ग्रेटर नोएडा : बीते ३ महीने से नृत्य, संगीत व तबला वादन प्रतियोगिता "सितारे २०१४" का फाइनल राउंड संपन्न हो गया। जिसमे विभिन्न श्रेणियों में १३० बच्चों ने अपने कला का लोहा मनवाते हुए बेहतरीन प्रस्तुति दी। गौरतलब है की बागेश्री म्यूजिक इंस्टीट्यूट द्वारा मई २०१४ से बच्चों के टैलेंट को बढ़ावा देने के उउद्देश्य से टैलेंट हंट शो "सितारे २०१४" की शुरुआत की गयी थी। वाईएमसीए में दो दिवसीय फाइनल राउंड आयोजित किया गया। बागेश्री के अधयक्ष प्रभाकर देशमुख ने बताया विभिन्न श्रेणियाँ जिसमे शास्त्रीय संगीत, सुगम संगीत, क्लासिकल व नान क्लासिकल डांस एवं तबला वादन प्रतियोगिता शामिल था इसमें पूरे उत्तर भारत से सेमीफाइनल में चयनित १३० बच्चों ने हिस्सा लिया। सभी ने बेहतरीन प्रस्तुति देकर निर्णायक मंडल समेत दर्शकों को मन्त्र मुग्ध कर दिया। पुणे से आये प्रतियोगी तुकाराम जाधव ने मत्तत्त ताल पर बेहतरीन तबला वादन कर जजों के साथ के साथ श्रोताओं की खूब तालियां बटोरीं। शास्त्रीय गायन में छोटे उस्ताद कैटगरी में फिजा अरित्रो व वेदिका देशमुख ने विभिन्न रागों पर प्रस्तुति देकर दर्शकों को झुमाया। तेजस्वनी, मेघा चटोपाध्याय व अरनवी ने कत्थक कर समां बाँध दिया। सभी प्रतियोगी दिल्ली एनसीआर, पंजाब, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश व पश्चिमी उत्तरप्रदेश से शामिल हुए। बागेश्री की निदेशिका सरिता देशमुख ने बताया अक्टूबर २०१४ में "सितारे २०१४" का ग्रैंड फिनाले होगा जिसमे फाइनल राउंड के विजेताओं की घोषणा की जाएगी। ग्रैंड फिनाले में ५०० से ज्यादा बच्चे स्टेज पर प्रस्तुति देंगे। फाइनल राउंड के निर्णायक मंडल में पद्मश्री राम सुतार, पंडित दीपक चटर्जी, पंडित उदय, पंडित निर्मल डे, पंडित अशोक मोइत्रा आदि शामिल थे।
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Sunday, 31 August 2014
सूरजपुर की उच्च शिक्षा के जनक थे पंडित महाशय यादराम
ग्रेटर नोएडा (ब्यूरो)। सूरजपुर को उच्च शिक्षा की रोशनी से रोशन करने वाले पंडित महाशय यादराम जी को सूरजपुर का सूरज कहा जाए तो कोई बड़ी बात नहीं होगी। वर्तमान समय में सूरजपुर में उच्च शिक्षा का ढांचा दिख रहा है उसकी बुनियाद पंडित महाशय यादराम जी ने अपनी भूमि दान देने के साथ कड़ी मेहनत करके रखी थी। यही नहीं इन्हीं पंडित महाशय यादराम जी ने ही सुरजपुर में आर्य समाज की स्थापना करवाई और वर्तमान समय में आर्य समाज मंदिर दिख रहा है उसके लिए भी उन्होंने अपनी भूमि दान दी। पंडित महाशय यादराम जी के पौत्र पंडित मूलचंद आर्य उन्हीं के नक्शेकदम चलते हुए समाज सेवा में लगे हुए हैं और आजकल आर्यसमाज मंदिर की साज-सज्जा में तल्लीन हैं।
पंडित महाशय यादराम जी का जन्म सात अगस्त 1907 को हुआ था। वह समाज के उत्थान और शिक्षा के प्रति शुरू से ही लगनशील थे और उनके मन में अक्सर समाज को एकजुट करने और शिक्षाा को बढ़ावा देने के लिए विचार चला करते थे। सूरजपुर में आर्य समाज की स्थापना में स्व. महाशय राम चन्द्र जी वैदिक सिद्धान्ती उर्फ राम मुनि का बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होने स्वलेख में इसका जिक्र भी किया है। उनके स्वलेख के अनुसार बात वर्ष 1961 की है, जब वह चर्चा शुरू हुई कि सुरजपुर में आर्य समाज की स्थापना होनी चाहिए। उन्होने अपने लेख में बताया कि सूरजपुर में श्री पं. यादराम महाशय जी, पंडित श्री नारायण जी, श्री चन्द्रभान जी, श्री पं. मुंशी लाल जी, श्री पं. भोला राम जी आदि से मिले और सलाह-मशविरा के बाद दिनांक 11 अगस्त 1961 दिन शुक्रवार को सूरजपुर में आर्य समाज की स्थापना की तारीख निश्चित हो गई। इस दिन श्री यशपाल वैद्य जी, श्री चन्दू महाशय जी तिलपता, श्री कमल सिंह आदि की उपस्थिति में श्री यादराम महाशय जी की बैठक में आर्य समाज की स्थापना 11 अगस्त 1961 में आधे भादों की अमावस्या दिन शुक्रवार को कर दी गई। उसके पश्चात प्रत्येक अमावस्या को हवन किया जाने लगा। एक दिन जोरदार वर्षा हो रही थी और श्री महाशय रामचन्द्र जी श्री यादराम जी की बैठक में बैठे हुए थे। तभी उन्होंने महाशय यादराम जी से कहा कि मैं ऐसी वर्षा में बालकों को कहां बैठाकर संध्या हवन, सत्संग करूं और समाज के अन्य उत्सव आदि कहां किएं जाएं? इस पर महाशय यादराम जी न5े कहा कि यदि उत्सव हुआ ओर उसमें श्री स्वामी भीष्म जी, स्वामी श्री रामेश्वरानन्द जी आए तो आर्य समाज मंदिर के लिए जितनी भूमि के लिए वे कहेंगे हम उतनी भूमि समाज को दे देंगे। श्री यादराम जी महाशय की यह बात श्री यशपाल जी वैद्य को श्री राम चन्द्र जी ने बताई। वैद्य जी के समक्ष जब श्री यादराम जी ने भूमि देने की बात कही तो उसके बाद जलसे की तैयारी शुरू हो गई। फिर 5,6, और 7 मार्च 1962 को जलसे की मंजूरी मिल गई। इसी जलसे में श्री स्वामी भीष्म जी, श्री स्वामी रामेश्वरानन्द जी तथा एमपी लोकसभा दिल्ली आए। इन सभी की उपस्थिति में श्री महाशय यादराम जी ने अपने दोनों भाइयों की साजली जमीन आर्य समाज के लिए दान देने की घोषणा कर दी। इसी जमीन पर वर्तमान समय में सूरजपुर में आर्य समाज मंदिर बना हुआ है। तब से यह मंदिर सूरजपुर को धर्म की ज्ञान गंगा का अविरल प्रवाहित कर रहा है। यहां नित्य हवन,यज्ञ एवं ज्ञान की चर्चा होती है। इससे यहां के निवासी लाभान्वित होते हैं। समाज के उत्थान के प्रति प्रयासरत महाशय पं. यादराम जी को सूरजपुर में उच्च शिक्षा की कमी खटक रही थी। इस दौरान 1979 में खवासपुर से पंडित सूरजभान शर्मा सूरजपुर पधारे और उन्होंने जिक्र किया कि वह उच्च शिक्षा के लिए कुछ करना चाहते हैं बशर्ते उन्हें यहां पर पूर्ण सहयोग मिले। इस पर श्री यादराम जी उनके विचारों से सहमत हुए और कहा कि आप पाठशाला शुरू करेों हम पूर्ण सहयोग देंगे। उनकी यह बात मान कर पंडित सूरजभान शर्मा ने आर्य समाज मंदिर में तत्काल कक्षा छह की पढ़ाई शुरू की। इस कक्षा के प्रथम विद्यार्थी पंडित मूल चंन्द्र शर्मा के साथ ओमी, मुकेश और मधुबाला आदि थे। आगे की पढ़ाई न रुके इसके लिए पंडित महाशय यादराम जी ने अपने प्रयास तेज कर दिए जूनियर हाई स्कूल के लिए अपनी जमीन 23 मार्च 1979 को दान देकर शहीद भगत सिंह विद्यालय स्थापित करवाया। इसके साथ ही उन्होंने यमुना खादर के गांव सूरजपुर, मलकपुर, लखनावली, मौजापुर, झट्टा बदौली, हबीबपुर,तुस्याना, तिलपता, देवला, दादरी आदि से अपनी बैलगाड़ी से जा कर लोगों से स्कूल बनवाने के लिए चंदा एकत्र किया। उस जमाने में जिनके पास नकद रुपये देने की क्षमता थी वह दान दिए लेकिन अधिकांश लोगों ने अनाज दान दिया। वह अनाज एकत्र करके दादरी में बेच कर धनराशि जुटाई। उस समय विद्यालय के प्रबंध समिति के अध्यक्ष स्व. बाबूराम, प्रबंधक कालीचरन मलकपुर, ओर कोषाध्यक्ष लाला लक्ष्मण प्रसाद थे।
वर्तमान समय में विद्यालय ने दिन दूनी - रात चौगुनी तरक्की करते हुए इंटर कालेज का रूप धारण कर लिया है, इसमें आसपास के हजारों छात्र-छात्राएं विद्यार्जन कर जनपद का नाम रोशन कर रहे हैं। वर्तमान समय में विद्यालय की प्रबंध समिति में संरक्षक पं. मनोहर लाल शर्मा, अध्यक्ष डॉ. धनीराम देवधर, मैनेजर कालीचरन और कोषाध्यक्ष पं. महेन्द्र आर्य हैं। विद्यालय के वर्तमान रूप में हुए निर्माण कार्य के लिए एस्कॉर्ट कंपनी, ग्रेटर नोएडा अथारिटी और प्रकाश लखनावली ने विशेष सहयोग प्रदान किया है।
पंडित महाशय यादराम जी का जन्म सात अगस्त 1907 को हुआ था। वह समाज के उत्थान और शिक्षा के प्रति शुरू से ही लगनशील थे और उनके मन में अक्सर समाज को एकजुट करने और शिक्षाा को बढ़ावा देने के लिए विचार चला करते थे। सूरजपुर में आर्य समाज की स्थापना में स्व. महाशय राम चन्द्र जी वैदिक सिद्धान्ती उर्फ राम मुनि का बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होने स्वलेख में इसका जिक्र भी किया है। उनके स्वलेख के अनुसार बात वर्ष 1961 की है, जब वह चर्चा शुरू हुई कि सुरजपुर में आर्य समाज की स्थापना होनी चाहिए। उन्होने अपने लेख में बताया कि सूरजपुर में श्री पं. यादराम महाशय जी, पंडित श्री नारायण जी, श्री चन्द्रभान जी, श्री पं. मुंशी लाल जी, श्री पं. भोला राम जी आदि से मिले और सलाह-मशविरा के बाद दिनांक 11 अगस्त 1961 दिन शुक्रवार को सूरजपुर में आर्य समाज की स्थापना की तारीख निश्चित हो गई। इस दिन श्री यशपाल वैद्य जी, श्री चन्दू महाशय जी तिलपता, श्री कमल सिंह आदि की उपस्थिति में श्री यादराम महाशय जी की बैठक में आर्य समाज की स्थापना 11 अगस्त 1961 में आधे भादों की अमावस्या दिन शुक्रवार को कर दी गई। उसके पश्चात प्रत्येक अमावस्या को हवन किया जाने लगा। एक दिन जोरदार वर्षा हो रही थी और श्री महाशय रामचन्द्र जी श्री यादराम जी की बैठक में बैठे हुए थे। तभी उन्होंने महाशय यादराम जी से कहा कि मैं ऐसी वर्षा में बालकों को कहां बैठाकर संध्या हवन, सत्संग करूं और समाज के अन्य उत्सव आदि कहां किएं जाएं? इस पर महाशय यादराम जी न5े कहा कि यदि उत्सव हुआ ओर उसमें श्री स्वामी भीष्म जी, स्वामी श्री रामेश्वरानन्द जी आए तो आर्य समाज मंदिर के लिए जितनी भूमि के लिए वे कहेंगे हम उतनी भूमि समाज को दे देंगे। श्री यादराम जी महाशय की यह बात श्री यशपाल जी वैद्य को श्री राम चन्द्र जी ने बताई। वैद्य जी के समक्ष जब श्री यादराम जी ने भूमि देने की बात कही तो उसके बाद जलसे की तैयारी शुरू हो गई। फिर 5,6, और 7 मार्च 1962 को जलसे की मंजूरी मिल गई। इसी जलसे में श्री स्वामी भीष्म जी, श्री स्वामी रामेश्वरानन्द जी तथा एमपी लोकसभा दिल्ली आए। इन सभी की उपस्थिति में श्री महाशय यादराम जी ने अपने दोनों भाइयों की साजली जमीन आर्य समाज के लिए दान देने की घोषणा कर दी। इसी जमीन पर वर्तमान समय में सूरजपुर में आर्य समाज मंदिर बना हुआ है। तब से यह मंदिर सूरजपुर को धर्म की ज्ञान गंगा का अविरल प्रवाहित कर रहा है। यहां नित्य हवन,यज्ञ एवं ज्ञान की चर्चा होती है। इससे यहां के निवासी लाभान्वित होते हैं। समाज के उत्थान के प्रति प्रयासरत महाशय पं. यादराम जी को सूरजपुर में उच्च शिक्षा की कमी खटक रही थी। इस दौरान 1979 में खवासपुर से पंडित सूरजभान शर्मा सूरजपुर पधारे और उन्होंने जिक्र किया कि वह उच्च शिक्षा के लिए कुछ करना चाहते हैं बशर्ते उन्हें यहां पर पूर्ण सहयोग मिले। इस पर श्री यादराम जी उनके विचारों से सहमत हुए और कहा कि आप पाठशाला शुरू करेों हम पूर्ण सहयोग देंगे। उनकी यह बात मान कर पंडित सूरजभान शर्मा ने आर्य समाज मंदिर में तत्काल कक्षा छह की पढ़ाई शुरू की। इस कक्षा के प्रथम विद्यार्थी पंडित मूल चंन्द्र शर्मा के साथ ओमी, मुकेश और मधुबाला आदि थे। आगे की पढ़ाई न रुके इसके लिए पंडित महाशय यादराम जी ने अपने प्रयास तेज कर दिए जूनियर हाई स्कूल के लिए अपनी जमीन 23 मार्च 1979 को दान देकर शहीद भगत सिंह विद्यालय स्थापित करवाया। इसके साथ ही उन्होंने यमुना खादर के गांव सूरजपुर, मलकपुर, लखनावली, मौजापुर, झट्टा बदौली, हबीबपुर,तुस्याना, तिलपता, देवला, दादरी आदि से अपनी बैलगाड़ी से जा कर लोगों से स्कूल बनवाने के लिए चंदा एकत्र किया। उस जमाने में जिनके पास नकद रुपये देने की क्षमता थी वह दान दिए लेकिन अधिकांश लोगों ने अनाज दान दिया। वह अनाज एकत्र करके दादरी में बेच कर धनराशि जुटाई। उस समय विद्यालय के प्रबंध समिति के अध्यक्ष स्व. बाबूराम, प्रबंधक कालीचरन मलकपुर, ओर कोषाध्यक्ष लाला लक्ष्मण प्रसाद थे।
वर्तमान समय में विद्यालय ने दिन दूनी - रात चौगुनी तरक्की करते हुए इंटर कालेज का रूप धारण कर लिया है, इसमें आसपास के हजारों छात्र-छात्राएं विद्यार्जन कर जनपद का नाम रोशन कर रहे हैं। वर्तमान समय में विद्यालय की प्रबंध समिति में संरक्षक पं. मनोहर लाल शर्मा, अध्यक्ष डॉ. धनीराम देवधर, मैनेजर कालीचरन और कोषाध्यक्ष पं. महेन्द्र आर्य हैं। विद्यालय के वर्तमान रूप में हुए निर्माण कार्य के लिए एस्कॉर्ट कंपनी, ग्रेटर नोएडा अथारिटी और प्रकाश लखनावली ने विशेष सहयोग प्रदान किया है।
गौतमबुद्ध नगर के मेधावी छात्र-छात्राएं हुए सम्मानित
