कैलाश सत्यार्थी और मलाला यूसुफ जई को मिले संयुक्त रूप से नोबेल शांति पुरस्कार पर प्रधानाचार्य तेजपाल सिंह नागर की प्रतिक्रियागे्रटर नोएडा (ब्यूरो)। अधिकांश लोगों की यह आदत होती है कि अपनी किसी परेशानी के लिए वे खुद को जिम्मेदार नहीं मानते हैं बल्कि परिस्थितियों या दूसरे लोगों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हैं। सच तो यही है कि अपनी असफलता के लिए दूसरों को दोषी मानन या तर्क विर्क करना बेमानी है, इससे हमारा ध्यान लक्ष्य से भटकता है और हमारी सोच सकारात्मक नहीं रह पाती है।
यह विचार श्रीसंत विनोबा इंटर कालेज बैदपुरा के प्रधानाचार्य तेजपाल सिंह नागर ने श्री कैलाश सत्यार्थी और पाकिस्तान की बालिका सुश्री मलाला यूसुफ जई को मिले संयुक्त रूप से नोबेल पुरस्कार पर अपनी प्रतिक्रिया के रूप में व्यक्त किए हैं।
सफलता के आंकलन के लिए श्री नागर का कहना है कि अपनी योग्यता पर भरोसा रखें और उसे तराशने के लिए प्रयत्नशील रहें,ताकि आप अपनी शारीरिक,मानसिक, सामाजिक, आर्थिक अथवा व्यावसायिक सफलता को प्राप्त कर सकें। उनका मानना है कि यहद आप को जीवन में सफलता चाहिए तो अपनी कुशलता को निखारने का जोखिम लेते रहना होगा। इस बारे में श्री नागर का कहना है कि जीवन में हम हर पल जोखिम उठाते ही रहते हैं, रेल हो या सड़क मार्ग पर यात्रा करते वक्त क्या हम रिस्क नहीं लेते तो क्या हम यात्रा करना बंद कर देते हैं। खेलने-खाने से लेकर जीवन के हर कम में रिस्क है,कही थोड़ा कम तो कहीं ज्यादा। इसी तरह परीक्षाओं में लाखों विद्यार्थी शामिल होते हें जबकि सफलता कुछ को ही मिलती है,तो क्या हम परीक्षा में शामिल होना बंद कर देते हैं? ऐसा नहीं बल्कि वास्तव में हमें किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल करनी होती है तो हमें रिस्क लेना ही होता है और इससे ही लाभ मिलता है। इसके साथ ही श्री नागर ने अपने विचार में कहा कि यदि जीवन में कुछ कर दिखाना हो तो कंफर्ट जोन से बाहर ही आना होगा और अपने सामान्य रूटीन में बदलाव करना होगा तभी कुछ हासिल होगा। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि जब कोई वस्तु खरीदते हैं तो उसके लिए कीमत चुकानी होती है। इसी तरह लक्ष्य तक पहुंचने के लिए आपको मेहनत,प्रयास और रिस्क के रूप में कीमत चुकानी पड़ती है। सफलता प्राप्त करने के लिए आपको अपनी रणनीति बनानी होगी, उसके अनुसार काम करन होगा। विपरीत परिस्थितियों में भी हार नहीं मानने का दृढ़ निश्चय करना होगा। उन्होंने बताया कि विश्व में जितने भी महान लोग हुए हैं, उनके जीवन दर्शन में हमें यही दिखाई देता है।