में शरणार्थी या घुसपैठ करके आ चुके हैं बताया जा रहा है कि बांग्लादेश में अब इतने ही हिन्दू बचे हैं। अब सवाल उठता है कि पूर्वी बंगाल के 23 प्रतिशत हिन्दू अब बांग्लादेश के 8 प्रतिशत ही रह गये हैं। सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि ये 15 प्रतिशत हिन्दू कहां गये।


Sunday, 18 August 2024

बांग्लादेश के बाद क्या भारत में भी हो सकता तख्ता पलट? सीआईए की बड़ी साजिश

भारत की आजादी की आधी सदी बीत जाने के बाद पहली बार हिन्दूवादी सरकार सत्ता में आयी थी। देश के बहुसंख्यक काफी खुश थे। इस सरकार ने सत्ता में दस साल का समय बिता लिया है। सरकार की नीतियों में आए आंशिक बदलाव के चलते अब बहुसंख्यक हिन्दुओं का भी इस सरकार से मोहभंग सा हो गया है। इसलिये तीसरे कार्यकाल के लिए हिन्दूवादी पार्टी भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाया है। अब यह सरकार जदयू के नीतीश कुमार और तेलुगूदेशम पार्टी के चन्द्रबाबू नायडू की बैसाखियों पर टिकी हुई है। 

बांग्लादेश में तख्ता पलट का आरोप सीआईए पर ही लगा है

बांग्लादेश में हाल ही में हुए तख्ता पलट के लिए अमेरिकी जासूसी एजेंसी सीआईए पर आरोप लगाये जा रहे है। यह भी कहा जा रहा है कि अमेरिका इस क्षेत्र में अपना एक अड्डा बनाना चाहता है। इसलिये उसने बांग्लादेश की तत्कालीन प्रधानमंत्री पर एक द्वीप देने के लिए दबाव डाला और न मिलने पर ऐसा माहौल बना दिया कि वहां की सरकार ही चली गयी। देश में अस्थिरता का माहौल बन गया। 

क्या मोदी सरकार की हो गयी उल्टी गिनती शुरू

अब मीडिया की खबरों में यह दावा किया जा रहा है कि अमेरिकी जासूसी एजेंसी अब भारत सरकार को भी अस्थिर करना चाहती है। इसके लिए सीआईए लगातार विपक्षी नेताओं और सरकार को समर्थन दे रही पार्टियों से तालमेल बढ़ा कर ऐसा माहौल उत्पन्न कर रही है कि सरकार को खुद ही इस्तीफा देना पड़ जाये।

रूसी अखबार का दावा झूठा तो नहीं हो सकता

मीडिया सूत्रों के अनुसार रूस के दमदार समाचार पत्र स्पूतनिक ने दावा किया है कि सीआईए ने पिछले छह महीने पहले से ही बांग्लादेश में तख्ता पलट के बीच बो दिये गये थे। धीरे-धीरे ऐसा माहौल बन गया कि तख्ता पलट हो गया। अखबार ने यह भी दावा किया है कि उसने इस बारे में पहले ही खबर दे दी थी लेकिन उनकी खबरों पर किसी ने विश्वास नहीं किया था।

भारत में कभी भी गिर सकती है मोदी सरकार

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार रूसी समाचार पत्र ने यह दावा किया है कि सीआईए विपक्षी नेताओं और विपक्ष शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मिलकर ऐसी साजिश रच रहा है जिससे मोदी सरकार गिर जाये। इसलिये अमेरिकी राजदूत और महावाणिज्य के शीर्ष अधिकारी विपक्षी नेताओं से जल्दी-जल्दी भेंट कर उनसे लम्बी-लम्बी चर्चा कर रहे है। इस खबर को उस समय सबसे अधिक बल मिला जब सरकार को बाहर से समर्थन कर रही टीडीपी के मुखिया चन्द्रबाबू नायडू से अमेरिकी महावाणिज्यदूत जेनिफर लार्सन ने मुलाकात की। इसके साथ ही इस महिला अधिकारी ने मुस्लिम नेता ओवैसी से भी मुलाकात की। इसके अलावा दिल्ली में विपक्षी नेताओं से अमेरिकी अधिकारियों से मुलाकातें बढ़ गयीं है। 

