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Sunday, 6 September 2015

जे.पी. द्विवेदी की दो कविताएं

छलका दर्द 
कहीं मान मिला,अपमान मिला
सब  कुछ  सहते चले गए  ।
सम्मान की भूख बदस्तूर है ,
सिस्टम से  लड़ते चले गए ।

हर कोई रूठा , छूटा पीछे
भूखा  था जो  पैसों  का ।
जख्म का मरहम पाने को
हम  दूर  होते  चले गए ।

मन की ख्वाहिश दफन हुई
कर्ज का बोझ बढ़ा इतना ।
फजऱ् पड़े हैं जस के  तस ,
हम अपनो से ही छले गए ।

साँसो का हक किसको दूँ मैं ,
किसे बताऊँ किसका हूँ मैं ।
अपने ही बिछाये जालों मे
खुद ही फँसते चले गए ।

कौन  है अपना  कौन पराया
सब  पे  है  माया का साया ।
किस.किस दलदल की बात करूँ
पत्थर  मे  धंसते  चले  गए ।

श्याह  अंधेरा हर  कोने मे
कहाँ  दर्द है  अब  रोने मे ।
रीते  दिल  चाह है  रीति,
सब हँस कर देखो चले गए ।

अपनी समझ बताऊँ किसको ,
अपना दर्द सुनाऊँ  किसको।
मुझसे ज्यादा दुखी सभी हैं
यह  कहते सारे चले गए ।

शब्द हुए गुमनाम हैं जब से ए
नज़्म  बनी  बेनाम  हैं तबसे ।
जब से गमों मे गुमसुम हूँ मैं ए
गूंगे  भी  बककर  चले गए ।

दरकता समाज
सम्बोधन संबंधहीन सब
सार्थकता से दूर हो चले ।
गरिमामय जब रहा न कुछ भी
गर्वित पुंज कहाँ से लाऊँ ॥
संस्कार सब लुप्त हो रहे
नैतिकता का घोर अकाल।
अपने ही अपनों के दुश्मन
किसे अपनत्व का पाठ सिखाऊँ
कहाँ लुप्त है सहनशीलता
भरी कलह से हर दीवार ।
लुकाछिपी सा त्रासित जीवन
फिर भी नित्य निकेतन जाऊँ ।
संवादहीन चुपचाप अकिंचन
अवचेतन मन शून्य झाँकता ।
गहन अंधेरा मन मंदिर मे
कैसे ज्ञान की ज्योति जलाऊँ ॥
आतुरता को नहीं प्रतीक्षा
दरकिनार कर सबकी इच्छा ।
किस वजूद की यह मंत्रणा
नया कौन सा गीत सुनाऊँ ॥
देव पूज्य थी धरा हमारी
पढ़ते आए , सुनते आए ।
धूलदृधूसरित शिला पट्ट अब
नया कौन अभिलेख सजाऊँ ॥

भगवान श्रीकृष्ण का असली चरित्र क्या है?

योगिराज श्रीकृष्ण के चरित्र से खेलते माखनचोर और रासलीला रचैया बताने वाले


ओ3म। श्रीकृष्ण का नाम आते ही लोगों के जेहन में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का खुशियों भरा पर्व आ जाता है,क्योंकि उस समय चहुंओर संकट और सबलों के अत्याचार से त्राहिमाम करते लोगों को किसी महान आत्मा की आवश्यकता थी और वह महान आत्मा के रूप में श्रीकृष्ण ने जन्म लिया। उस समय विश्व के एकमात्र पूर्ण ज्ञानी,विवेकी,तपस्वी,योगिराज,कर्मयोगी थे श्रीकृष्ण। महाभारत और उससे पूर्व के ग्रंथों में मर्यादापूर्ण पुरुषोत्तम के रूप में श्रीकृष्ण को जाना जाता था। उसके बाद भागवत सहित अन्य नौ ग्रंथों में श्रीकृष्ण के चरित्रहनन की बाल लीलाएं,रास लीलाएंं, चीरहरण आदि की कवियों की कपोल कल्पित कहानियों ने सम्पूर्ण इतिहास का ही नाश कर दिया।
युगपुरुष महायोगी श्रीकृष्ण को एक माखनचोर,व्यभिचारी,विश्वासघाती,अवसरवादी सहित अनेक लांछनों से कलंकित कर दिया। ये सारी बातें आज हल्के-फुल्के मनोरंजन के साधन एवं धर्म की आड़ में व्यवसाय करने वालों ने अल्पशिक्षित व अशिक्षितों के बीच ऐसी फैला दीं कि मानों यही सत्य धर्म है। इन सबकी विवेचनाएं करने के लिए हम आगे बढ़ते हैं।
कहते हैं कि बचपन में श्रीकृष्ण घर-घर जाकर माखन चुराया करते थे और गोपिकाओं को परेशान किया करते थे। नन्द शब्द किसी का नाम नहीं है बल्कि यह सम्मानित शब्द उस व्यक्ति के नाम के आगे लगाया जाता है जिसके पास एक लाख गायें हों। अब सवाल उठता है कि जिसके घर में एक लाख गायें हों और दूध-दही  व माखन की नदियां बह रहीं हों वो क्यों दूसरे के घर माखन चुराकर बाललीला करेंगा। क्या बाल लीला करने के लिए सिर्फ यही एक कार्य बचा था। आतताई कंस को मारने के लिए श्रीकृष्ण ने जिस तरह से तपस्या कर योग साधना की थी उसका जिक्र कहीं नहीं मिलता। कंस जैसा बलशाली और मल्लयुद्ध का बहुत बड़ा योद्धा था। यह तो सभी जानते हैं । मेरा मानना है कि उस समय कंस के मन भी यही होगा कि यह छोकरा मुझे क्या मार सकेगा। लेकिन उसे क्या मालूम कि योग साधना से श्रीकृष्ण ने बल के साथ मस्तिष्क का विकास कंस से अधिक कर लिया था और उसी बल से कंस का वध कर सके।सबसे पहले राधा का वर्णन आता है। महाभारत काल में किसी भी ऐसी राधा का जिक्र नहीं है । एक राधा अवश्य ही महाभारत में आई, वह कर्ण का पालन करने वाली अधिरथ की पत्नी थी।
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत।
अभ्युथानं धर्मस्य तदात्मानंसृजाम्यहम।।
श्रीकृष्ण जी कहते हैं कि जब-जब धर्म का लोप होता है तब-तब मैं शरीर धारण करता हूं। इस परिप्रेक्ष्य में महर्षि दयानंद रचित सत्यार्थ प्रकाश के सप्तम समुल्लास में कहा गया है कि वेद विरुद्ध होने से यह प्रमाण नहीं है और ऐसा हो सकता है कि श्रीकृष्ण धर्मात्मा और धर्म की रक्षा करना चाहते थे कि मैं युग-युग में जन्म लेकर श्रेष्ठों की रक्षा और दुष्टों का नाश करूं, तो इसमें कुछ भी दोष नहीं है क्योंकि 'परोपकाराय सतां विभूतय: परोपकार के लिए सत्पुरुषों का तन-मन-धन होता है तथापि श्रीकृष्ण को इस बात को लेकर ईश्वर नहीं माना जा सकता। एक अन्य प्रश्न कि संसार में 24 अवतार हुए हैं और इनको अवतार क्यों माना जाता है। सत्यार्थ प्रकाश में स्पष्ट है कि वेदार्थ न जानने वाले संप्रदायी लोगों के बहकाने और अपने आप अविद्वान होने से भ्रमजाल में फंस के ऐसी ऐसी अप्रमाणिक बातें करते हैं और मानते हैं। इस पर एक प्रश्न यह कि ईश्वर अवतार न लेवे तो कंस-रावणादि दुष्टों का नाश कैसे हो? के जवाब मे सत्यार्थ प्रकाश में लिखा है कि जो ईश्वर अवतार या शरीर धारण किए बिना ही जगत की उत्पत्ति,स्थिति, प्रलय करता है। उसके सामने कंस और रावणादि कीट के समान भी नहीं हैं। वह सर्वव्यापक होने से कंस और रावणादि के शरीर में भी परिपूर्ण हो रहा है। जब चाहे उसी समय मर्मच्छेदन करके नाश कर सकता है। भला इस अनन्तगुण वाले परमात्मा को एक छुद्र जीव को मारने के लिए जन्ममरण युक्त शरीर को धारण करने की क्या आवश्यका। इसलिए ईश्वर इस सृष्टि में 'न भूतो न भविष्यति है।
खण्ड-खण्ड भारत को महाभारत बनाने को
महाभारत का युद्ध क्यों जरूरी था और श्री कृष्ण क्यों ऐसा चाहते थे। इस पर विचार करने के लिए एक वृत्तांत पर नजर डालते हैं। स्वामी समर्पणानंद सरस्वती द्वारा रचित श्रीमदभागवत गीता,समर्पण भाष्य में स्पष्ट लिखा है कि कंस वध के बाद प्रजा ने श्रीकृष्ण से आग्रह किया कि आपने हमें कंस के अत्याचारों से मुक्त कराया है। अत: आप ही इस राज्य को संभालों। इस पर श्रीकृष्ण ने उत्तर दिया कि राज्य तो नानाजी संभालेंगे और हम खोया हुआ राज्य वापस लेने के लिए जा रहे हैं। उस समय श्रीकृष्ण ने निश्चय किया कि आज महाभारत खण्ड-खण्ड है। महाभारत तो एक ओर भारत के सैकड़ों छोटे-छोटे राज्यों में बंट गया है। मैं खण्ड-खण्ड भारत को भारत और भारत को महाभारत फिर से बनाकर रहूंगा। धरत पर धर्म का एकछत्र राज्य होगा और राजा धार्मिक होगा और प्रजा भी धर्मात्मा होगी।
विवाह के तत्काल बाद ब्रह्मचर्य व्रत
महायोगी, योगिराज श्रीकृष्ण ने मथुरा से निकलकर उज्जयिनी में सांदीपनि ऋषि के आश्रम में पहले विद्या का राज्य प्राप्त किया और साथ ही चरित्र का राज्य प्राप्त किया। बह्मचर्य की समाप्ति पर वीरोचित मार्ग से रुक्मिणी से विवाह किया किन्तु उत्तम संतान की अभिलाषा से पति-पत्नी दोनों ब्रह्मचर्य का व्रत लिया। प्रात:काल ही हिमालय की ओर चल पड़े। जिस स्थान पर आज बदरीनाथ धाम है, वहां 12 वर्ष तक घोर ब्रह्मचर्य का पालन किया। बारहवें वर्ष केवल बेर खाकर जीवन बिताया। इसलिय कृष्ण बदरी नाथ और इस स्थान का नाम बदरीनाथ धाम पड़ा।
राधा कौन थी?
स्वामी समर्पणानंद सरस्वती द्वारा रचित श्रीमदभागवत गीता,समर्पण भाष्य में स्पष्ट लिखा है कि कंस भारत में गोहत्या का आदि प्रवर्तक था। ससुराल में नरबलि होती थी। जरासंध ने 100 राजाओं का सिर काट कर शिवजी पर चढ़ाने का संकल्प लिया था और 86 राजा इकट्ठा भी कर लिए थे। उसे क्या पता था कि क्षत्रिय शिरोमणि श्रीकृष्ण बड़ी आसानी से मरवा देंगे। कंस के मंत्री कहते है कि हे राजन देव यज्ञों के सहारे जीते हैं और यज्ञ गो-ब्राह्मण के सहारे। इसलिए सब उपायों से सत्यवादी ब्राह्मणों और गायों इन दोंनो को मारें। गो हत्या का सबसे अधिक प्रभाव निश्चित रूप से गोपालों पर पड़ा। इनमें से एक गोपाल रायणा बहुत ही बुद्धिमान था। उसने विद्रोह का बीज बोया था। राधा नाम की गुप्त मंडली बनी। जो प्रत्यक्ष में नाच-गाकर प्रभु आराधना करती थी परन्तु वास्तव में वह कंस के विरुद्ध विद्रोह की तैयारी करती थी। बालक श्रीकृष्ण भी इस मण्डली में आते जाते थे। रायणा बालक श्रीकृष्ण के मामा थे, वे मा यशोदा के रिश्ते में भाई होते थे। यद्यपि कृष्ण की आयु छोटी थी लेकिन विलक्षण प्रतिभा देखकर रायणा ने मरते समय इस राधिका मण्डली का नेतृत्व श्रीकृष्ण को सौंप दिया । इसी मण्डली के चलते ही श्रीकृष्ण ने अपने मामा कंस का वध कर दिया। इस घटना को लेकर ब्रह्मवैवर्त  पुराण में राधाकृष्ण नाम से श्रीकृष्ण के चरित्र का हनन किया गया उसे बताते ही लाज आती है। दुखद स्थिति यह है आज इसी को धर्म माना जा रहा है।
कैसे कलंकित किया गया
वेदों के अनुसार उस व्यक्ति के नाम के पूर्व 108 जैसे सम्माननीय शब्द को जोड़ा जाता है, जिसने पहले 24 वर्ष,फिर उसके बाद 36 वर्ष और तत्पश्चात 48 वर्ष की आयु तक ब्रह्मचर्य का पालन किया हो। श्रीकृष्ण की आयु विवाह के समय 36 वर्ष बताई जाती है। उत्तम संतान की कामना से उन्होंने 12 वर्ष तक ब्रह्मचर्य का पालन किया। इस प्रकार वह 108 योगिराज कहलाए। ऐसे महापुरुष को दस वर्ष की आयु में चीरहरण करने वाला और 16 हजार 108 गोपिकाओं के संग रास रचाने वाला बताकर इतिहास को कलंकित कर डाला। इस पर देश ही नहंीं बल्कि विदेशियों ने भी उंगली उठाई। हमें आज यह सब वर्णन करते शर्म आती है कि चंद लोगों ने अपने स्वार्थ को पूरा करने के लिए महामानव योगीराज श्रीकृष्ण को कहां से कहां गिरा दिया। जहां तक श्रीकृष्ण के प्रेम का जिक्र तो सुदामा उद्धार, विदुर के घर भोजन, द्रोपदी की मदद जैसी घटनाएं अवश्य ही महाभारत में आईं हैं।
सामान्यतया कृष्ण चरित्र का उल्लेख ब्रह्म,पदम,विष्णु,वायु,भागवत, ब्रह्मवैवर्त,स्कन्द,वामन और कूर्म इन 7 पुराणों में मिलता है। जैसा विस्तार ब्रह्म,विष्णु,भागवत और ब्रह्मवैवर्त में है उतना अन्य पुराणों में नहीं है। इस पौराणिक वर्णन में न तो महाभारत के कृष्ण की राजनैतिक विलक्षणता का ही उल्लेख हुआ है और न उसकी चारित्रिक महत्ता,ओजस्विता और उदात्तता का। पुराणकार की दृष्टि में कृष्ण की वात्सल्य और श्रंगार लीलाओं के चित्रण की ओर ही विशेष रूप से उन्मुख हुए हैं। जब कृष्ण को ईश्वर मानकर उसके दिव्य अवतार की उपासना देश में प्रचलित हुई तो कृष्णोपासना के आधार पर अनेक सम्प्रदाय स्थापित हो गए। पांचरात्र, भागवत,वासुदेव,माध्व,निम्बार्क,वल्लभ सम्प्रदाय प्रमुख थे। इन सम्प्रदायों के जन्म से पूर्व तक कृष्ण आदर्श चरित्रवान परम सात्विक आचार सम्पन्न और प्रतिभाशाली महापुरुष समझे जाते थे। परन्तु तांत्रिक साधना के प्रचार के कारण वैष्णव सम्प्रदायों मं भी वासनामूलक श्रंगार का मिश्रण होने लगा। महाभारत के कृष्ण जहां मर्यादापोषक, संयमी और सत्वगुण सम्पन्न हैं। वहां पुराणों,काव्यग्रंथों एवं अन्य साम्प्रदायिक गंन्थ में उनके जीवन को अत्यन्त विलासितापूर्ण, स्थूल वासनायुक्त और रोमांटिक बनाने का प्रयत्न किया गया।
श्रीमदभागवत के रासपंचाध्यायी दशम स्कन्द के 19-33 अध्याय में गोपी प्रसंग और कुब्जा लीला का जिस तरह का भोंडा प्रदर्शन किया गया है उसका वर्णन करने में लाज आती है। इसी प्रकार इसी स्कन्द के अ.90 श्लोक 29 तथा 31 में श्रीकृष्ण की 16108 पत्नियां और प्रत्येक के दस-दस पुत्र उत्पन्न बता कर इस महात्मा के चरित्र को कलंकित किया गया है।
इस का जिक्र करता यह श्लोक
आस्थितस्य परधर्म कृष्णस्य गृहमेधिनाम।
आसनसषोडस साहस्रं महिष्योष्ट शताधिकम।।
एकैकस्या दशदश कृष्णोअजीजनदात्मजान।
यावंत्य आत्मनो भार्या अमोघ रति ईश्वर:।।
राधा-कृष्ण की लीला का वर्णन भी भागवत में कहीं भी नहीं है। भागवत को वैष्णव लोग पंचम वेद कहते हैं। उसमें राधा का उल्लेख न होना एक विचित्र घटना है। इसी भांति विष्णु और हरिवंश पुराण मं राधा का संकेत मात्र से भी नाम नहीं आता है। श्रीकृष्ण की इस तथाकथित प्रेयसी राधा का महाभारत में भी कहीं पता नहीं है। केवल ब्रह्मवैवर्त पुराण में राधा का जिक्र होता है। उसमें कृष्ण के बारे में जो कलंकित चित्रण किया गया है, उसकी कल्पना तक नहीं की जा सकती। विभिन्न मत-मतांतरों के लोगों ने अपनी गलतियों पर पर्दा डालने के लिए कृष्णवतार को ही कलंकित कर डाला। इन तथाकथित दुराचारी गुरुओं ने धर्म और ईश्वर की आड़ में ऐसे ग्रंथ रचकर पूर्ण मानवता को ही कलंकित कर डाला है। ईश्वर इन सभी को सद्बुद्धि प्रदान करे।
पं.महेन्द्र कुमार आर्य
पूर्व प्रधान, आर्य समाज सूरजपुर