ग्रेटर नोएडा (ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद में वर्ष 2014 में सर्वोत्तम अंंक पाने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया। हाल ही में लखनऊ में आयोजित इस सम्मान समारोह में गौतमबुद्ध नगर के छह मेधावी छात्र-छात्राओं ने अपने विद्यालय का नाम रोशन किया इसमें एक वैदपुरा के श्रीसंत विनोवा भावे इंटर कालेज की छात्रा रीतू शर्मा पुत्री सुऩील शर्मा भी शामिल हैं। लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित सम्मान समारोह में भाग लेने के लिए इन छात्र छात्राओं को श्रीसंत विनोवा भावे इंटर कालेज के प्रधानाचार्य तेजपाल सिंह नागर के संरक्षण में लखनऊ भेजा गया। श्री नागर को यह जिम्मेदारी गौतमबुद्ध नगर के जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. प्रवीण कुमार उपाध्याय ने सौंपी थी। जनपद के अन्य विद्यार्थियों में मिहिर भोज इंटर कालेज दादरी की नीता यादव, शिवराज शर्मा कालंज बिलासपुर के शिखर मिश्रा, वैदिक इंटर कालेज लुहारली के संदीप राणा, पं. सालिगराम हायर सेकेन्डरी हबीबपुर की निधि शर्मा और राणा संग्राम कालेज बिसाहड़ा की नोवा चंदेल शामिल रहीं।
प्रधानमंत्री जन-धन योजना से खाता खुलवाने को उमड़ी भीड़
नई दिल्ली(ब्यूरो)। । प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत 70000 से अधिक कैम्पों में 1,84,68,000 खाते खोले गए ।
लक्ष्य प्राप्त करने के लिए बैंक प्रत्येक शनिवार को सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक साप्ताहिक आधार पर ऐसे कैम्प देशभर में करीब 7.5 करोड़ ऐसे खाते धारक जो अभी तक बैंकों से नहीं जुडे थे उनका वित्तीय समावेशन करने के लिए एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम प्रधानमंत्री जन-धन योजना की शुरुआत की गई। प्रधानमंत्री ने कल विज्ञान भवन में उक्त योजना का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि 7.5 करोड़ बैंक खाते खोलने का लक्ष्य 26 जनवरी, 2015 तक पूरा किया जाना है। केन्द्रीय मंत्रियो, मुख्यमंत्रियों, संसद सदस्यों, विधान सभा सदस्यों तथा अन्य गण्यमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में 79 मेगा कैम्पों के माध्यम से राज्य की राजधानियों तथा जिलों में इसी प्रकार के शुभारंभ समारोह आयोजित किए गए। देश भर में 70 हजार से अधिक कैंप आयोजित किए गए तथा 1,84,68,000 खाते खोले गए। यह निर्णय लिया गया है कि इसके पश्चात् बैंक इस प्रकार के कैंप साप्ताहिक आधार पर हर शनिवार को सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक आयोजित करेंगे जिससे उन परिवारों जिनका खाता किसी बैंक में नहीं है उन्हें बैंको से जोडऩे का लक्ष्य समय पर पूरा कर लिया जाए। योजना के तहतए बिना बैंक खाते वाले परिवार का व्यक्ति खाता खोलता है तो उसे 1 लाख रुपए के दुर्घटना बीमा के साथ रूपे डेबिट कार्ड मिलेगा। 26 जनवरी 2015 तक खोले गए खातों के लिए 30 हजार रुपए का अतिरिक्त जीवन बीमा कवर देने की भी प्रधानमंत्री ने घोषणा की। इस अतिरिक्त जीवन बीमा कवर के तौर.तरीकों पर वित्तीय सेवाएं विभाग कार्य कर रहा है।
लक्ष्य प्राप्त करने के लिए बैंक प्रत्येक शनिवार को सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक साप्ताहिक आधार पर ऐसे कैम्प देशभर में करीब 7.5 करोड़ ऐसे खाते धारक जो अभी तक बैंकों से नहीं जुडे थे उनका वित्तीय समावेशन करने के लिए एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम प्रधानमंत्री जन-धन योजना की शुरुआत की गई। प्रधानमंत्री ने कल विज्ञान भवन में उक्त योजना का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि 7.5 करोड़ बैंक खाते खोलने का लक्ष्य 26 जनवरी, 2015 तक पूरा किया जाना है। केन्द्रीय मंत्रियो, मुख्यमंत्रियों, संसद सदस्यों, विधान सभा सदस्यों तथा अन्य गण्यमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में 79 मेगा कैम्पों के माध्यम से राज्य की राजधानियों तथा जिलों में इसी प्रकार के शुभारंभ समारोह आयोजित किए गए। देश भर में 70 हजार से अधिक कैंप आयोजित किए गए तथा 1,84,68,000 खाते खोले गए। यह निर्णय लिया गया है कि इसके पश्चात् बैंक इस प्रकार के कैंप साप्ताहिक आधार पर हर शनिवार को सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक आयोजित करेंगे जिससे उन परिवारों जिनका खाता किसी बैंक में नहीं है उन्हें बैंको से जोडऩे का लक्ष्य समय पर पूरा कर लिया जाए। योजना के तहतए बिना बैंक खाते वाले परिवार का व्यक्ति खाता खोलता है तो उसे 1 लाख रुपए के दुर्घटना बीमा के साथ रूपे डेबिट कार्ड मिलेगा। 26 जनवरी 2015 तक खोले गए खातों के लिए 30 हजार रुपए का अतिरिक्त जीवन बीमा कवर देने की भी प्रधानमंत्री ने घोषणा की। इस अतिरिक्त जीवन बीमा कवर के तौर.तरीकों पर वित्तीय सेवाएं विभाग कार्य कर रहा है।
काशी से शुरू हुआ मोदी का स्मार्ट सिटी का सपना साकार
नई दिल्ली(ब्यूरो)।
। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान यात्रा की एक समझौते के साथ उल्लेखनीय शुरुआत हुई है। समझौते के तहत क्योतो के सहयोग और अनुभव से उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी को स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित किया जाएगा। क्यतो जापान का स्मार्ट शहर है जो विरासत और आधुनिकता का संगम है।
दोनों देशों के बीच भागीदार शहर संबद्धता समझौते पर हस्ताक्षर के साथ ही स्मार्ट विरासत शहर कार्यक्रम की शुरुआत है। इस समझौते के मौके पर मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबे मौजूद थे जो भारत के प्रधानमंत्री से मिलने के लिए यहां विशेष तौर पर तोक्यो से यहां आए थे।
मोदी के यहां पहुंचने के तुरंत बाद समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। समझौते पर जापान में भारत की राजदूत दीपा वाधवा और क्योतो के मेयर दायसाकू कादोकावा ने किए। मोदी अपनी जापान यात्रा के शुरुआती दो.दिवसीय चरण में यहां पहुंचे हैं। समझौते पर हस्ताक्षर से जुड़े समारोह से पहले एबे ने क्योतो गेस्ट हाउस में उनका स्वागत किया।विदेश मंत्रालय में प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने संवाददाताओं को बताया कि समझौते के तहत धरोहर संरक्षण, शहर के आधुनिकीकरण और कला, संस्कति और शैक्षणिक क्षेत्र में सहयोग पर सहमति जताई गई है। उन्होंने कहा कि यह दोनों देशों के बीच स्मार्ट विरासत शहर कार्यक्रम की शुरुआत है। यह समझौता मोदी की भारत में 100 स्मार्ट शहर बनाने की योजना के अनुरूप है।
इस समझौते के तहत सहयोग का विस्तृत खाका तैयार किया जाएगा जो आनेवाले दिनों में आगे और आपसी सहमति का आधार बनेगा। दोनों शहर समानता और आपसी मान-सम्मान पर आधारित सिद्धांतों के तहत आदान-प्रदान और सहयोग का प्रयास करेंगे। ये सहमति वाले क्षेत्रों में लगातार सूचनाओं और विचारों का आदान-प्रदान करेंगे और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग करेंगे। इस समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद एबे ने मोदी के लिए रात्रिभोज का आयोजन किया जो बड़ी उम्मीदों के साथ यहां आए हैं कि द्विपक्षीय संबंध में नया अध्याय लिखा जाएगा और रणनीतिक एवं वैश्विक भागीदारी को उच्चतर स्तर पर ले जाया जा सकेगा। रात्रिभोज से पहले मोदी और एबे ने मछली को भोजन खिलाने के एक विशेष समारोह में हिस्सा लिया। जापान में यह रिवाज इसलिए है कि उनका मानना है कि इससे मछली को ताकत और दृढ़ता मिलती है। इससे पहले मोदी जापान की पांच दिन की यात्रा के पहले चरण में यहां ओसाका इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचे। उनकी यह भारतीय उपमहाद्वीप से बाहर पहली द्विपक्षीय यात्रा है।
मोदी और जापान की प्रधानमंत्री शिंजो एबे अब एक सितंबर को तोक्यो में विस्तृत बैठक करेंगे। इस दौरान दोनों पक्ष रणनीतिक और वैश्विक भागीदारी बढ़ाने के तरीकों पर विचार करेंगे। मोदी के पास इस दौरे के लिए व्यापक एजेंडा है जिससे उन्हें उम्मीद है कि द्विपक्षीय संबंधों में नया अध्याय लिखा जाएगा और रणनीति एवं वैश्विक भागीदारी को नए स्तर पर ले जाया जा सकेगा। नई सरकार ने विकास की रफ्तार तेज करनेए महंगाई को नियंत्रण में रखनेए भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने इत्यादि के लिए विभिन्न कदम उठाए। आम बजट 2014 इन सभी समस्याओं से मुस्तैदी के साथ निपटने की दिशा में पहला क्रांतिकारी प्रयास था। अब सभी कदमों के नतीजे दिखने लगे हैं।
। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान यात्रा की एक समझौते के साथ उल्लेखनीय शुरुआत हुई है। समझौते के तहत क्योतो के सहयोग और अनुभव से उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी को स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित किया जाएगा। क्यतो जापान का स्मार्ट शहर है जो विरासत और आधुनिकता का संगम है।
दोनों देशों के बीच भागीदार शहर संबद्धता समझौते पर हस्ताक्षर के साथ ही स्मार्ट विरासत शहर कार्यक्रम की शुरुआत है। इस समझौते के मौके पर मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबे मौजूद थे जो भारत के प्रधानमंत्री से मिलने के लिए यहां विशेष तौर पर तोक्यो से यहां आए थे।
मोदी के यहां पहुंचने के तुरंत बाद समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। समझौते पर जापान में भारत की राजदूत दीपा वाधवा और क्योतो के मेयर दायसाकू कादोकावा ने किए। मोदी अपनी जापान यात्रा के शुरुआती दो.दिवसीय चरण में यहां पहुंचे हैं। समझौते पर हस्ताक्षर से जुड़े समारोह से पहले एबे ने क्योतो गेस्ट हाउस में उनका स्वागत किया।विदेश मंत्रालय में प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने संवाददाताओं को बताया कि समझौते के तहत धरोहर संरक्षण, शहर के आधुनिकीकरण और कला, संस्कति और शैक्षणिक क्षेत्र में सहयोग पर सहमति जताई गई है। उन्होंने कहा कि यह दोनों देशों के बीच स्मार्ट विरासत शहर कार्यक्रम की शुरुआत है। यह समझौता मोदी की भारत में 100 स्मार्ट शहर बनाने की योजना के अनुरूप है।
इस समझौते के तहत सहयोग का विस्तृत खाका तैयार किया जाएगा जो आनेवाले दिनों में आगे और आपसी सहमति का आधार बनेगा। दोनों शहर समानता और आपसी मान-सम्मान पर आधारित सिद्धांतों के तहत आदान-प्रदान और सहयोग का प्रयास करेंगे। ये सहमति वाले क्षेत्रों में लगातार सूचनाओं और विचारों का आदान-प्रदान करेंगे और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग करेंगे। इस समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद एबे ने मोदी के लिए रात्रिभोज का आयोजन किया जो बड़ी उम्मीदों के साथ यहां आए हैं कि द्विपक्षीय संबंध में नया अध्याय लिखा जाएगा और रणनीतिक एवं वैश्विक भागीदारी को उच्चतर स्तर पर ले जाया जा सकेगा। रात्रिभोज से पहले मोदी और एबे ने मछली को भोजन खिलाने के एक विशेष समारोह में हिस्सा लिया। जापान में यह रिवाज इसलिए है कि उनका मानना है कि इससे मछली को ताकत और दृढ़ता मिलती है। इससे पहले मोदी जापान की पांच दिन की यात्रा के पहले चरण में यहां ओसाका इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचे। उनकी यह भारतीय उपमहाद्वीप से बाहर पहली द्विपक्षीय यात्रा है।
मोदी और जापान की प्रधानमंत्री शिंजो एबे अब एक सितंबर को तोक्यो में विस्तृत बैठक करेंगे। इस दौरान दोनों पक्ष रणनीतिक और वैश्विक भागीदारी बढ़ाने के तरीकों पर विचार करेंगे। मोदी के पास इस दौरे के लिए व्यापक एजेंडा है जिससे उन्हें उम्मीद है कि द्विपक्षीय संबंधों में नया अध्याय लिखा जाएगा और रणनीति एवं वैश्विक भागीदारी को नए स्तर पर ले जाया जा सकेगा। नई सरकार ने विकास की रफ्तार तेज करनेए महंगाई को नियंत्रण में रखनेए भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने इत्यादि के लिए विभिन्न कदम उठाए। आम बजट 2014 इन सभी समस्याओं से मुस्तैदी के साथ निपटने की दिशा में पहला क्रांतिकारी प्रयास था। अब सभी कदमों के नतीजे दिखने लगे हैं।
HEALTH: Beware to diabetes mellitus
Dreamline Express/Greater Noida
Diabetes mellitus, or simply diabetes, is a group of metabolic deseases in which a person has high blood sugar, either because the pancreas does not produce enough insulin, or because cells do not respond to the insulin that is produced. This high blood sugar produces the classical symptoms of polyria (frequent unination), Polydipsia (increased thirst) and polyphagia (increased hunger).There are three main types of deabetes mellitus (DM).
