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Sunday, 12 October 2014

ठेकेदारों पर टीडीएस कटने के संबंध में नियम

कोई भी निवासी ठेकेदार, कोई काम करे या किसी काम के लिए या श्रम की पूर्ति करने के लिए प्रतिफल में किए गए भुगतानों के संबंध में आय करें तो टीडीएस की कटौती उदगम स्थान करनी चाहिए।
1. जब किसी ठेकेदार द्वाराएक बार में 30,000 रुपये से अधिक का बिल दिए जाने पर भुगतान करते समय टीडीएस काटना चाहिए।
2. ठेकेदार यदि इन्डीविजुअल या एचयूएफ है तो 1 प्रतिशत टीडीएस काटा जाए।
3. यदि ठेकेदार कोई पार्टनरशिप फर्म,कंपनी,समिति,प्राइवेट कंपनी आदि के माध्यम से कार्य करता है तो भुगतान करते समय 2 प्रतिशत टीडीएस काटने के पश्चात शेष राशि का चैक अथवा ऑन लाइन पेमेन्ट करनी चाहिए।
4. एक वर्ष में ठेकेदार के सभी बिलों को जोड़कर 75,000 रुपये से कम होने पर टीडीएस नहीं काटा जाए। अर्थात एक बिल 30,000 रुपये से अधिक अथवा सभी बिलों का योग 75,000 रुपये से अधिक होने पर ही 1 प्रतिशत इंन्डीविजुअल ठेकेदार अथवा अन्य के केस में 2 प्रतिशत टीडीएस काटा जाए।
आयकर अधिनियिम की 1961 की धारा 197 (1) में टीडीएस की दर कम करने का प्रावधान है बशर्ते कर निर्धारण अधिकारी आपके कर अदायगी को लेकर संतुष्ट हो।
ठेकेदार अपना पैन नंबर कर काटने वाले व्यक्ति को बताना चाहिए। यदि ठेकेदार अपने पैन नंबर को नहीं बताता है तो टीडीएस 20 प्रतिशत तक काटा जा सकता है। बैंक द्वारा दिए गए ब्याज पर टीडीएस काटने के संबंध में नियम: यदि आपके खाते में जमा रकम पर ब्याज की रकम 10,000 रुपये से अधिक होती है तो ऐसी परिस्थिति में बैँक ब्याज की राशि का 10 प्रतिशत टीडीएस काट लेगा।
यदि आपको अपने ब्याज पर 10 प्रतिशत टीडीएस की राशि काटने से बचाने के लिए बैँक में एक फर्म 15 जी जमा करना होगा।
अन्यथा बैँक आपके ब्याज में से 10 प्रतिश और 10 प्रतिशत का तीन प्रतिशत हिस्सा काट कर शेष राशि को आपके खाते में दिखाएगा।
Atul Sharma, ICA, M.com. Surajpur, Gr. Noida

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