परिचर्चा: 'ईश्वर और 'भगवान में क्या है अंतर?

ग्रेटर नोएडा (ब्यूरो)। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व होने के कारण शहर में भक्ति रस की धारा का प्रवाह हो रहा है। ऐसे समय में यह प्रश्न सामने आया कि सृष्टि रचयिता ईश्वर और आराध्य देव भगवान में क्या अंतर है।इस पर चंद हस्तियों के विचार इस प्रकार हैं:-
एकदूसरे के पर्यायवाची हैं: विद्यासागर वर्मा 
पूर्व राजदूत विद्यासागर वर्मा कहते हैं कि ईश्वर और भगवान एक दूसरे के पर्यायवाची हैं। ऐश्वर्यवान व्यक्ति को भगवान कहा दिया जाता है जैसे भगवान बुद्ध,भगवान महावीर आदि।
अनेक नाम ईश्वर एक है: बिजेन्द्र आर्य
आर्य नेता बिजेन्द्र आर्य ने कहा कि ईश्वर और भगवान एक ही है। जिस तरह से बच्चे को बचपन में अनेक नाम से पुकारा जाता है उसी तरह से हम ईश्वर को विभिन्न नामों से पुकारा जाता है।

ईश्वर निराकार है,भगवान साकार है:गोस्वामी
ग्रेटर नोएडा के प्रखर संत गोस्वामी सुशील जी महाराज ने कहा कि ईश्वर और भगवान दोनो ही अलग-अलग हैं। भगवान तो कोई भी मनुष्य भी सत्कर्म करके  बन सकता है। लेकिन ईश्वर निराकार है वह शरीर धारण नहीं करता है। उन्होंने कहा कि सत्कर्म करके ही राम,कृष्ण,महावीर और बुद्ध भगवान बन गए।
गुण-कर्म के आधार पर भगवान होते हैं:एडवोकेट राजकुमार नागररामलीला समिति के संरक्षक और वरिष्ठ एडवोकेट राजकुमार नागर भी कहते हेैं कि ईश्वर और भगवान एक ही है। गुण और कर्म के आधार पर भगवान माना जाता है।
ईश्वर सर्वगुण सम्पन्न होता है:पं. मूलचंद आर्य
आर्य समाज सूरजपुर के वरिष्ठ उप प्रधान पं. मूलचंद आर्य ने कहा कि ऐश्वर्ययुक्त
सभी गुणों से संपन्न परमात्मा को ईश्वर कहते हैं। सच्चिदानंद और परमेश्वर के नाम से उसे जाना जा सकता है। गुण कर्म और स्वभाव के कारण महामानव यहां भगवान बन गए और लोंगों ने उनकी आराधना की जबकि ये भगवान स्वयं किसी न किसी आराध्य की आराधना करते हैं। हमें भी उन्ही देवों की आराधना करनी चाहिए, यही आर्य समाज कहता है।
ईश्वर को ज्ञान से प्राप्त किया जा सकता है:तेजपाल सिंह नागर
प्राचार्य एवं नेता तेज पाल सिंह नागर कहते हैं कि ईश्वर को ज्ञान से और भगवान को भक्ति से पाया जा सकता है। ईश्वर तटस्थ होता है, जबकि भगवान अपने भक्त के अधीन होता है और वह पक्षपात भी कर सकता है।
ईश्वर सर्वव्यापक है: पं. धर्मवीर आर्य
आर्य समाज सूरजपुर के मंत्री पं. धर्मवीर आर्य का कहना है कि ईश्वर एक है और निराकार है सर्वव्यापक है। ईश्वर सम्पूर्ण 22 गुणों से युक्त होता है जबकि भगवान पुरुषोत्तम एवं छह गुणों वाला होता है। राम,कृष्ण आदि ऐसे ही भगवान है।
दोनों में अंतर है:एडवोकेट मुकेश शर्मा

वरिष्ठ समाजसेवी और एडवोकेट मुकेश कुमार शर्मा का कहना है कि ईश्वर और भगवान में अंतर जरूर है। ईश्वर एक है जबकि भगवान अनेक हैं। ये भगवान भी इसी ईश्वर की आराधना करते हैं।

Thursday, 20 August 2015

राजनीति में नई क्रांति लाने के लिए आई है हिन्द कांग्रेस पार्टी

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयवीर सिंह नागर से लिए गए साक्षात्कार के मुख्य अंश

