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Monday, 30 January 2017

No relax in withdrawals of Saving Account

Current Account and ATM holder are relaxed

Reserve Bank of India (RBI) removed the limits on withdrawals from current accounts, but kept the overall limit at Rs 24,000 a week for savings bank account. In a notification, the central bank said it was doing away with the Rs 1 lakh per week limit on current accounts even as it suggested that banks can keep their own limits for these accounts. "Limits...placed on cash withdrawals from ATMs stand withdrawn from February 01, 2017. However, banks may, at their discretion, have their own operating limits as was the case before November 8, 2016," RBI said. The limits on bank withdrawals were placed after the withdrawal of Rs 500 and Rs 1000 notes announced on November 8. Currency was in short supply after the withdrawal as the newly designed notes took time to come into circulation. The limit on weekly withdrawals from current account was raised to Rs 1 lakh earlier this month from the Rs 50,000 set just after the November 8 announcement. RBI said that the Rs 24,000 limit on withdrawals from savings accounts per week could also be relooked. "The limits on savings bank accounts will continue for the present and are under consideration for withdrawal in the near future. Further, banks are urged to encourage their constituents to sustain the movement towards digitisation of payments and switching over of payments from cash mode to non-cash mode," RBI said.

Action start against Black money hoarder

Income Tax department issued notice and attached property under benami act

Income Tax department has issued 87 notices and attached bank deposits worth crores in 42 cases nationwide under the newly enforced Benami Transactions Act which attracts a heavy penalty and rigorous jail term of a maximum 7 years. Post the demonetisation order of the government on November 8 last year, the department had carried out public advertisements and had warned people against depositing their unaccounted old currency in someone else's bank account saying such an act would attract criminal charges under the Benami Property Transactions Act, 1988, applicable on both movable and immovable property, that has been enforced from November 1, 2016.
 I-T department has issued 87 notices under section 24 of the said Act (notice and attachment of property involved in benami transaction). A total of 42 properties, largely monies worth crores in bank accounts and an immovable property, of benamidars have been attached.
The taxman had initiated a nationwide operation to identify suspect bank accounts where huge cash deposits have been made post November 8 when the government demonetised the Rs 500 and Rs 1000 currency notes. Officials said the Act empowers the taxman to confiscate and prosecute both the depositor and the person whose illegal money he or she has "adjusted" in their account. "Such an arrangement where a person deposits old currency of Rs 500 and Rs 1000 in the bank account of another person with an understanding that the account holder shall return his money in new currency, the transaction shall be regarded as benami transaction under the said Act."The person who deposits old currency in the bank account shall be treated as beneficial owner and the person in whose bank account the old currency has been deposited shall be categorised under this law as a benamidar,"  The Benami Act provides that the benamidar, the beneficial owner and any other person who abets or induces the Benami transaction, shall be punishable with rigorous imprisonment for a period ranging from 1-7 years. "The benami amount in the bank account deposited post demonetisation will be seized and confiscated and the accused will also be liable to fine which extends upto 25 per cent of the fair market value of the benami property," the official said.
The Income Tax department has stepped up its action to check black money transactions, money laundering and tax evasion in the wake of the demonetisation and has issued hundreds of notices of enquiry to charitable and religious trusts to show their account balances and to those who have deposited huge cash in their bank accounts. The I-T department has detected undisclosed income of over Rs 5,343 crore and seized Rs 114 crore of new notes till now which were allegedly procured illegally in its nationwide operation against black money hoarders.




अमेरिका से सशंकित भारतीय आईटी कंपनियां चीन की ओर बढ़ीं

ट्रम्प का अगला निशाना भारतीय आईटी कंपनियां

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का अगला निशाना भारतीय आईटी कंपनियां और पेशेवर हो सकते हैं। यह दावा अमेरिकी न्यूज बेवासाइट ने कथित तौर लीक हुए ट्रंप के कार्यकारी आदेशों के मसौदे के हवाले से किया है। वेबसाइट ने इन दस्तावेजों को 25 जनवरी को प्रकाशित किया था और अब तक ट्रंप की ओर से जारी आदेश उसी के अनुरूप है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ट ट्रंप के संभावित फैसलों से आशंकित भारतीय आईटी कंपनियां भी इससे निपटने की रणनीति बना रही है। कंपनियां अब अमेरिका की बजाय चीन और जापान जैसे देशों के अपेक्षाकृत नए बाजार में संभावनाओं को तलाश रही हैं। इसी कड़ी में शंघाई स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने इस महीने की शुरुआत में प्रौद्योगिकी कंपनियों के संगठन नैसकॉम के साथ मिलकर एक कार्यक्रम आयोजित किया। इसका मकसद चीनी कंपनियों और भारतीय आईटी कंपनियों के बीच कारोबार को प्रोत्साहित करना था।
वेबसाइट के मुताबिक ट्रंप देश में वैध तरीके से आ रहे कामगारों की संख्या को कम करने को लेकर कृत संकल्प है। इसलिए उनके निशाने पर सबसे पहले एच-1बी वीजा है। मसौदे के मुताबिक कंपनियां केवल अमेरिकियों को नौकरी दें, इसके लिए एच-1बी वीजा की शर्तों को और सख्त किया जाएगा। यह वीजा के उच्च डिग्री धारक को ही मिलेगी। साथ ही वार्षिक आय, नौकरी का प्रकार और कामगारों के बेहतरी की योजनाएं भी शर्तों के रूप में शामिल की जाएंगी। प्रस्तावित कार्यकारी आदेश में ओबामा प्रशासन के उस फैसले को भी पलटने की तैयारी है, जिसके तहत अमेरिका में पढ़ाई करने वालों को ऐच्छिक प्रायोगिक प्रशिक्षण हासिल करने के लिए अतिरिक्त समय रहने की इजाजत मिलती है। एच-1बी वीजा धारक के जीवनसाथी को स्वत: वर्क परमिट देने की नीति भी बंद की जाएगी। पूर्ववर्ती राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ग्रीनकार्ड हासिल करने की शर्तों में छूट दी थी, लेकिन ट्रंप इसे वापस लेकर, लगातार तीन और कुल दस साल अमेरिका में रहने की शर्त को बहाल कर देंगे।
अमेरिकी गृहविभाग किसी भी सूरत में विदेशी कामगारों को हतोत्साहित करना चाहता है। इसके मद्देनजर वह एल-1 वीजा धारकों के काम करने की जगह की नियमित तौर पर मुआयना करेगा। यह योजना अगले दो साल में सभी नौकरी आधारित कार्यक्रमों के लिए लागू की जाएगी।

ट्रम्प के नाम का पूरे विश्व में हडक़ंप

अमेरिका के नए राष्ट्रपति के अडिय़ल रवैये से चीन का रुतबा बढ़ेगा

पूरे विश्व में ट्रम्प का मच रहा है हडक़म्प। चाहे वह सात मुस्लिम राष्ट्र हों या भारतीय आईटी कंपनियां हों,चीन हो अथवा कोई और हो हर जगह ट्रम्प के नाम का हडक़म्प मचा हुआ है। हर कोई अमेरिका के नए राष्ट्रपति और उनके नए कानूनों से डरा हुआ है। अमेरिकी राष्ट्रपति का यही रवैया जारी रहा और रोज-रोज नए सख्त कानून आते रहे तो पूरे विश्व का अमेरिका से मोह भंग हो जाएगा और इससे अमेरिका की ताकत घटेगी। दूसरी तरफ चीन का समर्थन बढऩे के साथ ही वह स्वयं ही विश्व का अग्रणी राष्ट्र बनकर उभरेगा।

....तो बैंक आपकी जेब में : जावडेकर

बैंक खाता, आधार और मोबाइल हों आप के पास

नीति आयोग की पहल 100 दिनो में 100 शहर अंतर्गत नकद रहित व्यवहार (केशलेस ट्रान्जेक्शन) को प्रोत्साहन देने के लिए आज अहमदाबाद की प्रकाश हाईस्कूल में डीजी धन मेला  का आयोजन किया गया, जिस में  केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर की उपस्थिति में लकी ड्रो द्वारा विजेताओं को पसंद किया गया । ईस अवसर पर उन्होंने बताया कि यह पुरस्कार नकद व्यवहार को प्रोत्साहन देने के लिए है, जिससे भ्रष्टाचार कम होगा । यह पारदर्शिता  की लडाई है । श्री जावडेकर ने विमुद्रीकरण के साहसिक कदम में प्रधानमंत्री और सरकार का साथ देने के लिए जनता का आभार व्यक्त किया । उन्हों ने बताया की विश्व में अन्य जगहो पर ईस तरह के निर्णयो पर असंतोष का माहौल खड़ा हुआ है या तो निर्णय वापस लेने पड़े हो ऐसा देखा गया है, लेकिन भारत में लोगो ने कठिनाइयों का सामना करके भी भ्रष्टाचार की इस लड़ाई में सरकार का साथ दिया है
मंत्री ने नकद रहित व्यवहार अपनाने के लिए लोगो को प्रोत्साहित किया । उन्होंने कहा कि नकद रहित व्यवहार कोई मुश्किल काम नहींं है । अगर बैंक में खाता हो, उसके के साथ आधार कार्ड और मोबाईल नंबर लिंक हो तो समझो ये बैंक आपकी जैब में हैं । ये तीन-तीन साधन ही आपकी बैंक है, आपका पैसा है, आपका बटुआ है।
मानव संसाधन मंत्री  ने बताया कि उनके मंत्रालय के आह्वान से देशभर में से छात्र वित्तीय साक्षरता के लिए स्वयं सेवक के रूप में युवा सेना में जूड गये । अब तक करीब 3 लाख  छात्र युवा सेना में जुडक़र घर-घर जाकर लोगो को नकद रहित व्यवहार के बारे में शिक्षित कर रहे है । 

