राजधानी दिल्ली सहित भारत देश के कई हिस्सों में जहां एक ओर डेंगू के केस बढ़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर एक्सपट्र्स ने एक और मच्छर से पैदा होने वाली बीमारी की पहचान की है, जिसका नाम चिकनगुनिया है। डब्ल्यूएचओ और सेंटर फॉर डिजिज़़ कंट्रोल एंड प्रीवेंशनए यूएसए के अनुसार व्यक्ति के अंदर, मच्छर के काटने के करीब तीन से सात दिन बाद इसके लक्षण दिखाई देते हैं। चिकनगुनिया में अचानक से आ जाने वाले बुखार के साथ जोड़ों में दर्द महसूस होता है। इसके अलावा उसे सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द,सूखी उबकाई आना, थकान महसूस करना, त्वचा पर लाल रैशिज़ पडऩा जैसी समस्याएं होने लगती हैं।
चिकनगुनिया का कारण
शोधकर्ताओं ने पाया है कि यह बीमारी भी उसी मच्छर के काटने से होती है, जो जीका और डेंगू के लिए जि़म्मेदार है। अगर आपको ऊपर लिखे लक्षणों में से कोई भी समस्या हो, तो तुरंत अपने नज़दीकी डॉक्टर से सलाह लें।
लक्षण
चिकनगुनिया का पता ब्लड टेस्ट और कुछ ज़रूरी चिकित्सा परीक्षाओं से किया जा सकता है, जिसमें सेरोलॉजिकल और विरोलॉजिकल टेस्ट शामिल हैं।
चिकनगुनिया का इलाज
एक बुरी ख़बर, इस बीमारी के लिए कोई भी औषधी, टीका या इलाज नहीं है। चिकनगुनिया का मच्छर पूरा दिन सक्रिय रहता है, ख़ासतौर से सुबह और दोपहर में। इसलिए इन जगहों पर जाने से बचें, जहां मच्छर ज़्यादा हो। अपनी शरीर पर मच्छर को दूर भगाने वाले उत्पाद या रात को सोते समय नेट का इस्तेमाल करें। फिर भी अगर आप चिकनगुनिया का शिकार होते हैं, तो
इन बातों का ध्यान रखें
पेय पदार्थ को ज़्यादा से ज़्यादा अपने आहार में शामिल करें। मच्छरों द्वारा काटे जाने से बचें, क्योंकि मच्छर आपको काटने के बाद आपके शरीर का इंफेक्शन दूसरे व्यक्ति के शरीर में संक्रमित कर सकता है। बुखार और जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए आप पैरासिटामॉल ले सकते हैं। घर पर आराम करें और अपने नज़दीकी डॉक्टर से सलाह लें।
चिकनगुनिया का कारण
शोधकर्ताओं ने पाया है कि यह बीमारी भी उसी मच्छर के काटने से होती है, जो जीका और डेंगू के लिए जि़म्मेदार है। अगर आपको ऊपर लिखे लक्षणों में से कोई भी समस्या हो, तो तुरंत अपने नज़दीकी डॉक्टर से सलाह लें।
लक्षण
चिकनगुनिया का पता ब्लड टेस्ट और कुछ ज़रूरी चिकित्सा परीक्षाओं से किया जा सकता है, जिसमें सेरोलॉजिकल और विरोलॉजिकल टेस्ट शामिल हैं।
चिकनगुनिया का इलाज
एक बुरी ख़बर, इस बीमारी के लिए कोई भी औषधी, टीका या इलाज नहीं है। चिकनगुनिया का मच्छर पूरा दिन सक्रिय रहता है, ख़ासतौर से सुबह और दोपहर में। इसलिए इन जगहों पर जाने से बचें, जहां मच्छर ज़्यादा हो। अपनी शरीर पर मच्छर को दूर भगाने वाले उत्पाद या रात को सोते समय नेट का इस्तेमाल करें। फिर भी अगर आप चिकनगुनिया का शिकार होते हैं, तो
इन बातों का ध्यान रखें
पेय पदार्थ को ज़्यादा से ज़्यादा अपने आहार में शामिल करें। मच्छरों द्वारा काटे जाने से बचें, क्योंकि मच्छर आपको काटने के बाद आपके शरीर का इंफेक्शन दूसरे व्यक्ति के शरीर में संक्रमित कर सकता है। बुखार और जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए आप पैरासिटामॉल ले सकते हैं। घर पर आराम करें और अपने नज़दीकी डॉक्टर से सलाह लें।
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