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Tuesday, 10 October 2017

‘छोटी कुर्सी’ के लिए छिड़ी महाभारत और ‘बड़ी कुर्सी’ के लिए क्या...

समाजवादी पार्टी की ओर से पार्टी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आजकल अपनी राजनीति चमका रहे हैं। इसके दो कारण है। पहला तो वह 2019 में अपनी पार्टी को अच्छे परिणाम दिलाना चाहते हैं। समाजवादी पार्टी में यह परंपरा है कि चुनाव से दो वर्ष पूर्व मैदान में उतर कर अपने समर्थकों और मतदाताओं को मनाने की कोशिशें करते रहो चुनाव अपने आप जीत जाओगे। उनकी यह बात सही है। अब उन्होंने कहा कि बड़ी कुर्सी छीन लेंगे। ठीक है छोटी कुर्सी के लिए परिवार में महाभारत के हालात है तो बड़ी कुर्सी के लिए क्या होगा? कभी इस पर विचार करोगे और एक बार मान भी लिया कि अच्छी इमेज और पढ़े लिखे युवा होने के नाते आपको बड़ी कुर्सी छीनने में कामयाबी मिल भी गई तो उस पर किसे बिठाओगे टीपू भइया। सारा देश देख रहा है कि कोई ऐसा चेहरा तो सामने आए जो इस कांटों भरी बड़ी कुर्सी पर बैठने को तैयार हो। रही बात कांग्रेस की तो उसकी दशा तुम्हारे सामने ही है। क्योंकि इसी सभा में अखिलेश ने कहा कि कांग्रेस के साथ गठजोड़ तो जारी रखेंगे। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने सहारनपुर के तीतरों में एक जनसभा को संबोधित करते हुए बीजेपी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने हमसे छोटी (सीएम) की कुर्सी छीनी है लेकिन हम उनसे बड़ी (पीएम) की कुर्सी छीनेंगे। इसके इतर अखिलेश ने ईवीएम की गड़बड़ी की ओर इशारा करते हुए बीजेपी पर आरोप लगाया कि हम विधानसभा चुनाव में हारे नहीं बल्कि हमें धोखे से शिकस्त दी गई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी यशपाल सिंह की जयंती के मौके पर सहारनपुर में जुटी भीड़ को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी समाज को बांटने का काम करती है, जातिवाद की राजनीति करती है। एसपी सुप्रीमो अखिलेश ने कहा कि 'अब हम भी जातिवाद की राजनीति करेंगे। हमने विकास की राजनीति की थी लेकिन हमें वोट नहीं मिला इसी वजह से अब जातिवाद की राह पर चलना होगा।

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