हे राम!15 वर्षों बाद एक बार फिर राजघाट नए लुक में

समाधि पर पहली बार राष्ट्रपिता के जीवन का विवरण और 30 अमृत वचन अंकित कराए गए  

सोलर पावर प्रोजेक्ट्स, एलईडी लाइटों के साथ  सुरूचिपूर्ण ढंग से सजाए गए 104 खंभों, सीसीटीवी कंट्रोल रूप का सोमवार को केन्द्रीय  शहरी विकास मंत्री श्री एम वैंकैया नायडू द्वारा गांधी जी की पुण्य तिथि के अवसर पर उ्दघाटन किया गया। दस हजार से अधिक देशी और विदेशी पर्यटक हर रोज महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित के लिए राष्ट्रीय राजधानी स्थित उनकी समाधि राजघाट पर आते हैं। पर्यटकों को गांधीजी के जीवन और कार्यों के बारे में जानकारी देने के लिए समाधि के निकट लगे काले पत्थर के अलावा और कोई स्रोत समाधि पर उपलब्ध नहीं है। इस कमी को पूरा करने के लिए और पर्यटकों का आकर्षण बढ़ाने के लिए शहरी विकास मंत्रालय के अंतर्गत राजघाट समाधि समिति ने पिछले दो वर्षों में अनेक उपाय किए हैं, जिनका उद्घाटन सोमवार को राष्ट्रपिता की 69वीं पुण्य तिथि के अवसर पर किया गया। इससे पहले 15 वर्ष पूर्व राजघाट पर सुधार कार्य संचालित किए गए थे।
पहली बार 157 शब्दों में राष्ट्रपिता के जीवन का विवरण और 131 शब्दों में गांधी समाधि का विवरण हिन्दी और अंग्रेजी, दोनों भाषाओं में राजघाट के तीनों द्वारों पर प्रदर्शित किया गया है। संगमरमर पर 30 अमृत वचन उत्कीर्ण कराए गए हैं, जिन्हें ग्रेनाइट के पत्थर की पीठिकाओं पर समाधि परिसर में प्रदर्शित किया गया। राजघाट परिसर में सभी मौजूदा परम्परागत लाइटों के स्थान पर ऊर्जा सक्षम और पर्यावरण अनुकूल एलईडी लाइटें लगाई गई हैं। पुराने खंभों के स्थान पर सुरूचिपूर्ण ढंग से सजाए गए 104 नए पोल लगाए गए हैं। एलईडी लाइटों के लगने से हर वर्ष 60 हजार से अधिक ऊर्जा की बचत होगी।  सुरक्षा बढ़ाने और पर्यटकों की बेहतर निगरानी के लिए 27 सीसीटीवी कैमरों के साथ एक सेंट्रल कंट्रोल रूम बनाया गया है।
इसके अलावा पूरे देश में महात्मा गांधी को दो मिनट का मौन रखकर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। राजघाट पर उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं अन्य गणमान्य जनों ने राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि अर्पित की।

IPPB will be a game changer for financial inclusion

IPPB branches launched in Ranchi & Raipur 

Finance Minister  Arun Jaitley and Minister of Communications  Manoj Sinha lauched the operations of the India Post Payments Bank (IPPB) here Monday as two pilot branches at Raipur and Ranchi through video conferencing from Delhi. Speaking on the occasion Mr. Jaitley said that about 650 IPPB branches will be opened by September this year and that will have a multiplier impact as far as banking in India is concerned. He said with IPPB, banking at the doorstep will no longer remain a mere slogan, but will become a reality due to huge postal network in the country. He said that financial Inclusion is critical for the socio-economic development of the country, but there are significant gaps in this area and a large proportion of country’s population remain unbanked or underbanked. IPPB will effectively leverage the ubiquitous post office network with its pan-India physical presence, long experience in cash handling and savings mobilization, backed by the ongoing project of IT-enablement, to bridge this gap in Financial Inclusion.
In his address, Minister of Communications Mr. Manoj Sinha has commended the hard work done by the Department of Posts in setting up the India Post Payments Bank and hoped that both organizations will work in tandem to take the benefits of government schemes and financial services that are not easily available in rural areas to customers across the country and to the marginalized population in urban and rural areas alike. He said, the objective of IPPB will be public service rather than promoting commercial interests.

Alert: Government warn against cheater

Warning against spurious schemes being floated in the name of Beti Bachao Beti Padhao,would be stern action 

It has come to the notice of Ministry of Women & Child Development, Government of India that certain unauthorised sites/ organisations/ NGOs/individuals are distributing forms in the name of cash incentive under Beti Bachao Beti Padhao Scheme. The scheme has no provision for individual CASH TRANSFER COMPONENT by Government of India. Beti Bachao Beti Padhao scheme focuses on challenging mindsets and deep rooted patriarchy in the societal system, strict enforcement of PC&PNDT Act, advancing education of the girl child: focus is on issues of women empowerment on a life cycle continuum. It is not a DBT (Direct Benefit Transfer) scheme.
It is a very serious matter and if any such incidence comes to your knowledge, please report it to the nearest police station and the concerned District Collector/ District Magistrate. Please do not fall in trap to any such fraud. Do not share your personal details in this regard. FIRs have already been filed by District Magistrates of Meerut & Muzzafarnagar (UP State) in the matter. The matter has come to notice in Lucknow as well. The Ministry of Women and Child Development had cautioned the media and public about this through their Press Release dated 4.1.2017. However, certain reports of unscrupulous elements still indulging in this fraud. Once again it is reiterated that distribution of such forms is completely illegal and there is no cash incentive associated in any form with the Beti Bachao Beti Padhao Scheme. 

Sunday, 29 January 2017

तुम फिर सीएम बन जाओ अखिलेश,हम पीएम बन जाएंगे

लखनऊ के मुस्लिम बहुल इलाकें निकला रोड शो, जनता उमड़ी, दोनों नेता गदगद

देश की राजनीतिक दिशा और दशा तय करने वाले उत्तर प्रदेश में रविवार काफी महत्वपूर्ण रहा। इस दिन कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी और सपा के सर्वेसर्वा अखिलेश यादव ने गले मिलकर जनता को संदेश दिया कि वे एक हो रहे हैं। इसके बाद मुस्लिम मतदाताओं को रिझाने के लिए राजधानी लखनऊ के मुस्लिम बहुुल इलाकों में दोनों ने रोड शो किया, लोग उमड़े। इससे दोनो युवा नेता गदगद हो गए। प्रेस कांफ्रेंंस में राहुल गांधी ने अपनी राष्ट्रीय दल का महत्व बनाए रखते हुए अखिलेश को अखिलेश और लडक़ा कहकर संबोधित किया। जबकि समाजवादी पार्टी के अखिलेश ने राहुल जी कह कर संबोधित किया। प्रेस कांफ्रेंस में 2019 के लोकसभा चुनाव के बारे में सवालों के जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि हम लोग मिल कर चुनाव लड़ रहे हैं और 2019 में भी मिल कर चुनाव लड़ेंगे। जब सीएम और पीएम पद के बारे में सवाल दागा गया  तो अखिलेश ने साफ कर दिया कि वह सीएम है और पीएम पद के दावेदार नहीं हैं। वहीं राहुल गांधी ने अपने चेहरे की मुस्कान छिपाने की कोशिश की। कुल मिलाकर प्रदेश की राजनीति के मुताबिक भले ही सपा बड़े दल और कांग्रेस सहयोगी दल के रूप में अपनी भूमिका निभा रही हो लेकिन मंच पर राहुल ने नेशनल लीडर और सीनियर लीडर की भूमिका निभाई और अखिलेश यादव ने उनका सम्मान बनाए रखा। इससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी में कोरी अकड़ है जबकि अखिलेश यादव काफी सुलझे हुए नौजवान नेता दिखे। भाजपा पर दोनों नेता करारे प्रहार किए लेकिन मायावती की बसपा को लेकर दोनों नेताओं के रुख अलग-अलग नजर आए। राहुल गांधी ने कहा कि वह मायावती व कांशीराम दोनों की इज्जत करते हैं। राहुल गांधी ने गठबंधन को गंगा-जमुनी मिलन और प्रदेश में  सरस्वती विकास करने के लिए उचित करार दिया। दोनों नेताओं ने एक स्वर से कहा कि गठबंधन प्रदेश में 300 सीटों पर जीत दर्ज करेगा। 

Saturday, 28 January 2017

क्या 2014 की रणनीति से भाजपा की नैया होगी पार?

