अब अप्रेल से बचत खाता धारकों को कम से कम 5000 और 2500 रखना होगा जरूरी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री जनधन खाता खुलवा कर देश में आर्थिक क्रांति का सूत्रपात करने का सपना देखा था। गत 8 नवम्बर को विमुद्रीकरण लागू करके 500 और 1000 के नोट बंद करके ये ऐलान किया था कि देश के कालेधन को जनता के धन में परिवर्तित कर देंगे। इससे देशवासी खुश था। लाइन में लग कर पूरी नकदी बैंकों में इसी भरोसे पर जमा कर दी थी। बैंकों ने बहुत मशक्कत करके प्रधानमंत्री के इस सपने को साकार करने का बीड़ा भी उठाया था। इससे लग रहा था कि प्रधानमंत्री की बात सच होगी और पूरे देश के गरीब खुशहाल हो जाएंगे और अमीर कंगाल हो जाएंगे लेकिन हुआ उल्टा। गरीब को अपने चार हजार के पुराने नोट बदलने के लिए हफ्तो लाइन में लगना पड़ा और रोजाना नो कैश का बहाना झेलना पड़ा जबकि अमीरों के 24 करोड़ के पुराने नोट एक झटके में बदल गए। इसके लिए निजी बैंकों को दोषी ठहराया गया क्योंकि वे पकड़े गए। वर्तमान समय में सबसे भरोसेमंद बैंक है स्टेट बैंक आफ इंडिया। हर भारतीय इसे ही अपना रिजर्व बैंक मानता है। इस बैँक ने नोटबंदी के दौरान सबसे अधिक नकदी एकत्रित करके अपनी आर्थिक शक्ति बढ़ा ली है। इस बैँक ने अब फिर से अपने ग्राहकों विशेषकर गरीब ग्राहकों के खाते में डाका डालने की तैयारी कर ली है और इससे प्रधानमंत्री का फाइनेंशियल इन्क्लूजन यानी हर भारतीय का बैँक में खाता होने का सपना चकनाचूर होगा।स्टेट बैंक ने अपने बचत खाता धारकों के लिए यानी सेविंग एकाउंट्स होल्डर के लिए अप्रैल 2017 से मन्थली एवरेज बैलेंस यानी मासिक औसत अवशेष यानी आम बोलचाल की भाषा में बोलें तो मिनिमम बैलेंस बड़े शहरों के लिए 5000 और छोटे शहरों के लिए 2500 रुपये अनिवार्य कर दिए हैं। इससे कम राशि होने पर प्रतिमाह 50 रुपये 100 रुपये की राशि आपके खाते से काटी जाएगी। इसका सीधा सा मतलब यह हो गया कि बचत करके बैँक में रखना गुनाह हो गया। बचत करने वाला यदि छोटी-मोटी बचत करता है तो उसके लिए स्टेट बैँक ने अपने दरवाजे बंद कर दिए हैं।
बैँक का कहना है कि उसने 2012 में अपनी इस कार्यवाही को रोक दिया था। तब बैँक ने बचत खातों के लिए साधारण खाताधारकों के लिए मात्र 500 और चेक धारकों के लिए 1000 रुपये मिनिमम बैलेंस रखा था और उसने इन पांच सालों में इस राशि को पांच गुना बढ़ा दिया है।
स्टेट बैंक एचडीएफसी बैंक का उदाहरण देकर अपने निर्णय को सही ठहराना चाहती है कि वह बैँक तो मिनिमम बैलेंस 10,000 और 5,000 रुपये रखती है और उस पर 150रुपये की लेवी लगाती है। स्टेट बैंक फिर भी आधी राशि रखने जा रही है।
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