2014 में भाजपा के हाथों पिटने के बाद आंख खुली हो या न खुली हो लेकिन कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी इस बार गुजरात की राजनीति में खुलकर खेल रहे हैं और उन्हें उत्तर भारत से अधिक समर्थन भी मिल रहा है। राहुल गांधी के कद को बढ़ाने के लिए पुराने कांग्रेसी और राष्ट्रपति पद को सुशोभित कर चुके प्रणव मुखर्जी आगे आए हैं। जनाब मुखर्जी दूध के धुले हुए नहीं हैं, इंदिरा गांधी की हत्या के बाद जब राजीव गांधी को प्रधानमंत्री बनाया जा रहा था तब विरोध करने वाले यही मुखर्जी थे। उस समय प्रधानमंत्री इसलिए बनना चाहते थे कि वह कैबिनेट में दूसरे नंबर के मंत्री थे। राष्ट्रपति पद से अवकाश लेने के बाद इतनी बड़ी हस्ती हो जाती है कि वह राजनीति से दूर रहना चाहती है लेकिन प्रणव मुखर्जी ने अचानक राजनीति वह भी कांग्रेसपरस्त राजनीति की वकालत करके लोगों को चौंका दिया है। उन्होंने भविष्यवाणी कर दी है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस फिर से वापसी करेगी। यही नहीं उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कांग्रेसी नेता की हैसियत से कहा कि यह कहना बिलकुल गलत है कि 132 साल पुरानी पार्टी फिर से सत्ता में वापसी नहीं करेगी। यही नहीं रुके और आगे बढक़र बोले कि पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम और गिरती अर्थव्यवस्था के कारण मोदी सरकार की किरकिरी हो रही है। इतना ही नहीं उन्होंने चेतावनी भरी सलाह देते हुए कहा कि मोदी सरकार इनमें अधिक बार फेरबदल करके इसे पैनिक न बनाए वरना....। राहुल गांधी का कद महाराष्ट्र के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों अशोक चव्हाण और पृथ्वीराज चव्हाण ने बढ़ाया है। अशोक चव्हाण ने अपने गढ़ महाराष्ट्र के नांदेड़ की म्युनिसिपल कारपोरशन के चुनाव में कांग्रेस को जबर्दस्त जीत दिलवाई है। यह कहा जा रहा है कि भाजपा के गढ़ में सेंध लगा दी है जो मोदी राज में आसान नहीं है। इसी से मोदी जी को समझना चाहिए कि नाम नहीं काम बोलता है। पृथ्वीराज चव्हाण ने ऐलान कर दिया है कि राहुल गांधी गुजरात समेत पूरे देश की कमान संभालने के लिए तैयार हैं। अशोक चव्हाण ने अपने गढ़ के चुनाव में भाजपा-शिवसेना दोनों को कसके पटकनी दी है। नांदेड़ म्युनिसिपल कारपोरेशन की 81 सीटों में 73 सीटें कांग्रेस की झोली में डलवाकर मोदी सरकार को सोचने को विवश कर दिया है। क्योंकि महाराष्ट्र की सीमा से ही लगी हैं गुजरात की सीमाएं जहां पर दिसंबर में विधानसभा चुनाव संभावित हैं।
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