वोटों के ध्रुवीकरण का जादू दोबारा चल पाएगा?

भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश को किसी तरह से जीतने का इरादा बना लिया है। नोटबंदी के मूलमंत्र और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जादू का असर समाप्त होते ही भाजपा अब यूपी को जीतने के लिए बेचैन हो गई है। भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव के मंत्र को फिर अपना लिया है। भाजपा ने सन् 2012 में विधानसभा चुनाव में 45 सीटें जीतीं थी। इसके बाद सन् 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 80 लोकसभा सीट में से 71 सीटों में प्रचंड जीत हासिल कर सभी दलों को चौँका दिया था। गत आठ नवंबद को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नोटबदली का निर्णय लेकर देश की आम जनता विशेषकर गरीब वर्ग को अपने पक्ष में कर लिया था, उस समय यह प्रतीत हो रहा था कि देश में भाजपा की लहर चल रही है। उसी समय प्रदेश में चली परिवर्तन यात्रा ने भी भाजपा के पक्ष में जनता का रुख कर दिया था। इसके बाद सपा के पारिवारिक विवाद ने सभी दलों की चमक को फीका कर दिया। इस विवाद के बाद जिस तरह से अखिलेश यादव सियासी क्षितिज पर छाये हुए हैं, वह भाजपा के लिए चिन्ता का कारण बना हुआ है। भाजपा को अपनी चमक फीकी लग रही है। इसमें धार देने के लिए और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुस्लिम और जाट तथा दलित समीकरण को बिगाडऩे के लिए भाजपा ने लोकसभा चुनाव के समय अपनाए वोटों के ध्रुवीकरण के मंत्र को अपना लिया है। भाजपा ने लखनऊ से जारी अपने घोषणा पत्र में राम मंदिर और तीन तलाक का मुद्दा उठा कर इरादों के संकेत दे दिये हैं। वहीं पश्चिम उत्तर प्रदेश में दो ऐसी घटनाएं भी घटीं हैं जिनसे पूरे प्रदेश में यह संदेश जा रहा है कि भाजपा ही सिर्फ हिन्दुओं के अधिकारों की रक्षा करने वाली अकेली पार्टी है। पूरे भारत के साथ संयुक्त राष्ट्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने वाला दादरी का बिसाहड़ा कांड के जख्म फिर कुरेदने की कोशिश की गई है। हालांकि वहां के स्थानीय भाजपा प्रत्याशी मास्टर तेजपाल सिंह नागर के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है। चुनाव के समय इस तरह की एफआईआर दर्ज होने का कोई महत्व नहीं है क्योंकि इस समय जनता के वोट हासिल करने के लिए यह भी एक उपाय ही है। भाजप प्रत्याशी श्री नागर ने दादरी विधानसभा क्षेत्र के सर्वाधिक चर्चित बिसाहड़ा गांव में उस जगह पंचायत की जहां पर गौं मांस खाने के आरोपी अखलाक को मौत के घाट उतार दिया गया था। बिना इजाजत के पंचायत करने के आरोप में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। दूसरी घटना भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश की है, मेरठ के सरधना विधानसभा क्षेत्र के विधायक संगीत सोम ने अपने चुनावी प्रचार वाहन पर लगे एलसीडी के माध्यम से चुनाव क्षेत्र मेंं प्रचार के  दौरान मुजफ्फरनगर के दंगों के दृश्य दिखाने के साथ अपने साथ हुुई प्रशासनिक ज्यादती और अन्य प्रकरण की सीडी का प्रदर्शन किया। इससे उस क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया है। स्थानीय पुलिस ने उनके खिलाफ जनप्रतिनिधि अनिनियम 1951 की धारा 125 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। 

Rani Padamavati is noble like goddes

Story of film Padamavati is tuisted for TRP

Real punches on real of Padamawati. Historical Rani Padmavati is too noble lady. But filmmaker Sanjay Bhansali creat misunderstanding about Historical Padmavati. If he cleared that the filmy story of Padamavati is the part of Mallik Muhammad Jaysi’s imagination, then no question of dispute.Everyone know that Rajput sena slapped to Mr, Bhansali.
I want to real story of Great lady Rani Padamavati is reached to everyone,so I taken help of Wikipedia. According to Wikipedia; In 1302-03 CE, Chittor was under the rule of Rajput King Rawal Ratan Singh, a brave and noble warrior, and also a patron of arts. He had many skilled and talented artists in his court, one of whom was a musician named Raghav Chetan. But what people did not know was that Raghav Chetan was also a practitioner of magic and spells. He used this hidden talent to defeat his rivals. Unfortunately, he was caught red-handed while practicing magic, which greatly displeased the king. Raghav Chetan was thus banished from the kingdom after he was publicly humiliated when forced to sit on a donkey with black paint on his face and ride around the capital. This harsh punishment earned Ratan Singh an uncompromising enemy. Sulking after his humiliation, Raghav Chetan went to Delhi with the aim of trying to incite the Sultan of Delhi, Alauddin Khilji, with a reason to attack Chittor.
The Sultan on reaching Mewar was anxious to see the beautiful queen Padmini of whose beauty he had heard a lot. As a guest to the kingdom, he asked to meet with the queen. Padmini however, suspicious of Alauddin's demand declined the request. King Ratan Singh then tried to talk his queen into agreeing for he knew of the strength and might of the Delhi Sultanate and the Khilji Dynasty. Padmini then put a condition that Alauddin should see only her reflection that too in the presence of her husband, herself accompanied by a hundred female servants When the sultan of Delhi saw her, he was so smittened by her beauty that he wanted Padmini for himself. He thus decided to attack Chittorgarh. He believed that if he killed the king he could have his queen.
The Rajputs fought valiantly in the battle, but lost. Alauddin Khilji, all triumphant when reached the fort was shocked. To his great dismay and disbelief all the royal women including Padmini had committed jauhar.
The women who performed jauhar perished but their memory has been kept alive till date in the bards and songs which glorify their valor. To protect their self respect and honour, they jumped into the fire pyre. To these women death by jauhar was better than the security and luxury of inglorious captivity

Main article: Padmavat
Malik Muhammad Jayasi's poem records yet another account of the events.The retelling of a Rajput epic of resistance by a Muslim such as Jayasi is notable enough, but his embellishments of the Rajput narrative intrigue us even further. In Jayasi's retelling of the story, Padmini is renamed 'Padmavati', and she is the princess of Chittor. In this version Padmini is held captive by her oppressive father, surprisingly very similar to how Sita was held captive by the tyrant King Ravana. Jayasi thus draws many parallels from the plot of the Indian epic 'Ramayana'. Like Hanuman, Ratnasena hears of Padmini, but falls in love with her. He then disguises as a yogi, giving up his kingdom and goes in search of Padmini. When her father finds out he tries to kill Ratnasena. Jayasi here presents him as a second Hallaj, the famous ninth-century Sufi martyred in Baghdad for his unorthodox theological views. Ratnasena’s impending martyrdom is miraculously averted when his true identity as the king of Chittor is finally revealed. Ratnasena then marries Padmini and returns to Chittor. Things from then however, take a downhill when emperor Alauddin Khilji hears of her beauty. He launches a siege which would ultimately ruin both Chittor and Padmini. It is this martyrdom of Ratnasena as a second Hallaj that foreshadows his later “martyrdom” at the hands of Alauddin Khilji.
When Ratan Singh refuses Alauddin Khilji's demand for Padmavati for his harem, war ensues and the king is taken prisoner. Meanwhile, the king of neighbouring Kambhalner makes an indecent proposal to the queen. Ratan Singh escapes and kills the king of Kambhalner, but is himself fatally wounded. His two queens, Padmavati and Nagmati perform Jauhar, and Alauddin's army arrives when their ashes are still warm. Chittor falls to the emperor.
Thus, in restating an old Rajput narrative Jayasi embellishes it by weaving into it several inter-textual strands- the Ramayana, a famous Sufi martyrology, and Natha Yogic cosmology.
Since then, the Hindu and Muslim retelling of Jayasi's poem has been going on; with retelling of this story also in Persian. One such example is of Lachhmi Ram’s recollection of the famous couplet by Hafiz  suggests
this line of reasoning: Chittor indeed lies in ruins, its inhabitants are indeed dead, but properly understood Chittor is the edifice of love, as proven by Padmavati’s resolve to commit sati for her dead beloved-and this edifice remains untouched. Thus, death and defeat are paradoxically the proofs of an ultimate victory.[16]
Further information: Jauhar
It is believed Maharani Padmini performed Jauhar in 1303, the year Alauddin Khilji attacked Chittor.[18] Jauhar (also spelled jowhar) was the act of self-immolation performed by women, most notably by the queens and royal ladies of the Rajput dynasty, in Rajasthan, after the death of their husbands at the hands of the enemy. These self immolation practices were to save oneself from being taken as a mistress or slave(sex slaves in case of invaders) by the victor, which was not acceptable to the Rajputana Queens, for it symbolized the giving up of their self respect and pride which was of utmost importance to the Rajputs.

