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Sunday, 8 October 2017

नीरो की तरह योगी भी जलते उत्तर प्रदेश को छोड़ कर बंसी बजा रहे हैंं?

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आजकल रोम के सम्राट नीरो की भूमिका निभा रहे हैं। पूरा प्रदेश आपराधिक घटनाओं से जल रहा है परन्तु वे भाजपा के संकटमोचक बने हुए हैं। कभी केरल, कभी हरियाणा तो कभी गुजरात की ओर रुख कर रहे हैं। यहां उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ गैंगरेप, विस्फोट से हिल रही है तो पड़ोसी शहर कानपुर महानगर भी विस्फोट और दंगों से सुलग रहा है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा की बात ही कहने की नहीं है। अब एक दिल दहलाने वाली घटना मुजफ्फरनगर में हुई जहां एक महिला के साथ चार-पांच बदमाशों ने पति और बच्चे को गन प्वाइंट पर लेकर गन्ने के खेतों में गैंगरेप किया।
हालांकि वह पार्टी के सदस्य हैं, पदाधिकारी है और लंबे समय तक सांसद भी रहे हैं और अब देश की राजनीति दिशा तय करने वाले राज्य के मुख्यमंत्री भी हैं। ऐसे में योगी आदित्यनाथ को सबसे पहले अपना घर संभालना चाहिये कि केरल,हरियाणा और गुजरात को संभालना चाहिए। कहावत कहीं गयी है एक को साधे सब मिले सब साधे सब जाए। यानी पहले एक को संभालों तो कम से कम एक तो मिले। सब संभालने के लिए भागदौड़ भी करोगे और हाथ कुछ भी न आएगा। प्रदेश की जनता योगी से कितनी अपेक्षाएं रख रहीं थी वह पूरी हुई कि नहीं यह देखना चाहिए।
सबसे बड़ी बात यह है कि प्रदेश के राज्यपाल नामनाईक जो पहले, भाजपा के पदाधिकारी भी रह चुके हैँ, वह भी कह चुके हैं कि प्रदेश की कानून-व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है, इसे सुधारो। हाल ही में कानपुर विश्वविद्यालय में अपने कार्यक्रम से पूर्व पत्रकारों से बाचतीत में उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून- व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है। योगी शासन में भी यही कर रहा हूं और अखिलेश सरकार में भी कहता था।

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