ग्रेटर नोएडा (ब्यूरो)। हिन्द की राजनीति में क्रान्तिकारी बदलाव को लाने के लिए और देश के युवाओं को नई दिशा देने के लिए काफी खोजबीन करने के बाद हमने नेताजी सुभाष चन्द बोस के जयहिन्द से प्रेरणा लेकर अपनी पार्टी हिन्द कांग्रेस पार्टी की स्थापना की।
यह बात हिन्द कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयवीर सिंह नागर ने अपने सूरजपुर प्रवास के दौरान एक भेंटवार्ता में बताई।
प्रश्न: आपने पार्टी को किस स्तर पर खोजबीन के बाद वर्तमान स्वरूप किया?
श्री नागर:पार्टी की स्थापना करने से पहले हमने वकीलों का लम्बा चौड़ा पैनल बनाया, कुछ पत्रकारों को भी इसमें शामिल किया, कुछ समाजसेवियों को भी इक_ा किया। इन सभी की राय लेने के बाद पार्टी का संविधान व अन्य ढांचा तैयार कराया।
प्रश्न: आपकी पार्टी की नींव का आधार कैसे तैयार किया?
श्री नागर: हमने और हमारे पैनल ने  विभिन्न पार्टियों का संविधान,एजेंडा व अन्य चीजों का बारीकी से अध्ययन किया और यह तय किया कि हम अपनी ऐसी पार्टी बनाएंगे जो देश में अपनी अलग छाप छोड़े और अधिक से अधिक लोगों को जोडे।
प्रश्न: इसके लिए आपने क्या किया?
श्री नागर: हमने यह तय किया कि हम सत्तालोलुपता की राजनीति नहीं करेंगे बल्कि राजनीति में व्याप्त गंदगी को साफ करने के लिए खुद काम करेंगे और पार्टी ेंमें आने वाले कार्यकर्ताओं को इस बात की प्रेरणा देंगे।
प्रश्न:ऐसा तो आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल भी कर चुके हैं,अब उनका क्या रुख है, क्या आप भी ऐसा ही करेंगे?
श्री नागर: कतई नहीं। श्री केजरीवाल ने तो स्वार्थ की राजनीति की है। उन्होंने चुनाव से पहले जनता से जो वायदे किए थे उन्हें पूरा नहीं कर सके। जनता भी उन्हें अच्छी तरह जान गई है। हम वैसा कतई नहीं करेंगे।
प्रश्न: तो फिर आप क्या करेंगे?
श्री नागर: हम जनता को साथ लेकर चलेंगे। ईमानदारी से कहें तो हम स्वार्थ की राजनीति,सत्ता लोलुपता की राजनीति नहीं करेंगे। हम लेने में नहीं बल्कि देने में विश्वास करते हैं। हम वैसा ही करेंगे। मेरा मानना है कि सत्ता की राजनीति करने के साथ ही भ्रष्टाचार शुरू हो जाता है। आज के दौर में भारत में जितने भी राजनीतिक दल हैं यही कर रहे हैँ। इसका नतीजा आप सबके सामने है। आज हम देश का 69 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं चारों ओर अव्यवस्था का आलम है। महंगाई और भ्रष्टाचार और अनाचार ने आम आदमी की नाक में दम कर रखा है। आज हम यह भूल गए हैं कि हमारे लाखों शहीदों ने किस तरह की स्वतंत्रता की कल्पना की थी और आज हम क्या कर रहे हैं। नेताजी सुभाष चन्द बोस,भगत सिंह, चन्द्र शेखर आजाद,अशफाक उल्ला खान सहित लाखों लोगों ने देश की आजादी के लिए अपना जीवन भारत माता के चरणों मे न्यौछावर कर दिया।
प्रश्न: तो फिर आप राजनीति ही क्यों करेंगे और यदि करेंगे ते किस तरह की राजनीति करेंगे?
श्री नागर: देश और समाज को दिशा देेने के लिए राजनीति आवश्यक है। हम स्वार्थ विहीन राजनीति करेंगे। हम सभी धर्मों और सभी जातियों और सभी वर्गो को साथ लेकर चलेंगे। हंां हम अपनी पार्टी और राजनीति में युवाओं को अवश्य ही तरजीह देंगे। क्योंकि अब तक जितने भी क्रांतिकारी परिवर्तन हुए हैं उनमें युवाओं ने निर्णायक भूमिका निभाई है।
प्रश्न: आपकी पार्टी की स्थापना का कितना समय हो गया है,क्या उपलब्धि हासिल की है?
श्री नागर: हमारी पार्टी की स्थापना का एक वर्ष हो गया है। हमारी पार्टी की स्थापना 14 अगस्त 2014 को हुई थी। हमने दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ा था,उसमें पार्टी को काफी सफलता मिली थी। वर्तमान समय में हमारी पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव में अपने प्रत्याशी उतार रही है। वहां हमारा चुनाव प्रचार तेजी से चल रहा है। उम्मीद करता हूं कि दिग्गज पार्टियों के बीच हमारी पार्टी अच्छी भूमिका निभाएगी।
प्रश्न:वर्तमान समय में जनप्रतिनिधियों की भूमिका से आप कितने संतुष्ट हैं?
श्री नागर: संतुष्ट! पूछिये कितने असंतुष्ट हैं? मैं क्या पूरा देश आजकल टीवी पर संसद में होने वाली कार्यवाही को देखता है, देश ही नहीं विदेश में भी लोग देखते होंगे। संसद में जनता के कामकाज को रोक कर हमारे प्रतिनिधि बच्चों की तरह लड़ते हैं। कभी-कभी तो ये रौद्र रूप भी ले लेते हेँ। उनके इस चाल-चरित्र को देखते हुए लगता है कि ये जनता की गाढ़ी कमाई को किस बुरी तरह से बर्बाद कर रहे है। इन लोगों की जिम्मेदारी देश और देश की जनता के लिए है। इन्हें चाहिए कि अपने-अपने क्षेत्र के विकास और अन्य समस्याओं को सुलझाने के प्रयास संसद में करें। ये सब इस बात को अच्छी तरह से जान लें कि आज की जनता इतनी नासमझ नहीं है कि ये जो करेंगे वो सब चलेगा। अब गलत तंत्र को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किय जाएगा और अच्छे तंत्र की सराहना होनी चाहिए।
प्रश्न:अंत में आप क्या कहना चाहेंगे?
श्री नागर: देश को नई दिशा देने के लिए हमनें क्रांतिकारी नारा जयहिन्द से हिन्द को लेेकर पार्टी बनाई है। हम उसकी मर्यादा को पूर्णरूप से अक्षुण रखेंगे और देश और समाज हित में युवाओं को साथ लेकर देश की राजनीति को भ्रष्टाचार व स्वार्थ से मुक्त रखकर नई दिशा देने का प्रयास करेंगे। जयहिन्द।


Monday, 3 August 2015

मैक्स हॉस्पिटल ने मनायी पहली वर्षगांठ

डेढ़ सौ जानें बचाने की उपलब्धि हासिल की:प्रबंधन
कई मामलों में अन्य अस्पतालों से अलग है मैक्स हॉस्पिटल
कैंसर रोग के इलाज के लिए सबसे आधुनिक टेक्नॉलॉजी है मैक्स में
एक वर्ष पूरे होने पर आयोजित समारोह में प्रबंधन ने कम फीस में अधिक गुणवत्ता वाली सेवा देने का वायदा किया


ग्रेटर नोएडा (ब्यूरो)। अस्पताल और डॉक्टर का धर्म होता है कि अपने क्षेत्र की लोगों की जान बचाना और ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर में स्थित मैक्स मल्टी स्पेशियल्टी अस्पताल ग्रेटर नोएडा ने पिछले अपने एक साल के कार्यकाल के दौरान लगभग 150 ऐसे मरीजों की जान बचाई जिन्हें उपचार मिलने में थोड़ी देर हो जाती तो उनका बचना मुश्किल था, अस्पताल को  इस उपलब्धि पर गर्व है।
यह विचार मैक्स मल्टी स्पेशियल्टी अस्पताल के ग्रेटर नोएडा में संचालन के एक वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित समारोह में अस्पताल के प्रबंधन ने प्रेस कान्फे्रस में व्यक्त किए। इस अवसर पर मैक्स मल्टी स्पेशियल्टी अस्पताल ग्रेटर नोएडा के डॉक्टरों ने ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में अस्पताल और रोगियों की चुनौतियों और एक साल में अस्पताल की विभिन्न उपलब्धियों पर चर्चा की गई।
अस्पताल के संचालन के महाप्रबंधक डॉ. पवन कुमार ने कहा कि इस क्षेत्र में हमारे अस्पताल और अन्य अस्पतालों के बीचय सबसे बड़ा अंतर यह है कि हम इस क्षेत्र के निवासियों को सातों दिन चौबीसों घंटे उच्च स्तरीय इंसेटिव केयर टीम के साथ आईसीयू की सुविधा प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि हम ग्रेटर नोएडा में कैंसर रोगियों के लिए सबसे विकसित ऑन्कोलॉजी सेवाएं और ऑन्कोलॉजिस्ट की अतिविशिष्ट टीम उपलब्ध करा रहे हैं। अस्पताल में हमारी ऑन्कोलॉजिस्ट टीम के द्वारा कैंसर रोगियों के लिए कमांडो सर्जरी की गई जो कि क्षेत्र में किसी अस्पताल के लिए अपनी तरह की पहली पहल है। डॉ. पवन कुमार ने कहा कि हमारे पास सबसे बेहतर एनआईसीयू लेवल 3 केयर के साथ नर्सरी सुविधा उपलब्ध है जो कि इस क्षेत्र में हीं भी उपलब्ध नहीं है। उन्होंने बताया कि हमने गुर्दे की पथरी वाले कई रोगियों का इलाज किया है,अस्पताल इस क्षेत्र में गुर्दा प्रत्यारोपण इकाई स्थापित करने की भी योजना बना रहा है।
इंसेटिव केयर यूनिट विभाग के प्रमुख डॉ. वाईपी सिंह ने कहा कि वर्ष 2014 में इस क्षेत्र में ट्रॉमा के कुल 5034 मामले हुए और 362 मौतें दर्ज की गईं। उसके बाद ट्रॉमा के रोगियों में वृद्धि हुई। मेक्स मल्टी स्पेशियल्टी हॉस्पिटल ग्रेटर नोएडा की इंसेटिव केयर यूनिट में मौजूद टीम और रेस्पांस टीम के मामले में शहर के अन्य अस्पतालों से सबसे अच्छा है। पिछले एक साल में हामरे अस्पताल में इलाज किए जाने वाले ट्रामा रोगियों की औसत आयु 40 वर्ष है। उन्होंने कहा कि रोगी आम तौर पर परिवार का कमाऊ सदस्य होता है। इसके अलावा ट्रॉमा के सभी रोगियों को आईसीयू केयर की आवश्यकता होती है और हमारे पास इस क्षेत्र में सबसे अच्छा आईसीयू केयर उपलब्ध है। अस्पताल में सभी ट्रमा प्रोटोकाल विशेषज्ञ न्यूरो और आर्थो टीम के साथ एनएबीएच दिशानिर्देशों के अनुसार पालन किया जाता है।
होम केयर और ईआर नोएडा और ग्रेटर नोएडा के उपाध्यक्ष और जोनल हेड हरेश डी त्रिवेदी ने कहा कि मैस मल्टी स्पेशियल्टी हॉस्पिटल ग्रेटर नोएडा में हमारा उद्देश्य हमेशा रोगी पर सर्वांगीण ध्यान देने के साथ उत्कृष्ट चिकित्सा उत्कृष्टता प्रदान करना रहा है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अस्पताल ग्रेटर नोएडा में कई नवीनतम चिकित्सा तकनीकों और नयी प्रक्रियाओं को लाया है ताकि रोगियों को इस तरह के विशेष स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने के लिए दिल्ली जाने की जरूरत न पड़े। उन्हेांने कहा कि मैक्स मल्टी स्पेशियल्टी हॉस्पिटल ग्रेटर नोएडा ने अपनी स्थापना के बाद से हजारों रोगियों का विश्वास जीता है।
अस्पताल के प्रबंध निदेशक एवं वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. संदीप सहाय ने कहा कि अस्पताल में कार्यरत चिकित्सको की टीम ने क्षेत्र के लोगों का भरोसा जीता है। उन्होंने बताया कि वह काफी अरसे से ग्रेटर नोएडा में कार्यकर रहे हैं और लोगों का उनसे सीधा जुड़ाव इसलिए है कि लोगों को उनमें पूर्ण भरोसा है। डॉ. सहाय ने बताया कि मैस गु्रप का भविष्य उज्ज्वल है एवं इसके प्रबंधन के चिकित्सा के क्षेत्र में अच्छे उपायों को देखते हुए उन्होंने मैक्स अस्पताल को अपनी सेवाएं देने का निश्चय किया। उन्होंने कहा कि ओपीडी तो बगीचे में भी चलाई जा सकती है लेकिन चिकित्सा देने की जो गुणवत्ता होती है वह किसी अच्छे अस्पताल में होती है, वे सारी गुणवत्ताएं मैक्स अस्पताल में हैं,इसलिए इस ग्रुप का भविष्य उज्जवल है।

विकास के मुद्दे पर विस चुनाव लड़ेगी सपा:प्रताप सिंह चौहान

ग्रेटर नोएडा (ब्यूरो)। समाजवादी पार्टी द्वारा आयोजित साइकिल यात्रा को लेकर पार्टी के जिले के पदाधिकारियों एक बैठक सूरजपुर स्थित जिला कार्यालय पर आयोजित की गई। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष प्रताप सिंह चौहान ने बताया कि समाजवादी पार्टी सरकार द्वारा सवा तीन वर्ष में किये गये विकास कार्यकर्ताओं को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से समाजवादी पार्टी जनपद में गांव-गांव साईकिल यात्रा निकालेगी। पहले ये यात्रा एक अगस्त चौदह अगस्त तक आयोजित की जानी थी। से आरम्भ होने थी लेकिन जनपद में इस दौरान कांवड यात्रा चलेगी जिसके मद्देनजर साईकिल यात्रा में फेरबदल किया गया। अब जनपद में साईकिल यात्रा सत्रह अगस्त से आरम्भ होकर इकतीस अगस्त तक चलेगी। उन्होने कहा कि समाजवादी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़ेगी। समाजवादी पार्टी सरकार ने सभी वर्गों के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएंं चलाई जिसका लाभ जन-जन को मिल रहा है। साइकिल यात्रा द्वारा इन विकास की योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जायेगा और समाजवादी विचार धारा को जन-जन तक पहुंचाया जायेगा। इस मौके पर मुख्य रूप से राजकुमार भाटी, विनोद यादव, हाजी ननका, लोकमन प्रधान, मनोज डाढ़ा, सुनील बदौली, श्री निवास आर्य सुधीर तोमर, उधम पण्डित, ब्रजपाल भाटी, रविन्द्र भाटी, आजाद सिद्दकी, नवीन चौहान, अनूप तिवारी, गुड्डू चौहान, रणपाल सिंह, बालेश्वर बाल्मिकि, गौरव चौहान, प्रदीप रावत आदि उपस्थित थे।

