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Sunday, 5 October 2014

पीएम वायदा पूरा करें वरना भरोसा उठ जाएगा : स्वामी

जंतर-मंतर पर आर्य समाज के सम्मेलन में स्वामी अग्निवेश की चेतावनी
नई दिल्ली (ब्यूरो)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश में गौवंश की हत्या पर प्रतिबंध लगाने के अपने वायदे को पूरा करने  में देर न करें वरना देश की जनता का भरोसा उठ जाएगा।
जंतर-मंतर पर गुरुवार को आयैसमाज के तत्वावधान में अखिल भारतीय राज्यार्य सभा द्वारा गौ माता व राष्ट्र भाषा हिन्दी की रक्षा के लिए राष्ट्रव्यापी आंदोलन चलाने के लिए आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष स्वामी अग्निवेश ने यह चेतावनी दी। उन्होंने उपस्थित लोगों को लोकसभा चुनाव से पूर्व प्रचार के दौरान श्री मोदी की रिकार्डिंग सुनाई, जिसमें श्री मोदी ने तत्कालीन सरकार पर गौ हत्या और गौं मांस के निर्यात में भारत के अव्वल आने में अपने गंभीर आरोप लगाए और साथ ही यह वादा भी किया कि सत्ता में आने के बाद गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।  श्री मोदी ने यह भी आरोप लगाया कि यूपीए सरकार ने गौ मांस के कारखाने को लगाने वाले को 50 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। एक नहीं दस कारखाना लगाने वाले भी सामने आएंगे तो उन्हें भी यह सब्सिडी दी जाएगी। स्वामी अग्निवेश ने कहा कि मैं केन्द्र में बहुमत से काबिज होने वाली मोदी सरकार को यह याद दिलाना चाहता हूं कि अब वह समय आ गया है कि वह अपना यह वादा पूरा करें और गौ माता की रक्षा करें।उन्होंने कहा कि सत्ता मे आने के लगभग 158 दिन बाद भी प्रधानमंत्री अथवा किसी भी मंत्री के मुख से गौहत्या पर प्रतिबंध के बारे मेंं एक शब्द भी नहीं सुना है। ऐसी स्थिति में यह सवाल उठता है कि प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं।
स्वामी अग्निवेश ने प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि साफ जगह पर झाड़ू लगा कर फोटो खिंचवा कर राजनीति की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को चाहिए था कि वह राष्ट्रपिता के परम प्रिय सिद्धांत को मानते हुए देश भर में कश्मीर से कन्याकुमारी तक गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाने वाला कानून बनवाते, जो वास्तव में सच्ची श्रद्धांजलि होती। उन्होंने कहा कि सफाई अभियान अभी रुक सकता था लेकिन देश में लाखों गउओं का वध रोका जाना बहुत जरूरी था।
उन्होंने कहा कि गौहत्या करके देश के संविधान और उच्चतम न्यायालय के आदेश को रौंदा जा रहा है। संविधान की धारा 48 में किसी भी दुधारू पशु की हत्या पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान है और 26 अक्टूबर 2006 को जस्टिस लाहौटी की अगुआई में सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की पीठ ने यह निर्णय दिया था कि गौ माता की रक्षा करना संवैधानिक कर्तव्य है और गौ की हत्या करना संवैधानिक अपराध है। इसके बाद भी गौ माता का वध देश भर में हो रहा है, इसके लिए केन्द्र सरकार जिम्मेदार है, राज्य सरकारें भी अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहीं हैँ। उन्होंने कहा कि मैँने अपने 75 वें जन्म दिन पर रक्षा मंत्री अरुण जेटली को एक ज्ञापन देकर गौ हत्या पर रोक लगाने की मांग की थी जिस पर उन्होंने आश्वासन भी दिया था लेकिन अभी तक कुछ भी संकेत नहीं मिले हैं। साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि आगामी 31 अक्टूबर को इसी जंतर मंतर पर विशाल आंदोलन होगा और उसमें देश भर से लाखों लोग आएंगे। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि प्रधानमंत्री भी उस दिन हमारे स्टेज पर आएं हम उनका स्वागत करेंगे और यह सवाल भी पूछेंगे कि अब आप पूर्ण बहुमत वाली सरकार के प्रधानमंत्री हैं तो अब वह कौन सी मजबूरी है कि आप फैसला नहीं कर पा रहे हैँ। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि जब तक लाखों लोग संसद के बाहर जमा नहीं होंगे तब तक सरकार कुछ करने वाली नहीं। साथ ही यह भी कहा कि गौ माता को राष्ट्रीय पशु घोषित कर दिया जाए तो गौ हत्या स्वत: रुक जाएगी।
स्वामी अग्निवेश ने कहा कि प्रधानमंत्री को राष्ट्रपिता के दूसरे प्रिय विषय शराबबंदी पर जोर देना चाहिए। संविधान की धारा 47 मे शराब पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान है जबकि सरकार स्वयं शराब के ठेके खुलवाती है राजस्व के लिए लाइसेंस दिए जाते हेँ, इससे गरीब परिवार उजड़ रहा है, बच्चे अनाथ हो रहे हैँ। उन्होंने कहा कि आंदोलन चलवाकर हरियाणा में शराबबंदी करवा दी गई थी लेकिन आस पास के राज्यों में ऐसा न होने के कारण शराब की तस्करी बहुत ज्यादा हो गई तो लगभग डेढ़ साल बाद ही वहां से भी शराबबंदी हटवा दी गई। इसलिए पूरे देश में एक साथ शराबबंदी का कानून लगवाना होगा तभी यह कारगर होगा। 

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