.Type 1 DM result from the body;s failure to produce insulin and currently requires the person to inject insulin or wear an insulin pump. This form was previously referred to as: insulin-independent diabetes mellitus” (IDDM) or “juvenile diabetes:”
.Type 2 DM result from insulin resistance, a condition in which cell fails to use insulin properly, sometimes combined with an absolute insulin deficiency. This form was previously refferred tp as non insulin-dependent diabetes melltius (IDDM) or “adult-onset diabetes”.
.The third main form, gestational diabetes occurs when pregenant women without a previous diagnosis of diabetes develop a high blood glucose level.It may precede development of type 2 DM.
Other form of deabetes mellitus include congenital diabetes, which is due to genetic defects insulin secretion, cystic fibrosis-related diabetes, Steroid diabetes induced by high doses of glucocorticoids, and several forms of monogenic diabetes.
Untreated, deabetes can cause many camplications. Acute Complications include diabetic ketoacidosis, and nonketotic hyperosmolar coma. Serious long-term camplications include cardiovascular disease chronic renal failure and diabetic retinopathy (retinal damage). Adequate treatment of diabetes is thus important, as well as blood pressure control and lifestyle factors such as stopping smoking and maintaining a healthy body weight.
Gestational diabetes mellitus (GDM) resemb les type 2 diabetes in several respects, involving a combination of relatively inadequate insulin secretion and responsiveness. It occurs in about 2-5 % of all pregnancies and may improave or disappear after delivery. Gestational diabetes is fully treatable, but requires careful medical supervision throuhout the pregenecy. About 20-50 % of affected women develop type 2 diabetes later in life.
Though it my be transient, untreated gestational diabetes can damage the health of the fetus or mother. Risk to the baby include macrosomia (high birth weight). Cogenital cardiac and central nervous system anomalies, and skeletal muscle malformations. Increased fetal insulin may inhibit fetal surfactant production and cause repiratory destress syndrome.
Hyperbilirubinmia may result form red blood cell destruction. In severe cases, prenatal death may occur, most commonly as a result of poor placental perfusion due to vascular impairment. Labour induction may be indicated with decreased placement function. Of injury associated with macrodome, such as shoulder dystocia.
Signs and Symptoms
The classic symptoms of untreated diabetes are loss of weight, polyuria ( frequant urination) , Polydipsia (increase thirst ) and polyphagia (increased hunger) . Symptoms may develop rapidly (weeks or months) slowly and may be subtle or absent.
Progolonged high blood glucose can cause glucose absorption in the lens of the eye, which leads to changes in its shape, result in vision changes. Blurred vision is a comman complaint leading to a diabetes diagnosis. A number of skin rashes that can occure in diabetes are collectively known as diabetic dermatomes.
Complications
Complications of diabetes mellitus
All form of diabetes increase the risk of long-term complication.These typically develop after many years (10-20). But may be the first symptom in those who have otherwise not received a diagnosis before that time. The major long-term complications relate to damage blood vessels.Diabetes doubles the risk of cardiovascular disease. The main “macrovascular” disease (related to atherosclerosis of large arteries) are ischemic heart disease (angina and myocardial infarction), stroke and perpheral vascular disease.
Diabetes also damages the capillaries ( causes microangiopathy). Diabetic retionapathy, which affects blood vessel information in the retina of the eye., can lead to visual symptoms including reduced vision and potentially blindness. Diabetic nephropathy, the impact of diabetes on the kidneys can lead to scarring changes in the kidney tissue, loss of small or progressively large amount of protien in the urine, and eventually chronic kidney disesase requiring dialysis.
Another risk is diabetic neuropathy, the impact of diabetes on the nervous system-most commonly causing numbness, tingling and pain in the feet, and also increasing the risk of skin damage due to altered sensation. Together with vascular disease in the legs neuropathy contributes to the risk of diabetes-related foot problems (Such as diabetic ulcers) that can be difficult to treat and occasionally require amputation. As well, proximal diabetic neuropathy causes painful muscle wasting and weakness.
Management
Diabetes mellitus is a chronis disease, for which there is no know cure execpt in very specific situtations. Management concentrates on keeping blood sugar levels as close to normat(“euglycemia”) as possible, without causing hypoglycemia. This can usually be accomplished with diet exercise, and use of appropriate medication as well as insulin.
Patient education understanding and participation is vital since the complications of diabetes are far less common and less severe in people who have well-managed blood sugar levels.That and May set higher Attention is also paid to other health problems that may accelerate the deleterious effect of diabetes. These include smoking, elevated cholesterol levels, obesity, high blood pressure, and lack of regular exercise. Specialized footwear is widely used to reduce the risk of ulceration, or re-ulceration, in at-risk diabetic feet. Evidence for the efficacy of this remains equivocal,however.
Lifestyle
There are roles for education, dietetic, and sensible exercise, with the goal of keeping both short-term and long-term blood glucose levels within acceptable bounds. In addition, given the associated higher risks of cardiovascular disease, lifestyle modifications are recommended to control blood pressure.
Medications
Metformin is generally recommended as a first line treatment as there is good evidence that it decreases mortality. Diabetes is typically treated with combinations of regular and NPH insulin, or synthtic insulin analogs. When insulin is used in type 2 diabetes, a long-acting formulation is usually added intially, when continuing oral medications. Doses of insulin are then increased to effect.
Support
In countries using a general practitioner system, such as the United Kingdom, care may take place mainly outside hospitals, with hospital-based specialist care used only in case of complications difficult blood sugar control, or research projects. In other cercumstances, general practitioners and specialists share care of in a team approach.
Roshan hospital
Dr. B.N. SACHAN
Diabetes mellitus, or simply diabetes, is a group of metabolic deseases in which a person has high blood sugar, either because the pancreas does not produce enough insulin, or because cells do not respond to the insulin that is produced. This high blood sugar produces the classical symptoms of polyria (frequent unination), Polydipsia (increased thirst) and polyphagia (increased hunger).There are three main types of deabetes mellitus (DM).
.Type 1 DM result from the body;s failure to produce insulin and currently requires the person to inject insulin or wear an insulin pump. This form was previously referred to as: insulin-independent diabetes mellitus” (IDDM) or “juvenile diabetes:”
.Type 2 DM result from insulin resistance, a condition in which cell fails to use insulin properly, sometimes combined with an absolute insulin deficiency. This form was previously refferred tp as non insulin-dependent diabetes melltius (IDDM) or “adult-onset diabetes”.
.The third main form, gestational diabetes occurs when pregenant women without a previous diagnosis of diabetes develop a high blood glucose level.It may precede development of type 2 DM.
Other form of deabetes mellitus include congenital diabetes, which is due to genetic defects insulin secretion, cystic fibrosis-related diabetes, Steroid diabetes induced by high doses of glucocorticoids, and several forms of monogenic diabetes.
Untreated, deabetes can cause many camplications. Acute Complications include diabetic ketoacidosis, and nonketotic hyperosmolar coma. Serious long-term camplications include cardiovascular disease chronic renal failure and diabetic retinopathy (retinal damage). Adequate treatment of diabetes is thus important, as well as blood pressure control and lifestyle factors such as stopping smoking and maintaining a healthy body weight.
Gestational diabetes mellitus (GDM) resemb les type 2 diabetes in several respects, involving a combination of relatively inadequate insulin secretion and responsiveness. It occurs in about 2-5 % of all pregnancies and may improave or disappear after delivery. Gestational diabetes is fully treatable, but requires careful medical supervision throuhout the pregenecy. About 20-50 % of affected women develop type 2 diabetes later in life.
Though it my be transient, untreated gestational diabetes can damage the health of the fetus or mother. Risk to the baby include macrosomia (high birth weight). Cogenital cardiac and central nervous system anomalies, and skeletal muscle malformations. Increased fetal insulin may inhibit fetal surfactant production and cause repiratory destress syndrome.
Hyperbilirubinmia may result form red blood cell destruction. In severe cases, prenatal death may occur, most commonly as a result of poor placental perfusion due to vascular impairment. Labour induction may be indicated with decreased placement function. Of injury associated with macrodome, such as shoulder dystocia.
Signs and Symptoms
The classic symptoms of untreated diabetes are loss of weight, polyuria ( frequant urination) , Polydipsia (increase thirst ) and polyphagia (increased hunger) . Symptoms may develop rapidly (weeks or months) slowly and may be subtle or absent.
Progolonged high blood glucose can cause glucose absorption in the lens of the eye, which leads to changes in its shape, result in vision changes. Blurred vision is a comman complaint leading to a diabetes diagnosis. A number of skin rashes that can occure in diabetes are collectively known as diabetic dermatomes.
Complications
Complications of diabetes mellitus
All form of diabetes increase the risk of long-term complication.These typically develop after many years (10-20). But may be the first symptom in those who have otherwise not received a diagnosis before that time. The major long-term complications relate to damage blood vessels.Diabetes doubles the risk of cardiovascular disease. The main “macrovascular” disease (related to atherosclerosis of large arteries) are ischemic heart disease (angina and myocardial infarction), stroke and perpheral vascular disease.
Diabetes also damages the capillaries ( causes microangiopathy). Diabetic retionapathy, which affects blood vessel information in the retina of the eye., can lead to visual symptoms including reduced vision and potentially blindness. Diabetic nephropathy, the impact of diabetes on the kidneys can lead to scarring changes in the kidney tissue, loss of small or progressively large amount of protien in the urine, and eventually chronic kidney disesase requiring dialysis.
Another risk is diabetic neuropathy, the impact of diabetes on the nervous system-most commonly causing numbness, tingling and pain in the feet, and also increasing the risk of skin damage due to altered sensation. Together with vascular disease in the legs neuropathy contributes to the risk of diabetes-related foot problems (Such as diabetic ulcers) that can be difficult to treat and occasionally require amputation. As well, proximal diabetic neuropathy causes painful muscle wasting and weakness.
Management
Diabetes mellitus is a chronis disease, for which there is no know cure execpt in very specific situtations. Management concentrates on keeping blood sugar levels as close to normat(“euglycemia”) as possible, without causing hypoglycemia. This can usually be accomplished with diet exercise, and use of appropriate medication as well as insulin.
Patient education understanding and participation is vital since the complications of diabetes are far less common and less severe in people who have well-managed blood sugar levels.That and May set higher Attention is also paid to other health problems that may accelerate the deleterious effect of diabetes. These include smoking, elevated cholesterol levels, obesity, high blood pressure, and lack of regular exercise. Specialized footwear is widely used to reduce the risk of ulceration, or re-ulceration, in at-risk diabetic feet. Evidence for the efficacy of this remains equivocal,however.
Lifestyle
There are roles for education, dietetic, and sensible exercise, with the goal of keeping both short-term and long-term blood glucose levels within acceptable bounds. In addition, given the associated higher risks of cardiovascular disease, lifestyle modifications are recommended to control blood pressure.
Medications
Metformin is generally recommended as a first line treatment as there is good evidence that it decreases mortality. Diabetes is typically treated with combinations of regular and NPH insulin, or synthtic insulin analogs. When insulin is used in type 2 diabetes, a long-acting formulation is usually added intially, when continuing oral medications. Doses of insulin are then increased to effect.
Support
In countries using a general practitioner system, such as the United Kingdom, care may take place mainly outside hospitals, with hospital-based specialist care used only in case of complications difficult blood sugar control, or research projects. In other cercumstances, general practitioners and specialists share care of in a team approach.
