खा के गुजिया पीके भंग चढ़ा अजब है रंग
ये है होली का हुड़दंग...
लोग कहें नशा भंग का है बिलकुल बेकार
करने वाले से पूछो वो जाता सात समुंदर पार
कभी ऊपर कभी नीचे जाता उसका मनवा
उछल कूद के हंसे-रोए,खाए मीठा हलवा
भंग चढ़ जाए तो दिखलाए अजब-गजब के ढंग
ये है होली का हुड़दंग...
भंग के नशे में इंसा क्या पहने और क्या दे उतार
कपड़ों के बारे में मत पूछो मेेरे प्यारे यार
खाने पर तुल जाए तो मंगवा दे आटा उधार
एक बात अच्छी है भंग की बढ़ता है सिर्फ प्यार
क्योंकि इसका नशा निराला और है बेढंग
ये है होली का हुड़दंग...
ये है होली का हुड़दंग...
लोग कहें नशा भंग का है बिलकुल बेकार
करने वाले से पूछो वो जाता सात समुंदर पार
कभी ऊपर कभी नीचे जाता उसका मनवा
उछल कूद के हंसे-रोए,खाए मीठा हलवा
भंग चढ़ जाए तो दिखलाए अजब-गजब के ढंग
ये है होली का हुड़दंग...
भंग के नशे में इंसा क्या पहने और क्या दे उतार
कपड़ों के बारे में मत पूछो मेेरे प्यारे यार
खाने पर तुल जाए तो मंगवा दे आटा उधार
एक बात अच्छी है भंग की बढ़ता है सिर्फ प्यार
क्योंकि इसका नशा निराला और है बेढंग
ये है होली का हुड़दंग...
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