रानी पद्मावती वास्तव में बहुत महान थी

टीआरपी के लिए फिल्मी पदमावती की कहानी में किया गया टूइस्ट

फिल्म पद्मावती को लेकर निर्देशक संजय भंसाली के साथ मारपीट और अभद्रता करना उचित है या अनुचित? संजय भंसाली अपनी इस फिल्म में जो दिखा रहे हैं वह इतिहास के साथ दांवपेंच चल रहे हैं या नहीं? ये सवाल आज आम जनता के सामने आ रहे हैं। संजय भंसाली को अपनी टीआरपी बढ़ाने की जगह यह स्पष्ट कर देते कि यह फिल्म वीरांगना रानी पद्मावती यानी पद्मिनी की असली कहानी नहीं बल्कि उनके जीवन को लेकर सूफी रचनाकार मलिक मोहम्मद जायसी की कल्पना पर आधारित है, तो यह पंगा हीं न होता। लेकिन ये फिल्म वाले भावनाओं का ध्यान रखे बिना हर चीज को परदे रख कर बेचने की कोशिश करते हैं ताकि उनका व्यवसाय खूब चले। यह उनकी व्यावसायिक रणनीति का हिस्सा है।
रानी पद्मावती की हकीकत क्या है? इसे जानने के लिए हमनें विकीपीडिया से सहारा लिया और वहां मिली कहानी इस प्रकार है‘पद्मावत हिन्दी साहित्य के अन्तर्गत सूफी परम्परा का प्रसिद्ध महाकाव्य है। इसके रचनाकार मलिक मोहम्मद जायसी हैं। दोहा और चौपाई छन्द में लिखे गए इस महाकाव्य की भाषा अवधी है। पद्मावत यह रचना मलिक मुहम्मद जायसी की है। यह हिन्दी की अवधी बोली में है और चौपाई, दोहों में लिखी गई है। चौपाई की प्रत्येक सात अर्धालियों के बाद दोहा आता है और इस प्रकार आए हुए दोहों की संख्या 653 है। इसकी रचना सन् 947 हिजरी. (संवत् 1597) में हुई थी। इसकी कुछ प्रतियों में रचनातिथि 927 हि. मिलती है, किंतु वह असंभव है। अन्य कारणों के अतिरिक्त इस असंभावना का सबसे बड़ा कारण यह है कि मलिक साहब का जन्म ही 900 या 906 हिजरी में हुआ था। ग्रंथ के प्रारंभ में शाहेवक्त के रूप में शेरशाह की प्रशंसा है, यह तथ्य भी 947 हि. को ही रचनातिथि प्रमाणित करता है। 927 हि. में शेरशाह का इतिहास में कोई स्थान नहीं था।
जायसी सूफी संत थे और इस रचना में उन्होंने नायक रतनसेन और नायिका पद्मिनी की प्रेमकथा को विस्तारपूर्वक कहते हुए प्रेम की साधना का संदेश दिया है। रतनसेन ऐतिहासिक व्यक्ति है, वह चित्तौड़ का राजा है, पदमावती उसकी वह रानी है जिसके सौंदर्य की प्रशंसा सुनकर तत्कालीन सुल्तान अलाउद्दीन उसे प्राप्त करने के लिये चित्तौड़ पर आक्रमण करता है और यद्यपि युद्ध में विजय प्राप्त करता है तथापि पदमावती के जल मरने के कारण उसे नहीं प्राप्त कर पाता है। इसी ऐतिहासिक अर्ध ऐतिहासिक कथा के पूर्व रतनसेन द्वारा पदमावती के प्राप्त किए जाने की व्यवस्था जोड़ी गई है, जिसका आधार अवधी क्षेत्र में प्रचलित हीरामन सुग्गे की एक लोककथा है। कथा संक्षेप में इस प्रकार है:-
हीरामन की कथा
सिंहल द्वीप (श्रीलंका) का राजा गंधर्वसेन था, जिसकी कन्या पदमावती थी, जो पद्मिनी थी। उसने एक सुग्गा पाल रखा था, जिसका नाम हीरामन था। एक दिन पदमावती की अनुपस्थिति में बिल्ली के आक्रमण से बचकर वह सुग्गा भाग निकला और एक बहेलिए के द्वारा फँसा लिया गया। उस बहेलिए से उसे एक ब्राह्मण ने मोल ले लिया, जिसने चित्तौड़ आकर उसे वहाँ के राजा रतनसिंह राजपूत के हाथ बेच दिया। इसी सुग्गे से राजा ने पद्मिनी (पद्मावती) के अद्भुत सौंदर्य का वर्णन सुना, तो उसे प्राप्त करन के लिये योगी बनकर निकल पड़ा।
अनेक वनों और समुद्रों को पार करके वह सिंहल पहुँचा। उसके साथ में वह सुग्गा भी था। सुग्गे के द्वारा उसने पद्मावती के पास अपना प्रेमसंदेश भेजा। पद्मावती जब उससे मिलने के लिये एक देवालय में आई, उसको देखकर वह मूर्छित हो गया और पद्मावती उसको अचेत छोडक़र चली गई। चेत में आने पर रतनसेन बहुत दु:खी हुआ। जाते समय पद्मावती ने उसके हृदय पर चंदन से यह लिख दिया था कि उसे वह तब पा सकेगा जब वह सात आकाशों (जैसे ऊँचे) सिंहलगढ़ पर चढक़र आएगा। अत: उसने सुग्गे के बताए हुए गुप्त मार्ग से सिंहलगढ़ के भीतर प्रवेश किया। राजा को जब यह सूचना मिली तो उसने रतनसेन को शूली देने का आदेश दिया किंतु जब हीरामन से रतनसिंह राजपूत के बारे में उसे यथार्थ तथ्य ज्ञात हुआ, उसने पद्मावती का विवाह उसके साथ कर दिया।
रतनसिंह राजपूत पहले से भी विवाहित था और उसकी उस विवाहिता रानी का नाम नागमती था। रतनसेन के विरह में उसने बारह महीने कष्ट झेल कर किसी प्रकार एक पक्षी के द्वारा अपनी विरहगाथा रतनसिंह राजपूत के पास भिजवाई और इस विरहगाथा से द्रवित होकर रतनसिंह पदमावती को लेकर चित्तौड़ लौट आया।
यहाँ, उसकी सभा में राघव नाम का एक पंडित था, जो असत्य भाषण के कारण रतनसिंह द्वारा निष्कासित होकर तत्कालीन सुल्तान अलाउद्दीन की सेवा में जा पहुँचा और जिसने उससे पद्मावती के सौंदर्य की बड़ी प्रशंसा की। अलाउद्दीन पद्मावती के अद्भुत सौंदर्य का वर्णन सुनकर उसको प्राप्त करने के लिये लालायित हो उठा और उसने इसी उद्देश्य से चित्तौड़ पर आक्रमण कर दिया। दीर्घ काल तक उसने चित्तौड़ पर घेरा डाल रखा, किंतु कोई सफलता होती उसे न दिखाई पड़ी, इसलिये उसने धोखे से रतनसिंह राजपूत को बंदी करने का उपाय किया। उसने उसके पास संधि का संदेश भेजा, जिसे रतन सिंह राजपूत ने स्वीकार कर अलाउद्दीन को विदा करने के लिये गढ़ के बाहर निकला, अलाउद्दीन ने उसे बंदी बना कर दिल्ली की ओर प्रस्थान कर दिया।
चित्तौड़ में पदमावती अत्यंत दु:खी हुई और अपने पति को मुक्त कराने के लिये वह अपने सामंतों गोरा तथा बादल के घर गई। गोरा बादल ने रतनसिह राजपूत को मुक्त कराने का बीड़ा लिया। उन्होंने सोलह सौ डोलियाँ सजाईं जिनके भीतर राजपूत सैनिकों को रखा और दिल्ली की ओर चल पड़े। वहाँ पहुँचकर उन्होंने यह कहलाया कि पद्मावती अपनी चेरियों के साथ सुल्तान की सेवा में आई है और अंतिम बार अपने पति रतनसेन से मिलने के लिये आज्ञा चाहती है। सुल्तान ने आज्ञा दे दी। डोलियों में बैठे हुए राजपूतों ने रतनसिंह राजपूत को बेडिय़ों से मुक्त किया और वे उसे लेकर निकल भागे। सुल्तानी सेना ने उनका पीछा किया, किंतु रतन सिंह राजपूत सुरक्षित रूप में चित्तौड़ पहुँच ही गया।
जिस समय वह दिल्ली में बंदी था, कुंभलनेर के राजा देवपाल ने पद्मावती के पास एक दूत भेजकर उससे प्रेमप्रस्ताव किया था। रतन सिंह राजपूत से मिलने पर जब पद्मावती ने उसे यह घटना सुनाई, वह चित्तौड़ से निकल पड़ा और कुंभलनेर जा पहुँचा। वहाँ उसने देवपाल को द्वंद्व युद्ध के लिए ललकारा। उस युद्ध में वह देवपाल की सेल से बुरी तरह आहत हुआ और यद्यपि वह उसको मारकर चित्तौड़ लौटा किंतु देवपाल की सेल के घाव से घर पहुँचते ही मृत्यु को प्राप्त हुआ। पद्मावती और नागमती ने उसके शव के साथ चितारोहण किया। अलाउद्दीन भी रतनसिंह राजपूत का पीछा करता हुआ चित्तौड़ पहुँचा, किंतु उसे पद्मावती न मिलकर उसकी चिता की राख ही मिली।
इस कथा में जायसी ने इतिहास और कल्पना, लौकिक और अलौकिक का ऐसा सुंदर सम्मिश्रण किया है कि हिंदी साहित्य में दूसरी कथा इन गुणों में ‘पद्मावत’ की ऊँचाई तक नहीं पहुँच सकी है। प्राय: यह विवाद रहा है कि इसमें कवि ने किसी रूपक को भी निभाने का यत्न किया है। रचना के कुछ संस्करणों में एक छंद भी आता है, जिसमें संपूर्ण कथा को एक आध्यात्मिक रूपक बताया गया है और कहा गया है कि चित्तौड़ मानव का शरीर है, राजा उसका मन है, सिंहल उसका हृदय है, पदमिनी उसकी बुद्धि है, सुग्गा उसका गुरु है, नागमती उसका लौकिक जीवन है, राघव शैतान है और अलाउद्दीन माया है; इस प्रकार कथा का अर्थ समझना चाहिए। किंतु यह छंद रचना की कुछ ही प्रतियों में मिलता है और वे प्रतियाँ भी ऐसी ही हैं जो रचना की पाठपरंपरा में बहुत नीचे आती है। इसके अतिरिक्त यह कुंजी रचना भर में हर जगह काम भी नहीं देती है। उदाहरणार्थ गुरु-चेला-संबंध सुग्गे और रतनसेन में ही नहीं है, वह रचना के भिन्न भिन्न प्रसंगों में रतनसेन-पदमावती, पदमावती-रतनसेन और रतनसेन तथा उसके साथ के उन कुमारों के बीच भी कहा गया है जो उसके साथ सिंहल जाते हैं। वस्तुत: इसी से नहीं, इस प्रकार की किसी कुंजी के द्वारा भी कठिनाई हल नहीं होती है और उसका कारण यही है कि किसी रूपक के निर्वाह का पूरी रचना में यत्न किया ही नहीं गया है। जायसी का अभीष्ट केवल प्रेम का निरूपण करना ज्ञात होता है। वे स्थूल रूप में प्रेम के दो चित्र प्रस्तुत-करते हैं । एक तो वह जो आध्यात्मिक साधन के रूप में आता है, जिसके लिये प्राणों का उत्सर्ग भी हँसते हँसते किया जा सकता है; रतनसेन और पदमावती का प्रेम इसी प्रकार का है । रतनसेन पदमावती को पाने के लिये सिंहलगढ़ में प्रवेश करता है और शूली पर चढऩे के लिये हँसते हँसते आगे बढ़ता है; पदमावती रतनसेन के शव के साथ हँसते हँसते चितारोहण करती है और अलाउद्दीन जैसे महान सुल्तान की प्रेयसी बनने का लोभ भी अस्वीकार कर देती है। दूसरा प्रेम वह है जो अलाउद्दीन पदमावती से करता है। दूसरे की विवाहितापत्नी को वह अपने भौतिक बल से प्राप्त करना चाहता है। किंतु जायसी प्रथम प्रकार के प्रेम की विजय और दूसरे प्रकार के प्रेम की पराजय दिखाते हैं। दूसरा उनकी दृष्टि में हेय और केवल वासना है; प्रेम पहला ही है। जायसी इस प्रेम को दिव्य कहते हैं।