Roshan hospital
Dr. B.N. SACHAN
Friday, 29 August 2014
रोजाना बड़ों के पैर छुएं और भाग्य चमकाएं
ड्रीमलाइन एक्सप्रेस
नई दिल्ली। बड़ों के पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त करना सिर्फ एक अच्छा आचरण ही नहीं है बल्कि जीवन की ऊंचाइयों तक पहुंचने का आदर्श माध्यम है। आम तौर पर झुककर पैरों को हाथ लगाने के बाद उन हाथों को सिर-माथे पर लगाने की परंपरा है। किन्तु आधुनिक काल में बस थोड़ा सा झुककर हाथ नीचे ले जाकर भी यह रस्म पूरी हो जाती है। क्या आपने कभी सोचा है कि यह रस्म क्यों है और इसके फायदे क्या हैं, अगर नहीं तो हम आपको बता रहे हैं कि बड़ों के पैर छूने से होने वाले फायदों के बारे में हिन्दू संस्कृति में बड़ों का सम्मान व सेवा का व्यवहार व संस्कार में बहुत महत्व बताया गया है। तमाम हिन्दू धर्मग्रंथ जैसे रामायण, महाभारत आदि में बड़ों के सम्मान को सर्वोपरि बताया गया है। इनमें माता-पिता, गुरु, भाई सहित सभी बुजुर्गों के सम्मान के प्रसंगों में बड़ों से मिला आशीर्वाद संकट मोचक तक बताया गया है।इसीलिए रामचरित मानस में कहा गया है प्रात काल उठ के रघुनाथा। मात-पिता गुरु नावहिं माथा।।इसके अलावा पैर छूने का ज्योतिष विज्ञान में भी महत्व बताया गया है। ज्योतिषविदों के अनुसार जिन लोगों की कुंडली में पितृदोष होता है, उन्हें रोज सुबह अपने घर के बड़ों के पैर छूकर का आशीर्वाद लेना चाहिए। इससे पितृदोष दूर होता है भाग्य चमकता है और कामों में आ रही रूकावट दूर होती है। हिन्दू धर्मशास्त्रों में कहा गया है अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविन:। चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयुर्विद्या यशो बलं।। सरल शब्दों में मतलब है कि जो व्यक्ति हर रोज बड़े-बुजुर्गों के सम्मान में प्रणाम व चरणस्पर्श कर सेवा करता है। उसकी उम्र, विद्या, यश और ताकत बढ़ती जाती है। इसलिए यदि जीवन में सफलता चाहिए तो रोज घर के बड़ों के चरण स्पर्श करने चाहिए।
असल में, बड़ों के सम्मान से आयु, यश, बल और विद्या बढऩे के पीछे मनोवैज्ञानिक और व्यावहारिक वजह भी है। चूंकि सम्मान देते समय खुशी का भाव प्रकट होता है, जो देने और लेने वाले के साथ ही आस.पास के माहौल में भी उत्साह, उमंग व ऊर्जा से भरता है। आयु बढ़ाने में प्रसन्नताए ऊर्जा और बेहतर माहौल ही अहम और निर्णायक होते हैं। वहीं, सम्मान देना व्यक्ति का गुणी और संस्कारित होने का प्रमाण होने से दूसरे भी उसे सम्मान देते हैं।
यही नहीं, ऐसे व्यक्ति को गुणी और ज्ञानी लोगों का संग और आशीर्वाद कई रूपों में प्राप्त होता है। अच्छे और गुणी लोगों का संग जीवन में बहुत बड़ी शक्ति बनकर बेहतर नतीजे तय करता है।
नई दिल्ली। बड़ों के पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त करना सिर्फ एक अच्छा आचरण ही नहीं है बल्कि जीवन की ऊंचाइयों तक पहुंचने का आदर्श माध्यम है। आम तौर पर झुककर पैरों को हाथ लगाने के बाद उन हाथों को सिर-माथे पर लगाने की परंपरा है। किन्तु आधुनिक काल में बस थोड़ा सा झुककर हाथ नीचे ले जाकर भी यह रस्म पूरी हो जाती है। क्या आपने कभी सोचा है कि यह रस्म क्यों है और इसके फायदे क्या हैं, अगर नहीं तो हम आपको बता रहे हैं कि बड़ों के पैर छूने से होने वाले फायदों के बारे में हिन्दू संस्कृति में बड़ों का सम्मान व सेवा का व्यवहार व संस्कार में बहुत महत्व बताया गया है। तमाम हिन्दू धर्मग्रंथ जैसे रामायण, महाभारत आदि में बड़ों के सम्मान को सर्वोपरि बताया गया है। इनमें माता-पिता, गुरु, भाई सहित सभी बुजुर्गों के सम्मान के प्रसंगों में बड़ों से मिला आशीर्वाद संकट मोचक तक बताया गया है।इसीलिए रामचरित मानस में कहा गया है प्रात काल उठ के रघुनाथा। मात-पिता गुरु नावहिं माथा।।इसके अलावा पैर छूने का ज्योतिष विज्ञान में भी महत्व बताया गया है। ज्योतिषविदों के अनुसार जिन लोगों की कुंडली में पितृदोष होता है, उन्हें रोज सुबह अपने घर के बड़ों के पैर छूकर का आशीर्वाद लेना चाहिए। इससे पितृदोष दूर होता है भाग्य चमकता है और कामों में आ रही रूकावट दूर होती है। हिन्दू धर्मशास्त्रों में कहा गया है अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविन:। चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयुर्विद्या यशो बलं।। सरल शब्दों में मतलब है कि जो व्यक्ति हर रोज बड़े-बुजुर्गों के सम्मान में प्रणाम व चरणस्पर्श कर सेवा करता है। उसकी उम्र, विद्या, यश और ताकत बढ़ती जाती है। इसलिए यदि जीवन में सफलता चाहिए तो रोज घर के बड़ों के चरण स्पर्श करने चाहिए।
असल में, बड़ों के सम्मान से आयु, यश, बल और विद्या बढऩे के पीछे मनोवैज्ञानिक और व्यावहारिक वजह भी है। चूंकि सम्मान देते समय खुशी का भाव प्रकट होता है, जो देने और लेने वाले के साथ ही आस.पास के माहौल में भी उत्साह, उमंग व ऊर्जा से भरता है। आयु बढ़ाने में प्रसन्नताए ऊर्जा और बेहतर माहौल ही अहम और निर्णायक होते हैं। वहीं, सम्मान देना व्यक्ति का गुणी और संस्कारित होने का प्रमाण होने से दूसरे भी उसे सम्मान देते हैं।
यही नहीं, ऐसे व्यक्ति को गुणी और ज्ञानी लोगों का संग और आशीर्वाद कई रूपों में प्राप्त होता है। अच्छे और गुणी लोगों का संग जीवन में बहुत बड़ी शक्ति बनकर बेहतर नतीजे तय करता है।
चौंकाने वाले सस्ते और अच्छे सुपरफोन
ड्रीमलाइन एक्सप्रेस
नई दिल्ली। आप चाहते होंगे कि कम कीमत में आपको एक एसा स्मार्टफोन मिले जिसमें सभी खूबियां हो। हां जी अब आपका एसा सपना पूरा हो सकता है। भारत में इस समय सबसे सस्ता एंड्रॉयड किटकैट स्मार्टफोन 2999 रुपये में उपलब्ध है। हैं न आपको चौंकाने वाले सुपरफोन के दाम। यहां कुछ ऐसे स्मार्टफोन्स के बारे में जानकारी दी जा रही है।सेल्कॉन कैंपस ए35के: सेल्कॉन कैंपस ए35के स्मार्टफोन में 3.5 इंच की एचवीजीए डिस्पले स्क्रीन लगी हुई है। इसमें 1 गीगाहत्र्ज प्रोसेसर है। इसमें 256 एमबी रैप। फोन की इंटरनल मैमोरी 512 एमबी है, जिसे 32 एमबी तक बढ़ाया जा सकता है। इस फोन में दो सिम कार्ड लगाए जा सकते हैं। फोन का रियल कैमरा 3.2 मेगापिक्सल का और फ्रंट कैमरा वीजीए है। इसकी बैटरी 1400 एमएएच की है। इसकी कीमत 2999 रुपये है।
सनस्ट्राइक रेज स्विफ्ट: 3जी सपोर्ट के साथ इस फोन की टचस्क्रीन 3.5 इंच की है। इसकी बैटरी 1600 एमएएच की है। इसमें दो सिम कार्ड लग सकते हैं। इसका फ्रंट कैमरा वीजीए और रियर कैमरा 1.3 मेगापिक्सल का है। इसमें ब्लूटुथ और वाय-फाय जैसे फीचर्स भी हैं। कंपनी इसके साथ कवर भी मुफ्त में दे रही है। इसकी कीमत भी 2999 रुपये है। 2999 रुपये की कीमत के साथ एंड्रॉयड किटकैट 4.4 ओएस वाला यह सबसे सस्ता स्मार्टफोन है। इसमें 3.5 इंच डिस्पले स्क्रीनए, 1.3 एमपी कैमरा पीछे और 0.3 एमपी कैमरा आगे, दो सिम सपोर्ट, ब्लूटुथ और वाय.फाय जैसे फीचर्स दिए गए हैं।
लावा आइरिस 310: इस स्मार्टफोन में 3.5 इंच की एचवीजीए डिस्पले स्क्रीन है। कंपनी ने इसमें 1.3 गीगाहत्र्ज का ड्यूल कोर प्रोसेसर दिया है। इसके अलावा इसकी रैम 256 एमबी और इंटरनल मैमोरी 256 एमबी है। इसमें 2 मेगापिक्सल का रियर कैमरा और फ्रंट कैमरा वीजीए है। इसकी बैटरी 1400 एमएएच की है। इस फोन की कीमत 3249 रुपये है।
कार्बन ए5 टर्बो: इस फोन में 3जी नेटवर्क के साथ 1 गीगाहट्र्ज का प्रोसेसर है। इसका पीछे का कैमरा 3 मेगापिक्सल का है। डयृल सिम सपोर्ट के साथ फोन में 3.5 इंच का डिस्पले दिया गया है। इसकी मैमोरी को 32 जीबी तक बढ़ाया जा सकता है। इसके दाम 3290 रुपये हैं।
कार्बन ए1़ सुपर: कार्बन के इस स्मार्टफोन में 3.5 इंच डिस्पले स्क्रीन, 1.3 गीगाहट्र्ज डयूएल कोर प्रोसेसर, 3 एमपी मैन कैमरा तथा 0.3 एमपी फ्रंट कैमरा दिया गया है। इसकी मैमोरी को 32 जीबी तक बढ़ाया जा सकता है। इसकी कीमत इसकी कीमत 3490 रुपये है।
स्पाइस स्मार्ट फ्लो एमआर्ई-359: इस फोन में दो सिम लगाने की सुविधा दी गई है। साथ ही इसमें डयूएल स्टैंड बाइ सपोर्ट भी है। इसमें 3.5 इंच का एचवीजीए डस्प्ले है। फोन का प्रोसेसर 1.3 गीगाहट्र्ज ड्युएल कोर और रैम 256 एमबी है। फोन में 512 एमबी का इनबिल्ट स्टोरेज है। फोन में दो मेगापिक्सल कैमरा है, साथ में एलईडी फ्लैश भी है। फ्रंट कैमरा 1.3 मेगापिक्सल का है। इसमें जो बैटरी लगी है वो 1400 एमएएच की है। इस फोन की कीमत 3599 रुपये है।
कार्बन स्मार्ट ए12 स्टार: इस स्मार्टफोन में एंड्रायड 4.2.2 किटकैट है। इसके साथ ही इसमें 1.2 गीगाहट्र्ज डुयूएल.कोर मीडियाटेक प्रोसेसर, 512 एमबी रैम, 4 इंच आईपीएस डिस्प्ले, 5 मेगापिक्सल कैमरा, वीजीए फ्रं कैमरा, 4 जीबी इंटरनल मेमोरी और 1400 एमएएच की बैट्री मौजूद है। कार्बन स्मार्ट ए12 स्टार में भी 3जी कनेक्टिविटी की सुविधा डाली गई है। इसकी कीमत 4099 रुपये है।
कार्बन स्मार्ट ए11 स्टार: कार्बन ने इस फोन में 4.3 इंच का डिस्पले दिया है। इसमें 1.2 गीगाहट्र्ज डुयूएल.कोर प्रोसेसर, 512 एमबी रैम, 5 मेगापिक्सल कैमरा, वीजीए फ्रंट कैमरा, 4 जीबी इंटरनल मेमोरी और 1400 एमएएच की बैट्री मौजूद है। इसकी कीमत 4449 रुपये है।
नई दिल्ली। आप चाहते होंगे कि कम कीमत में आपको एक एसा स्मार्टफोन मिले जिसमें सभी खूबियां हो। हां जी अब आपका एसा सपना पूरा हो सकता है। भारत में इस समय सबसे सस्ता एंड्रॉयड किटकैट स्मार्टफोन 2999 रुपये में उपलब्ध है। हैं न आपको चौंकाने वाले सुपरफोन के दाम। यहां कुछ ऐसे स्मार्टफोन्स के बारे में जानकारी दी जा रही है।सेल्कॉन कैंपस ए35के: सेल्कॉन कैंपस ए35के स्मार्टफोन में 3.5 इंच की एचवीजीए डिस्पले स्क्रीन लगी हुई है। इसमें 1 गीगाहत्र्ज प्रोसेसर है। इसमें 256 एमबी रैप। फोन की इंटरनल मैमोरी 512 एमबी है, जिसे 32 एमबी तक बढ़ाया जा सकता है। इस फोन में दो सिम कार्ड लगाए जा सकते हैं। फोन का रियल कैमरा 3.2 मेगापिक्सल का और फ्रंट कैमरा वीजीए है। इसकी बैटरी 1400 एमएएच की है। इसकी कीमत 2999 रुपये है।
सनस्ट्राइक रेज स्विफ्ट: 3जी सपोर्ट के साथ इस फोन की टचस्क्रीन 3.5 इंच की है। इसकी बैटरी 1600 एमएएच की है। इसमें दो सिम कार्ड लग सकते हैं। इसका फ्रंट कैमरा वीजीए और रियर कैमरा 1.3 मेगापिक्सल का है। इसमें ब्लूटुथ और वाय-फाय जैसे फीचर्स भी हैं। कंपनी इसके साथ कवर भी मुफ्त में दे रही है। इसकी कीमत भी 2999 रुपये है। 2999 रुपये की कीमत के साथ एंड्रॉयड किटकैट 4.4 ओएस वाला यह सबसे सस्ता स्मार्टफोन है। इसमें 3.5 इंच डिस्पले स्क्रीनए, 1.3 एमपी कैमरा पीछे और 0.3 एमपी कैमरा आगे, दो सिम सपोर्ट, ब्लूटुथ और वाय.फाय जैसे फीचर्स दिए गए हैं।
लावा आइरिस 310: इस स्मार्टफोन में 3.5 इंच की एचवीजीए डिस्पले स्क्रीन है। कंपनी ने इसमें 1.3 गीगाहत्र्ज का ड्यूल कोर प्रोसेसर दिया है। इसके अलावा इसकी रैम 256 एमबी और इंटरनल मैमोरी 256 एमबी है। इसमें 2 मेगापिक्सल का रियर कैमरा और फ्रंट कैमरा वीजीए है। इसकी बैटरी 1400 एमएएच की है। इस फोन की कीमत 3249 रुपये है।
कार्बन ए5 टर्बो: इस फोन में 3जी नेटवर्क के साथ 1 गीगाहट्र्ज का प्रोसेसर है। इसका पीछे का कैमरा 3 मेगापिक्सल का है। डयृल सिम सपोर्ट के साथ फोन में 3.5 इंच का डिस्पले दिया गया है। इसकी मैमोरी को 32 जीबी तक बढ़ाया जा सकता है। इसके दाम 3290 रुपये हैं।
कार्बन ए1़ सुपर: कार्बन के इस स्मार्टफोन में 3.5 इंच डिस्पले स्क्रीन, 1.3 गीगाहट्र्ज डयूएल कोर प्रोसेसर, 3 एमपी मैन कैमरा तथा 0.3 एमपी फ्रंट कैमरा दिया गया है। इसकी मैमोरी को 32 जीबी तक बढ़ाया जा सकता है। इसकी कीमत इसकी कीमत 3490 रुपये है।
स्पाइस स्मार्ट फ्लो एमआर्ई-359: इस फोन में दो सिम लगाने की सुविधा दी गई है। साथ ही इसमें डयूएल स्टैंड बाइ सपोर्ट भी है। इसमें 3.5 इंच का एचवीजीए डस्प्ले है। फोन का प्रोसेसर 1.3 गीगाहट्र्ज ड्युएल कोर और रैम 256 एमबी है। फोन में 512 एमबी का इनबिल्ट स्टोरेज है। फोन में दो मेगापिक्सल कैमरा है, साथ में एलईडी फ्लैश भी है। फ्रंट कैमरा 1.3 मेगापिक्सल का है। इसमें जो बैटरी लगी है वो 1400 एमएएच की है। इस फोन की कीमत 3599 रुपये है।