बीटेक के नए छात्रों को इंडस्ट्री की मांग के अनुरूप तैयार करेगा आईटीएस

ग्रेटर नोएडा(ब्यूरो)। आईटीएस इंजीनियरिंग कॉलेज ग्रेटर नोएडा में सत्र 2015 के लिए कॉलेज में प्रथम वर्ष की कक्षाएं सोमवार से शुरू हो गईं। अपने चाल से नई जोश, मन में विश्वास और आँखों में नये सपने लिए तरह-तरह के आधुनिक परीक्षाओं में नवप्रवेशित छात्र/छात्राएं अपने माता-पिता के साथ जब संस्थान परिसर में पहुँचे तो परमरानुसार बी.टेक. द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों ने चन्दन का टीका लगाते हुए उनका जोरदार स्वागत किया गया। इस अवसर पर एक सभा का आयोजन किया गया जिसकी शुरुआत माँ सरस्वती की वन्दना स्तुति से की गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आये आईटीएस दा एजूकेशन ग्रुप के वाइस चेयरमेन श्री सोहेल चडढ़ा, चीफ एडमिनिस्ट्रेटर श्री सुरेन्द्र सूद एवं विशिष्ट अतिथि अनुप मण्डल, सी.आई.ओ., एच.टी. मिडिया तथा संस्थान के निदेशक डा विनीत कंसल ने माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम को प्रारम्भ किया। आयोजित सभा में बी.टेक. के सभी विभागो के विभागाध्यक्ष, शिक्षक एवं नवप्रवेशित छात्रों के साथ उनके माता-पिता भी उपस्थित रहें। मिस निलाक्षी गोयल ने संस्थान की उपलब्धियों एवंम प्रगति पर व्याख्यान नवप्रवेशित छात्रों का स्वागत करते हुए आईटीएस ग्रुप के चीफ  एडमिनिस्ट्रेटर श्री सुरेन्द्र सूद ने संस्थान एवं ग्रुप के बारे में पुरी जानकारी देते हुए सभी छात्रों को पूरी तरह से विश्वास दिलाया कि संस्थान उन्हें आधिुनिक तरीके से अनुभवी शिक्षको के माध्यम से विश्वस्तरीय शिक्षा देने हेतु प्रतिबद्ध है इसके उपरांत कहा कि इंजीनियरिंग के छात्रों में आजकल प्रतिस्पर्धा काफी बढ़ गई हैं तथा पिछले दशक में इंजीनियरिंग क्षेत्र में काफी विकास भी हुआ है एवं आने वाले समय में बहुत से दक्ष इंजीनियरो की जरूरत देश को पड़ेगी। इसके लिए हम पूरी तरह से तैयारी कर रहे हैं। इसका लाभ आने वाले समय में इन छात्रों को अवश्य ही मिलेगा। प्रो नीरज खरे ने विद्यार्थियों को पूरी निष्ठा और कड़ी मेहनत के साथ अध्ययन करने की सीख दी। विशिष्ट अतिथि अनुप मण्डल, सी.आई.ओ., एच.टी. मीडिया ने विद्यार्थियों को समझाया कि वे अभी से ही स्वयं को इन्डस्ट्री की मांग के अनुसार विकसित करे, इसके लिए उन्होंने विद्यार्थियों को इन्डस्ट्री की मांग, व्यक्तित्व एवं अन्य तकनीकी संस्थान के निदेशक डॉ. विनीत कंसल ने विद्यार्थियों को संस्थान के नियमों तथा पाठयक्रम के बारे में समझाते हुए कहा कि किसी भी विद्यार्थी की सफलता में मेहनत और अनुशासन की सबसे अहम भूमिका होती है। नवप्रेशित छात्रों को सम्बोधित करते हुए डा कंसल ने कहा कि संस्थान विद्यार्थियों को उच्चकोटी की शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, तथा विद्यार्थियों को व्यक्तित्व निखारने के लिए संस्थान समय-समय पर तकनीकी विषयों पर आधारित कार्यशाला, सेमिनार आदि का आयोजन करता रहता है। डॉ. कंसल ने नवप्रवेेशित छात्रों को उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनायें देतु हुए विश्वास व्यक्त किया कि आईटीएसइंजीनियरिंग कॉलेज उनके उज्जवल भविष्य को संवारकर एक नई दिशा
डा गगन दीप अरोडा, डीन-ऐकेडेमिक और प्रशासन शैक्षिक कार्यक्रम, परीक्षा प्रणाली और एंटी रैगिंग कमेटी ने कॉलेज के नियामों से डा राकेश दुबे, हैड अप्लाइड साइंस ने छात्रो को कक्षा में प्रतिदिन अपनी उपस्थित प्रस्तुत करने के लिए प्रोत्साहित किया और छात्रों को उनके शैक्षिक अध्ययन के लिए ईमानदारी व नियमित रूप से पढाई करने के लिए कार्यक्रम में सम्मलित हुए भूतपूर्व छात्रों ने आईटीएस इंजीनियरिंग कॉलेज में बीताएं हुए अपने समय के सुनहरे पलों को याद करते हुए नवप्रवेशित छात्रों को अपनी सफलताओ के बारे में अवगत कराया। अंत में डा रश्मि गुप्ता ने कार्यक्रम में उपस्थित हुए सभी मुख्य अतिथियों, शिक्षको, छात्रों और वहां उपस्थित नवप्रवेशित छात्रों के माता-पिता को धन्यवाद देकर कार्यक्रम का समापन किया।

Monday, 20 July 2015

मंदिरों में भोलेनाथ और नादिया ने पिया दूध, हजारों भक्त उमड़े

भक्तों की उमड़ी भीड़ को देखते हुए पुलिस ने की व्यवस्था चौकस
गलियों में पीसीआर ने लगाए गश्त, पुलिस कर्मी रहे हलकान
शहर में दूध की खरीद के लिए हुई जोरदार मारामारी,हर कोई दूध लेकर मंदिर की ओर दौड़ा

ग्रेटर नोएडा (ब्यूरो)। सोमवार की शाम को अचानक एक खबर आई कि मंदिरों में भोलेनाथ और उनका वाहन नादिया दूध पी रहे हैं तो भक्तों की भीड़ मंदिरों की ओर दौड़ पड़ी। देखते ही देखते मंदिरों में हजारों लोग इकटठे हो गए और दूध पिलाने की होड़ में जुट गए।
यह खबर जैसे-जैसे शहर में जंगल की आग की तरह फैल रही थी वैसे-वैसे ही शिवभक्तों का तांता मंदिर पर लग रहा था। हर कोई अपने प्रिय भगवान को दूध पिलाने की कोशिश कर रहा था। दूध पिलाने वालों में सभी उम्र के बच्चे-महिलाएं युवक व युवतियां तेजी से बढ़ रहीं थीं।
सूरजपुर के शिव मंदिर में सैकड़ों शिवभक्त अपने हाथ में दूध का पात्र लेकर एकदूसरे से आगे बढ़ कर अपने आराध्य देव को दूध पिलाने का जतन कर रहे थे। ऐसा लगा रहा था कि मानों हर भक्त समय रहते दूध पिलाना चाहता है, कहीं ऐसा न हो कि उसका नंबर आते ही भोलेनाथ रूठ कर कहीं चले न जाएं। इस भगदड़ और आपाधापी की खबर मिलते ही शहर की कानून-व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त बनाए रखने के लिए पुलिसकर्मियों ने भी अपनी गश्त बढ़ा दी। शिवमंदिरों के आसपास पीसीआर की व्यवस्था लगा दी ताकि कोई अप्रिय वारदात न हो सके। शाम लगभग साढ़े सात बजे से दूध पिलाने की खबर मिली और देर रात तक लोग दूध पिलाने की होड़ में लगे रहे।
इससे पहले गणेश जी की दूध पीने की खबर देशभर में फैल चुकी है। लाखों लोगों ने मंदिरों में भगवान गणेश जी को दूध पिलाया था।

Sunday, 19 July 2015

हिन्द कांग्रेस पार्टी में पांच नए पदाधिकारी मनोनीत

जिला अध्यक्ष अनिल भाटी ने किया सभी का स्वागत

ग्रेटर नोएडा (ब्यूरो)। हिन्द कांग्रेस पार्टी अपने मिशन में कामयाब होती हुई तेजी से अपना विस्तार कर रही है। रविवार को सूरजपुर स्थित पार्टी कार्यालय में पार्टी के पांच नए पदाधिकारियों का मनोनयन किया गया। पार्टी के जिला अध्यक्ष अनिल भाटी, मेरठ मंडल अध्यक्ष दिनेश शर्मा, जिला उपाध्यक्ष विनोद शर्मा, यूथ विंग के प्रदेश सचिव रजनीश चौधरी, यूथ विंग के जिला उपाध्यक्ष अवनेन्द्र यादव ने सभी नए सदस्यों का स्वागत फूल माला पहना कर व मिठाई भेंट कर किया। जिला अध्यक्ष अनिल भाटी ने सभी नए सदस्यों को मनोनयन पत्र सौंप कर उनका स्वागत किया और उनसे अपने-अपने दायित्वों को पूर्ण ईमानदारी व निष्ठा के साथ निभाने का आवाहन किया।
विनोद शर्मा (ऐच्छर)को मीडिया प्रभारी और प्रचार समिति का अध्यक्ष मनोनीत किया गया है। जिला अध्यक्ष श्री भाटी द्वारा मनोनयन पत्र दिए जाने के अवसर पर सभी कार्यकर्ताओं ने श्री शर्मा का जमकर स्वागत किया। पार्टी के युवा मोर्चा के सहसचिव पद पर धीरज शर्मा को मनोनीत किया गया। मनोनयन पत्र दिए जाने पर कार्यालय में उपस्थित सभी कार्यकर्ताओं ने श्री शर्मा का करतल ध्वनि से स्वागत किया और बधाई दी।
पार्टी के युवा मोर्चा के ग्रेटर नोएडा के नगर अध्यक्ष पद पर कपिल गुप्ता को मनोनीत किया गया है। श्री गुप्ता को पार्टी के सभी पदाधिकारियों ने स्वागत किया और जिला अध्यक्ष ने मनोनयन पत्र सौंप कर सम्मानित किया। इस अवसर पर सभी कार्यकर्ताओं ने श्री गुप्ता के पार्टी में आने का स्वागत किया। इसके अलावा असित शर्मा को युवा मोर्चा का दादरी विधानसभा क्षेत्र का प्रभारी बनाया गया है और संजय कुमार को नोएडा विधानसभा क्षेत्र का सचिव मनोनीत किया गया है। 

हिन्द कांग्रेस पार्टी ने भरी यूपी मिशन 2017 की हुंकार

उत्तर प्रदेश की सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी पार्टी:अनिल भाटी
बूथ स्तर पर पार्टी की नींव मजबूत करने के लिए किया जिला अध्यक्ष ने आवाहन

