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Friday, 30 June 2017

जनजाति कार्मिकों की जांच समिति में जनजाति के कम से कम दो अधिकारी हों शामिल

राष्‍टीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को पत्र लिखा है कि अनुसूचित जनजाति के कर्मचारी को किसी भी तरह की बडी सजा/दण्‍ड से पहले मामले की जांच के लिए गठित समिति में अनुसूचित जनजाति के कम से कम दो सदस्‍य अवश्‍य होने चाहिए।
अनुसूचित जनजाति के कार्मिक प्राकृतिक न्‍याय से वंचित न हों इस‍के लिए आयोग ने यह निर्णय किया है। आयोग की संस्‍तुति के अनुसार मंत्रालयों एवं विभागों में यदि जांच के लिए अनुसूचित जनजाति के अधिकारी मौजूद नहीं हैं तो उस समिति में अन्‍य विभागों के अनुसूचित जनजाति के अधिकारियों को शामिल किया जाये।
संविधान के अनुच्‍छेद 338 के तहत आयोग अनुसूचित जनजाति के कर्मचारियों के लिए बेहतर एवं उपयुक्‍त सेवा माहौल सुनिश्चित कराने के लिए अधिेकत है। आयोग ने कई मामलों में पाया है कि जनजाति के कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्‍मक कार्रवाई करते समय कई बार उल्‍लेखित नियमों का पालन नहीं किया जाता।

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