कार्बन स्मार्ट ए12 स्टार: इस स्मार्टफोन में एंड्रायड 4.2.2 किटकैट है। इसके साथ ही इसमें 1.2 गीगाहट्र्ज डुयूएल.कोर मीडियाटेक प्रोसेसर, 512 एमबी रैम, 4 इंच आईपीएस डिस्प्ले, 5 मेगापिक्सल कैमरा, वीजीए फ्रं कैमरा, 4 जीबी इंटरनल मेमोरी और 1400 एमएएच की बैट्री मौजूद है। कार्बन स्मार्ट ए12 स्टार में भी 3जी कनेक्टिविटी की सुविधा डाली गई है। इसकी कीमत 4099 रुपये है।
कार्बन स्मार्ट ए11 स्टार: कार्बन ने इस फोन में 4.3 इंच का डिस्पले दिया है। इसमें 1.2 गीगाहट्र्ज डुयूएल.कोर प्रोसेसर, 512 एमबी रैम, 5 मेगापिक्सल कैमरा, वीजीए फ्रंट कैमरा, 4 जीबी इंटरनल मेमोरी और 1400 एमएएच की बैट्री मौजूद है। इसकी कीमत 4449 रुपये है।
सक्सेस का मूल मंत्र है सेल्फ कांफिडेंस
ड्रीमलाइन एक्सप्रेस
नई दिल्ली। जिंदगी का हर क्षेत्र में सफलता हासिल करने के लिए सबसे जरूरी है कि आपके भीतर सेल्फ कांफिडेंस हो। हालांकि कुछ लोग बिना किसी खास कारणों के ही अपने भीतर सेल्फकांफिंडेंस की कमी महसूस करने लगते हैं। यह प्रवृत्ति उन्हें हमेशा दूसरों से पीछे ही करने का काम करती है। इसलिए इन कारणों को दूर करने का प्रयास करते हुए हमेशा अपने सेल्फ कांफिंडेंस जगाने का काम करें और जिंदगी में आगे बढ़ें।
अगर किसी व्यक्ति का आत्मविश्वास कमजोर हो तो उसे सबसे पहले अपनी समस्या पहचान कर हल खोजने की दिशा में प्रयास करना चाहिए। यूं तो कोई भी व्यक्ति परफेक्ट नहीं होता।
कुछ न कुछ कमी हर किसी में होती है, कुछ लोग अपनी कमियों को दूर कर लेते है, तो कुछ इनमें बिना बदलाव लाए भी अपना काम चला लेते हैं। ऐसे लोगों को जिंदगी के साथ एडजस्टमेंट में कोई खास परेशानी नहीं होती। समस्या तब आती है, जब कोई व्यक्ति अपनी कमियों में सुधार लाने की कोशिश नहीं करता और सिर्फ उनके बारे में सोचता रहता है। ऐसे लोगों के आत्मविश्वास में तेजी से कमी आती है। अगर आपके साथ भी ऐसी समस्या है, तो आपको आज से ही इसे दूर करने के प्रयासों में जुट जाना चाहिए।सामाजिक व्यवहार में संकोच महसूस करना आत्मविश्वास की कमी का बड़ा कारण है। आज के जमाने में स्रफलता हासिल करने के लिए सामाजिक व्यवहार में निपुण होना जरूरी है। अगर भीड़ वाली जगहों या सार्वजनिक स्थलों पर आपको लोगों से बातचीत में दिक्कत महसूस होती है तो इसके लिए सबसे पहले अकेले में जोर से बोलने की प्रैक्टिस करें। लो सेल्फ.एस्टीम वाले लोगों में एक खास तरह की सोच होती है, जिसे ऑल ऑर, नन थिंकिंग कहा जाता है। ऐसे लोग किसी भी विषय के चरमबिंदु पर जाकर सोचते हैं। ये खुद को या तो बहुत अच्छा या बहुत खराब मानते हैं। दुनिया को देखते समय भी इनका यही नजरिया होता है। यह प्रवृत्ति इंसान को आगे बढ़ाने के बजाय पीछे की ओर धकेलती है। खुद को इससे बचाने के लिए एक चेकलिस्ट बनाएं। जिसमें एक ओर अपनी अच्छाइयों और दूसरी ओर अपनी खामियों को लिखें। फिर कमियां दूर कर अच्छाइयों को बढ़ाने की कोशिश करें। आत्मविश्वास से असंभव लगने वाला कार्य भी संभव बनाया जा सकता है।इसके तहत एक बहुत ही आसान एक्सरसाइज है, जिसे सेल्फ टॉक कहा जाता है। इसमें लोगों से कहा जाता है कि वे मन ही मन अपने आप से बातें करते हुए खुद अपना आत्मविश्वास जगाएं। ध्यान रहे कि इस दौरान आप अपनी बहुत ज्यादा गलतियां न निकालें। सिर्फ अपनी किसी एक कमजोरी पर फोकस करते हुए उसे दूर करने लिए खुद से कहें कि यह काम ज्यादा मुश्किल नहीं है, मैं इसे खुद करके देखता-देखती हूं या मुझे पक्का यकीन है कि मैं इसे अच्छे से कर पाऊंगा-पाऊंगी।
जिन लोगों का दृष्टिकोण नकारात्मक होता है, वे पहली बार में पूरे विश्वास के साथ खुद से काम पूरा करने का वादा नहीं कर पाते। ऐसे लोगों को शुरू से खुद से यह कहना चाहिए,यह काम मैं करके देखता-देखती हूं। हो सकता है कि सफलता मिल जाए। इसके बाद व्यावहारिक जीवन में इसे सचेत तरीके से लागू करें।
हर इंसान में आत्मविश्वास की कमी के कारण अलग-ञअलग होते हैं। इसलिए विशेषज्ञ द्वारा ऐसे लोगों को उनकी समस्या के स्वरूप और उसकी गंभीरता को ध्यान में रखते हुए सेल्फ एस्टीम बढ़ाने के लिए एक्सरसाइज बताई जाती है।
अपने इस मिशन पर काम करते हुए धैर्य का साथ न छोड़ें। मिसाल के तौर पर अगर आपको दूसरों से नजरें मिला कर बातें करने में घबराहट महसूस होती है, तो सबसे पहले आपको शीशे के सामने खड़े होकर खुद से नजरें मिलाकर खुलकर बात करने की कोशिश करनी चाहिए। ऐसी प्रैक्टिस करने के बाद जब आप खुद को पूर्ण रूप से सहज महसूस करने लगें, तो दूसरों से नजरें मिलाकर उनका अभिवादन करें।
नई दिल्ली। जिंदगी का हर क्षेत्र में सफलता हासिल करने के लिए सबसे जरूरी है कि आपके भीतर सेल्फ कांफिडेंस हो। हालांकि कुछ लोग बिना किसी खास कारणों के ही अपने भीतर सेल्फकांफिंडेंस की कमी महसूस करने लगते हैं। यह प्रवृत्ति उन्हें हमेशा दूसरों से पीछे ही करने का काम करती है। इसलिए इन कारणों को दूर करने का प्रयास करते हुए हमेशा अपने सेल्फ कांफिंडेंस जगाने का काम करें और जिंदगी में आगे बढ़ें।
अगर किसी व्यक्ति का आत्मविश्वास कमजोर हो तो उसे सबसे पहले अपनी समस्या पहचान कर हल खोजने की दिशा में प्रयास करना चाहिए। यूं तो कोई भी व्यक्ति परफेक्ट नहीं होता।
कुछ न कुछ कमी हर किसी में होती है, कुछ लोग अपनी कमियों को दूर कर लेते है, तो कुछ इनमें बिना बदलाव लाए भी अपना काम चला लेते हैं। ऐसे लोगों को जिंदगी के साथ एडजस्टमेंट में कोई खास परेशानी नहीं होती। समस्या तब आती है, जब कोई व्यक्ति अपनी कमियों में सुधार लाने की कोशिश नहीं करता और सिर्फ उनके बारे में सोचता रहता है। ऐसे लोगों के आत्मविश्वास में तेजी से कमी आती है। अगर आपके साथ भी ऐसी समस्या है, तो आपको आज से ही इसे दूर करने के प्रयासों में जुट जाना चाहिए।सामाजिक व्यवहार में संकोच महसूस करना आत्मविश्वास की कमी का बड़ा कारण है। आज के जमाने में स्रफलता हासिल करने के लिए सामाजिक व्यवहार में निपुण होना जरूरी है। अगर भीड़ वाली जगहों या सार्वजनिक स्थलों पर आपको लोगों से बातचीत में दिक्कत महसूस होती है तो इसके लिए सबसे पहले अकेले में जोर से बोलने की प्रैक्टिस करें। लो सेल्फ.एस्टीम वाले लोगों में एक खास तरह की सोच होती है, जिसे ऑल ऑर, नन थिंकिंग कहा जाता है। ऐसे लोग किसी भी विषय के चरमबिंदु पर जाकर सोचते हैं। ये खुद को या तो बहुत अच्छा या बहुत खराब मानते हैं। दुनिया को देखते समय भी इनका यही नजरिया होता है। यह प्रवृत्ति इंसान को आगे बढ़ाने के बजाय पीछे की ओर धकेलती है। खुद को इससे बचाने के लिए एक चेकलिस्ट बनाएं। जिसमें एक ओर अपनी अच्छाइयों और दूसरी ओर अपनी खामियों को लिखें। फिर कमियां दूर कर अच्छाइयों को बढ़ाने की कोशिश करें। आत्मविश्वास से असंभव लगने वाला कार्य भी संभव बनाया जा सकता है।इसके तहत एक बहुत ही आसान एक्सरसाइज है, जिसे सेल्फ टॉक कहा जाता है। इसमें लोगों से कहा जाता है कि वे मन ही मन अपने आप से बातें करते हुए खुद अपना आत्मविश्वास जगाएं। ध्यान रहे कि इस दौरान आप अपनी बहुत ज्यादा गलतियां न निकालें। सिर्फ अपनी किसी एक कमजोरी पर फोकस करते हुए उसे दूर करने लिए खुद से कहें कि यह काम ज्यादा मुश्किल नहीं है, मैं इसे खुद करके देखता-देखती हूं या मुझे पक्का यकीन है कि मैं इसे अच्छे से कर पाऊंगा-पाऊंगी।
जिन लोगों का दृष्टिकोण नकारात्मक होता है, वे पहली बार में पूरे विश्वास के साथ खुद से काम पूरा करने का वादा नहीं कर पाते। ऐसे लोगों को शुरू से खुद से यह कहना चाहिए,यह काम मैं करके देखता-देखती हूं। हो सकता है कि सफलता मिल जाए। इसके बाद व्यावहारिक जीवन में इसे सचेत तरीके से लागू करें।
हर इंसान में आत्मविश्वास की कमी के कारण अलग-ञअलग होते हैं। इसलिए विशेषज्ञ द्वारा ऐसे लोगों को उनकी समस्या के स्वरूप और उसकी गंभीरता को ध्यान में रखते हुए सेल्फ एस्टीम बढ़ाने के लिए एक्सरसाइज बताई जाती है।
अपने इस मिशन पर काम करते हुए धैर्य का साथ न छोड़ें। मिसाल के तौर पर अगर आपको दूसरों से नजरें मिला कर बातें करने में घबराहट महसूस होती है, तो सबसे पहले आपको शीशे के सामने खड़े होकर खुद से नजरें मिलाकर खुलकर बात करने की कोशिश करनी चाहिए। ऐसी प्रैक्टिस करने के बाद जब आप खुद को पूर्ण रूप से सहज महसूस करने लगें, तो दूसरों से नजरें मिलाकर उनका अभिवादन करें।
जॉब की पहली सीढ़ी है इंटर्नशिप,एलर्ट रहें और प्रमोशन पाएं
ड्रीमलाइन एक्सप्रेस
नई दिल्ली। इंटर्नशिप का कैरियर को दिशा देने में अहम योगदान होता है। हालांकि लोग इसे काफी हल्के में लेते हैं जबकि इसे ही काफी गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि यह जॉब की पहली सीढ़ी है। इसलिए इंटर्नशिप के दौरान आपको काफी एलर्ट रहने की जरूरत है। इंटर्नशिप से मिला अनुभव पूरे कॅरियर के दौरान फायदा पहुंचाता है। इसके अलावा व्यावहारिक अनुभव के लिए इंटर्नशिप काफी उपयोगी है।
इंटर्नशिप के दौरान आप अपनी नेटवर्किग मजबूत कर सकते हैं। इससे आपको प्रोफेशनल रेफरेंस तैयार करने में भी मदद मिलती है। इंटर्नशिप के दौरान आप इंडस्ट्री में अपनी एक अलग पहचान बना सकते हैं। इंटर्नशिप के दौरान युवा भावी नौकरी के लिए अपनी कमियों को दूर कर सकते हैं। कॉलेज से निकलने के बाद अलग माहौल में काम करने में आप स्वयं को सेट कर सकते हैं। इस दौरान आपकी झिझक भी दूर हो सकती है। अपनेे कंपनी के सीनियर्स के अनुभवों का फायदा लेकर कॅरियर की नई राह तैयार कर सकते हैं। इंटर्नशिप भविष्य में फुल टाइम जॉब की दिशा में पहला कदम होती है। इंटर्नशिप के दौरान युवा सही मायने में जान पाते हैं कि आखिर उन्हें किस फील्ड में आगे बढऩा है।
जब कोई युवा किसी कंपनी में इंटर्नशिप करने जाता है तो वह अपनी मौलिक सोच और क्रिएटिविटी से कुछ नया करने का प्रयास करता है। इस दौरान उसे चीजें सीखने को मिलती है और कंपनी को फायदा होता है। यही नहीं आपको अपनी स्किल्स दिखाने का भी यही सही मौका होता है। इंटर्नशिप के दौरान यदि बॉस आपके काम से खुश हो जाता है तो आपको वहीं पर एक अच्छी नौकरी भी मिल सकती है। इसका अर्थ यह हुआ कि इंटर्नशिप के दौरान अच्छी स्किल दिखाने से आपको नौकरी के लिए भटकना नहीं पड़ता है।
नई दिल्ली। इंटर्नशिप का कैरियर को दिशा देने में अहम योगदान होता है। हालांकि लोग इसे काफी हल्के में लेते हैं जबकि इसे ही काफी गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि यह जॉब की पहली सीढ़ी है। इसलिए इंटर्नशिप के दौरान आपको काफी एलर्ट रहने की जरूरत है। इंटर्नशिप से मिला अनुभव पूरे कॅरियर के दौरान फायदा पहुंचाता है। इसके अलावा व्यावहारिक अनुभव के लिए इंटर्नशिप काफी उपयोगी है।
इंटर्नशिप के दौरान आप अपनी नेटवर्किग मजबूत कर सकते हैं। इससे आपको प्रोफेशनल रेफरेंस तैयार करने में भी मदद मिलती है। इंटर्नशिप के दौरान आप इंडस्ट्री में अपनी एक अलग पहचान बना सकते हैं। इंटर्नशिप के दौरान युवा भावी नौकरी के लिए अपनी कमियों को दूर कर सकते हैं। कॉलेज से निकलने के बाद अलग माहौल में काम करने में आप स्वयं को सेट कर सकते हैं। इस दौरान आपकी झिझक भी दूर हो सकती है। अपनेे कंपनी के सीनियर्स के अनुभवों का फायदा लेकर कॅरियर की नई राह तैयार कर सकते हैं। इंटर्नशिप भविष्य में फुल टाइम जॉब की दिशा में पहला कदम होती है। इंटर्नशिप के दौरान युवा सही मायने में जान पाते हैं कि आखिर उन्हें किस फील्ड में आगे बढऩा है।
जब कोई युवा किसी कंपनी में इंटर्नशिप करने जाता है तो वह अपनी मौलिक सोच और क्रिएटिविटी से कुछ नया करने का प्रयास करता है। इस दौरान उसे चीजें सीखने को मिलती है और कंपनी को फायदा होता है। यही नहीं आपको अपनी स्किल्स दिखाने का भी यही सही मौका होता है। इंटर्नशिप के दौरान यदि बॉस आपके काम से खुश हो जाता है तो आपको वहीं पर एक अच्छी नौकरी भी मिल सकती है। इसका अर्थ यह हुआ कि इंटर्नशिप के दौरान अच्छी स्किल दिखाने से आपको नौकरी के लिए भटकना नहीं पड़ता है।
Monday, 25 August 2014
समाजसेवा के लिए संकल्पित हैं मास्टर तेजपाल सिंह नागर
