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Friday, 29 August 2014

सक्सेस का मूल मंत्र है सेल्फ कांफिडेंस

ड्रीमलाइन एक्सप्रेस
नई दिल्ली। जिंदगी का हर क्षेत्र में सफलता हासिल करने के लिए सबसे जरूरी है कि आपके भीतर सेल्फ कांफिडेंस   हो। हालांकि कुछ लोग बिना किसी खास कारणों के ही अपने भीतर सेल्फकांफिंडेंस की कमी महसूस करने लगते हैं। यह प्रवृत्ति उन्हें हमेशा दूसरों से पीछे ही करने का काम करती है। इसलिए इन कारणों को दूर करने का प्रयास करते हुए हमेशा अपने सेल्फ कांफिंडेंस जगाने का काम करें और जिंदगी में आगे बढ़ें।
अगर किसी व्यक्ति का आत्मविश्वास कमजोर हो तो उसे सबसे पहले अपनी समस्या पहचान कर हल खोजने की दिशा में प्रयास करना चाहिए। यूं तो कोई भी व्यक्ति परफेक्ट नहीं होता।
कुछ न कुछ कमी हर किसी में होती है, कुछ लोग अपनी कमियों को दूर कर लेते है, तो कुछ इनमें बिना बदलाव लाए भी अपना काम चला लेते हैं। ऐसे लोगों को जिंदगी के साथ एडजस्टमेंट में कोई खास परेशानी नहीं होती। समस्या तब आती है, जब कोई व्यक्ति अपनी कमियों में सुधार लाने की कोशिश नहीं करता और सिर्फ  उनके बारे में सोचता रहता है। ऐसे लोगों के आत्मविश्वास में तेजी से कमी आती है। अगर आपके साथ भी ऐसी समस्या है, तो आपको आज से ही इसे दूर करने के प्रयासों में जुट जाना चाहिए।सामाजिक व्यवहार में संकोच महसूस करना आत्मविश्वास की कमी का बड़ा कारण है। आज के जमाने में स्रफलता हासिल करने के लिए सामाजिक व्यवहार में निपुण होना जरूरी है। अगर भीड़ वाली जगहों या सार्वजनिक स्थलों पर आपको लोगों से बातचीत में दिक्कत महसूस होती है तो इसके लिए सबसे पहले अकेले में जोर से बोलने की प्रैक्टिस करें। लो सेल्फ.एस्टीम वाले लोगों में एक खास तरह की सोच होती है, जिसे ऑल ऑर, नन थिंकिंग कहा जाता है। ऐसे लोग किसी भी विषय के चरमबिंदु पर जाकर सोचते हैं। ये खुद को या तो बहुत अच्छा या बहुत खराब मानते हैं।  दुनिया को देखते समय भी इनका यही नजरिया होता है। यह प्रवृत्ति इंसान को आगे बढ़ाने के बजाय पीछे की ओर धकेलती है। खुद को इससे बचाने के लिए एक चेकलिस्ट बनाएं। जिसमें एक ओर अपनी अच्छाइयों और दूसरी ओर अपनी खामियों को लिखें। फिर कमियां दूर कर अच्छाइयों को बढ़ाने की कोशिश करें। आत्मविश्वास से असंभव लगने वाला कार्य भी संभव बनाया जा सकता है।इसके तहत एक बहुत ही आसान एक्सरसाइज है, जिसे सेल्फ टॉक कहा जाता है। इसमें लोगों से कहा जाता है कि वे मन ही मन अपने आप से बातें करते हुए खुद अपना आत्मविश्वास जगाएं। ध्यान रहे कि इस दौरान आप अपनी बहुत ज्यादा गलतियां न निकालें। सिर्फ  अपनी किसी एक कमजोरी पर फोकस करते हुए उसे दूर करने लिए खुद से कहें कि यह काम ज्यादा मुश्किल नहीं है, मैं इसे खुद करके देखता-देखती हूं या मुझे पक्का यकीन है कि मैं इसे अच्छे से कर पाऊंगा-पाऊंगी।
जिन लोगों का दृष्टिकोण नकारात्मक होता है, वे पहली बार में पूरे विश्वास के साथ खुद से काम पूरा करने का वादा नहीं कर पाते। ऐसे लोगों को शुरू से खुद से यह कहना चाहिए,यह काम मैं करके देखता-देखती हूं। हो सकता है कि सफलता मिल जाए। इसके बाद व्यावहारिक जीवन में इसे सचेत तरीके से लागू करें।
हर इंसान में आत्मविश्वास की कमी के कारण अलग-ञअलग होते हैं। इसलिए विशेषज्ञ द्वारा ऐसे लोगों को उनकी समस्या के स्वरूप और उसकी गंभीरता को ध्यान में रखते हुए सेल्फ एस्टीम बढ़ाने के लिए एक्सरसाइज बताई जाती है।
अपने इस मिशन पर काम करते हुए धैर्य का साथ न छोड़ें। मिसाल के तौर पर अगर आपको दूसरों से नजरें मिला कर बातें करने में घबराहट महसूस होती है, तो सबसे पहले आपको शीशे के सामने खड़े होकर खुद से नजरें मिलाकर खुलकर बात करने की कोशिश करनी चाहिए। ऐसी प्रैक्टिस करने के बाद जब आप खुद को पूर्ण रूप से सहज महसूस करने लगें, तो दूसरों से नजरें मिलाकर उनका अभिवादन करें।

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