बदल रहा जनता का मूड, मौका देख कर लगा सकती है कांग्रेस चौका
अभिनेता से नेता बने बीजेपी सांसद विनोद खन्ना के निधन के कारण पंजाब की गुरदासपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जिस तरह से कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने बीजेपी-अकाली गठजोड़ के उम्मीदवार स्वर्ण सलारिया को 1.93 लाख वोटों से शिकस्त दी है,उससे लगता है कि मोदी सरकार पर जीएसटी और नोटबंदी का विपरीत असर होना शुरू हो गया है। महाराष्ट्र और पंजाब से मिली जीत ने कांग्रेस को संजीवनी प्रदान की है। यह भी कहा जा रहा है कि राहुल गांधी के बदले स्वरूप ने अभी से जादू दिखाना शुरू कर दिया है। इसीलिए भाजपा पिछले पैरों पर आ गई है। मोदी स्वयं सोच रहे होगें कि कोई भी जतन करके फिलहाल गुजरात बचा लिया जाए। गुजरात की हार बहुत महंगी पड़ेगी। इसके बाद होने वाले चुनाव का असर 2019 में होने वाले आम चुनाव पर सीधा असर पड़ेगा। क्योंकि इस समय जो चीज़ बदली है, वह है जनता का मूड। जनता का मूड बदलता है तो नेता के लिए रवैया भी बदलता है। कांग्रेस के लोग ख़ुद कह रहे हैं कि पहले हम नरेंद्र मोदी या भाजपा पर हमला करते थे तो लगता था कि दीवारों से बात कर रहे हैं. लेकिन अब बात करते हैं तो लगता है कि हमारी बात सुनी जा रही है।सुनील जाखड़ के पक्ष में 4,99,752 वोट पड़े और उनके सबसे कऱीबी उम्मीदवार रहे स्वर्ण सलारिया को 3,06,533 वोट मिले.
आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार मेजर जनरल सुरेश कथूरिया के पक्ष में महज 23,579 वोट ही पड़े। अभिनेता से नेता बने बीजेपी सांसद विनोद खन्ना के निधन के कारण पंजाब की गुरदासपुर लोकसभा सीट पर ये उपचुनाव कराए गए थे। राहुल गांधी पिछले महीने जब अमरीका की एक यूनिवर्सिटी गए तो वहां उन्होंने अपने कम्युनिकेशन से काफ़ी ध्यान खींचा. इस स्तर पर राहुल में ज़रूर सुधार दिखाई देता है. उनके जुमलों में भी पैनापन दिखा है। लेकिन राहुल के अपने हुनर के अलावा भी गुजरात में कांग्रेस ने अपने संवाद और सोशल मीडिया के मोर्चे पर बहुत सुधार किया है और जैसा फ़ीडबैक मिला है कि एक मज़बूत टीम खड़ी की है. गुजरात में पूरी कांग्रेस पार्टी की आक्रामकता ज़ाहिर हो रही है। सोशल मीडिया पर कांग्रेस का चलाया ट्रेंड विकास पगला गया है वायरल हो गया है और यह बात बिल्कुल घर-घर में चली गई है। भाजपा को रक्षात्मक तरीक़े से इसका जवाब देना पड़ा है।
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