ग्रेटर नोएडा (ब्यूरो)। बुजुर्गों में मास्टरजी और युवाओं-छात्र-छात्राओं में गुरुजी के नाम से लोकप्रिय वैदपुरा स्थित श्रीसंत विनोवा भावे कालेज के प्रधानाचार्य श्री तेजपाल सिंह नागर को विकास की प्रतिमूर्ति कहा
जाए तो अतिशयोक्त न होगा। श्री नागर जिस क्षेत्र में हर जगह अपनी अदम्य क्षमता और अनूठी कार्यशैली का परिचय दिया। समाजसेवा और दानवीरता में अग्रणी श्री नागर की विकास यात्रा निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर है। उनका मानना है कि समाज की सेवा करके ही उन्हें शांति मिलती है। श्री नागर समाज सेवा के लिए कोई निश्चित क्षेत्र नहीं मानते, उनका कहना है कि चाहे आप जिस क्षेत्र में हों अपने कार्य से समाज के लोगों का कल्याण करें, यही समाज सेवा है। उनकी राय के अनुसार सभी इंसान ईश्वर की संतान है, सभी आपस में बंधु-बांधव हैं। श्री नागर बसुधैव कुटुम्बकम में विश्वास करते हैं। गत दिनों सूरजपुर एक धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेने आए श्री नागर से हुईं भेंट के आधार पर उनका संक्षिप्त जीवन परिचय प्रस्तुत किया जा रहा है। इससे यह स्पष्ट झलकता है कि वे समाज के निचले तबके को ऊपर उठाने और शिक्षा की लौ जगाने के साथ ही मौका मिलते ही राजनीति में शिरकत करके समाज के कल्याण का कार्य किया।
वर्तमान समय में गौतमबुद्धनगर जनपद के आकिलपुर जागीर ग्राम में 12.10.1957 को चौधरी नत्थू शाह के सुपुत्र श्री हीरा सिंह एवं श्रीमती फूलवती के परिवार में छोटे पुत्र के रूप में जन्म लिया। बड़े भाई श्री विनोद नागर इंजीनियर पद पर कार्यरत हैं। श्री तेजपाल सिंह नागर ने मिहिर भोज इंटर कालेज दादरी से 1971 में हाई स्कूल और 1973 में इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद गाजियाबाद के एमएमच कालेज से बीएससी की परीक्षा 1976 में उत्तीर्ण की। तत्पश्चात श्री नागर ने हिंदी, इतिहास और राजनीति शास्त्र में परास्नातक (एमए)डिग्री हासिल की। गुडग़ांव से बीएड की शैक्षिक योग्यता हासिल कर शिक्षा की अलख जगाने का संकल्प लिया। इसके पश्चात 1981 मेें मिहिर भोज इंटर कालेज में अध्यापक पद से शिक्षाटन का कार्य प्रारंभ किया और 2008 तक कार्यरत रहे। इसके बाद 2008 में ही माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड इलाहाबाद ने उन्हें प्रधानाचार्य पद पर नियुक्त किया। सबसे पहले उन्होंने गाजियाबाद के फरीदनगर स्थित आदर्श जनता इंटर कालेज में कार्यभार संभाला। इसके बाद 15 नवंबर 2008 को वैदपुरा के श्रीसंत विनोवा भावे इंटर कालेज में प्रधानाचार्य का पद सुशोभित किया। तब से आज तक वहां रह कर कालेज की कायापलट कर दी। इसके साथ ही साथ क्षेत्र का भी विकास कराया।
राजनीति के क्षेत्र में विद्यार्थी जीवन से रुझान रखने वाले श्री नागर मिहिर भोज इंटर कालेज में एक वर्ष छात्र संघ के अध्यक्ष और एक वर्ष महामंत्री पद पर रहे हैं। यही नहीं श्री नागर 1995 से लेकर 2010 तक जनपद के वार्ड नं. दो के लिए लगातार तीन योजनाओं के लिए जिला पंचायत के सदस्य रहे। क्षेत्र की जनता के बीच अत्यधिक लोकप्रिय होने के कारण तीनों बार भारी मत मिले। श्री नागर दादरी सहकारी संघ के अध्यक्ष पद पर 1992-1995 तक तीन वर्ष रहे। \श्री नागर ने बताया कि जिला पंचायत सदस्य के रूप में इतने अधिक विकास कार्य कराए कि क्षेत्र के लोग आज भी उन्हें याद ही नहीं करते बल्कि स्नेह और सम्मान भी देते है। उन्होंने बताया कि मंडी परिषद से बिसाड़ा तक सीसी रोड, सिलारपुर की सीसी रोड, दुजाना-कचैड़ा तक सीसी रोड,जैसे अनेक विकास कार्य कराए। शिक्षा के क्षेत्र में जैतवारपुर, आकलपुर,उड़ी खेड़ा, विसमौली, धूम मानिकपुर, कलासपुर,बड़पुरा और अच्छेजा में जूृनियर हाई स्कूल खुलवाए। यहीं नहीं ढोकलपुरा,शाहपुर, राजदपुर, दुजाना खेड़ा में प्राइमरी स्कूल भी बनवाकर क्षेत्र की जनता की शिक्षा की समस्या खत्म करवाई। क्षेत्र के लोगों को शिक्षा के लिए भटकना नहीं पड़ा और अपने ही क्षेत्र में शिक्षा की सुविधा उपलब्ध हो गई।
जाए तो अतिशयोक्त न होगा। श्री नागर जिस क्षेत्र में हर जगह अपनी अदम्य क्षमता और अनूठी कार्यशैली का परिचय दिया। समाजसेवा और दानवीरता में अग्रणी श्री नागर की विकास यात्रा निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर है। उनका मानना है कि समाज की सेवा करके ही उन्हें शांति मिलती है। श्री नागर समाज सेवा के लिए कोई निश्चित क्षेत्र नहीं मानते, उनका कहना है कि चाहे आप जिस क्षेत्र में हों अपने कार्य से समाज के लोगों का कल्याण करें, यही समाज सेवा है। उनकी राय के अनुसार सभी इंसान ईश्वर की संतान है, सभी आपस में बंधु-बांधव हैं। श्री नागर बसुधैव कुटुम्बकम में विश्वास करते हैं। गत दिनों सूरजपुर एक धार्मिक कार्यक्रम में भाग लेने आए श्री नागर से हुईं भेंट के आधार पर उनका संक्षिप्त जीवन परिचय प्रस्तुत किया जा रहा है। इससे यह स्पष्ट झलकता है कि वे समाज के निचले तबके को ऊपर उठाने और शिक्षा की लौ जगाने के साथ ही मौका मिलते ही राजनीति में शिरकत करके समाज के कल्याण का कार्य किया।
वर्तमान समय में गौतमबुद्धनगर जनपद के आकिलपुर जागीर ग्राम में 12.10.1957 को चौधरी नत्थू शाह के सुपुत्र श्री हीरा सिंह एवं श्रीमती फूलवती के परिवार में छोटे पुत्र के रूप में जन्म लिया। बड़े भाई श्री विनोद नागर इंजीनियर पद पर कार्यरत हैं। श्री तेजपाल सिंह नागर ने मिहिर भोज इंटर कालेज दादरी से 1971 में हाई स्कूल और 1973 में इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद गाजियाबाद के एमएमच कालेज से बीएससी की परीक्षा 1976 में उत्तीर्ण की। तत्पश्चात श्री नागर ने हिंदी, इतिहास और राजनीति शास्त्र में परास्नातक (एमए)डिग्री हासिल की। गुडग़ांव से बीएड की शैक्षिक योग्यता हासिल कर शिक्षा की अलख जगाने का संकल्प लिया। इसके पश्चात 1981 मेें मिहिर भोज इंटर कालेज में अध्यापक पद से शिक्षाटन का कार्य प्रारंभ किया और 2008 तक कार्यरत रहे। इसके बाद 2008 में ही माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड इलाहाबाद ने उन्हें प्रधानाचार्य पद पर नियुक्त किया। सबसे पहले उन्होंने गाजियाबाद के फरीदनगर स्थित आदर्श जनता इंटर कालेज में कार्यभार संभाला। इसके बाद 15 नवंबर 2008 को वैदपुरा के श्रीसंत विनोवा भावे इंटर कालेज में प्रधानाचार्य का पद सुशोभित किया। तब से आज तक वहां रह कर कालेज की कायापलट कर दी। इसके साथ ही साथ क्षेत्र का भी विकास कराया।
राजनीति के क्षेत्र में विद्यार्थी जीवन से रुझान रखने वाले श्री नागर मिहिर भोज इंटर कालेज में एक वर्ष छात्र संघ के अध्यक्ष और एक वर्ष महामंत्री पद पर रहे हैं। यही नहीं श्री नागर 1995 से लेकर 2010 तक जनपद के वार्ड नं. दो के लिए लगातार तीन योजनाओं के लिए जिला पंचायत के सदस्य रहे। क्षेत्र की जनता के बीच अत्यधिक लोकप्रिय होने के कारण तीनों बार भारी मत मिले। श्री नागर दादरी सहकारी संघ के अध्यक्ष पद पर 1992-1995 तक तीन वर्ष रहे। \श्री नागर ने बताया कि जिला पंचायत सदस्य के रूप में इतने अधिक विकास कार्य कराए कि क्षेत्र के लोग आज भी उन्हें याद ही नहीं करते बल्कि स्नेह और सम्मान भी देते है। उन्होंने बताया कि मंडी परिषद से बिसाड़ा तक सीसी रोड, सिलारपुर की सीसी रोड, दुजाना-कचैड़ा तक सीसी रोड,जैसे अनेक विकास कार्य कराए। शिक्षा के क्षेत्र में जैतवारपुर, आकलपुर,उड़ी खेड़ा, विसमौली, धूम मानिकपुर, कलासपुर,बड़पुरा और अच्छेजा में जूृनियर हाई स्कूल खुलवाए। यहीं नहीं ढोकलपुरा,शाहपुर, राजदपुर, दुजाना खेड़ा में प्राइमरी स्कूल भी बनवाकर क्षेत्र की जनता की शिक्षा की समस्या खत्म करवाई। क्षेत्र के लोगों को शिक्षा के लिए भटकना नहीं पड़ा और अपने ही क्षेत्र में शिक्षा की सुविधा उपलब्ध हो गई।
सूरजपुर की भजन संध्या में उमड़ा जनसैलाब
ग्रेटर नोएडा (ब्यूरो)। गौतमबुद्धनगर जनपद के मुख्यालय स्थित प्राचीन शिव मंदिर परिसर में गत दिवस आयोजित भजन संध्या कृष्ण भक्ति से सराबोरभजनों पर जनसैलाब झूम कर नाचा। यह कार्यक्रम शिव मंदिर सेवा समिति ने सूरजपुर के ग्रामीणों के सहयोग से सफल आयोजन किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वैदपुरा स्थित श्रीसंत विनोबा भावे इंटर कालेज के प्रधानाचार्य तेजपाल सिंह नागर ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए आयोजकों को बधाई दी। साथ ही उन्होंनें मंदिरा निर्माण में सहयोग के लिए 5100 रुपये की सहयोग राशि भी प्रदान की। आयोजकों ने आभार व्यक्त करते हुए श्री नागर का श्रीफल देकर भव्य स्वागत किया। सूरजपुर के समाजसेवी और आर्य समाज मंदिर सूरजपुर के वरिष्ठ पदाधिकारी पं. शिव दत्त आर्य ने भी मुख्य अतिथि को सम्मानित किया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में शिव सेवा मंदिर समिति के कार्यकर्ताओं के साथ ही महासचिव ओमवीर बैसला और लक्ष्मण सिंघल की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही।
मुख्य अतिथि श्री नागर ने उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि सूरजपुर में यह सफल आयोजन निश्चित रूप से समाज में धार्मिक प्रवाह को और गति देगा, इससे समाज का कल्याण होगा। सफल आयोजन के लिए शिव मंदिर सेवा समिति के कार्यकर्ताओं की भूरि-भूरि प्रशंसा की। मंच संचालन में भाजपा के जिला मंत्री लक्ष्मण सिंघल ने अपनी वाकपटुता से कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। महासचिव ओमवीर बैसला ने कार्यक्रम की शुरुआत से अंत तक अथक परिश्रम करके आयोजन को यादगार बना दिया। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर आसोजित भजन संध्या की शुरुआत स्नेह शिक्षा निकेतन के व्यवस्थापक अनिल कुमार सोनी की होनहार बेटियों डोली और काजल ने श्रीकृष्ण के गीत पर आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करके किया। इसके बाद भजन संध्या को रंगारंग बनाने आई कंपनी के कलाकारों ने अपने अनूठे अंदाज से सूरजपुर के निवासियों को भक्ति रस से सराबोर कर दिया। गायिका अंशु बत्रा व उनके साथियों ने बड़े ही रोचक तरीके से भजनों को प्रस्तुत किया। उनके भजनों से मंत्रमुग्ध होकर अनेक स्थानीय महिलाओं व कन्याओं ने भी नृत्य कर कन्हैया जी की हाजिरी लगाई। शाम से ही जनसैलाब उमड़ पड़ा और जैसे-जैसे भजन संध्या आगे बढ़ी लोगों के आने का सिलसिला देर रात तक जारी रहा। मंदिर परिसर में इतनी विशाल भीड़ उपस्थित थी कि वहां तिल रखने को जगह नहीं थी। लोगों ने आस-पास की छतों और बालकनियों से भजन संध्या का आनंद लिया। इतनी भीड़ के बाद भी कार्यक्रम शांतिपूर्ण रहा।
दानदाताओं ने खुलकर दान दिया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री आदर्श रामलीला के पदाधिकारी पंडित जयदेव शर्मा ने भगवान की रोचक शाब्दिक व्याख्या की, जो लोगों को काफी पसंद आई। उन्होंने कहा कि भ से भूमि,ग से गगन, व से वायु, ा से आग और न से नीर इन पांचों तत्वों पर सकुशल नियंत्रण करने वाले श्रीकृष्ण जैसे ही भगवान हुए हैं। साथ ही उन्होंने उपस्थितजनों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बधाई भी दी।
मुख्य अतिथि श्री नागर ने उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि सूरजपुर में यह सफल आयोजन निश्चित रूप से समाज में धार्मिक प्रवाह को और गति देगा, इससे समाज का कल्याण होगा। सफल आयोजन के लिए शिव मंदिर सेवा समिति के कार्यकर्ताओं की भूरि-भूरि प्रशंसा की। मंच संचालन में भाजपा के जिला मंत्री लक्ष्मण सिंघल ने अपनी वाकपटुता से कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। महासचिव ओमवीर बैसला ने कार्यक्रम की शुरुआत से अंत तक अथक परिश्रम करके आयोजन को यादगार बना दिया। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर आसोजित भजन संध्या की शुरुआत स्नेह शिक्षा निकेतन के व्यवस्थापक अनिल कुमार सोनी की होनहार बेटियों डोली और काजल ने श्रीकृष्ण के गीत पर आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करके किया। इसके बाद भजन संध्या को रंगारंग बनाने आई कंपनी के कलाकारों ने अपने अनूठे अंदाज से सूरजपुर के निवासियों को भक्ति रस से सराबोर कर दिया। गायिका अंशु बत्रा व उनके साथियों ने बड़े ही रोचक तरीके से भजनों को प्रस्तुत किया। उनके भजनों से मंत्रमुग्ध होकर अनेक स्थानीय महिलाओं व कन्याओं ने भी नृत्य कर कन्हैया जी की हाजिरी लगाई। शाम से ही जनसैलाब उमड़ पड़ा और जैसे-जैसे भजन संध्या आगे बढ़ी लोगों के आने का सिलसिला देर रात तक जारी रहा। मंदिर परिसर में इतनी विशाल भीड़ उपस्थित थी कि वहां तिल रखने को जगह नहीं थी। लोगों ने आस-पास की छतों और बालकनियों से भजन संध्या का आनंद लिया। इतनी भीड़ के बाद भी कार्यक्रम शांतिपूर्ण रहा।