ग्रेटर नोएडा (ब्यूरो)। हिन्द कांग्रेस पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद बिहार विधानसभा की सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार कर मैदान में डटी है। इसके बाद पश्चिम बंगाल, हरियाणा,पंजाब और राजस्थान के विधानसभा चुनावों के साथ ही देश की राजनीतिक दिशा तय करने वाले उत्तर प्रदेश की सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
रविवार को सूरजपुर स्थित पार्टी कार्यालय में आयोजित साप्ताहिक सम्मेलन में गौतमबुद्धनगर के जिला अध्यक्ष अनिल भाटी ने पांच नए पदाधिकारियों के मनोनयन पर हर्ष जताते हुए यह संकेत दिया।
उन्होंने कहा कि पार्टी किन-किन मुद्दों पर चुनाव लड़ेगी इस पर पार्टी के हाईकमान के साथ राष्ट्रीय स्तर की बैठक के बाद ही तय किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनावों के लिए अधिक समय नहीं है और हमारी पार्टी भी अभी शैशव अवस्था में है, इसलिए हमारी सबकी जिम्मेदार बहुत बड़ी है और सामने दिग्गज पार्टियों से मुकाबला है। यह भी कड़ी चुनौती है लेकिन हमारे हौसले कम नहीं हैं।
पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए श्री भाटी ने कहा कि हमें सबसे पहले बूथ लेबल पर पार्टी की नींव मजबूत करनी होगी। सभी कार्यकर्ताओं को अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी और पूर्ण निष्ठा से निभानी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि जनवरी 2016 तक सभी कार्यकर्ताओं की कड़ी परीक्षा होगी और इसमें जो भी कार्यकर्ता पार्टी की अपेक्षाओं पर खतरा उतरेगा या अव्वल आएगा उसे पाटी में बड़ा पद देकर सम्मानित किया जाएगा। श्री भाटी ने कार्यकर्ताओं से कहा कि जितनी जल्दी हो सके बूथ स्तर पर कमेटियों का गठन किया जाए, इसके लिए विधानसभा क्षेत्र के अध्यक्ष और उनके साथी जिम्मेदार होंगे।
पार्टी के गोतमबुद्धनगर के जिला अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी में आने वालों का स्वागत करती है साथ ही यह अपेक्षा करती है कि वह अपनी-अपनी जिम्मेदारी पूर्ण निष्ठा और ईमानदारी से निभाएं।
एक और एक मिलकर ग्यारह बनाने की तर्ज पर तेजी से पार्टी का विस्तार करने वले श्री भाटी का कहना है कि पिछले चार सप्ताह में हमनें काफी सफलताएं मिलीं हैं और आशा है कि आने वाले समय में इससे कहीं अधिक सफलताएं मिलेंगी। यदि  हम अपनी उम्मीदों पर खरे उतरे तो प्रदेश स्तर पर संघर्ष के लिए जल्द ही तैयार जाएंगे। उन्होंने विस्तार से बताया कि पहले सप्ताह में पांच सदस्यों से लेकर पार्टी की शुरुआत करने के बाद आज चार सप्ताह के बाद सदस्यों की संख्या लगभग 50 है। इसी रफ्तार से चलते हुए अगले माह तक हम यह संख्या 350 से लेकर 1000 तक पहुंचा देंगे। इसके लिए पार्टी के सभी सदस्यों का सक्रिय सहयोग की आवश्यकता है।
इस अवसर पर उपस्थित मेरठ मंडल के अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने कहा कि हमें इस बात की खुशी है कि पार्टी के सदस्यों का विस्तार हो रहा है , साथ ही हम यह यह आशा करते हैं कि सभी कार्यकर्ता अपेक्षा से अधिक तेजी से पार्टी को मजबूत करने के कार्य में जुट जाएं क्योंकि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए समय कम है, इस बात का सभी को ध्यान रखना होगा। साथ ही हम सबको इतनी मेहनत करनी होगी कि चुनाव में यह दिखाई पड़े कि हिंन्द कांंग्रेस पार्टी दिग्गज पार्टियों को कड़ी टक्कर देगी।
जिला उपाध्यक्ष विनोद शर्मा ने कहा कि आज के युग में सभी राजनीतिक दल धनाढ्यों की राजनीति करते हैं, उनकी सेवा में लगे रहते हैं,लेकिन हमारी पार्टी गरीबों की पार्टी है, हमारी पार्टी में कोई अमीर नहीं है। हम सब मिलकर गरीबों की सेवा करेंगे और उन्हें उनका सही हक दिलवाएंगे। यह कार्य हमने कर लिया तो निश्चित ही उत्तर प्रदेश की राजनीति में सफलता के झंडे गाड़ देंगे।
पार्टी की यूथ विंग के प्रदेश सचिव रजनीश चौधरी ने कहा कि हमें यूपी के 2017 के विधानसभा चुनाव के लिए ऐसी तैयारी करनी है कि उसका असर प्रदेश की राजनीतिक क्षितिज पर स्पष्ट दिखाई दे और लोग हिन्द कांग्रेस पार्टी का लोहा मानने लगें। इसके लिए यह जरूरी है कि सभी कार्यकर्ता अपने-अपने दायित्व को पूरी ईमानदारी के साथ निभाएं और अपेक्षा से अधिक मेहनत करें तभी यह संभव होगा। उन्होंने कहा कि हम प्रदेश में जगह-जगह पार्टी के प्रचार-प्रसार के लिए जा रहे हैं, हमें युवाओं का काफी समर्थन मिल रहा है। हमें इसका लाभ मिलेगा।
जिला अध्यक्ष अनिल भाटी के प्रयासों से प्रसन्न होकर कार्यकर्ताओं ने पूर्ण विश्वास दिलाया कि वे अपनी-अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी और कम समय को देखते हुए अधिक मेहनत करेगे और पार्टी को किसी तरह से निराश नहीं होने देंगे। सभी कार्यकताओं ने स्वागत करते हुए जिला अध्यक्ष श्री भाटी को फूल-मालाओं से लाद दिया।
इस अवसर पर जिला अध्यक्ष अनिल भाटी, जिला उपाध्यक्ष विनोद शर्मा, वरिष्ठ नेता श्रीपाल सिंह, यूथ विंग के प्रदेश सचिव रजनीश चौधरी, यूथ विंग के उपाध्यक्ष अवनेन्द्र यादव, सिकन्द्राबाद के विधानसभा क्षेत्र के अध्यक्ष प्रेमवीर, सिकन्द्राबाद के ही पार्टी की युवा शाखा के विधानसभा क्षेत्र के अध्यक्ष बबलू, निकित कुमार, आलोक तिवारी, शिवम चौहान, श्याम भदौरिया सहित दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित थे।

शौकत अली चेची राष्ट्रीय लोकदल के किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष बनाए गए

रालोद में मिली जिम्मेदारी को पूर्ण तरह से निभाऊंगा:चेची

ग्रेटर नोएडा। राष्ट्रीय लोकदल क्षेत्र में पार्टी को मजबूती देने के उद्देश्य से शौकत अली चेची को किसान प्रकोष्ठ का प्रदेश उपाध्यक्ष मनोनीत किया है। शुक्रवार को रालोद किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष राम मेहर सिंह गुर्जर ने प्रेस वार्ता के दौरान शौकत अली को पत्र देकर किसानों के लिए काम करने के लिए कहा है।
उन्होंने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चौधरी अजीत सिंह और जयंत चौधरी के नीतियों में आस्था और विश्वास के साथ स्वप्त चौधरी चरण सिंह के नीतियों को जनजन तक पहुंचाने के लिए पार्टी का विस्तार किया जा रहा है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसानों की समस्या को प्रमुखता से उठाने के लिए रालोद हमेशा तैयार है। उन्होंने प्रदेश सरकार पर आरोप लगया कि सरकार किसानों के लिए कुछ काम नहीं कर रही है,किसानों के फसल के नुकसान बाद मुआवजे के बंटवारे में धांधली हुई है, जिस किसान को मुआवजा मिलना चाहिए उनको न मिलकर फर्जी लोगों को मुआवजा दिया गया है। प्रदेश में खाद बीज की कमी नहीं है,लेकिन कालाबाजारी की वजह से किसानों तक खाद बीज नहीं पहुंच पा रहा है। उन्होंने कहा कि किसानो के हक की लड़ाई लड़ी जााएगी।
जिला भूपेन्द्र चौधरी ने कहा कि जिले में प्राइवेट स्कूलों ने लूट खसोट मचा रखी है, मनमानी तरीके से फीस बढ़ाई जा रही है। इस मामले में जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया जाएगा यदि सुनवाई नहीं हो बड़ा आंदोलन किया जाएगा जरूरत पड़ी तो डीएम का घेराव भी किया जाएगा।शौकत अली चेची ने कहा कि रालोद में मिली जिम्मेदारी को पूर्ण निष्ठा के साथ निभाऊंगा। इस मौेके पर रालोद के जिलाध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, युवा रालोद के जिलाध्यक्ष हरिओम भाटी, जिला सचिव ऊधम सिंह तोंगड़, विपिन खारी,शौक़ीन अली चेची, हरी प्रकाश, हरवीर सिंह मौजूद रहे।

Saturday, 18 July 2015

जमाना मेरी मिसाल दे......

कोई जप्त दे न जलाल दे
मुझे सिर्फ इतना कमाल दे
मुझे अपनी राह पर डाल दे
कि जमाना मेरी मिसाल दे
यह ये किसी मशहूर शायर का शेर ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर में रहले
वाले दो मुस्लिम परिवारों के नन्हें और होनहार बच्चों पर  फिट बैठता है, जो परवरदिगार से आरजू और मिन्नत करता है। आज पूरे मुल्क में ईद मनाई जा रही है। यह ईद पूरे तीस रोजे के बाद आई है।  माहे रमजान में दो मुस्लिम परिवारों के नन्हें बच्चों ने अपनी कारगुजाजी से लोगों को चौँका दिया है।एक परिवार की नन्हीं चार साल की बच्ची ने कुरान पढऩे की अपनी चाहत दिखाकर अपने परिवार के लोगों को चौंका दिया। सूरजपुर में दादरी रोड पर जेके धर्मकांटा के पास बाबा स्टील के संचालक पीर बाबा नूर मोहम्मद की पोती और एम. अख्तर की चार साल की लाड़ली बेटी सानिया ने कुरान शरीफ पढ़कर अपने होनहार होने का सबूत दे दिया।
वहीं दूसरी ओर सूरजपुरके एक अन्य मुस्लिम परिवार जो,ं पुराने जिला पंचायत कार्यालय के पास रहने रहता है। पूर्व ग्राम प्रधान इब्राहीम के पोते और यूनुस खान के 9 वर्ष के बच्चे अमान खान ने माहे रमजान में रोजे रखकर घर वालों को अपने होनहार होने का संकेत दे दिया। हालांकि रोजा रखने की उम्र कम से कम 12 वर्ष की मानी गई  है लेकिन अमान ने इस रिकार्ड को तोड़ते हुए रोजे रखे।

इस बार माहे रमजान मेंं ईद ही ईद रहीं

इस बार नेमत और बरकतों के मुबारक माहे रमजान शुक्रवार यानी जुमे से शुरू हुआ और शुक्रवार यानी जुमे को ही विदा हुआ। इस माह में पांच शुक्रवार आए। इस बात की चर्चा मजहबी लोगों के बीच खूब रही। इस मसले पर जब हाफिजों से चर्चा की गई तो उन्होंने इसे बहुत ही मुबारक बताया। इस चर्चा में शामिल होते हुए सूरजपुर स्थित जामा मस्जिद के खतीबो इमाम जनाब मो. याकूब ने फरमाया कि दरअसल हर जुमा इस्लाम में ईद होता है, जुमा सभी दिनों का सरदार भी होता है। इसलिए मुकद्दस माहे रमजान में पांच शुक्रवार आने से पांच बार ईद वैसे ही हुई और जब माहे रमजान हमसे रुखसत हुआ तो उसके अगले दिन यानी शनिवार को सालाना ईद दे गया। इसलिए इस बार माहे रमजान में लोगों ज्यादा  से ज्यादा नेक कमाई करने का मौका मिला। इसके लिए हमें अल्लाह का शुक्रगुजार होना चाहिए।

Monday, 13 July 2015

जीवन में कुछ बड़ा पाने के लिए...