पोलियो:पाक,अफगान से खतरा बना हुआ है:नड्डा

 केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे.पी.नड्डा ने कहा कि 27 मार्च, 2014 को भारत समेत विश्व स्वास्थ्य संगठन के समस्त दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र का पोलियो मुक्त प्रमाणीकरण जन्म स्वास्थ्य के इतिहास में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। राष्ट्रीय प्रतिरक्षण दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि शेष तीन देशों (पाकिस्तान, अफगानिस्तान एवं नाइजीरिया) से इसके आयात का जोखिम अभी भी बना हुआ है, जहां पोलियो वायरस अभी भी संचारी है। अभी भी देश में आबादी प्रतिरक्षण एवं संवेदनशील निगरानी बनाए जाने की जरूरत है जब तक की दुनिया भर से पोलियो का उन्मूलन नहीं हो जाता। इसका रखरखाव सतत उच्च गुणवत्तापूर्ण पोलियो निगरानी के साथ-साथ राष्ट्रीय एवं उपराष्ट्रीय पोलियो दौर के जरिए किया जाता है।
 स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ‘हम भारत के साथ लगने वाले अंतर्राष्ट्रीय सीमाओँ पर सतत रूप से पोलियो टीकाकरण का परिचालन कर रहे हैं। भारत और आठ अन्य देशों के बीच यात्रा करने वाले सभी पर्यटकों का टीकाकरण करने संबंधी एक यात्रा परामर्शदात्री भी जारी की गयी है। इसके अतिरिक्त, एक आपातकालीन तैयारी एवं अनुक्रिया योजना (ईपीआरपी) भी बनाई गयी है जिसके तहत पोलियो वायरस के आयात की किसी भी स्थिति से त्वरित रूप से निपटने के लिए सभी राज्यों / संघ शासित प्रदेशों में रैपिड रिस्पोन्स टीमों (आरआरटी) का गठन किया गया है।’ श्री नड्डा ने कहा कि अपने बच्चों को दोहरी सुरक्षा प्रदान करने के लिए भारत सरकार ने अपने नियमित प्रतिरक्षण कार्यक्रम में इनजेक्टेबल इनएक्टिवेटिड वैक्सीन (आईपीबी) भी लागू किया है।

सनडे:देश के 17 करोड़ बच्चे पियेंगे दो बूंद जिंदगी की

राष्ट्रपति ने 2017 के लिए देशव्यापी पल्स पोलियो कार्यक्रम आरंभ किया 

भारत के राष्ट्रपति  प्रणब मुखर्जी ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे.पी.नड्डा, और स्वास्थ्य राज्य मंत्रियों  फग्गन सिंह कुल्स्ते एवं श्रीमती अनुप्रिया पटेल की उपस्थिति में शनिवार को यहां राष्ट्रपति भवन में पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को पोलियो खुराक पिलाने के द्वारा 2017 के लिए पल्स पोलियो कार्यक्रम आरंभ किया। रविवार को राष्ट्रीय प्रतिरक्षण दिवस है। देश भर में पांच वर्ष से कम आयु के लगभग 17 करोड़ बच्चों को देश से पोलियो उन्मूलन के भारत सरकार के अभियान के एक हिस्से के रूप में पोलियो खुराक पिलाई जाएगी।

...तो भाजपा इस तरह से जीतेगी यूपी

भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश को किसी तरह से जीतने का इरादा बना लिया है। नोटबंदी के मूलमंत्र और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जादू का असर समाप्त होते ही भाजपा अब यूपी को जीतने के लिए बेचैन हो गई है। भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव के मंत्र को फिर अपना लिया है। भाजपा ने सन् 2012 में विधानसभा चुनाव में 45 सीटें जीतीं थी। इसके बाद सन् 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 80 लोकसभा सीट में से 71 सीटों में प्रचंड जीत हासिल कर सभी दलों को चौँका दिया था। गत आठ नवंबद को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नोटबदली का निर्णय लेकर देश की आम जनता विशेषकर गरीब वर्ग को अपने पक्ष में कर लिया था, उस समय यह प्रतीत हो रहा था कि देश में भाजपा की लहर चल रही है। उसी समय प्रदेश में चली परिवर्तन यात्रा ने भी भाजपा के पक्ष में जनता का रुख कर दिया था। इसके बाद सपा के पारिवारिक विवाद ने सभी दलों की चमक को फीका कर दिया। इस विवाद के बाद जिस तरह से अखिलेश यादव सियासी क्षितिज पर छाये हुए हैं, वह भाजपा के लिए चिन्ता का कारण बना हुआ है। भाजपा को अपनी चमक फीकी लग रही है। इसमें धार देने के लिए और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुस्लिम और जाट तथा दलित समीकरण को बिगाडऩे के लिए भाजपा ने लोकसभा चुनाव के समय अपनाए वोटों के ध्रुवीकरण के मंत्र को अपना लिया है। भाजपा ने लखनऊ से जारी अपने घोषणा पत्र में राम मंदिर और तीन तलाक का मुद्दा उठा कर इरादों के संकेत दे दिये हैं। वहीं पश्चिम उत्तर प्रदेश में दो ऐसी घटनाएं भी घटीं हैं जिनसे पूरे प्रदेश में यह संदेश जा रहा है कि भाजपा ही सिर्फ हिन्दुओं के अधिकारों की रक्षा करने वाली अकेली पार्टी है। पूरे भारत के साथ संयुक्त राष्ट्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने वाला दादरी का बिसाहड़ा कांड के जख्म फिर कुरेदने की कोशिश की गई है। हालांकि वहां के स्थानीय भाजपा प्रत्याशी मास्टर तेजपाल सिंह नागर के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है। चुनाव के समय इस तरह की एफआईआर दर्ज होने का कोई महत्व नहीं है क्योंकि इस समय जनता के वोट हासिल करने के लिए यह भी एक उपाय ही है। भाजप प्रत्याशी श्री नागर ने दादरी विधानसभा क्षेत्र के सर्वाधिक चर्चित बिसाहड़ा गांव में उस जगह पंचायत की जहां पर गौं मांस खाने के आरोपी अखलाक को मौत के घाट उतार दिया गया था। बिना इजाजत के पंचायत करने के आरोप में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। दूसरी घटना भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश की है, मेरठ के सरधना विधानसभा क्षेत्र के विधायक संगीत सोम ने अपने चुनावी प्रचार वाहन पर लगे एलसीडी के माध्यम से चुनाव क्षेत्र मेंं प्रचार के  दौरान मुजफ्फरनगर के दंगों के दृश्य दिखाने के साथ अपने साथ हुुई प्रशासनिक ज्यादती और अन्य प्रकरण की सीडी का प्रदर्शन किया। इससे उस क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया है। स्थानीय पुलिस ने उनके खिलाफ जनप्रतिनिधि अनिनियम 1951 की धारा 125 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। 

