केन्द्र सरकार के नए कानून से आने वाली है शामत
ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वालों के लिए खुशखबरी और फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वालों और बनाने वालों की शामत आने वाली है। अब एक ही फार्म से आपका ड्राइविंग लाइसेंस बन जाएगा। यह लाइसेंस आधार कार्ड पर बनाया जाएगा। यह लाइसेंस पूरे भारत में एक ही होगा। यह लाइसेंस विभाग के ऐप में डाल दिया जाएगा ताकि एक नाम से दूसरा लाइसेंस बन ही न सके। इससे देश में चल रहे 30 प्रतिशत फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस भी पकड़ में आ जाएंगे।केंद्र सरकार ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) बनाने की जटिलता को समाप्त करने के लिए मोटर वाहन अधिनियम में बदलाव करने जा रही है। नया कानून लर्निग डीएल, नया डीएल, डीएल नवीनीकरण आदि से लोगों अलग-अलग फार्म (प्रपत्र) भरने के झंझट से मुक्ति दिलाएगा। वहीं, आवेदनकर्ता को डीएल बनवाने के लिए आधार कार्ड देना होगा। इससे देशभर में फर्जी डीएल बनाने के सिलसिले पर अंकुश लगेगा।
वर्तमान में क्या है?
सडक़ परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में राज्यों के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) में लर्निग डीएल बनाया जाता है। एक निश्चित अवधि के बाद स्थायी डीएल पाने के लिए आवेदनकर्ता को नया फार्म भरना पड़ता है। इसी प्रकार डीएल के नवीनीकरण, मोटरसाइकिल-स्कूटर से कार का लाइसेंस बनाना, पता बदलने, डीएल में नाम बदलने, डुप्लीकेट डीएल बनाने के लिए हर बार फार्म भरना पड़ता है। उन्होंने बताया कि मोटर वाहन अधिनियम 1989 में बदलाव किया जा रहा है।
नए कानून में क्या होगा?
नए कानून में अधिनियम के रूल 10,14 (1), 17 (1) व 18 को समाप्त कर दिया जाएगा। इसके स्थान पर नया फार्म -2 लागू होगा। उपरोक्त तमाम कार्यो के लिए आवेदनकर्ता को सिर्फ उक्त फार्म 2 भरना होगा। इस नए फार्म में नए कॉलम हैं। इसमें आवेदनकर्ता को अपना आधार कार्ड नंबर, ईमेल, मोबाइल नंबर लिखना होगा।
पहली बार डीएल बनवाने वाले व्यक्ति के लिए सडक़ हादसे में मृत्यु होने पर अंगदान करने की घोषणा करने का विकल्प होगा। इस कॉलम में हां अथवा नहीं का विकल्प होगा। वर्तमान में यह व्यवस्था नहीं है। उन्होंने बताया कि मंत्रालय ने संबंधित पक्षों से सुझाव-शिकायतों के लिए मसौदा संबंधी अधिसूचना जारी कर दी है। इसके पश्चात नया कानून लागू कर दिया जाएगा।
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