ग्रेटर नोएडा (ब्यूरो)। पूरे देश में जाना-पहचाना नाम है आरसीएम का। आरसीएम के माने राइट कम्पलीट मार्केटिंग यानी ख्ररीददारी करने का सही तरीका। इसकी प्रगति करने का कारण भी यही माना जा रहा है कि सही दिशा में सही तरीके से प्रयास करने पर सही परिणाम सामने आता है। इसी बुनियाद पर तेजी से बढ़ रहे आरसीएम का स्वदेशी को बढ़ावा देने के लिए, स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने के लिए और स्वास्थ्य विषय को लेकर बिग सेमीनार रविवार को ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर में आयोजित किया गया। इस सेमिनार में पलवल से कंपनी के टेक्निकल पिन होल्डर सुनील शर्मा का एकदम खुला एवं स्पष्ट विचार है कि जीवन में कुछ बड़ा पाने के लिए कुछ बड़ा करना होता है। ये बड़ा एक आदमी खुद राह चलते नहीं कर सकता बल्कि किसी बड़े का सहारा लेकर और उसमें अपना जतन करके ही आगे बढ़ सकता है। इस दिशा में आरसीएम हो या कोई और सिस्टम या गु्रप या मेंटर हो उसका सहारा लें और अपने जीवन में कुछ न कुछ बड़ा करें।
उन्होंने कहा कि आरसीएम तो एक ऐसा सिस्टम है, जो देश का है, देश के लिए और देशवासियों के लिए यानी पूर्ण स्वदेशी है। कहते हैं कि जिसे वतन से प्यार नहीं वह जिंदा ही मृत के समान है। इसी भावना को लेकर उन्होंने भगत सिंह के जीवन और शहादत की कथा सुनाई और लोगों को अपने देश और देशवासियों से प्यार करने के लिए भी कहा। उनका आशय स्वदेशी वस्तुओं की अधिक से अधिक खरीद करके अपने देश और अपने देश के प्रोडक्ट निर्माण में लगे अपने ही बंधुओं का अधिक से अधिक भला करने की है। इसका सीधा सा लाभ यह है ,अपने देश का पैसा अपने देश में रहेगा और अपना देश आर्थिक रूप से मजबूत रहेगा। स्वदेशी और पूर्ण शुद्ध प्रोडक्ट मिलेंगे तो लोगों का स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा। स्वस्थ एवं धनवान देश हमेशा विश्व में अपनी धक जमाता है। यही देश प्रेम हममें जाग जाए तो भारत देश फिर से सोने की चिडिय़ा बन सकता है और हमें महाश्क्ति बनने से कोई नहीं रोक सकता।
सुनील शर्मा के ओजस्वी विचारों से लोग इतना प्रभावित हुए कि काफी देर तक करतल ध्वनि करके उनका स्वागत करते रहे।

Thursday, 9 July 2015

HEALTH: ROLE OF FOOTWEAR IN DIABETES

The feet care is prime concern for the diabetics and their medical practitioners. Those who having neuropathy and sensitive feet need special foot care and to serve this purpose they need special class footwear, which are available now under the categories like therapeutic footwear and diabetic shoes. As the awareness in particular communities is still low, so, only the selected outlets have this range of shoes. Still, if you are looking medical footwear to deliver extra safety and comfort, numbers of sources are easily available; even some, stores specialize in medical grade footwear in India.
The importance of footwear in diabetes or other medical complications has great importance for the professionals who are associated with the cure of diabetic feet and other foot problems. Internally seam less, minimal joints, extra depth Diabetic Shoes are designed to serve the ultimate safety and comfort to the sensitive feet; so, these are made of breathable soft material. The sole of this class footwear plays very important role by extending the firm grip even on uneven surface. The bottom surface of feet never experiences pressures even after long moves. Many people purchases therapeutic footwear as diabetic footwear, while there is a thin line between the both. Therapeutic shoes are designed to deliver the benefits of massage also besides delivering comfort by accommodating congenital and developed deformities.
Research indicate that the diabetics know about the diabetic and therapeutic shoes but they do not use these because of their misconception that therapeutic or diabetic footwear are not as fashionable as they want. Today, numbers of companies in India are stepping in to this field; and, this is a good sign for the fashion conscious buyers. Any premium brand associated with diabetic or therapeutic footwear combines the fashion and needs perfectly whether you are looking for sneakers, sports shoes, dress shoes or fashionable casuals.
Key aim for searching the therapeutic or diabetic shoes is comfortable rehabilitation of diabetics. Many manufacturers offer customization facility also that allows the users to forward the size and other buying parameters. The consultants of particular brands get in touch of buyer to confirm the buying parameters; and after finalization, they finalize the design. However, the accurate size of parts of feet is very crucial to expect desired comfort level. Inserts are also available with diabetic footwear to adjust the minor gaps. The lace tongue, heal, sole and toe box shape are the key areas to be focused. Only the buying of selected brands of Dab shoes makes you eligible for these kind of special footwear .
 Many diabetics need special footwear prescribed by a physician. Prescription footwear includes: Extra Depth Shoes:The extra depth shoe is the basis for most footwear prescriptions. It is generally Derby/ Oxford-type or athletic shoe with an additional 8 mm to 12 mm of depth throughout the shoes with Velcro closing, allowing extra volume to accommodate any needed inserts or orthoses, as well as deformities commonly associated with a diabetic foot. In-depth shoes also tend to be light in weight, have shock-absorbing soles, and come in a wide range of shapes and sizes to accommodate virtually any foot.
•Healing shoes: Immediately following surgery or ulcer treatment, special type of shoe may be necessary before a regular shoe can be worn during the treatment. These include custom sandals (open toe), heat-moldable healing shoes (closed toe) and post-operative shoes.
•External shoe modifications:This involves modifying the outside of the shoe in some way, such as modifying the shape of the sole or adding shock-absorbing or stabilizing materials.
•Orthoses or Inserts: An orthoses is a removable insole which provides pressure relief and shock absorption. Both pre-fab and custom-made orthoses and inserts are commonly prescribed for patients with diabetes, including a special total contact Insoles, which is made from a model of your foot and offers a high level of comfort and pressure relief.
•Custom-Made Shoes: When extremely severe deformities are present, a custom-made shoe can be constructed from a cast or model of the patient's foot. These cases are rare. With extensive modifications of extra depth shoes, even the most severe deformities can usually be accommodated.
Taking good care of your feet means making sure you have the right foot wear. Whether you have been recently diagnosed or have had diabetes for many years, proper footwear can help prevent serious foot problems. Be sure to talk to your physician (Foot care Specialist) about the type of shoes, modifications and orthoses that are right for you.
Suresh Gupta

जानबूझकर रोजा छोडऩे वाला शरियत का मुजरिम है:हुसैन

ग्रेटर नोएडा (ब्यूरो)। रोजा इस्लाम में फर्ज है और इसकी फर्जियत कुरान, हदीस से साबित है। यह कहना है कि कादरी मस्जिद के इमाम मतलूम हुसैन का। रोजे के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि हर मुसलमान आकिल और मालिब पर रोजा रखना जरूरी है। अगर बगैर किसी मजबूरी के जानबूझकर किसी ने रोजा छोड़ दिया तो वह शरियत का मुजरिम व गुनहगार है।
हदीस में रोजे को ढाल कहा गया है। ढाल का काम बचाना होता है उसी तरह से रोजा इंसान को गुनाहों से बचाता है। रोजा इंसान को बुराइयों से बचाता है।  उन्होंने कहा कि रोजा इंसान के जहनोंफिक्र की गंदगियां दूर करता है। उन्होंने कहा कि रोजा शरीर के हर अंग का रखना होता है। नजर को बुरायों को रोकना, जुबान को गलत बात से रोकना, कानों से बुरी बातों को सुनने से रोकना रोजे में बेहद जरूरी है।
उन्होंने कहा कि अल्लाह ने इंसान को अपनी इबादत के लिए पैदा किया है। बस इंसान का फर्ज है कि वो अपने खालिकोमालिक की इबादत करता रहे और अल् लाह के बंदों की खिदमत करता रहे। इसी का नाम इंसानियत है।
मोहसिने आजम सलल्लाहू अलैह वसल्लम ने अल्लाह की हर मखलूख के साथ मेहरबानी व हमदर्दी करने का हुक्म फरमाया है। इसलिए हर इंसान को जरूरी है कि वह अपने नबी सलल्लाहू अलैह वसल्लम ताला के फरमान पर अमल करे। 

Friday, 3 July 2015

आयकर रिफण्ड के नियम व शर्तें


ग्रेटर नोएडा (ब्यूरो)। आयकर दाताओं के लिए आवश्यक है कि वह यह जान लें कि उनकी आय पर कितना कर देना है और उसी के हिसाब से अपना आयकर रिटर्न दाखिल करें। इसके बावजूद यदि आपने अपनी आय पर देय कर से अधिक की राशि का भुगतान कर दिया है तो परेशान होने की आवश्यकता नहीं है आयकर विभाग आपका ज्यादा पैसा स्वयं वापस कर देगा। इसके लिए कुछ नियम व शर्तें हैं, जो इस प्रकार हैं:-
क्या है रिफण्ड: जब करदाता के टीडीएस की राशि उसके देय टैक्स की राशि से अधिक होती है तो ये अधिक राशि रिफण्ड कहलाती है। दूसरे शब्दों में आपने अपने देय कर से अधिक का टैक्स टीडीएस के रूप में दे दिया है तो ये अधिक राशि रिफण्ड के रूप में टैक्स डिपार्टमेंट आपको वापस चैक या ऑनलाइन भुगतान के माध्यम से दे देता है।
शर्तें: रिफण्ड के लिए आवश्यक है कि आपकी रिटर्न आयकर अधिनियम 1961 के 139 (1)के अन्तर्गत आखिरी तारीख से पहले आयकर विभाग में जमा की गई हो।
एडजेस्टमेंट:रिफण्ड से पूर्व के वर्षों के सम्बन्ध में आप पर कोई कर की राशि बकाया है तो टैक्स डिपार्टमेंट इस राशि को आपके रिफण्ड से ले लेगा और शेष राशि का ही रिफण्ड देगा।
भुगतान का प्रारूप: आयकर रिफण्ड का भुगतान चैक या आनलाइन होता है, जब आयकर रिटर्न फाइल करते समय रिफण्ड के लिए भुगतान का माध्यम चुना गया होगा तो उसी माध्यम से भुगतान होता है। यदि आपको आललाइन रिफण्ड प्राप्त करना है तो आपको अपने बैंक खाता संख्या, एमआईसीआर कोड ब्रांच के सम्बन्ध में रिर्टन में विवरण देना होता है। यह रिफण्ड के लिए प्रचलित और सुविधाजनक व्यवस्था है।
यदि रिफण्ड चैक के माध्यम से आता है तो आयकर रिटर्न में आपका सही पता होने पर ही आपको चैक प्राप्त होगा अन्यथा पोस्टमैन द्वारा रिफण्ड का चैक सही पता न होने के कारण वापस चला जाएगा।
इंटरनेट के माध्यम से रिफण्ड स्टेटस की जानकारी ली जा सकती है। जिसके लिए आपको पैन नम्बर व कर निर्धारण वर्ष की आवश्यकता होगी। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:-
सीए अतुल शर्मा, (आईसीए, कोपा, पीजीएफएम, एम.कॉम), संजिता टैक्स एसोसिएट, आर्य समाज रोड, पुराना शनि बाजार,सूरजपुर, ग्रेटर नोएडा। फोन नं. 9911753788

Monday, 29 June 2015

रमजान माह में इबादत का 70 गुना शबाब मिलता है:हुसैन

ग्रेटर नोएडा (ब्यूरो)। माहे रमजान बहुत ही बरकतों का महीना है। इस माह में खास अल्लाह की रहमत बंदो की तरफ नाजिल होती है। इस माहे मुबारक का क्या कहना, इसकी शान बहुत ही बुलंद है। इस माह में इबादत का शबाब 70 गुना बढ़ा दिया जाता है। अगर कोई एक पैसा खर्च करे तो अल्लाह उसको 70 का शबाब अता फरमाता है। यह कहना है सूरजपुर स्थित चांद मस्जिद के इमाम ताहिर हुसैन का।
उन्होंने फरमाया कि ये माहे मुबारक गुनाहों से तौबा करने का खास महीना है। उन्होंने कहा कि ये रोजे की बरकत है कि रोजेदार के लिए हर चीज अल्लाह की बारागाह में दुआ करती है।
 मसलन जब इंसान सोया होता है और सहरी के लिए बेदार होता है तो बिस्तर भी उसके लिए दुआए मगफिरत करता है। यहां तक कि जब वो उठ जाता है और कपड़े पहनता हैतो कपड़े भी उसके लिए दुआ करते हैं, जब वो बजू के लिए बर्तन उठाता है तो वह बर्तन भी उसके लिए दुआ करता है। यहां तक कि वो सहरी करता है तो खाना भी उसके लिए दुआ करता है। रमजान शरीफ में हर तरफ से बंदे के लिए भलाई ही भलाई लिखी जाती है। यहां तक कि अगर कोई गुनाह करता है तो वह उसके अपने नब्ज की चाल है। हदीस-ए-पाक में आता है कि शैतान को कैद कर दिया जाता है, जहन्नुम के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं और जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि इस माहे मुबारक में एक रात ऐसी भी आती है जिसमें इबादत करना हजार महीने से ज्यादा अफजल है। वो रात शबे कद्र है। हदीस-ए-पाक में आता है कि शबे कद्र को आखिरी ताक रातों में तलाश करो। उन्होंने कहा कि 21 वीं रात, 23 वीं रात, 25 वीं रात,27 वीं रात और 29 वीं रात में से एक शबे कद्र की रात होती है। जो इसको पा जाए उसे उस रात में अल्लाह की बारगाह में रो-रो कर, गिड़गिड़ाकर अपने गुनाहो बख्शीश चाहे तो उसे कर ले।
उन्होंने कहा कि इस रमजान शरीफ की बरकत से अल्लाह आलमे दुनिया में अमन कायम फरमाए। दिलखुशूश हमारे हिन्दुस्तान के अन्दर अमन कायम फरमाए और अल्लाहताला हमारे मुल्क हिन्दुस्तार में खुशहाली अता फरमाए। इत्तिफाक-इत्तिहाद फरमाए। 