अब कहां गए मुलायम सिंह,शिवपाल सिंह व अमर सिंह

बेटा राज करेगा, पिता को वनवास मिलेगा’ यह टिप्पणी अमर सिंह ने उस वक्त की थी जब समाजवादी पार्टी और उसके चुनाव चिन्ह साइकिल के लिए मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के बीच कानूनी लड़ाई छिड़ गई थी और दोनों ही गुट चुनाव आयोग की अदालत में पहुंच गए थे। उसके बाद सपा और साइकिल दोनों ही अखिलेश यादव को मिल गए तो मुलायम सिंह थोड़ा बहुत गरजे व अकड़े जब देखा कि पूरा का पूरा माहौल अखिलेश के पक्ष में हैं तो उन्होंने अपने समर्थक तीन दर्जन से अधिक प्रत्याशियों की सूची अखिलेश को थमाकर वास्तव में वनवास को चले गए हैं। इसके बाद अखिलेश ने अपना पुत्र एवं परिवार धर्म को निभाते हुए पहली ही सूची में अपने प्रिय चाचा शिवपाल सिंह का नाम दे दिया। इसके अलावा छोटी बहू अपर्णा यादव को भी प्रत्याशी बनाए रखा। अखिलेश यादव के सियासी जंग जीतने के बाद अमरसिंह ने अलग रास्ता अपनाते हुए अखिलेश की जमकर तारीफ की थी। 

Friday, 27 January 2017

For American safety,Trump takes hard step

Banned travelling from Islamic countries

US President Donald Trump signed a sweeping new executive order Friday to suspend refugee arrivals and impose tough new controls on travellers from seven Muslim countries.
Making good on one of his most controversial campaign promises, and to the horror of human rights groups, Trump said he was making America safe from “radical Islamic terrorists.”
“This is big stuff,” he declared at the Pentagon, after signing an order entitled: ‘Protection of the nation from foreign terrorist entry into the United States’.
Trump’s decree suspends the entire US refugee resettlement program for at least 120 days while tough new vetting rules are established. These new protocols will “ensure that those approved for refugee admission do not pose a threat to the security and welfare of the United States”. In addition, it specifically bars Syrian refugees from the United States indefinitely, or until the president himself decides that they no longer pose a threat.
Meanwhile, no visas will be issued for 90 days to migrants or visitors from seven mainly-Muslim countries: Iran, Iraq, Libya, Somalia, Sudan, Syria and Yemen. During the suspensions of the refugee and visa programs, new rules will be devised for what Trump as called the “extreme vetting” of applicants’ backgrounds.
Some exceptions will be made for members of “religious minorities,” which – in the countries targeted by the decree – would imply favourable treatment for Christians.Separately, Trump said that Syrian Christians will be given priority when it comes to applying for refugee status, a policy that would likely be challenged on similar grounds.Civil liberties groups and many counterterror experts condemned the measures, declaring it inhumane to lump the victims of conflict in with the extremists who threaten them.

RBI reject the Neta’s approach

No relax limits of cash withdrawl

The Reserve Bank of India is  turned down the Election Commission’s plea to relax weekly cash withdrawal limits for poll expenses, which means candidates in upcoming contests in five states will have to increase their reliance on digital payments systems or cheques.
“RBI has rejected the request,” said a person aware of the development. The Election Commission had suggested a weekly limit of Rs 2 lakh against the current Rs 24,000 permitted for individuals. RBI did not respond to queries sent by ET. Uttar Pradesh, Punjab, Uttarakhand, Manipur and Goa will hold elections in February and March.
The limits were imposed as part of the demonetisation exercise announced on November 8. There have been media reports that these may be relaxed by the end of February as new currency notes are printed and enter the system. The use of cash in elections is typically kept under close watch by tax authorities and election authorities.


UIDAI Achieves 111 Crore adult Indian

Aadhaar Covers to Over 99 Percent Indian 

Following is the statement by Ravi Shankar Prasad, Minister of Electronics & IT and Law & Justice: “With 68th Republic Day, Unique Identification Authority of India (UIDAI) has achieved another landmark by generating 111 crore Aadhaar in a population of 125 crore plus. The World’s largest and unique biometrics based identification programme with a real time online authentication infrastructure – the Aadhaar has been recognized in the recent UN Report on World Social Situation, 2016 as a developmental tool with “tremendous potential to foster inclusion by giving all people, including the poorest and most marginalized, an official identity” and a wonderful “critical step in enabling fairer access of the people to government benefits and services”, thereby enhancing social and economic distributive justice leaving no one behind.“Aadhaar generation has crossed the 111+ crore mark. It’s a great achievement towards inclusion of everyone into national development fabric. It has come a long way in less than six and a half years of its journey from being a unique identification programme to transform itself into a critical development tool of public–centric good governance and targeted delivery of services/benefits/subsidies; Such a transformation became possible, because of the unique initiative of Prime Minister Narendra Modi’s government, to use Aadhaar, for the financial and social inclusion.


Note Ban: 5000 crore rupees is black money!

After demonetisation, here comes the black money crackdown. 5,000 suspicious accounts and cash deposits of Rs 1 crore or more under I-T scrutiny.A Mumbai-based jeweller who deposited Rs 100 crore in his bank account in December was summoned by the income-tax department recently.
He was asked to submit income-tax permanent account number (PAN) details of all who bought gold or jewellery from him since November 8, when demonetisation was announced.
A New Delhi-based real estate developer who put Rs 25 crore into his account on December 30 has got a formal query from the income-tax department. The developer said the money was “cash on hand” as reflected in his books of accounts. Tax officials are planning to scrutinise his books of accounts for the past few years.
Real estate developers, jewellers and sellers of luxury goods have come under the I-T department’s scanner as part of the exercise to unearth black money in the wake of demonetisation.
Many are currently being summoned and are likely to be slapped with tax notices in the coming months, said tax officials and consultants aware of the matter.
The government will also pursue those who may have sought to launder money this year itself, rather than the two-three years it usually takes for the income-tax department to send notices.
A three-member committee comprising top income-tax officials has been formed to amend the rules so that notices for assessment year 2016-17 can be served in 2017 itself, said one of the people cited above.



India's job market in crisis

IIT placement committeebanned 23 start up companies

IIT placement committee in August 2016 for the first time 31 of the 23 start-ups, companies across the country have banned the IIT campus. These Grofrs, Jhomato, including companies like Portia medical and Babajobs.
These companies play with the careers of the students said that IITs. These companies are either in a job lot of unnecessary delay or sent no letter. That being said, the IIT campus start-ups in the balloon burst.
Start-ups in 2015 at the height of the fever, but in 2016 it began to descend. IIT students say that by 2014, all was well. Most of the IIT student start-ups want to start but he is not the case.Today's world is different.
Every year more than ten million Indian youth in the job market are covered. The start-ups to absorb such a large number of companies have a major role. However, it is risky enough for both.In this case, the BBC approached several companies, but some companies responded. Portia Medical said, "We will now try to avoid it. However, the need and demand for business on many levels has changed. ''

May be recess coming for Indian Skillperson?

May be recess coming in Indian companies because the US administration is adopted new hard rule for Indian IT companies. It is bad signal for Indian IT skillperson.Information technology companies, usually among the largest recruiters at B-school campuses, have slashed hiring this placement season due to factors such as US President Donald Trump's protectionist stance, muted growth numbers and increasing automation. IT recruitments have slumped 20-40 per cent in several tier-II — and even some tier-I — management schools this season. At Management Development Institute (MDI), Gurgaon, IT hiring fell 26 per cent; at Great Lakes Institute of Management (GLIM), Chennai, it dropped 30 per cent; and at Welingkar Institute of Management Development and Research, it's down 30-40 per cent. At one business school, InfosysBSE 0.59 % took on 13 people compared with 40 last year, while Dell hired three against five and WiproBSE -1.55 % recruited five compared with nine last time. The school official who provided the information didn't want the institution to be identified. "We are expecting at least 30 per cent less hiring in IT as compared with last year," said Saveeta Mohanty, associate dean for career advisory services at Xavier Institute of Managemen t, Bhubaneswar (XIMB). Last se ..
ET reported on January 17 that Infosys and TCS will hire more engineers from campuses in the US as they brace themselves for stringent visa norms under the new administration. Among Trump's top election pledges were restricting immigration and bringing jobs back home. At his inaugural speech, he said: "Protection will lead to great prosperity and strength... We will follow two simple rules: Buy American and hire American."