पूरे देश में बनाया जा रहा है सरकार विरोधी माहौल

बांग्लादेश की तर्ज पर भारत में भी सरकार विरोधी माहौल बनाया जा रहा है। कहा यह जा रहा है कि सीआईए की यह साजिश का असर इतनी जल्दी नहीं बल्कि कुछ समय के बाद ही हो सकता है। बांग्लादेश में जिस तरह से आरक्षण, महंगाई और बेरोजगारी को मुद्दा बनाया गया था। भारत में भी यही मुद्दे हैं जिनको भड़काया जा सकता है। इसके अलावा यहां पर हिन्दू-मुस्लिम कार्ड भी खेला जा सकता है। साथ ही अगड़ो-पिछड़ों की राजनीति का भी सहारा लिया जा सकता है। 

Tuesday, 19 January 2021

मोहम्मद साहब और इस्लाम पर मजाकिया फिल्म क्यों नहीं बनाई जाती है: नंदकिशोर गुर्जर

भाजपा विधायक ने अपनी ही सरकार को पत्र लिखकर चेताया

वेब सीरीज पर तत्काल प्रतिबंध नहीं लगा तो देश में भड़क सकती है बड़े पैमाने पर हिंसा


लोनी के भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने वेब सीरीज तांडव पर घोर आपत्ति दर्ज कराते हुए केन्द्र सरकार को चेतावनी भरा लिखा है। इस पत्र में उन्होंने कहा कि तांडव वेब सीरीज के माध्यम से सनातन धर्म की मान्यताओं, संस्कृति, सामाजिक समरसता पर कुठाराघात करने का प्रयास किया गया है। इस सीरीज पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाये और इस सीरीज के निदेशक अली अब्बास जफर, सैफ अली खान, जीशान अय्यूब पर रासुका के तहत सख्त कार्रवाई की जाए। भाजपा विधायक ने अपनी ही पार्टी की सरकार को चेताते हुए लिखा है कि यदि इस वेबसीरीज पर तत्काल प्रतिबंध नहीं लगाया तो देश में बड़े पैमाने पर हिंसा भड़क सकती है।

भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने तांडव वेबसीरीज पर आपत्ति दर्ज कराते हुए केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री को पत्र लिखा है और इस की प्रतियां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को भेज कर देश के मौजूदा हालात से अवगत कराया है।
लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने आरोप लगाया है कि कट्टरपंथी इस्लामिक देशों और अंडरवर्ल्ड दाउद इब्राहिम के हाथों बिक चुक बॉलीवुड के निर्माताओं, लेफ्ट विंग, टुकड़े-टुकड़े गैंग और मुस्लिम कट्टरपंथी समर्थकों द्वारा एक एजेंडे के तहत लगातार सनातन विरोधी कंटेंट को रचनात्मकता, अभिव्यक्ति एवं स्वतंत्रता के नाम पर फिल्म, बेब सीरीज और स्टैंड-अप कॉमेडी का हिस्सा बनाया जाता है जबकि क्या कारण है कि आज तक इनके द्वारा हजरत मोहम्मद साहब और इस्लाम मजहब पर एक भी फिल्म या मजाकिया किरदार नहीं बनाया गया है। यह दोहरा मापदंड ही इनके पूर्वाग्रह से ग्रसित होने का सूचक है। लोनी विधायक ने अपने पत्र में लिखा कि सीएए दंगों के समर्थक और सीरीज के निदेशक अली अब्बास जफर द्वारा प्रॉपेगंडा के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत सरकार के दोरान हुए प्रायोजित आंदोलन, टुकड़े-टुकड़े गैंग और देश विरोधी विचारधारा को महिमामंडित कर, कार्रवाई को अनुचित ठहराने की निंदनीय कोशिश भी की है। विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने अपनेपत्र में केन्द्र सरकार से इस विषय का संज्ञान लेते हुए तांडव वेब सीरीज के प्रसारण और डिजिटल प्लेटफार्म अमेजन प्राइम इंडिया पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने के साथ-साथ निदेशक अली अब्बास जफर, जीशान अय्यूबख् सैफ अली खान व अन्य फर्जी कलाकारों पर रासुका के तहत कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग की है ताकि भविष्य में किसी भी माध्यम से देशविरोधी, धर्म विरोधी और सामाजिक समरसता को नुकसान पहुंचाने वाली सामग्री प्रसारित करने का कोई दुस्साहस न कर सके।
इससे पूर्व लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने सूचना प्रसारण मंत्री को लिखे अपने पत्र में लिखा कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा ओटीटी प्लेटफार्म पर प्रसारित बेलगाम कंटेंट को नियंत्रित करने के लिए अध्यादेश जारी करने के बावजूद मनोरंजन और रचनात्मकता के नाम पर अश्लील दृश्य, हिंसा, गालियों की भरमार, सनातन धर्म के प्रतीक, संस्कृति और मान्यताओं, हिंदू देवी-देवताओं का अपमान और मखौल उड़ाना बदस्तूर जारी है। अमेजन प्राइम पर अली अब्बास जफर के निर्देशन में बनी तांडव वेब सीरीज के माध्यम से भारत की 100 करोड़ से अधिक की आबादी के आराध्य भगवान भोलेनाथ और मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के चरित्र को हास्य व विनोद का विषय बनाया गया है, जो निंदनीय एवं कुत्सित मानसिकता का परिचायक है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि तांडव वेब सीरीज में भगवान भोलेनाथ के भेष में भांड कलाकार जीशान अय्युब द्वारा अपशब्दों का प्रयोग, महादेव के वेशभूषा में छेड़छाड़ किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। श्री गुर्जर ने लिखा कि सनातन धर्म के आराध्य देवों के अलावा इस सीरीज में सनातन धर्म के ध्वजवाहक स्वामी विवेकानन्द जी के नाम पर विश्वविद्यालय का नाम रखकर टुकड़े-टुकड़े गैंग समर्थकों द्वारा उनकी छवि और विचारधारा को धूमिल करने का प्रयास किया गया हैक्योंकि स्वामी विवेकानन्द जी आज भी भारत के विश्व में ब्रांड एम्बेसडर हैं ओर युवाओं के आइकन हैं। लोनी विधायक श्री गुर्जर ने पत्र में लिखा कि इस सीरीज में दलित और सवर्णों के बीच कटुता बढ़ाने का प्रयास किया गया है जो अति निंदनीय है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम ने माता शबरी के झूठे बेर खाए, केवट को अपने बराबर का स्थान दिया, आदि कवि महर्षि वाल्मीकि के आश्रम में भगवान के पुत्रों का जनम हुआ, ये तथ्य प्रमाणित करते हैं कि आदिकाल से ही दलित और सवर्णों के बीच कोई कटुता नहीं थी। मुगलों के अत्याचारों और धर्मांतरण के बावजूद दलितों ने निकृष्ट कार्य किया लेकिन हिन्दू धर्म का त्याग नहीं किया।
लोनी के भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने चेतावनी देते हुए कहा कि कट्टरपंथी मुस्लिम निदेशक अली अब्बास जफर के कुकृत्य से देश की बहुसंख्यक हिंदू आबादी आक्रोशित है और अगर इस वेबसीरीज को प्रतिबंधित नहीं किया गया तो देश में किसी भी बड़ी हिंसक घटना की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। 

Monday, 24 August 2020

हम जन्म दिन पर खुशी मनाते हैं तो मरने में गम क्यों मनाते हैं?