Monday, 13 April 2015

नोएडा व ग्रेनो पर सीएम हुए मेहरबान

नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना एक्सप्रेस वे के क्षेत्र को ग्लोबल सिटी बनाने के लिए 6795.87 करोड़ की 62 महत्वाकांक्षी परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया
ग्रेटर नोएडा (ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गौतमबुद्धनगर के नोएडा व ग्रेटर नोएडा को देश के समृद्धशाली शहरों में
शामिल करने का ऐलान किया है। श्री यादव ने शनिवार को अपने आवास से वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना एक्सप्रेस वे के क्षेत्र को ग्लोबल सिटी बनाने के लिए 6795.87 करोड़ की 62 महत्वाकांक्षी परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया।
श्री यादव ने अपने लखनऊ के कालिदास स्थित मुख्यमंत्री आवास से इन परियोजनाओं का शुभारंभ किया। इसका सीधा प्रसारण ग्रेटर नोएडा स्थित गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया। लखनऊ में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री यादव ने कहा कि नोएडा,ग्रेटर नोएडा व यमुना एक्सप्रेस वे प्रदेश का शो विंडो है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के लिए शुरू की गई विकासपरक योजनाओं का क्षेत्र की जनता को सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सपा सरकार राज्य के समग्र विकास के लिए गंभीर है।  मुख्यमंत्री ने शनिवार को नोएडा,ग्रेटर नोएडा व यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र के लिए जिन योजनाओं का लोकार्पण एवं शुभारंभ किया है उनमें से ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण की लोकार्पित परियोजनाओं की अनुमानित लागत 413.03 करोड़ रुपये हैं। इन योजनाओं में 137 एमएलडी की सीवेज शोधन संयंत्र का निर्माण, गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय में आडिटोरियम और इण्डोर स्टेडियम का निर्माण कार्य व 500 किलोवाट क्षमता का रूफ टॉप सोलर पावर प्लान्ट का निर्माण तथा एक मेगावाट क्षमता का ग्रिड कनेक्टेड सोलर पावर प्लान्ट का निर्माण शामिल है।
ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण की जिन योजनाओं का मुख्यमंत्री द्वारा शिलान्यास किया गया है। इन योजनाओं की कुल लागात 1140.19 करोड़ है। इन योजनाओं में लोहिया एन्क्लेव आवासीय योजना, गंगाजल परियोजना, 20 एवं 15 एमएलडी सीवेज शोधन संयंत्र (सीटीपी) योजना तथा 2500 एकड़ में देश के सबसे बड़े ईको पार्क के निर्माण की योजना प्रमुख है।
मुख्यमंत्री ने यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की जिन योजनाओं का शिलान्यास किया है, उनकी लागत 901 करोड़ रुपये है। इन योजनाओं में समाजवादी आवास योजना के अन्तर्गत 1955 भवनों का निर्माण, सेक्टर 18 एवं 24 में 220ध्33 केवी के दो उपकेन्द्रों का निर्माण और यमुना एक्सप्रेस वे पर चैनेज किमी 67.14 पर स्थित बाजना-नौहझील रोड  और यमुना एक्सप्रेसवे के मध्य प्रवेश और निकास रैम्प का निर्माण की योजना प्रमुख है।
मुख्यमंत्री ने नोएडा प्राधिकरण के क्षेत्र में सबसे अधिक योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया। इन योजनाओं की कुल लागत 4341.65 करोड रुपये है। इन योजनाओं में बॉटेनिकल गार्डन मैट्रो स्टेशन से सेक्टर 18 तक ऐलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण, विश्व भारतीय पब्लिक स्कूल से शॉप्रिक्स मॉल तक ऐलिवेटेड रोड का निर्माण, मेट्रो स्टेशन परिसर सेक्टर 38ए में मल्टीलेवल कार पार्किग व व्यवसायिक परिसर का निर्माण है। मुख्यमंत्री ने सेक्टर 30 में सुपर स्पेशियालिटी बाल चिकित्सालय एवं पोस्ट ग्रेजुएट संस्थान के निर्माण व यमुना नदी पर ओखला पुल के समानान्तर अतिरिक्त पुल के निर्माण का शिलान्यास किया। उन्होंने इसके अलावा जिन योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्या किया उनमें सेकटर 105 में वृद्धाश्रम,अनाथालय,दादा-दादी पार्क का निर्माण, सेक्टर 117,118,122 आदि में समाजवादी आवास योजना के तहत 2000 आवासों का निर्माण, नोएडा स्टेडियम सेक्टर 21 ए में 4000 दर्शकों के इन्डोर स्टेडियम शूटिंग रेंज का निर्माण कार्य, सेक्टर 33 में शिल्प हाट व बुनकर भवन का निर्माण, सेक्टर 96 में नोएडा प्राधिकरण के प्रशासनिक भवन का निर्माण, एमपी-1 मार्ग पर सेक्टर 10 से सेक्टर 56 तक ऐलिवेटेड रोड का निर्माण, 37.50 क्यूसेक अतिरिक्त गंगा जल परियोजना, सेक्टर 94 में कमान्ड कन्ट्रेल सेन्टर बिल्डिंग का निर्माण, सेक्टर 82 में सिटी बस टर्मिनल का विकास कराया जाएगा। मुख्यमंत्री द्वारा शुभारंभ की गई अन्य योजनाओं में सेक्टर 108 में ट्रैफिक पार्क का विकास, सेक्टर 91 में 29 एकड़ भूमि पर शहीद भगत सिंह पार्क का निर्माण, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे पर हाइवे ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम की योजना और दस फुट ओवरब्रिज एवं सिंचाई नाले पर 6 पुलों के निर्माण शामिल है।
 मुख्यमंत्री ने नोएडा,ग्रेटर नोएडा की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए चौबीसों घंटे के लिए सभी परिसरों में सीसीटीवी की व्यवस्था करने की योजना का शुभारंभ किया। 

आधे से अधिक असलहों के लाइसेंस हो जाएंगे निरस्त!

एक अक्टूबर तक हो जाएगा शस्त्र लाइसेंस चेक करने वाला प्रोग्राम लॉक
नई दिल्ली। अब देश भर में कहीं से भी जारी किए गए असलहे ऑनलाइन हो जाएंगे। हर जिले में आबादी के लगभग दस प्रतिशत शस्त्रों के लाइसेंस तो जारी कर दिए गएए पर आज तक यह नहीं पता लगाया जा सका कि सक्रिय कितने हैं और निष्क्रिय कितने। साथ ही यह भी कि कितने फर्जी हैं और कितने असली, अब एक क्लिक में खुल जाएगा खेल। जाहिर है, देश में आधे से अधिक लाइसेंस निरस्त हो जाएंगे।
दरअसल, आजादी के बाद से ताबड़तोड़ जारी हुए लाइसेंसों की ऑनलाइन पड़ताल की कवायद हुई है। इसके लिए एक कंप्यूटर प्रोग्राम शुरू किया गया है जिसका नाम है.नेशनल डेटाबेस ऑफ आम्र्स लाइसेंस एनडीएएल। इसके तहत 1 अक्टूूबर 2012 से जिन लाइसेंसों का नवीनीकरण हुआ है उनका डेटा कंप्यूटर में फीड किया जा रहा है। ठीक 1 अक्टूबर 2015 को यह प्रोग्राम लॉक कर दिया जाएगा। इसकी वजह यह है कि तीन साल के भीतर हर जगह लाइसेंसों का नवीनीकरण करा लेने का नियम है। इस अवधि में यह भी साफ हो जाएगा कि नवीनीकरण कराने के लिए कितने लोग आए। यानि, कितने लाइसेंस क्रियाशील हैं। जितने बचेंगे उन्हें अवैध घोषित करते हुए डिलीट कर दिया जाएगा। अपने आप उनका वजूद खत्म हो जाएगा।जिनके पास फर्जी लाइसेंस हैं, वे नवीनीकरण कराने पहुंचेंगे ही नहीं या पहुंचे भी तो पकड़ लिए जाएंगे। इस दायरे में वे भी होंगे जिन्होंने लाइसेंस कहीं और से किसी तरह हासिल किया और मौजूदा समय में दूसरे राज्यों में निवास कर रहे हैं। उन्हें संबंधित जिले के डीएम का प्रमाण पत्र सरकारी स्तर से भिजवाना पड़ेगा कि लाइसेंस की जरूरत है या नहीं। साथ ही यह भी दर्शाना होगा कि उन्हें लाइसेंस की आवश्यकता है या नहीं। डाक की जगह सीधे लेकर अनुमति पहुंचे तो भी मान्य नहीं होंगे।

Friday, 2 January 2015

आपके लिए कैसा रहेगा 2015

कैसा रहेगा आपके लिए नया साल। बता रहे हैं हमारे भविष्यफल 2015 के हाल चाल। इसकी सहायता से आप आने वाले समय के लिए न केवल सचेत रहेंगे,बल्कि सफलता और समृद्धि के सूत्र भी जान सकेंगे।  प्रत्येक राशि के लिए कैसा होगा आने वाला प्रत्येक मास, भविष्यफल  के  माध्यम से यह बताने का प्रयास किया जा रहा है। वैसे यह प्रयास होता है कि राशिफल के माध्यम से अत्यधिक महत्वपूर्ण बातों को सटीकता के साथ बताया जाये।  पाठकों से अनुरोध है कि यदि कोई विशेष परिस्थिति हो या कोई विशेष कार्य करने जा रहे हों तो विशेष परामर्श अवश्य लें। हालांकि भविष्यफल एकसाथ ही 12 माह का दिया जाता है लेकिन पाठकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए हमने सभी राशियों के आने वाले वर्ष में राशि के प्रभाव, बचाव व उपाय के बारे में जानकारी देने की कोशिश की है। इसके बाद अगले अंकों में प्रत्येक राशि के 12 माह के भविष्यफल की जानकारी क्रमश: लगातार दी जाएगी।

