कोई जप्त दे न जलाल दे
मुझे सिर्फ इतना कमाल दे
मुझे अपनी राह पर डाल दे
कि जमाना मेरी मिसाल दे
यह ये किसी मशहूर शायर का शेर ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर में रहले
वाले दो मुस्लिम परिवारों के नन्हें और होनहार बच्चों पर फिट बैठता है, जो परवरदिगार से आरजू और मिन्नत करता है। आज पूरे मुल्क में ईद मनाई जा रही है। यह ईद पूरे तीस रोजे के बाद आई है। माहे रमजान में दो मुस्लिम परिवारों के नन्हें बच्चों ने अपनी कारगुजाजी से लोगों को चौँका दिया है।एक परिवार की नन्हीं चार साल की बच्ची ने कुरान पढऩे की अपनी चाहत दिखाकर अपने परिवार के लोगों को चौंका दिया। सूरजपुर में दादरी रोड पर जेके धर्मकांटा के पास बाबा स्टील के संचालक पीर बाबा नूर मोहम्मद की पोती और एम. अख्तर की चार साल की लाड़ली बेटी सानिया ने कुरान शरीफ पढ़कर अपने होनहार होने का सबूत दे दिया।
वहीं दूसरी ओर सूरजपुरके एक अन्य मुस्लिम परिवार जो,ं पुराने जिला पंचायत कार्यालय के पास रहने रहता है। पूर्व ग्राम प्रधान इब्राहीम के पोते और यूनुस खान के 9 वर्ष के बच्चे अमान खान ने माहे रमजान में रोजे रखकर घर वालों को अपने होनहार होने का संकेत दे दिया। हालांकि रोजा रखने की उम्र कम से कम 12 वर्ष की मानी गई है लेकिन अमान ने इस रिकार्ड को तोड़ते हुए रोजे रखे।
मुझे सिर्फ इतना कमाल दे
मुझे अपनी राह पर डाल दे
कि जमाना मेरी मिसाल दे
यह ये किसी मशहूर शायर का शेर ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर में रहले
वाले दो मुस्लिम परिवारों के नन्हें और होनहार बच्चों पर फिट बैठता है, जो परवरदिगार से आरजू और मिन्नत करता है। आज पूरे मुल्क में ईद मनाई जा रही है। यह ईद पूरे तीस रोजे के बाद आई है। माहे रमजान में दो मुस्लिम परिवारों के नन्हें बच्चों ने अपनी कारगुजाजी से लोगों को चौँका दिया है।एक परिवार की नन्हीं चार साल की बच्ची ने कुरान पढऩे की अपनी चाहत दिखाकर अपने परिवार के लोगों को चौंका दिया। सूरजपुर में दादरी रोड पर जेके धर्मकांटा के पास बाबा स्टील के संचालक पीर बाबा नूर मोहम्मद की पोती और एम. अख्तर की चार साल की लाड़ली बेटी सानिया ने कुरान शरीफ पढ़कर अपने होनहार होने का सबूत दे दिया।
वहीं दूसरी ओर सूरजपुरके एक अन्य मुस्लिम परिवार जो,ं पुराने जिला पंचायत कार्यालय के पास रहने रहता है। पूर्व ग्राम प्रधान इब्राहीम के पोते और यूनुस खान के 9 वर्ष के बच्चे अमान खान ने माहे रमजान में रोजे रखकर घर वालों को अपने होनहार होने का संकेत दे दिया। हालांकि रोजा रखने की उम्र कम से कम 12 वर्ष की मानी गई है लेकिन अमान ने इस रिकार्ड को तोड़ते हुए रोजे रखे।
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