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Sunday, 9 October 2016

अहंकार का नाशक भी है दशहरा


दशहरा का त्यौहार भारत में बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार हैं । इस त्यौहार को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता हैं।माँ दुर्गा की नौ दिनों तक पूजा करने के पश्चात दशमी के दिन यह त्यौहार मनाया जाता हैं। इस वर्ष यह पर्व आगामी 11 अक्टूबर को मनाया जा रहा है।  यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता हैं। इस दिन रावण का पुतला पुर देश भर में जलाया जाता हैं।
इस दिन भगवान राम ने राक्षस रावण का वध कर माता सीता को उसकी कैद से छुड़ाया था और सारा समाज भयमुक्त हुआ था। रावण को मारने से पूर्व राम ने दुर्गा की आराधना की थी। मां दुर्गा ने उनकी पूजा से प्रसन्न होकर उन्हें विजय का वरदान दिया था। रावण दहन आज भी बहुत धूमधाम से किया जाता है। इसके साथ ही आतिशबाजियां छोड़ी जाती हैं। दुर्गा की मूर्ति की स्थापना कर पूजा करने वाले भक्त मूर्ति.विसर्जन का कार्यक्रम भी गाजे.बाजे के साथ करते हैं।
भक्तगण दशहरे में मां दुर्गा की पूजा करते हैं। कुछ लोग व्रत एवं उपवास करते हैं। पूजा की समाप्ति पर पुरोहितों को दान.दक्षिणा देकर संतुष्ट किया जाता है। कई स्थानों पर मेले लगते हैं। रामलीला का आयोजन भी किया जाता है।दस दिन पहले ही रामलीला का मंचन आरंभ हो जाता है। इन दिनों रामकथा को नाटक रूप में दिखाया जाता है। दसवें दिन रावण, मेघनाद और कुभकरण के पुतले का दहन किया जाता है। इस अवसर पर विभिन्न स्थानों पर बड़े.बड़े मेलों का आयोजन भी किया जाता है। विद्यालयों में बच्चों के लिए दस दिन का अवकाश भी घोषित कर दिया जाता है।
बच्चे बड़े उत्साह के साथ रावण दहन देखने जाते हैं और मेलों में बहुत आनंद उठाते हैं। भारत के सभी स्थानों में इसे अलग.अलग रूप में मनाया जाता है। कहीं यह दुर्गा विजय का प्रतीक स्वरूप मनाया जाता हैए तो कहीं नवरात्रों के रूप में। बंगाल में दुर्गा पूजा का विशेष आयोजन किया जाता है। यह त्योहार हर्ष और उल्लास का प्रतीक है। इस दिन मनुष्य को अपने अंदर व्याप्त पाप, लोभ, मद, क्रोध, आलस्य, चोरी, अंहकार, काम, हिंसा, मोह आदि भावनाओं को समाप्त करने की प्रेरणा मिलती है। यह दिन हमें प्रेरणा देता है कि हमें अंहकार नहीं करना चाहिए क्योंकि अंहकार के मद में डूबा हुआ एक दिन अवश्य मुँह की खाता है।



रावण बहुत बड़ा विद्वान और वीर व्यक्ति था परन्तु उसका अंहकार ही उसके विनाश कारण बना। यह त्योहार जीवन को हर्ष और उल्लास से भर देता हैए साथ यह जीवन में कभी अंहकार न करने की प्रेरणा भी देता है।

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