मेष :पूरे वर्ष पर्यन्त शनि आपके अष्टम भाव में रहेंगे साथ ही शनि की ढैया भी रहेगी। अत: स्वास्थ्य के प्रति अत्यधिक सतर्क रहें।  यदि उच्च रक्त चाप या दिल के मरीज़ हैं तो अत्यधिक सावधानी बरतें। विपरीत समय में अचानक भारी हानि हो सकती है। विशेषकर यदि शनि या राहु की दशा,अन्तर्दशा चल रही हो तो बहुत सावधानी अपेक्षित है।
विशेष:शनि की साढ़े साती की ढैया रहेगी। नकारात्मक पक्ष:स्वाथ्य।
सकारात्मक पक्ष: भाग्य और मनोबल। लकी नंबर: 5 और 9
सावधानी: जब-जब चन्द्रमा वृश्चिक राशि पर आये स्वास्थ्य और दुर्घटना के प्रति सचेत रहें। उपाय: शनि और शिव की उपासना करें। बचें़:रंग - नीले, काले और हरा। यात्रा - दक्षिण। आहार - उड़द, बैंगन और फूल गोभी। संगत: व्यसन करने वालों से।
 वृषभ: इस राशि के जातकों के लिए शिक्षा, संतान और धन के मामले में अत्यधिक सावधानी की आवश्यकता है। राहु का उपाय करें और विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करें इससे परेशानियों में कमी आएगी।
विशेष: लकी नंबर: 6 और 10 । सावधानी: गहरे पानी, आग और बिजली के उपकरणों से सावधान रहें। उपाय: राहु शांति और विष्णु की उपासना करें। बचें: रंग ,लाल और पीला। यात्रा: उत्तर। आहार: चावल, दही और ठंडी वस्तुएँ। संगत :अधीनस्थ कर्मचारियों और सेवकों से।
मिथुन :पूरे वर्ष शनि आपके छठे भाव में अपने परम शत्रु मंगल की वृश्चिक राशि में रहेंगे ।  धन के लिए यह स्थिति अच्छी नहीं है । कज़ऱ् लेंगे तो जल्दी चुकता नहीं होगा और अचानक हानि होने की सम्भावना बनेगी । अत: शनि देव की शांति हेतु उनके मंत्र का जप तथा भगवान शिव की नियमित आराधना इस प्रभाव को कम करने में सहायक होगी ।यदि किसी को धन की अधिक समस्या हो तो प्रत्येक शनिवार को सरसों का तेल लगाकर स्नान करें।
विशेष: लकी नंबर: 7 और 11 । सावधानी: चन्द्रमा जब भी चतुर्थ भाव में आएँ।   उपाय:शनि सम्बन्धी दान और माँ दुर्गा की उपासना। बचें:रंग , लाल। यात्रा:पूर्व-दक्षिण। आहार:. खट्टी वस्तुओं से। संगत:मित्रता दिखाने वाले से।
कर्क : कर्क लग्न के जातकों के लिए पूरे वर्ष राहू तृतीय भाव में और केतु नवम भाव में रहेंगे। अत: भाग्य में अचानक उतार-चढ़ाव संभव है। कई बार भाग्य अचानक धोखा दे सकता है।
निरंतरता बनाये रखने के लिए भगवान गणेश का नियमित ध्यान और पूजा करें। साथ ही राहू के कारण बुद्धि को नकारात्मकता की ओर जाने से बचाने के लिए पक्षियों को दाना तथा गाय को हरा चारा खिलाना श्रेयस्कर रहेगा।
विशेष: लकी नंबर: 8 और 12 । सावधानी: अमावस्या या शनिवार को गहरे पानी और वीरान जगह पर अकेले ना जायें। उपाय: केतु सम्बन्धी दान, भगवान गणेश की उपासना।
बचें़: रंग- काला और नीला। यात्रा-पश्चिम व  दक्षिण। आहार : ठंडी वस्तुओं से। संगत: मित्र और किसी करीबी रिश्तेदार से सावधान रहें।
सिंह :सिंह लग्न वालों के लिए पूरे वर्ष पर्यन्त राहु दूसरे भाव में,केतु अष्टम में तथा शनि चौथे भाव में रहेंगे। प्रारम्भ के लगभग 7 माह गुरु भी द्वादश में रहेंगे। कुल मिलाकर धन की समस्या, स्वास्थ्य की समस्या,धन हानि, घटना- दुर्घटना का योग लगभग पूरे वर्ष बना रहेगा। वैसे आपके जन्म समय के ग्रहों तथा वर्तमान दशा-अन्तर्दशा का बहुत असर होता है, फिर भी आप बहुत सावधानी बरतें। समस्याओं से बचने के लिए उपाय आवश्यक हैं। प्रयास करें कि उपाय वर्ष के प्रारम्भ से ही करें इन सब बातों को ध्यान में रखकर, कुछ अदभुत उपचार नीचे दिए जा रहे हैं। जिन्हे पूरे संयम,श्रद्धा और नियम से करें। अवश्य लाभ होगा।1.सूर्य को अघ्र्य अर्पित करें और कम से कम एक बार आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ नियमित रूप से प्रात: करें 2.नए वर्ष के प्रारम्भ में ही रुद्राभिषेक करें और यदि संभव हो तो प्रत्येक मास की शिवरात्रि को प्रदोष बेला में पूरे वर्ष करें,हर माह संभव ना हो सके तो कम से कम हर 3 महीने में एक बार ज़रूर करें। 3.अपने से कमज़ोर लोगों की जितनी हो सके मदद करें। 4.क्रोध पर नियंत्रण रखने के लिए नियमित प्राणायाम करें और अपने को चुस्त- दुरुस्त रखें।
 विशेष: शनि साढ़े साती ढैया: ढैया रहेगी। नकारात्मक पक्ष: वाणी तर्क और अहंकार। सकारात्मक पक्ष: निडरता और दृढ़ इच्छा शक्ति। लकी नंबर: 1 और 9 । सावधानी: जिस माह सूर्य मीन राशि में हों। उपाय:केतु सम्बन्धी दान, भगवान गणेश की उपासना, आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ। बचें: रंग- काला, हरा और नीला। यात्रा -दक्षिण व  पश्चिम। आहार: गरिष्ठ और खट्टी वस्तुओं के सेवन से। संगत .: अपने से उम्र में बड़ी महिला या पुरुष से।
कन्या : कन्या राशि वाले इस वर्ष साढ़े साती से पूरी तरह से मुक्त हैं। परन्तु लग्न में राहु और सप्तम भाव में केतु का गोचर पूरे वर्ष रहेगा। साथ ही लगभग आधे वर्ष के बाद गुरु भी द्वादश भाव में आ जाएंगे। परिणाम स्वरुप मन अनियंत्रित, क्रोध,अनिश्चितता, व्यापार में हानि और सबसे अधिक वैवाहिक जीवन में कठिनाई नजऱ आ रही है। यदि किसी विपरीत ग्रह की दशा-अन्तर्दशा चल रही हो या कुंडली में कालसर्प योग प्रथम और सप्तम भाव से हो तो परेशानियों में वृद्धि हो सकती है। कुछ अचूक उपाय दिए जा रहे हैं जिसे नए वर्ष के प्रारम्भ से ही करें:-
1. शरीर पर राहु के प्रभाव से सबसे अधिक प्रभाव निर्णय लेने की क्षमता पड़ता है। अत: बुध की शांति के लिए ऊं बुं बुधाय नम:  मंत्र का 16000 जप किसी बुधवार को अच्छे योग में करें।
2.राहु की दशा या अंतर दशा हो तो राहु के लिए ऊं रां राहवे नम: मंत्र का जप 18000 बार करें। जप किसी शनिवार को अच्छे योग में करें तथा राहु सम्बन्धी दान, काला कपड़ा, तिल, सरसों का तेल,लोहे या स्टील के बर्तन इत्यादि अपने सेवकों को दें। प्रयास करें कि आपके सेवक आपसे प्रसन्न रहें।
3.परेशानियाँ ज़्यादा हों जैसे कालसर्प योग भी बन रहा हो तो ऊपर के उपाय के बजाय सिर्फ  रुद्राभिषेक का सहारा ले, यदि प्रत्येक माह कर सकें तो अदभुत लाभ होगा।
4. वैवाहिक परेशानियाँ यदि अनियंत्रित हो रही हों तो माँ कात्यायनी का अनुष्ठान किसी योग्य विद्वान से सही योग में कराएँ।
 विशेष: लकी नंबर: 2 और 10 । सावधानी:जीवन साथी से रिश्ते को लेकर।
उपाय: केतु और शनि सम्बन्धी दा, माँ कात्यायनी की उपासना।
परहेज़: रंग- लाल। यात्रा- पूर्व। आहार -तैलीय और खट्टी वस्तुओं के सेवन से। संगत -अति उत्साही और व्यसन करने वालों से।
तुला: तुला राशि के जातकों के लिए शनि की साढ़े साती का अंतिम चरण का पहला पक्ष रहेगा। अत: कुछ राहत महसूस करेंगे, कज़ऱ् और शत्रुओं से मुक्ति मिलने लगेगी फिर भी आय अभी उस गति से नहीं होगी जैसी अपेक्षित है। चोट.चपेट की सम्भावना रहेगी। ऐसे में भगवान शिव की उपासना और योग ध्यान का सहारा लें।
शनि साढ़े साती ढैया: साढ़े साती का अंतिम दौर रहेगा। नकारात्मक पक्ष: स्वास्थ्य।सकारात्मक पक्ष:परक्रम और निर्णय की क्षमता।
1 रुद्राभिषेक। 2. रुद्रगायत्री जपें तत्पुरुषाय विद्मह, महादेवाय धीम, तन्नो रुद्र: प्रचोदयात !! नियमित जप अत्यंत लाभकारी होगा। 3. रुद्राक्ष की माला धारण करें। 4. धन की समस्या यदि अधिक हो तो शनिवार को सायं काल सरसों का तेल पहले लगाएं फिर स्नान करें
विशेष: लकी नंबर: 3 और 11 । सावधानी: ऊँचे स्थान और कमर के निचले हिस्से को लेकर।
उपाय: शनि सम्बन्धी दान, शिव उपासना। परहेज: रंग- पीला और लाल। यात्रा -उत्तर व पूर्व। आहार .-खट्टी और मीठी वस्तुओं के सेवन से। संगत- पराई स्त्री,पर पुरुष और अपने सेवकों से।
वृश्चिक: राशिफल 2015 के अनुसार वर्ष का प्रारम्भ अच्छा होगा, भाग्य पक्ष बहुत मजबूत रहेगा। परक्रम, कार्य करने की क्षमता और इच्छा शक्ति बहुत तीव्र रहेगी।
विशेष: शनि साढ़े साती ढैया: साढ़े साती का मध्य दौर रहेगा।
नकारात्मक पक्ष: क्रोध, वाणी, अनिर्णय और स्वास्थ्य। सकारात्मक पक्ष: विपरीत परिस्थितियों से निकलने की क्षमता। लकी नंबर: 4
सावधानी: वाहन चलाते समय सतर्क रहें। उपाय: शनि और केतु सम्बन्धी दान, शनि और शिव उपासना। बचें: रंग -नीला और काला। यात्रा -पश्चिम .दक्षिण। आहार -खट्टी और तीखी वस्तुओं के सेवन से। संगत -नीच कर्म और व्यसन करने वालों से।
धनु: धनु राशिफल 2015 के अनुसार वर्ष का प्रारम्भ धन के मामले में बहुत अच्छा जायेगा। धन एक से अधिक स्रोतों द्वारा आएगा जिसके कारण आर्थिक स्थिति मज़बूत होगी। राजनैतिक क्षेत्र में प्रभाव रहेगा।
विशेष:शनि साढ़े साती ढैया:साढ़े साती का प्रथम पक्ष प्रारम्भ। नकारात्मक पक्ष: उतावलापन और दूसरों पर अत्यधिक भरोसा।
सकारात्मक पक्ष: ईमानदारी और निरंतरता। लकी नंबर: 1 और 5 । सावधानी: शत्रुओं और पानी से।
 उपाय: गुरु और शनि सम्बन्धी दान, गुरु, सूर्य और विष्णु की उपासना।
बचें: रंग - सफेद और काले रंग से। यात्रा- दक्षिण व पूर्व। आहार: मीठी और पीली वस्तुओं के सेवन से। संगत: अपने से बड़े परिवार के सदस्य से।
मकर: 2015 के अनुसार बहुत ही अच्छा समय है। मान-सम्मान खूब मिलेगा। व्यापार में वृद्धि होगी। नौकरीपेशा लोगों के लिए तरक्की के अवसर मिलेंगे। सामाजिक और राजनैतिक क्षेत्र से जुड़े लोंगो के लिए बहुत अच्छे अवसर आयेंगे और उच्च पद की भी प्राप्ति हो सकती है। मकर 2015 राशिफल कह रहा है कि आपका पराक्रम बहुत बढ़ा रहेगा।
 विशेष: लकी नंबर: 6 । सावधानी: व्यसन से।
 उपाय गुरु और राहु सम्बन्धी दान, राहु की शांति और शिव उपासना।
बचें: रंग -पीले और लाल रंग से। यात्रा -उत्तर  व पूर्व। आहार- मीठी गरिष्ठ वस्तुओं के सेवन से। संगत- अपने सेवादारों से।
कुम्भ: 2015 राशिफल कह रहा है कि अपनी सेहत का विशेष खय़ाल रखें।  खर्च की अधिकता रहेगी। किसी वाद-विवाद के कारण या किसी नुकसान के कारण धन अधिक खर्च होने की सम्भवना बन रही है। किसी करीबी से धोखा मिल सकता है।  कुम्भ राशिफल 2015 की सलाह है कि आँख बंद करके किसी पर विश्वास ना करें। अपना धन किसी को उधार ना दें या अगर किसी विषम परिस्थिति में देना पड़े तो उसे जल्दी वापस मिलने की उम्मीद ना रखें।
विशेष: लकी नंबर: 3 ।  सावधानी: जब- जब चन्द्रमा आपके दूसरे और अष्टम भाव में आयेए विशेष कर पूर्णिमा को।
उपाय:अर्गला स्तोत्र कवच का नियमित पाठ और शिव उपासना।
बचे: रंग - लाल, सिंदूरी और गुलाबी रंग से। यात्रा -उत्तर। आहार -मीठी गरिष्ठ वस्तुओं और रात में दूध के सेवन से। संगत -अपने कऱीबी।
मीन: राशिफल 2015 के अनुसार धन और शिक्षा के मामलों में यह बहुत ही प्रभावशाली माह रहेगा। व्यापार के क्षेत्र में कार्य करने वालों के लिए बहुत ही अच्छा समय है। भविष्यफल 2015 के मुताबिक धन एक से अधिक स्रोतों से आएगा। शिक्षा -प्रतियोगिता में सफलता का अच्छा योग है। समाज में मान . प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
विशेष: लकी नंबर: 4। सावधानी: जीवनसाथी से सम्बन्ध को लेकर। राशिफल 2015 के उपाय: राहु की शांति और दान तथा विष्णु सहस्त्र नाम का जप।
बचें: रंग - भूरे और काले रंग से।यात्रा -दक्षिण  व पश्चिम। आहार- पीली और मीठी वस्तुओं से। संगत - नए स्त्री या पुरुष के साथ संबंधों से।