मनमानी तरह से छापे नहीं मार सकेंगे,रखने होंगे एक-एक रिकार्ड
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार आयकर वंचकों पर शिकंजा कसने के साथ ही आयकर अधिकारियों पर शिकंजा कस रही है ताङ्क्षक वे किसी तरह की मनमानी न कर सकें। आयकर अधिकारियों को छापे मारने के लिए स्वतंत्र नहीं रखा गया है बल्कि उन पर अंकुश लगाते हुए कहा गया है कि वे छापा मारने से पहले संबंधित केस का नोट बना कर उच्च न्यायालय में पेश करेंगे तथा अपने उच्च अधिकारियें अथवा विभागाध्यक्षों से अनुमति भी लेंगे। इसके अलावा कर अधिकारियों के विवेकाधीन अधिकारों को कम करते हुए आयकर विभाग ने अपने अधिकारियों से कहा है कि वह समन, नोटिसों और विशेष ऑडिट संबंधी अपने आदेशों का डिजिटल रिकॉर्ड रखें। आयकर विभाग ने विभाग में नियमित कामकाज के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म तैयार किया है। इसमें समन, नोटिस और विशेष ऑडिट के आदेश जारी करने के लिए एक नियमित मापदंड तय किया गया है। इन नए मानदंडों के मुताबिक आयकर प्रशासन को अब जारी होने वाले आदेशों का पूरा ऑनलाइन डिजिटल रिकॉर्ड रखना होगा। उन्हें करदाताओं से मिली प्रतिक्रिया, पूछताछ और इस संबंध में जरूरी मंजूरियों के संबंध में पूरा रिकॉर्ड ऑनलाइन रखना होगा।आयकर कानून की धारा 131 के तहत समन जारी करने के मामले में अधिकारियों को अब समन किए गए व्यक्ति का ब्यौरा उसका समय और तिथि, उसके बाद उसके समक्ष पहुंचे व्यक्ति का वक्तव्य रिकॉर्ड करना और दस्तावेज यदि कोई सौंपा गया, इसके सहित पूरा रिकॉर्ड संलग्न के तौर पर रखना होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि विभाग का यह कदम उसके कामकाज में ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने और अधिकारियों के विवेकाधीन अधिकारों का इस्तेमाल कम करने की दिशा में उठाया गया कदम है।
No comments:
Post a Comment