Government cleared the doubts of GAAR

The General Anti Avoidance Rule (GAAR) provisions shall be effective from the Assessment Year 2018-19 onwards, i.e. Financial Year 2017-18 onwards.  The necessary procedures for application of GAAR and conditions under which it shall not apply, have been enumerated in Rules 10U to 10UC of the Income-tax Rules, 1962.The provisions of General Anti Avoidance Rule (GAAR) are contained in Chapter X-A of the Income Tax Act, 1961.
Stakeholders and industry associations had requested for clarifications on implementation of GAAR provisions and a Working Group was constituted by Central Board of Direct Taxes (CBDT) to examine the issues raised. Accordingly, CBDT has issued the clarifications on implementation of GAAR provisions today.  
Amongst others, it has been clarified that if the jurisdiction of FPI is finalized based on non-tax commercial considerations and the main purpose of the arrangement is not to obtain tax benefit, GAAR will not apply.  GAAR will not interplay with the right of the taxpayer to select or choose method of implementing a transaction. Further, grandfathering as per IT Rules will be available to compulsorily convertible instruments, bonus issuances or split / consolidation of holdings in respect of investments made prior to 1st April 2017 in the hands of same investor. It has also been clarified that adoption of anti-abuse rules in tax treaties may not be sufficient to address all tax avoidance strategies and the same are required to be tackled through domestic anti-avoidance rules. However, if a case of avoidance is sufficiently addressed by Limitation of Benefits (LoB) provisions in the tax treaty, there shall not be an occasion to invoke GAAR.
It has been clarified that if at the time of sanctioning an arrangement, the Court has explicitly and adequately considered the tax implications, GAAR will not apply to such an arrangement. It has also been clarified that GAAR will not apply if an arrangement is held as permissible by the Authority for Advance Rulings. Further, it has been clarified that if an arrangement has been held to be permissible in one year by the PCIT/CIT/Approving Panel and the facts and circumstances remain the same, GAAR will not be invoked for that arrangement in a subsequent year.
The proposal to apply GAAR will be vetted first by the Principal Commissioner of Income Tax / Commissioner of Income Tax and at the second stage by an Approving Panel headed by a judge of High Court. The stakeholders have been assured that adequate procedural safeguards are in place to ensure that GAAR is invoked in a uniform, fair and rational manner.
Government is committed to provide certainty and clarity in tax rules. Further clarifications, if any, on doubts of stakeholders regarding GAAR implementation, will also be provided.

Modi Government failed to check corruption

Transparency internnational’s annual index indicate 

Transparency internnational’s annual index indicate that Modi Government has not take any step for checking of corruption and some specialist also warned India Government. A major international index of corruption and transparency has placed India on the watch list for its inability to curb mega corruption scandals and petty bribery. The annual index of Transparency International issued on Wednesday for 2016 placed India with Brazil and China in the 40th position. India’s condition showed growth with inequality, it said. According the artcle publish at The Hindu,“India’s ongoing poor performance with a score of 40 reiterates the state’s inability to effectively deal with petty corruption and large-scale corruption scandals,” said Transparency International. The impact of corruption on poverty, illiteracy and policy brutality showed that not only was the economy growing but so was inequality.
India’s current ranking, putting it in the high corruption zone, has drawn critical observations from transparency campaigners. Nikhil Dey of People’s Campaign for Right to Information said the government of Prime Minister Narendra Modi had not done enough on the issue of Lokpal and whistleblower protection.
“A lot of scams in the previous government were unearthed with the help of the right to information that the government itself allowed. But the present government has done nothing to boost the anti-corruption structure. The demonetisation process is the latest indicator of the lack of transparency in the system, where even the Reserve Bank of India is not able to spell out the exact details of the operation,” Mr. Dey said. “Growth with inequality is disastrous on its own. But in the case of India, such a growth also legitimises corruption,” he warned.
South Asia had performed poorly. Bangladesh at 27th and Nepal at 29th positions were slotted in the highly corrupt section. Pakistan, at 32, also came in the red zone. Afghanistan ranked 15th was in the “highly corrupt” list with South Sudan, North Korea and Libya. 

Wednesday, 25 January 2017

R-Day:We became the largest democracy of the world.

My dear citizens
  On the eve of the sixty-eighth Republic Day of our nation, I extend warm greetings to all of you in India and abroad. I convey my special greetings to members of our Armed Forces, Para-military Forces and Internal Security Forces. I pay my tribute to the brave soldiers and security personnel who made the supreme sacrifice of their lives in defending India’s territorial integrity and maintaining law and order.
   When India attained freedom on 15th August 1947, we did not have an instrument of governance of our own. We waited till 26th January, 1950 when the Indian people gave to themselves a Constitution to secure for all its citizens, justice, liberty, equality, and gender and economic equity. We promised to promote fraternity, dignity of the individual, and unity and integrity of the nation. On that day, we became the largest democracy of the world.
   The faith and commitment of people gave life to our Constitution and our founding fathers, wisely and carefully, steered the new nation past its troubles of being a poor economy with huge regional imbalances and a vast citizenry deprived of even basic necessities.
   It goes to the credit of the strong institutions of democracy built by our founders that for the last six and a half decades, Indian democracy has been an oasis of stability in the region troubled by unrest. From a population of 360 million in 1951, we are now a 1.3 billion strong nation. Even then, our per capita income has shown a ten-fold increase, poverty ratio has declined by two-thirds, average life expectancy has more than doubled, and literacy rate has shown a four-fold increase. We are today the fastest growing amongst the major economies of the world. We are the second largest reservoir of scientific and technical manpower, the third largest army, the sixth member of the nuclear club, the sixth member in the race for space, and the tenth largest industrial power. From a net food grains importing country, India is now a leading exporter of food commodities. The journey so far has been eventful, sometimes painful, but most of the times, exhilarating.
 What has brought us thus far will take us further ahead. But we will have to learn to adjust our sails, quickly and deftly, to the winds of change. Evolutionary and incremental growth will have to accommodate rapid disruptions brought in by advances of science and technology. Innovation, more so inclusive innovation, will have to become a way of life. Education will have to keep pace with technology. In the race between man and machine, the winner will have to be job generation. The velocity of technology adoption will call for a workforce that is willing to learn and adapt. Our education system will have to join hands with innovation to prepare our youth for life-long learning.
  Our economy has been performing well despite the challenging global economic conditions. In the first half of 2016-17, it grew at a rate of 7.2 percent – same as that last year – showing sustained recovery. We are firmly on the path of fiscal consolidation and our inflation level is within comfort zone. Though our exports are yet to pick up, we have managed a stable external sector with sizeable foreign exchange reserves.
   Demonetization, while immobilizing black money and fighting corruption, may have led to temporary slowdown of economic activity. As more and more transactions become cashless, it will improve the transparency of the economy.
Many of the flagship initiatives of the government have been designed to promote the well-being of the society. The Swachh Bharat Mission aims at a Clean India by 2nd October, 2019 to coincide with the 150th Birth Anniversary of Gandhiji. Increased spending on programmes like MGNREGA is enhancing employment generation to rejuvenate the rural economy. Aadhaar, with its present reach of over 110 crore people, is helping in direct transfer of benefits, plugging leakages and improving transparency. The Digital India programme is creating a knowledge economy through universal provision of digital infrastructure and platforms for cashless economic transactions. Initiatives like Start-up India and Atal Innovation Mission are fostering innovation and new-age entrepreneurship. Under the Skill India initiative, the National Skill Development Mission is working on skilling 300 million youth by 2022.

We have to work harder because;
We are all equal children before our mother;
And our motherland asks each of us in whatever role we play;
To do our duty;
With integrity, commitment and unflinching loyalty;
To the values enshrined in our Constitution.

Jai Hind!




   

HAPPY REPUBLIC DAY

Happy Republic day to all Friends. We salute to whom, who constitute my constitution. 

Electoral Reform is possible:Mukherjee

President congratulated the Ec & Voter’s for huge exercise in last general election

The President of India Pranab Mukherjee attended the 7th National Voters’ Day Celebrations Wedenesday in New Delhi.  Speaking on the occasion, the President said there has been some talk about simultaneous elections to the Lok Sabha and State Assemblies in political circles. If initiative is taken by Election Commission and political parties arrive at a consensus, reform is possible. He said such a move can reduce inconvenience in terms of expenditure and management.  Pointing out that in the last General Elections in 2014, over 66% of the total electorate of 834 million voted, the President congratulated the Election Commission on the successful conduct of this huge exercise. He also congratulated Indian voters for exercising their right to vote and showing utmost maturity in doing so.
The President said the Election Commission requires unflinching support as they are trying to motivate young people in excising their most fundamental democratic right of voting. It is essential that the Election Commission should be an independent and competent institution. Over the years, the Election Commission of India has proved to be so and is appreciated all over the world.  The President said he was confident the Election Commission can maintain its existing standards and continues to improvise and evolve. The Election Commission has made a unique contribution to strengthening the bedrock of Indian democracy. We can take legitimate pride in the fact that we are the largest democracy in the world.
The first copy of a coffee table book ‘Unfolding Indian Elections- Journey of the living democracy’ was presented to the President by Dr. Nazim Zaidi, Election Commissioner of India on the occasion. The President also presented Election Photo Identity Cards to select newly registered young voters.