दानदाताओं ने खुलकर दान दिया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री आदर्श रामलीला के पदाधिकारी पंडित जयदेव शर्मा ने भगवान की रोचक शाब्दिक व्याख्या की, जो लोगों को काफी पसंद आई। उन्होंने कहा कि भ से भूमि,ग से गगन, व से वायु, ा से आग और न से नीर इन पांचों तत्वों पर सकुशल नियंत्रण करने वाले श्रीकृष्ण जैसे ही भगवान हुए हैं। साथ ही उन्होंने उपस्थितजनों को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बधाई भी दी।
सीएसआर के तहत आईटीएस में हेल्थ चेकअप आयोजित
ग्रेटर नोएडा (ब्यूरो)। आईटीएस इन्जीनियरिंग कॉलेज, ग्रेटर नोएडा के कॉर्पोरेट सोसल रिस्पोन्सिबिलिटी (सीएसआर) ने एक स्वास्थ्य सोसाईटी के उद्देश्य से मुफ्त हैल्थ चैकअप का आयोजन कराया। इस कार्यक्रम को श्री सरोज ढाल, जो कि असिस्टेंट प्रोफेसर इंडस्ट्रियल सोशियोलॉजी डिपार्टमेंट आफ एप्लाइड साइंस एण्ड ह्यूमिनिटीज ने संभाला।
कार्यक्रम को फोर्टिस एस्कार्ट हार्ट इंस्टीट्यूट ओखला नई दिल्ली के साथ आयोजित किया गया। हार्ट चैकअप के लिए 6-8 लोगो की टीम आई जिसके हैड डा नीरज अवस्थी थे। ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, ईसीजी और कंसलटेशन के लिए फ्री चेकअप था। उन्होने यह भी कहा कि अगर ''ईको टेस्टÓÓ हुए तो फोर्टिस एस्कार्ट हार्ट इंस्टीट्यूट ओखला नई दिल्ली में होगें।
यह आयोजन प्रात: 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक हुआ। संकाय सदस्यों व स्टाफ 150 ने इस कार्यक्रम में फ्री चैकअप कराया। उनके मुख पर उतसुक्ता व प्रसन्नता दिखाई दे रही थी। एक्सपर्ट टीम ने हर व्यक्ति को सलाह दी व हर्ट-रिस्क से बचने के तरीके बताए।
प्रात: 10 बजे से दोपहर 2 बजे विद्यार्थियो, संकाय सदस्यों व स्टाफ के लिए एक हेल्थ टाल्क का आयोजन हुआ। जिसका उददेश्य लाइफ स्टाइल मैनेजमेंट एण्ड प्रिवेन्टिव मेजर पर वार्ता करना था। जिसको सीनियर कंसलटेंट डा नीरज अवस्थी ने दिया।
उन्होने कहा कि दिल से जुडी बीमारियां मृत्यु तक करा सकती है। परन्तु इसका मतलब यह नही है कि आप इसको अपनी किस्मत समझें। हमारे अन्दर ऐसे रिस्क से बचने की शक्ति है। क्योंकि बहुत से तरीके हैं जो इस बीमारी को रोकने में हमारी मदद कर सकते हैं। न हम बहुत छोटे हैं, न ही बहुत वृद्ध कि हम अपने ह्रदय का ध्यान न रख सके। व्यायाम करना, खाना समय पर खाना तथा अन्य बुरी आदते हमारी जिंदगी को बरबाद कर सकती हैं। कोई भी, किसी भी उम्र में ह्रदय को स्वस्थ्य को रखने के उपाय कर सकता है। आने वाली जिंदगी में ह्रदय रोग से बचने के लिए हम एक स्वस्थ जीवन को अपना सकते हैं।
1.धूम्रपान, शराब व तंबाकू का निषेध:-
धूम्रपान व तंबाकू का सेवन करना ह्रदय रोग बढाने का एक बहुत ही विशाल कारण है। तंबाकू मे पडऩे वाले कैमिकल्स हमारे ह्रदय व ब्लड को नुकसान पहॅुचाते हैं। कॉर्बन मोनो आक्साइड, हमारे खून में से ऑक्सीजन की मात्रा को कम कर देती है, जिसके कारण हमारा ब्लड प्रेशर व हार्ट रेट बहुत ही अधिक मात्रा मे बढ़ जाता है। इन सब मे सबसे अच्छी बात यह है कि अगर हम धूम्रपान छोड़ दें तो ह्रदय रोगों मे होने वाली वृद्धि कम की जा सकती है व जो व्यक्ति धूम्रपान नही करता हो उस इंसान का स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
2. 0 मिनट तक व्यायाम हफ्ते में ज्यादा से ज्यादा दिन किया जए
यदि हम रोज व्यायाम करे तो हम ह्रदय रोग के लक्षण काफी कम कर सकते हैं तथा यदि हम अपनी रोज करने वाली क्रियाओं में शारीरिक काम को भी शामिल कर लें तो और भी लाभ उठा सकते है।
3.साफ व स्वस्थ भोजन:-
स्वस्थ भोजन करने से हम ह्रदय रोगो को कम कर सकते हैं। फल व सब्जियॉ ह्रदय रोगो को कम करती है।
4.उचित वजन को बनाए रखें:-
अगर हमें अपना उचित वजन रखना है तो हमे हमारा बॉडी मास इन्डेक्स को समझकर चलना होगा। बॉडी मास इन्डेक्स में हमारी लम्बाई व वजन से हमारे स्वस्थ होने या न होने के बारे मे पता चलता है।
5.जरूरत है उचित आराम की:-
ऐसे व्यक्ति जो आराम नहीं करते या समय पर निद्रा नही करते, उन्हे अधिक ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक, डाईबिटीज आदि बीमाारियों का सामना करना पड़ता है।
6.अपने शरीर का सरल ध्यान रखें:-
हाई ब्लड प्रेशर व हाई कॉलेस्ट्राल हमारे ह्रदय को नुकसान पहुॅचा सकता है। जबतक हम इनको दिखाएॅगें नही तो हमे नही पता चलेगा कि इनकी हालत क्या है। इस लिए समय समय पर दिखाने से हम समझ सकते हैं कि हमे क्या करना चाहिए।
इस वार्ता में वहॉ पर मौजूद व्यक्तियों को बहुत लाभ व जानकारी मिली। कॉर्डिनेटर श्री सरोज ढाल ने सभी संकाय सदस्यों, विद्यार्थियों का आभार प्रकट किया जिनकी वजह से यह कैम्प सफल हुआ।
कार्यक्रम को फोर्टिस एस्कार्ट हार्ट इंस्टीट्यूट ओखला नई दिल्ली के साथ आयोजित किया गया। हार्ट चैकअप के लिए 6-8 लोगो की टीम आई जिसके हैड डा नीरज अवस्थी थे। ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, ईसीजी और कंसलटेशन के लिए फ्री चेकअप था। उन्होने यह भी कहा कि अगर ''ईको टेस्टÓÓ हुए तो फोर्टिस एस्कार्ट हार्ट इंस्टीट्यूट ओखला नई दिल्ली में होगें।
यह आयोजन प्रात: 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक हुआ। संकाय सदस्यों व स्टाफ 150 ने इस कार्यक्रम में फ्री चैकअप कराया। उनके मुख पर उतसुक्ता व प्रसन्नता दिखाई दे रही थी। एक्सपर्ट टीम ने हर व्यक्ति को सलाह दी व हर्ट-रिस्क से बचने के तरीके बताए।
प्रात: 10 बजे से दोपहर 2 बजे विद्यार्थियो, संकाय सदस्यों व स्टाफ के लिए एक हेल्थ टाल्क का आयोजन हुआ। जिसका उददेश्य लाइफ स्टाइल मैनेजमेंट एण्ड प्रिवेन्टिव मेजर पर वार्ता करना था। जिसको सीनियर कंसलटेंट डा नीरज अवस्थी ने दिया।
उन्होने कहा कि दिल से जुडी बीमारियां मृत्यु तक करा सकती है। परन्तु इसका मतलब यह नही है कि आप इसको अपनी किस्मत समझें। हमारे अन्दर ऐसे रिस्क से बचने की शक्ति है। क्योंकि बहुत से तरीके हैं जो इस बीमारी को रोकने में हमारी मदद कर सकते हैं। न हम बहुत छोटे हैं, न ही बहुत वृद्ध कि हम अपने ह्रदय का ध्यान न रख सके। व्यायाम करना, खाना समय पर खाना तथा अन्य बुरी आदते हमारी जिंदगी को बरबाद कर सकती हैं। कोई भी, किसी भी उम्र में ह्रदय को स्वस्थ्य को रखने के उपाय कर सकता है। आने वाली जिंदगी में ह्रदय रोग से बचने के लिए हम एक स्वस्थ जीवन को अपना सकते हैं।
1.धूम्रपान, शराब व तंबाकू का निषेध:-
धूम्रपान व तंबाकू का सेवन करना ह्रदय रोग बढाने का एक बहुत ही विशाल कारण है। तंबाकू मे पडऩे वाले कैमिकल्स हमारे ह्रदय व ब्लड को नुकसान पहॅुचाते हैं। कॉर्बन मोनो आक्साइड, हमारे खून में से ऑक्सीजन की मात्रा को कम कर देती है, जिसके कारण हमारा ब्लड प्रेशर व हार्ट रेट बहुत ही अधिक मात्रा मे बढ़ जाता है। इन सब मे सबसे अच्छी बात यह है कि अगर हम धूम्रपान छोड़ दें तो ह्रदय रोगों मे होने वाली वृद्धि कम की जा सकती है व जो व्यक्ति धूम्रपान नही करता हो उस इंसान का स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
2. 0 मिनट तक व्यायाम हफ्ते में ज्यादा से ज्यादा दिन किया जए
यदि हम रोज व्यायाम करे तो हम ह्रदय रोग के लक्षण काफी कम कर सकते हैं तथा यदि हम अपनी रोज करने वाली क्रियाओं में शारीरिक काम को भी शामिल कर लें तो और भी लाभ उठा सकते है।
3.साफ व स्वस्थ भोजन:-
स्वस्थ भोजन करने से हम ह्रदय रोगो को कम कर सकते हैं। फल व सब्जियॉ ह्रदय रोगो को कम करती है।
4.उचित वजन को बनाए रखें:-
अगर हमें अपना उचित वजन रखना है तो हमे हमारा बॉडी मास इन्डेक्स को समझकर चलना होगा। बॉडी मास इन्डेक्स में हमारी लम्बाई व वजन से हमारे स्वस्थ होने या न होने के बारे मे पता चलता है।
5.जरूरत है उचित आराम की:-
ऐसे व्यक्ति जो आराम नहीं करते या समय पर निद्रा नही करते, उन्हे अधिक ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक, डाईबिटीज आदि बीमाारियों का सामना करना पड़ता है।
6.अपने शरीर का सरल ध्यान रखें:-
हाई ब्लड प्रेशर व हाई कॉलेस्ट्राल हमारे ह्रदय को नुकसान पहुॅचा सकता है। जबतक हम इनको दिखाएॅगें नही तो हमे नही पता चलेगा कि इनकी हालत क्या है। इस लिए समय समय पर दिखाने से हम समझ सकते हैं कि हमे क्या करना चाहिए।
इस वार्ता में वहॉ पर मौजूद व्यक्तियों को बहुत लाभ व जानकारी मिली। कॉर्डिनेटर श्री सरोज ढाल ने सभी संकाय सदस्यों, विद्यार्थियों का आभार प्रकट किया जिनकी वजह से यह कैम्प सफल हुआ।
श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के कार्यक्रम में झूमे लोग
ग्रेटर नोएडा (ब्यूरो)। अल्फा-2 स्थित कमर्शियल बेल्ट में चल रहे कृष्णजन्मोत्सव मेला रात 12 बजते ही जय कन्हैया लाल की , हाथी घोडा पाल की,जय श्री कृष्णा, राधे-राधे,हरे कृष्णा-हरे रामा के जयकारों से गूंज उठा। समय था भगवान श्री कृष्ण के जन्म समारोह का। इससे पहले श्री कृष्णा जन्मोत्सव समिति द्वारा आयोजित कृष्णजन्मोत्सव मेले में चल रहे सांस्कृतिक मंच पर प्रोफेशनल कलाकारों ने धूम मचाई। डॉ.प्रीती त्यागी एंड ग्रुप ने सत्यभामा पर आधारित नाटिका पेश किया। दिल्ली से आयी श्रेया एंड ग्रुप ने कत्थक डांस का बेहतरीन प्रस्तुति देकर दर्शकों की तालियां बटोरी। दिल्ली के ही बूगी ग्रुप ने भगवन श्री कृष्ण के विभिन्न प्रसंगो का नृत्य व स्टंट के अनोखे संगम से प्रस्तुति देकर समां बाँध दिया। ग्रेटर नोएडा के डांस लैब ग्रुप के सतीश और रोशन की जोड़ी ने क्रिएटिव डांस के जरिये कृष्ण के विभिन्न रूपों को दिखा कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। रात 12 बजते ही लोगों कृष्णा की भक्ति में डूब गए। भगवान श्री कृष्ण की जय जय कार माहौल कृष्णभक्तिमय हो गया। वैदिक मंत्रोचार के साथ भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना की गयी। आरती के बाद भक्तों में प्रसाद का वितरण किया गया। इस मौके पर कृष्णजन्मोत्सव समिति अध्यक्ष प्रभाकर देशमुख, अतुल गांधी, राजीव भाटी आदि मौजूद रहे।
सभी वर्गों को जोडऩे के लिए भाजपा का सदस्यता अभियान
ग्रेटर नोएडा (ब्यूरो)। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में समाज के हर वर्ग से मिले वोटों से उत्साहित हो कर भारतीय जनता पार्टी ने इन सभी वर्गों को पार्टी से जोडऩे के लिए आगामी 25 अगस्त से 25 सितम्बर तक विशेष सदस्यता अभियान चलाने का निर्णय लिया है। पार्टी ने सदस्यता अभियान में 1500 नए सदस्यों को बनाने का लक्ष्य रखा है । पार्टी ने सदस्यता अभियान के लिए सभी अनुषांगिक संगठनों को साथ लेकर महत्वपूर्ण योजना बनाई गई है।
दनकौर स्थित सरस्वती शिक्षा मंदिर में पार्टी की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष ठाकुर हरीश सिंह ने की और मुख्य अतिथि क्षेत्रीय उपाध्यक्ष महेश अग्रवाल रहे। बैठक में सदस्यता अभियान के अलावा विधानसभा के उपचुनाव सहित कई मुद्दों पर चर्चा की गई। बैठक का मंच संचालन जिला महामंत्री सुशील शर्मा ने किया।
पार्टी के जिला मीडिया प्रभारी पं. कर्मवीर आर्य ने यह जानकारी देते हुए बताया कि पार्टी का सदस्यता अभियान बूथ स्तर तक चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि आगामी 25 अगस्त से 25 सितम्बर तक चलने वाले विशेष सदस्यता अभियान में पार्टी के युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, पिछड़ा वर्ग मोर्चा, दलित एवं अनुसूचित मोर्चा सहित सभी मोर्चों का सहयोग लिया जाएगा।