यह अजीब सवाल है, इसको देखकर कोई भी चैंक सकता है, मुझे सिरफिरा या पागल भी कह सकता है, इसकी मुझे परवाह नहीं है लेकिन जरा ध्यान से सोचने वाली बात है कि प्रकृति में जो जन्म लेता है तो उसका मरण भी निश्चित है। इस ध्रुव सत्य को कोई नकार नहीं सकता है। जन्म लेते ही मनुष्य के मरने की घड़ी टिक टिक कर आगे बढ़ने लगती है। लगभग सभी समाज में अपने प्रियजन का जन्म दिन धूमधाम से मनाते हैं। प्राचीन काल में जब लोग गांवों में रहते थे तबकी मुझे याद है कि जब परिवार में किसी का जन्मदिन आता था तो जश्न मनाया जाता था। धनी व्यक्ति पूरे गांव को न्यौता, देकर , धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करके जन्मदिन धूमधाम से मनाता था और साधारण परिवार वाले भी अपने सामूहिक परिवार को न्योता देकर, धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करने के साथ शाम को पूरे गांव में बुलौवा जाता था, पूरे गांव की महिलाएं उस घर में आतीं थीं, ढोलक मंजीरा पर देवी-देवताओं को अर्पित गीत गाकर जन्मदिन पर दीर्घायु व स्वस्थ होने की कामनाएं की जातीं थीं, इसके साथ ही सोहर गीत भी गाये जाते थे। अब परम्पराएं बदल गयीं हैं लेकिन जन्म दिन अब केक काट कर, पार्टियां आयोजित कर मनाये जाते हैं। यह तो हुई परम्परा की बात अब मूल विषय पर आते हैं कि जैसे जैसे इंसान बड़ा होता है उसके जीवन के दिन उसकी कुल आयु से कम होते जाते हैं, यानी उसके बिछुड़ने का दिन करीब आता जाता है, लेकिन हम खुशियां मनाते हैं। जन्म दिन मनाते-मनाते वो दिन भी आ जाता है जब वह इंसान हमसे जुदा होता है यानी मृत अवस्था में पहुंच जाता है उस समय दहाड़े मांर कर रोते हैं। इस बात को तो हम पहले से ही जानते हैं लेकिन इस सत्य से आंखें मूंदे रहते हैं। अब समझ में नहीं आता कि कैसे लिखूं कि जन्म दिन पर खुशी मनाउं या गम? 

Wednesday, 15 July 2020

पीसीबी को क्यों याद आ रही है भारत-पाक सीरीज


क्रिकेट में भारत और पाकिस्तान के बीच कड़ी प्रतिद्वंद्विता रहती है। दोनों देशों के बीच जबर्दस्त कम्पटीशन रहता है। भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण रिश्तों के चलते काफी समय से आपसी क्रिकेट सीरीज नहीं हो रही है। लॉकडाउन के दौरान पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने दोनों देशों के बीच मैच का प्रस्ताव भी किया था, जिसका भारतीय खिलाड़ियों ने जमकर जवाब भी दिया था। इसके बाद जब यह बात सामने आई कि यदि एशिया कप और टी-20 का विश्व कप रद्द होता है तो भारत आईपीएल करा सकता है। इसको लेकर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने सख्त रुख अपनाया था। तरह-तरह के कमेंट भी आये थे लेकिन अब जब एशिया कप रद्द हो गया है तो उसी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के सुर बदल गये है। पीसीबी के अध्यक्ष अहसान मनी ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाली आपसी सीरीज विश्व क्रिकेट के लिए फायदेमंद है। क्रिकबज से बातचीत करते हुए पीसीबी चेयरमैन ने कहा कि दोनों देश एशिया कप और आईसीसी प्रतियोगिताओं में ही खेलते हैं। उन्होंने कहा कि जब भी भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच होता है तो दुनिया भर में सबसे ज्यादा देखा जाता है। उन्होंने कहा कि यह दुनिया भर के क्रिकेटरों और फैन्स के लिए लाभप्रद रहता है। उन्होंने अपने इंटरव्यू में कहा कि फिलहाल भारत के साथ किसी तरह के आयोजन की योजना नहीं है। एशिया कप के बारे में अहसान मनी ने कहा कि कोरोना वायरस की महामारी को देखते हुए हमने और श्रीलंका ने इस साल की प्रतियोगिता को टालने का ही फैसला लिया है। 

