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Sunday, 7 September 2014

तपेदिक एक राष्ट्रीय आपदा है : डॉ. हर्षवर्धन

 ईमेल संग्रह से लड़ी जाएगी बीमारी से जंग
नई दिल्ली(डीएलई)। सरकार और देश के सभी डॉक्टरों के बीच कनेक्टिविटी कायम करने के लिए एक ईमेल संग्रह तैयार करने की योजना बनाई गई है। इसका उद्देश्य संसाधनों को एकत्र करना है, ताकि बीमारियों के बोझ को कम किया जा सके। सरकारी डॉक्टरों के साथ-साथ प्राइवेट प्रैक्टिस करने वालों को भी इसके दायरे में लाया जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉण् हर्षवर्धन ने शनिवार को यहां प्रथम राष्ट्रीय तपेदिक दवा प्रतिरोधक सर्वेक्षण का शुभारंभ किए जाने के मौके पर इस आशय की घोषणा करते हुए कहाए ईमेल संग्रह बनाने से खासकर तपेदिक के खिलाफ राष्ट्रीय जंग लडऩे में मदद मिलेगीए जिसके बारे में सूचना देना आवश्यक है। इससे सभी स्वास्थ्य अधिकारियों,सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं हेल्थ केयर प्रदान करने वालोंए जन स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं और हेल्थ केयर प्रोफेशनलों को तत्काल संबंधित सूचनाएं भेजी जा सकेंगी।डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि ष्इस ईमेल संग्रह का इस्तेमाल सभी डॉक्टरों को नए चिकित्सा ज्ञान और आईसीएमआर तथा अन्य संगठनों के अनुसंधानों से अवगत कराने में किया जा सकता है। तपेदिक रोगियों का इलाज करने वाले डॉक्टरों को अगर इलाज के कारगर तरीकों से अवगत करा दिया जाए तो इससे संबंधित मरीज लाभान्वित हो सकते हैं। मंत्री ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन  और यूएसएआईडी के सहयोग से यह सर्वेक्षण कराया जाएगा, जिसमें अब तक के सबसे ज्यादा सैंपल 5214 होंगे। इसमें 24 राज्यों की 120 टीबी यूनिटों को कवर किया जाएगा। जिन रोगियों के बीच सर्वेक्षण कराया जाएगा उनमें पहली बार इसकी गिरफ्त में आने वाले लोगों के साथ.साथ दोबारा इलाज कराने वाले रोगी भी शामिल होंगे। 13 तपेदिक रोधी दवाओं के विरुद्ध उनके प्रतिरोध स्तर का आकलन किया जाएगा। डॉ हर्षवर्धन ने तपेदिक पर मंत्रालय के मीडिया अभियान को फिर से लांच किया।
उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि ज्यादातर लोग तपेदिक के बजाय कैंसर एवं एड्स बीमारियों को लेकर अधिक जागरूक हैं। इस मौके पर भारत में डब्ल्यूएचओ की कंट्री प्रतिनिधि डॉण् नाता मेनाब्डे, डब्ल्यूएचओ के तपेदिक कार्यक्रम के डॉ. मातेओ जिग्नॉल, यूएसएआईडी की कार्यालय प्रमुख डा ् नैंसी गॉडफ्रे, स्वास्थ्य सचिव श्री लव वर्माए स्वास्थ्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव सी के मिश्रा, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ जगदीश प्रसाद, संयुक्त सचिव अंशु प्रकाश, केंद्रीय तपेदिक डिवीजन के डीडीजी डॉ् आर एस गुप्ता, केंद्रीय तपेदिक डिवीजन के अतिरिक्त डीडीजी डॉ के एस सचदेव एवं मंत्रालय तथा भागीदार एजेंसियों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। 

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