केन्द्र सरकार ने दिया स्पष्टीकरण
केंद्र सरकार ने बताया, ‘’जीएसटी व्यवस्था में स्कूल के बस्तों जैसी शिक्षा की कुछ मदों पर कर दर घटाने के अतिरिक्त शिक्षा से संबंधित किसी भी विषय में कोई बदलाव नहीं किया गया’’सरकार ने इन खबरों का खंडन किया कि जीएसटी के अंतर्गत शिक्षा महंगी हो जाएगी, इसकी बजाए शैक्षणिक संस्थानों द्वारा विद्यार्थियों,अध्यापकों और कर्मचारियों को प्रदान की जाने वाली सेवाओं में कर में छूट दी गई है
केंद्र सरकार ने ऐसी सभी खबरों का खंडन किया है कि जीएसटी के अंतर्गत शिक्षा महंगी हो जाएगी। सरकार का कहना है कि ऐसी खबरें पूरी तरह निराधार हैं। वास्तविकता तो यह है कि जीएसटी व्यवस्था में स्कूल के बस्ते आदि जैसी मदों पर कर की दरों में कटौती किए जाने के सिवा शिक्षा से संबंधित किसी भी विषय में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
उल्लेखनीय है कि किसी शैक्षणिक संस्था द्वारा विद्यार्थियों, अध्यापकों और कर्मचारियों को प्रदान की जाने वाली सेवाओं में कर में छूट प्रदान की गई है:
(ए) स्कूल –पूर्व शिक्षा और उच्चतर माध्यमिक स्कूल तक शिक्षा या समकक्ष शिक्षा,
(बी) वर्तमान में लागू किसी भी कानून के तहत अहर्ता प्राप्त करने के लिए पाठ्यक्रम के भाग के रूप में शिक्षा दी गई है,
(सी) किसी स्वीकृत व्यवसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम के भाग के रूप में शिक्षा
किसी शैक्षणिक संस्थान का विद्यार्थियों, अध्यापकों और कर्मचारियों को उपलब्ध कराई जाने वाली परिवहन सुविधा (स्कूल-पूर्व शिक्षा और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा या समकक्ष प्रदान करने वाला) के लिए जीएसटी से छूट प्रदान की गई है। इसी तरह उच्चतर माध्यमिक स्कूल या समकक्ष सेवाएं प्रदान करने वाले शैक्षिक संस्थान को केंद्र सरकार, राज्य सरकार या संघशासित प्रदेश द्वारा प्रायोजित मध्याह्न भोजन योजना सहित केटरिंग को भी जीएसटी से छूट प्रदान की गई है। इसके अलावा, ऐसे शिक्षण संस्थानों में सुरक्षा या स्वच्छता या हाउसकीपिंग सेवाओं को भी जीएसटी से छूट दी गई है। अंतत: ऐसे संस्थानों में प्रवेश से संबंधित या परीक्षाओं का संचालन करने से संबंधित सेवाओं को भी जीएसटी से छूट प्रदान की गई है।
इस प्रकार, उच्चतर माध्यमिक स्कूल स्तर तक की शिक्षा में आउटपुट सेवाओं और ज्यादातर इनपुट सेवाओं पर जीएसटी का प्रभाव नहीं पड़ेगा। शिक्षण संस्थाओं में निजी लोगों द्वारा मुहैया कराई जाने वाली परिवहन, कैन्टीन आदि जैसी कुछ इनपुट सेवाओं पर जीएसटी से पहले की व्यवस्था में भी सेवा कर लगता था और जीएसटी व्यवस्था में भी यह जारी है।
इसके अलावा, आयकर अधिनियम की धारा 12एए के अंतर्गत पंजीकृत किसी इकाई की ओर से परोपकारी कार्यों के तहत निम्नलिखित लोगों की शैक्षिक प्रगति से संबंधित कार्यक्रम या कौशल विकास सेवाओं :
(क) त्यागे गए, अनाथ या बेघर बच्चे
(ख) शारीरिक अथवा मानसिक शोषण और सदमे के शिकार व्यक्ति
(ग) कैदी
(घ) ग्रामीण इलाकों में रहने वाले 65 साल से अधिक आयु के लोगों को भी जीएसटी से छूट प्रदान की गयी है। इस प्रकार जीएसटी के कारण शैक्षणिक और अन्य सेवाओं के कराधान में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
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