इंग्लैंड में 32 साल बाद फिर तहलका मचाने को बेताब वेस्ट इंडीज

वेस्ट इंडीज ने टेस्ट सीरीज के पहला टेस्ट सीरीज जीत लिया है और अब वह 32 साल के बाद फिर से इंग्लैंड में इंग्लैंड को हराने के लिए तैयार है। इंग्लैंड और वेस्ट इंडीज के बीच दूसरा टेस्ट मैच गुरुवार से शुरू होने जा रहा है। तीन टेस्ट मैचों की सीरीज का दूसरा मैच मैनचेस्टर ग्राउंड पर खेला जायेगा। अब तक वेस्ट इंडीज के नाम इंग्लैंड में तीन बड़ी जीत दर्ज हैं।
1966 में गारफील्ड सोबर्स ने दिखाया था जलवा
वेस्ट इंडीज के कप्तान गारफील्ड सोबर्स ने अपना आलराउंड खेल का प्रदर्शन करते हुए इंग्लैंड को पानी पिला दिया था। बैटिंग करते हुए उन्होंने 165 रनों की पारी खेली थी। टीम ने 484 रन बनाये थे। उनकी टीम के गेंदबाज लैंस गिब्स ने 37 रनों पर 5 विकेट लेकर इंग्लैंड की टीम को घुटनों के बल बैठा दिया था। इंग्लैंड की टीम कुल 167 ही बना पाई थी। इस तरह से उसे फालोआन का सामना करना पड़ा था। इसी तरह इस मैच में डेब्यू करने वाले कोलिन मिलबर्न ने भी 94 रन देकर पांच विकेट लिये थे। इस तरह से वेस्ट इंडीज ने इंग्लैंड को एक पारी और 40 रनों से हराया था। वेस्ट इंडीज ने यह सीरीज 3-1 से जीत ली थी।
1976 की जीत जबर्दस्त थी
1976 में वेस्ट इंडीज की जीत बहुत ही नाटकीय अंदाज में हुई थी। इंग्लैंड की ओर से डेब्यू करने वाले तेज गेंदबाज माइक सेल्वे ने तूफानी शुरूआत करते हुए वेस्ट इंडीज की सलामी जोड़ी रॉय फ्रेडरिक्स और आल्विन कालीचरण को शून्य पर आउट कर दिया था। इसके साथ ही धाकड़ बल्लेबाज विवियन रिचर्ड को 4 रन पर आउट करके टीम को करारा झटका दिया। इसके बाद गार्डन ग्रीनिज ने शतक बनाते हुए टीम का स्कोर 211 पर पहुंचाया। इसके जवाब में इंग्लैंड की टीम मात्र 71 रनबनाकर आउट हो गई। इसमें माइकल होल्डिंग ने 17 रन देकर पांच विकेट लिये थे। इसके बाद दूसरी पारी में भी गार्डन ग्रीनिज ने शतक बनाया और टीम की ओर से 5 विकेट पर 411 रन बनाये गये और पारी की घोषणा कर दी गई। इसके बाद दूसरी पारी में एंडी राबर्डस ने कहर बरपाते हुए 37 रन पर 6 विकेट लिये और इंग्लैंड को 425 रनों से हरा दिया। इसके बाद 1988 के मैच की सबसे खास बात यह थी कि मैल्कम मार्शल ने 22 रन देकर 7 विकेट चटकाये थे।

इंग्लैंड से भिड़ने के लिए पाक टीम ने बहाया पसीना

पाकिस्तान और इंग्लैंड के बीच अगले माह 5 अगस्त से टेस्ट सीरीज खेली जानी है। इसकी तैयारी के लिए पाकिस्तान की टीम फिलहाल वारेसस्टर में क्वारैंटाइन पीरियड में थी। पाकिस्तान की टीम के कई खिलाड़ी अपने देश से रवाना होने से पहले कोरोना पॉजिटिव आये थे। अब वारसेस्टर में क्वारैंटाइन पीरियड समाप्त होने के बाद टीम के खिलाड़ी डर्बी में पहुंच गये हैं। जहां उन्होंने इंग्लैंड के साथ होने वाली टेस्ट सीरीज के लिए अपनी तैयारी के लिए ट्रेनिंग की शुरूआत कर दी है। द डॉन की रिपोर्ट के अनुसार डर्बी से पाकिस्तान की टीम मैनचेस्टर एक अगस्त को रवाना होगी जहां 5 अगस्त से पहला टेस्ट मैच खेला जायेगा। 29 सदस्यीय टीम फिलहाल  दो चार दिवसीय मैच खेल कर अभ्यास करेगी। पहला इंट्रा स्क्वायड मैच 17 जुलाई से 20 जुलाई तक खेला जायेगा। इसके लिए अभ्यास बुधवार से शुरू हो गया है।इसके बाद दूसरा इंट्रा स्क्वायड मैच 22 से 27 जुलाई को खेला जायेगा। इसके बाद 29 और 30 जुलाई को प्रैक्टिस सेशन चलेगा और उसके बाद एक अगस्त को टीम मैनचेस्टर के लिए रवाना होगी जहां 5 अगस्त से ओल्ट ट्रैफर्ड में पहला टेस्ट मैच खेला जायेगा। 