श्री आर्य ने बताया कि सेक्टर व बूथ स्तर पर नए सदस्य बनाने के लिए सेक्टर अध्यक्ष, बूथ अध्यक्ष, बूथ प्रमुख, सेक्टर प्रमुख, सेक्टर प्रभारी आदि की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होने बताया कि सदस्यता अभियान में बनाए गए नए सदस्यों को लेकर आगामी नवंबर माह में सदस्यता सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।
बैठक में प्रमुख रूप से मुकेश ठाकुर, वीरेन्द्र भाटी, हरिदत्त शर्मा, रजत शर्मा, सतीश गुलिया, विजय भाटी, राम कुमार मीणा, राजेश गोयल, माया कौशिक, गुरुदेव भाटी, अजीत चौहान, जयवीर सिंह, बीना शुक्ला, अनिल मांगलिक,गुरुदेव,अनिल गौतम, विजेन्द्र चौधरी, सुधांशु पुण्डीर, हरीश शिशोदिया, धर्मेन्द्र सिंह, अनिल पंडित, नीरज शर्मा, चरणजीत नागर और संतराम आदि उपस्थित थे।
दनकौर स्थित सरस्वती शिक्षा मंदिर में पार्टी की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता जिला अध्यक्ष ठाकुर हरीश सिंह ने की और मुख्य अतिथि क्षेत्रीय उपाध्यक्ष महेश अग्रवाल रहे। बैठक में सदस्यता अभियान के अलावा विधानसभा के उपचुनाव सहित कई मुद्दों पर चर्चा की गई। बैठक का मंच संचालन जिला महामंत्री सुशील शर्मा ने किया।
पार्टी के जिला मीडिया प्रभारी पं. कर्मवीर आर्य ने यह जानकारी देते हुए बताया कि पार्टी का सदस्यता अभियान बूथ स्तर तक चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि आगामी 25 अगस्त से 25 सितम्बर तक चलने वाले विशेष सदस्यता अभियान में पार्टी के युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, पिछड़ा वर्ग मोर्चा, दलित एवं अनुसूचित मोर्चा सहित सभी मोर्चों का सहयोग लिया जाएगा।
श्री आर्य ने बताया कि सेक्टर व बूथ स्तर पर नए सदस्य बनाने के लिए सेक्टर अध्यक्ष, बूथ अध्यक्ष, बूथ प्रमुख, सेक्टर प्रमुख, सेक्टर प्रभारी आदि की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होने बताया कि सदस्यता अभियान में बनाए गए नए सदस्यों को लेकर आगामी नवंबर माह में सदस्यता सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।
बैठक में प्रमुख रूप से मुकेश ठाकुर, वीरेन्द्र भाटी, हरिदत्त शर्मा, रजत शर्मा, सतीश गुलिया, विजय भाटी, राम कुमार मीणा, राजेश गोयल, माया कौशिक, गुरुदेव भाटी, अजीत चौहान, जयवीर सिंह, बीना शुक्ला, अनिल मांगलिक,गुरुदेव,अनिल गौतम, विजेन्द्र चौधरी, सुधांशु पुण्डीर, हरीश शिशोदिया, धर्मेन्द्र सिंह, अनिल पंडित, नीरज शर्मा, चरणजीत नागर और संतराम आदि उपस्थित थे।
जीएल बजाज: सिखाए गए प्रबन्धन के गुण
ग्रेटर नोएडा (ब्यूरो)। जीएल बजाज संस्थान में प्रबन्धन छात्रों का ओरिण्टेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें प्रबन्धन के नवप्रवेशित छात्रों के अतिरिक्त कई अभिभावक भी उपस्थित थे।
प्रबन्धन एक गंभीर विषय है तथा छात्रों को इससे जुड़ी चकाचौध से भ्रमित नही होना चाहिए। यह बात श्री कमलदेव सिंह सीईओ, त्रिशांक भारती कोआपरेटिव लिमिटेड ने छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहीं। इस कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्तियों ने नये छात्रों से वार्ता की । इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों को न सिर्फ कालेज से सम्बन्धित जानकारी देना था बल्कि प्रबन्धन के लिए जरूरी व्यक्तिगत गुणों के बारे में बताना भी था। संस्थान की प्रवक्ता डॉ. अनुभा श्रीवास्तव ने बताया कि पूरे उन्मुखीकरण कार्यक्रम का जोर छात्रों को उनका लक्ष्य निर्धारित करने, समय प्रबन्धन, अच्छा पेशेवर होने के लिए गुण एवं संस्कार पैदा करना, राष्ट्र व पेशे के प्रति प्रतिबद्धता की भावना विकसित करना, ईमानदारी, पारदर्शिता एवं उत्कृष्टता विकसित करना था। ओरिएण्टेशन कार्यक्रम का संयोजन प्रोफेसर मुकुल गुप्ता, डीन-एमबीए ने किया। जीएल बजाज संस्थान के निदेशक डॉ. राजीव अग्रवाल, ने अपने स्वागत भाषण में छात्रों से पढ़ाई तथा अनुशासन के प्रति प्रतिबद्धता का आवाहन किया। कार्यक्रम के पहले दिन श्री कमलदेव तथा श्री अजीज खान सीईओ, इमिथ्रा एक्स डीजीएम यूनिवर्सिटी रिक्रूटमेेंट आईबीएम ने छात्रों को सम्बोधित किया।
श्री सिद्धार्थ मिश्रा, इण्टरनेशनल सोसाइटी फार स्माल एण्ड मीडियम इण्टरप्राइज, श्री मोहन उपाध्याय-पी एण्ड जी (मैनेजर) तथा श्री दिव्यांशू अग्रवाल कोआपरेट ट्रेनर-एचसीएल ने मुख्य वक्ता के तौर पर 22 अगस्त को छात्रों को सम्बोधित किया। कार्यक्रम के तीसरे व अन्तिम दिन श्री रजनीश सिन्हा, ग्लोबल टैलेण्ट, एक्वीजन लीडर श्री एस पी वर्मा जिन्दल स्टील, श्री शुभांकर घोष-चीफ मैनेजर एच आर-मुत्थुत फाइनेन्स कारपोरेशन, श्री अभिषेक कुमार सीईओ, एचक्यूएस तथा श्री रजित सिक्का मैनेजर एकेडेमिक रिलेशनशिप-टीसीएस छात्रों से रूबरू हुए।
प्रबन्धन एक गंभीर विषय है तथा छात्रों को इससे जुड़ी चकाचौध से भ्रमित नही होना चाहिए। यह बात श्री कमलदेव सिंह सीईओ, त्रिशांक भारती कोआपरेटिव लिमिटेड ने छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहीं। इस कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्तियों ने नये छात्रों से वार्ता की । इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों को न सिर्फ कालेज से सम्बन्धित जानकारी देना था बल्कि प्रबन्धन के लिए जरूरी व्यक्तिगत गुणों के बारे में बताना भी था। संस्थान की प्रवक्ता डॉ. अनुभा श्रीवास्तव ने बताया कि पूरे उन्मुखीकरण कार्यक्रम का जोर छात्रों को उनका लक्ष्य निर्धारित करने, समय प्रबन्धन, अच्छा पेशेवर होने के लिए गुण एवं संस्कार पैदा करना, राष्ट्र व पेशे के प्रति प्रतिबद्धता की भावना विकसित करना, ईमानदारी, पारदर्शिता एवं उत्कृष्टता विकसित करना था। ओरिएण्टेशन कार्यक्रम का संयोजन प्रोफेसर मुकुल गुप्ता, डीन-एमबीए ने किया। जीएल बजाज संस्थान के निदेशक डॉ. राजीव अग्रवाल, ने अपने स्वागत भाषण में छात्रों से पढ़ाई तथा अनुशासन के प्रति प्रतिबद्धता का आवाहन किया। कार्यक्रम के पहले दिन श्री कमलदेव तथा श्री अजीज खान सीईओ, इमिथ्रा एक्स डीजीएम यूनिवर्सिटी रिक्रूटमेेंट आईबीएम ने छात्रों को सम्बोधित किया।
श्री सिद्धार्थ मिश्रा, इण्टरनेशनल सोसाइटी फार स्माल एण्ड मीडियम इण्टरप्राइज, श्री मोहन उपाध्याय-पी एण्ड जी (मैनेजर) तथा श्री दिव्यांशू अग्रवाल कोआपरेट ट्रेनर-एचसीएल ने मुख्य वक्ता के तौर पर 22 अगस्त को छात्रों को सम्बोधित किया। कार्यक्रम के तीसरे व अन्तिम दिन श्री रजनीश सिन्हा, ग्लोबल टैलेण्ट, एक्वीजन लीडर श्री एस पी वर्मा जिन्दल स्टील, श्री शुभांकर घोष-चीफ मैनेजर एच आर-मुत्थुत फाइनेन्स कारपोरेशन, श्री अभिषेक कुमार सीईओ, एचक्यूएस तथा श्री रजित सिक्का मैनेजर एकेडेमिक रिलेशनशिप-टीसीएस छात्रों से रूबरू हुए।
मुफ्त स्वास्थ्य शिविर में 462 लोगो ने कराई जांच
ग्रेटर नोएडा (ब्यूरो)। मंडी श्यामनगर में शनिवार को रोटरी क्लब आफ ग्रीन ग्रेटर नोएडा द्वारा स्वास्थ्य जांच शिविर को निशुल्क आयोजन किया गया जिसमें 462 लोगों ने स्वास्थ्य जांच कराई। रोटेरियन अशोक अग्रवाल ने बताया कि शिविर में दांत, आंख नाक, कान गला व सामान्य रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा जांच की गई जिसमें आंखों की जांच कराने वाले सबसे ज्यादा लोग रहे जिनकी संख्या 234 रही। जे.पी. हास्पीटल के डा. दीपक ने सभी की जांच कर उन्हे आई ड्राप व अन्य उपचार के बारे में बताया । क्लब के कोषाध्यक्ष केके शर्मा ने बताया कि बदलते मौसम के कारण ई. एन. टी. व सामान्य रोगों के भी 235 मरीजों की जांच की गई। डा. अजित व डॉ. अमित ने सभी का चैकप किया व दवाइयां लिखी। डॉ. नन्दनी ने 68 दांतों के मरीजों की जांच कर उन्हें उपचार के बारे में बताया। जेपी हास्पिटल के सहयोग से आयोजित शिविर में निशुल्क जांच, निशुल्क दवाइयों के साथ-साथ ब्लड प्रेशर, सुगर व ईसीजी की जांच भी की गई।
क्लब के अध्यक्ष सौरभ बंसल ने बताया कि इस तरह के शिविरों के माध्यम से ग्रामीण इलाकों में अनुभवी डॉक्टरों से जांच कराकर लोगों को स्वास्थ्य लाभ के लिए आगे भी अन्य ग्रामीण इलाकों में शिविर लगाए जाएंगे।
इस अवसर पर पारुल गुप्ता, विनोद कसाना, नरेन्द्र यादव, अमित गोयल, मुकुल गोयल, एमपी सिंह, गिरीश जिंदल, रविन्द्र भाटी, अनिल चौधरी व राकेश सिंघल सहित अन्य भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
क्लब के अध्यक्ष सौरभ बंसल ने बताया कि इस तरह के शिविरों के माध्यम से ग्रामीण इलाकों में अनुभवी डॉक्टरों से जांच कराकर लोगों को स्वास्थ्य लाभ के लिए आगे भी अन्य ग्रामीण इलाकों में शिविर लगाए जाएंगे।
इस अवसर पर पारुल गुप्ता, विनोद कसाना, नरेन्द्र यादव, अमित गोयल, मुकुल गोयल, एमपी सिंह, गिरीश जिंदल, रविन्द्र भाटी, अनिल चौधरी व राकेश सिंघल सहित अन्य भारी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
देश की जरूरतों को पूरा करने में आईआईटी सहयोग दें:राष्ट्रपति
नई दिल्ली(ब्यूरो)। राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने आईआईटी से आग्रह किया कि वह अग्रणी प्रौद्योगिकी विकसित करने के प्रयासों में प्रमुख भूमिका निभाएं और उनका उपयोग देश की कई प्रकार की आवश्यकताओं को पूरा करने में करे तथा यह प्रौद्योगिकी अन्य विकासशील देशों को भी निर्यात की जाए। उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों के अध्यक्षों, बोर्ड ऑफ गर्वनर्स और निदेशकों के सम्मेलन के समापन सत्र में दिए अपने संबोधन में यह बात कही।
राष्ट्रपति ने कहा कि आईआईटी द्वारा तैयार की गई प्रस्तुतियों में स्थानीय समुदाय की सक्रिय भागीदारी के प्रति उनकी प्रतिबद्धता झलकती है और लगता है कि आईआईटी उद्योग और अकादमिक संस्थानों के साथ सहयोग करके अग्रणी अनुसंधान करना चाहते है। आईआईटी से कुछ बेहतर सुझाव मिले हैं, जिनमें बढिय़ा व्यवहारकुशल प्रौद्योगिकी को साझा करना, अनुसंधान पत्रों के प्रकाशन की संख्या को बढ़ाने के प्रयास करना, प्रतिवर्ष 3 से 5 अनुसंधान पत्र प्रकाशित करने का लक्ष्य, बेहतर फैकल्टी के लिए डॉक्टरेट की उपाधि को बढ़ावा देना, पाठ्यक्रम में लगातार सुधार और संशोधन करना और प्रत्येक वर्ष हर आईआईटी में कंपनियों के निर्माण का प्रयास करना शामिल है।
राष्ट्रपति ने कहा कि वे ईशान विकास की परिकल्पना के बारे में जानकर अति प्रसन्न हुए। ईशान विकास.पूर्वोत्तर राज्यों के स्कूली बच्चों को स्कूल से अवकाश के दौरान आईआईटी और आईआईएसईआरएस से जोडऩे की एक व्यापक योजना है। इस कदम को जल्द से जल्द कार्यान्वित करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय और आईआईटी की परिषदों के बीच सहयोग की आवश्यकता है। राष्ट्रपति ने कहा कि सीखने में समर्थ प्रौद्योगिकी और विशाल मुक्त ऑनलाइन पाठ्यक्रम (एमओओसी) विषय पर आईआईटी.दिल्ली के निदेशक द्वारा तैयार की गई प्रस्तुती को देखकर वे प्रसन्न हुए। यह पाठ्यक्रम काफॅी आगे के है और भारत में पढ़ाने की पारंपरिक पद्धतियों विशेष रूप से उच्च शिक्षा में सहायता के लिए इनका उपयोग किया जाना चाहिए। यह महत्वपूर्ण है कि इन पाठ्यक्रमों के लिए स्पष्ट समयसीमा सुनिश्चित की जानी चाहिए और देश की जरूरतों को ध्यान में रखकर इन पाठ्यक्रमों को विकसित किया जाना चाहिए। एकदिवसीय सम्मेलन में विश्व स्तर पर आईआईटी की रैंकिंग को सुधारने के लिए आवश्यक कदमों, अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहन देने, अध्यापन में प्रौद्योगिकी का उपयोग और ऑनलाइन सीखने की प्रक्रिया आदि पर विचार किया गया।
आईआईटी की समुदायों के साथ साझेदारीए संसाधन और संस्थान के पूर्व छात्रों को संघटित करने पर विचार किया गया। सम्मेलन में आईआईटी के 29 अध्यक्षए बोर्ड ऑफ गर्वनर्स और निदेशकों ने भाग लिया।
Friday, 22 August 2014
BJP 's behaviour to non BJP is right or ?
haryana cm bhupendra singh hudda and jharkhand cm hemant soren is hooted by BJP worker in front of prime minister narendra modi is right or wrong.
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