Saturday, 11 July 2020

खुलासाः विकास दुबे का कितना बड़ा था गैंग

कानपुर के छोटे से गांव से दुबई, थाईलैंड में फैले काले साम्राज्य में कई दिग्गज हस्तियों के नाम 

कानपुर महानगर से मात्र 35 से 40 किलोमीटर पश्चिम में बसे ढाई हजार की बस्ती वाले बिकरू गांव में जन्मे विकास दुबे एकदम देहाती टाइप का आदमी देखने में लगता था लेकिन उसके बारे में यह जानकर सभी चौंक रहे हैं कि उस देहाती गुंडे का साम्राज्य देश में तो दिल्ली, मुंबई को छोड़िये दुबई और थाईलैंड में भी फैला था। उसके गैंग में शामिल लोगों की संख्या का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि पुलिस उसके गैंग के 2500 फोन को सर्विलांस पर लगाये हुए है। उसके बाद भी कोई खास जानकारी हाथ नहीं आ रही है। अब यदि उज्जैन से कानपुर तक विकास दुबे को लाने वाली एसटीएफ टीम के दावों को मानें तो विकास दुबे के गैंग में अनेक चौंकाने वाले लोग भी शामिल थे। एसटीएफ के दावे के अनुसार उसके गैंग में उत्तर प्रदेश के दो मंत्री, 11 विधायक, 50 पुलिस अधिकारी, जिनमें दो आईपीएस और कई पीपीएस भी शामिल थे।
नेताओं और अफसरों को कैसे फंसाता था
जानकार लोगों की बात मानें तो यह कहा जा रहा है कि अपराध की दुनिया में अपना दबदबा बनाये रखने के लिए विकास ने शुरू से ही पुलिस अधिकारियों, विधायकों, मंत्रियों को अपने जान में फंसाने का काम करता रहता था। इसका फायदा पुलिस के स्थानीय अधिकारियों पर दबाव बनाने के लिए उठाता था। यही नही उसके संबंध प्रदेश के कुछ आला अधिकारियों से भी थे, जो उसकी जमीनी विवाद में खुलेआम मदद करते थे। विकास दुबे शातिर दिमाग का मालिक था, जितना बड़ा अफसर या राजनीतिज्ञ उतनी बड़ी रिश्वत का इंतजाम करता था। मीडिया रिपोटों का यकीन मानें तो विकास दुबे फार्म हाउस, बंगला, फ्रलैट और प्लाट तक की रिश्वत देता था। नकदी में तो वह कभी कंजूसी करता ही नहीं था क्योंकि उसे मालूम होता था कि किस अफसर से कितनी तक की कमाई की जा सकती है।

Friday, 15 May 2020

लाॅकडाउन को भेद कर शुरू होने जा रहा है क्रिकेट, पहला मैच 22 मई से यहां पर होगा

कोरोना वायरस की महामारी से ग्रसित पूरा विश्व अब धीरे-धीरे नार्मेलसी की ओर लौटने की कोशिश कर रहा है। इस महामारी से खत्म हुई खेल प्रतियोगिताएं धीरे-धीरे नये रंग ढंग में शुरू होने लगीं हैं। दक्षिण कोरिया और जर्मनी में तो खेल प्रतियोगिताएं शुरू हो गईं हैं। अब क्रिकेट प्रतियोगिताएं भी जल्द शुरू होने जा रही हैं। सबसे पहले ये प्रतियोगिता वेस्ट इंडीज में 22 मई से शुरू होने जा रही है। इसके अलावा इंग्लैंड ने भी अपने खिलाड़ियों के अभ्यास के लिए अभी से प्लानिंग करनी शुरू कर दी है। वहीं भारतीय टीम के कोच रवि शास्त्राी ने भी बीसीसीआई को सलाह दी है कि पहले घरेलू क्रिकेट शुरू किया जाये। इसके बाद ही अंनरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं पर ध्यान दिया जाये। इसके साथ ही आईपीएल की सम्भावनाएं एक बार फिर से जाग गईं हैं। 

Wednesday, 25 March 2020

कोराना वायरस कुदरत का अल्टीमेटम है, अमेरिकी वैज्ञानिक ने दी चेतावनी

कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तहलका मचा रखा है। दुनिया के सभी देषों में यह वायरस मौत बरसा रहा है और सम्पूर्ण विष्व के वैज्ञानिक इस नन्हें से वायरस पर काबू पाने के लिए कोई वैक्सीन नहीं बना पाये हैं। लगभग पांच माह बाद भी इस वायरस को लेकर अटकलें लगाई जा रहीं हैं कि ये जैविक हथियार है या वायरस है। इससे निपटने के लिए वैक्सीन कैसे बनेगी और कौन बनायेगा।तमाम रिसर्चर यह नहीं पता लगा पा रहे हैं कि कोरोना परिवार का यह खतरनाक वायरस मानव में कैसे पहुंचा। अब अमेरिका के वैज्ञानिक ने यह चेतावनी जारी कर दी है कि कोरोना वायरस के माध्यम से कुदरत ने खतरनाक संदेष भेजा है और मानव को एक तरह से अल्टीमेटम दिया है कि यदि अगर अभी भी तुमने कुदरत के साथ अपनी दखल बंद नहीं की तो इससे भी खतरनाक महामारी धरती में इंसानों के बीच फैल सकती है। अमेरिकी पर्यावरण विभाग के प्रमुख इनगर एंडरसन ने कहा कि आज मानव ने कुदरत के क्षेत्र में अनेक तरह से इतना दखल बढ़ा दिया है कि अब धरती अब अपनी सुरक्षा करने में असमर्थ महसूस कर रही है और मानव का यही रवैया जारी रहा तो धरती का विनाष बहुत ही निकट ही समझो। एंडरसन ने कहा कि कोविड-19 एक तरह की स्पष्ट चेतावनी है कि अगर अभी नहीं संभले तो जंगली जानवरों से होने वाली इससे भी भयानक बीमारियों का इंसान को सामना करना पड़ सकता है, जो इंसान के वष में नहीं होगा; उन्होंने कहा कि आज की सभ्यता आग से खेल रही है; आज के इंसान की जीवनषैली ऐसी हो गई है कि वह मानव को विनाष की ओर ले जा रही है। उन्होंने कहा कि आज हम आधुनिकता और बढ़ती आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए वनों को काटा रहे हैं, खेती को समाप्त कर रहे हैं, इससे जंगली जानवरी इंसान के करीब आ रहे हैं क्योंकि उनके रहने का ठिकाना इंसान उजाड़ रहा है और वे इंसानों की ओर बढ़ रहे हैं; इसलिए ये महामारी जल्दी जल्दी धरती पर आ रहीं है क्योंकि जंगली जानवरों से संक्रमण की बीमारियां फैलतीं हैं। उन्होंने इबोला, बर्ड फ्लू, स्वाइन फ्लू, मेर्स, सार्स, वेस्ट निले वायरस, जीका वायरस का जिक्र करते हुए कहा कि यह सभी वायरस जानवरों से ही इंसान में पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि यदि इंसान को इन महामारियों के प्रकोप से बचना है तो सबसे पहले धरती के बढ़ते तापमान पर अंकुष लगाये और वन्य जीवन के साथ खिलवाड़ करना बंद कर दे। संयुक्त राष्ट्र के इन्वायरमेंट प्रोग्राम की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर एंडरसन का कहना है कि दुनिया में लगने वाले जानवरों के बाजारों को समाप्त कर देना चाहिये। उन्होंने हाल ही आॅस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी भयानक आग को भी इसी का नतीजा बताया है।