Voter can decline all candidate of the election

Voter's Day: Know your right.
We are living in Republic State of Inidia. Voter day is importanit for us.We also to know , what the right of voter. A voter how much powerfull in the republic Government. Tommorw country celeberate own republic day. Come to kbow about the voter’s right. According The Hindu's artcle: National Voters Day, on this day in 1950, the Election Commission of India was founded. The ECI observes National Voters Day to create awareness on voting and voter rights.
The right of Voter
Enrolling as a voter: A citizen can be enrolled as voter when he or she is 18 years as on January 1 of the year electoral rolls are prepared. The electoral rolls are revised once in five years as well as prior to an election. The Commission periodically does house-to-house enumeration. But the onus is on you to register as a voter.
Where to vote:The Election Commission registers a person as a voter in the constituency where he or she ordinarily resides. When you change your residence, the EC has to be intimated. Enrolling as a voter in more than one location is an offence.A non-resident Indian can vote in his/her hometown after registering as an Overseas Voter.
Voter ID is not mandatory for voting:The Election Commission provides every voter a photo identification card called Electors’ Photo Identity Card (EPIC). Along with your photo and address, the EPIC contains your electoral roll number, which enables the polling official to easily identify you. However, it is not mandatory to carry your Voter ID when you cast your vote. Other valid photo identifications, such as passport, driving license, PAN etc. are adequate to exercise your franchise.
Voter ID does not mean you can vote:A person can vote only if his/her name is found in the electoral rolls. If, for any reason, a name is removed from the electoral roll, the polling official will not allow the person to vote.
Who cannot vote: When an Indian becomes a citizen of another country, he/she automatically loses the right to vote.A person declared as ‘mentally unsound’ by a court does not have voting rights.In case a person is found to be involved in corrupt electoral practices, his/her name can be removed from electoral roll.A Presiding Officer can stop you from voting if it is found that you are impersonating another person. This is a punishable offence.
OCIs cannot vote:An Indian residing abroad with his/her name registered in the electoral roll cannot vote, unless he/she personally visits the polling booth. However, the government is looking at options such as proxy voting or postal ballot to enable NRIs to vote. Overseas Citizens of India, who are citizens of another country, do not have the right to vote. The Election Commission has, however, recently introduced the option for NRIs to register themselves as voters through the EC’s portal.
Affidavits filed by candidates are public documents: At the time of nomination, candidates should submit details of their educational background, criminal records, and assets and liabilities. A voter can obtain copies of the nomination form and the affidavit filed by the candidate from the Returning Officer, immaterial of whether the person belongs to the constituency or not.
Right to decline: A voter can decline to vote. The person must visit the polling booth in person and inform the Presiding Officer. The index finger will be inked, the polling register must be signed but the person will not cast the vote.This is however not similar to NOTA (none of the above) option, where the person exercise the franchise.
 You can still vote if someone else has cast the vote in your name: The Rule 49P of the Conduct of Elections Rules allows the voter to cast vote using a “Tendered Ballot Paper.” The Presiding Officer will collect it and keep it separate.
Proxy voting, postal ballots are not for all:Postal ballots, in which a voter exercises his/her franchise through post is available only for people on election duty, armed force personnel, and electors subject to preventive detention.
Proxy voting is an option available for personnel in armed forces, police, government officials posted outside India. The person can authorise another residing in the same polling booth area to cast a vote on his/her behalf. This option is also available for wives of the above mentioned personnel, but not for the husbands.

Elections are celebrations of democracy:Modi

Prime Minister has wished the citizen on Voters day

National Voters Day, on this day in 1950, the Election Commission of India was founded. The ECI observes National Voters Day to create awareness on voting and voter rights. On this occasion  Prime Minister  Narendra Modi has wished the citizens. Calling elections as the celebrations of democracy the Prime Minister has also urged every eligible voters to exercise their franchise and called upon the youth to register as voters when they turn 18. “Wishing you all on National Voters’ Day. We greet the Election Commission and salute their important role in our democracy.
Elections are celebrations of democracy. They communicate the will of the people, which is supreme in a democracy.

Tuesday, 24 January 2017

Political parties funding source unknown why?

Heavy income, 69% share from unknown sources is right?

The time come now that the political parties brought under Income Tax arena. Prime Minister Mr. Narendra Modi had beeb say about the transparency of parties funding. The total income of national and regional political parties between 2004-05 and 2014-15 stood at ?11,367 crore, with the highest of ?3,982 crore being the Congress’s share. However, 69% of the income of these parties was from unknown sources, according to an analysis done by the Association for Democratic Reforms (ADR).
The income of national parties from unknown sources increased by 313% during the decade; for the regional parties, it went up by 652%. The BSP is the only party which has got 100% of its income through donations from unknown sources. Its total income increased by 2,057%, from ?5.19 crore during 2004-05 to ?111.96 crore during 2014-15.
The ADR report, released on Tuesday, states that the details of donors pertaining only to ?1,835.63 crore were available. The income from other known sources, such as the sale of assets, membership fees, bank interest, the sale of publications and party levy, was ?1,698.73 crore, about 15% of the total.
While about 43% of the total income of six national parties was that of the Congress, the BJP stood second with ?3,272.63 crore, just over 35%. The CPI(M) declared the third highest income of about ?893 crore. “About 83% of the total income of the Congress, amounting to ?3,323.39 crore, and 65% of total income of the BJP, amounting to ?2,125.91 crore, came from unknown sources.”
The total donations above ?20,000 per entry, for which the national parties are to declare the sources, was about ?1405.19 crore and the BJP topped the list for declaring the maximum of ?918 crore voluntary contributions in the category. “The donations declared by the BJP are more than twice the donations declared by the Congress during the same period,” said the report. The BSP has not reported any donation above ?20,000 in the past 11 years, while the Nationalist Congress Party has not submitted its donations report to the Election Commission between 2004-05 and 2006-07. The Congress has declared donations of ?400.32 crore.
According to the ADR, the Income-Tax returns of 42 of the 51 regional parties analysed were unavailable for at least one financial year. The total declared income of regional parties during the period stood at ?2,089 crore, the highest being that of the Samajwadi Party at ?819 crore, followed by the DMK with ?203 crore and the AIADMK with ?165 crore.
Based on the findings, the ADR has recommended that full details of all donors be made available for public scrutiny under the RTI.
“Some countries where this is done include Bhutan, Nepal, Germany, France, Italy, Brazil, Bulgaria, the United States and Japan. In none of these countries it it possible for almost 75% of the source of funds to be unknown, but at present it is so in India,” said the report, adding any organisation that receives foreign funding should not be allowed to support or campaign for any candidate or political party.

"Indian Pm Mr.Modi is great Man"

I am big fan of Hindu,Trump tells Modi

In telephonic conversation New American President Mr. Donald Trump praies Indian Prime Minister Mr Narendra Modi. He also said,” I am big fan of Hindu.The U.S. considers India as “a true friend and a partner in addressing challenges around the world,” President Donald Trump told Prime Minister Narendra Modi on Tuesday afternoon. “The two discussed opportunities to strengthen the partnership between the United States and India in broad areas such as the economy and defence,” a statement from the White House said. It said Mr. Trump looked forward to hosting Mr. Modi later this year.“They also discussed security in the region of South and Central Asia. President Trump and Prime Minister Modi resolved that the United States and India stand shoulder-to-shoulder in the global fight against terrorism,” said the statement. Addressing an event organised by the Republican Hindu Coalition in October last, Mr. Trump had said that he “looked forward to working with Prime Minister Narendra Modi,” whom he described as “very energetic in reforming India’s bureaucracy.”
“Great man. I applaud him for doing so.” Mr. Trump had said. Describing himself as a “big fan of Hindu….a big fan of India”, he had then said that “the Indian and Hindu community would have a true friend in the White House,”  

Who is the next leader of World?

After US. china.Russa or Germany

This question is now raising in the world forum that after US, Who is next leader.President Donald Trump's pursuit of an "America first'' foreign policy is raising questions about who, if anyone, will fill the void if the US relinquishes its traditional global leadership role. China and Russia are among the aspirants for greater economic and military influence, while an ambivalent Germany could emerge as the West's moral compass.
For generations, the US has largely set the terms for the global economy, policed international security threats and spearheaded the response to crises like Ebola and Haiti's earthquake. But after sweeping into office with an isolationist-tinged message rooted in the idea the US needs to refocus on itself, Trump has said and done little to dispel the notion that he wants the rest of the world solve its own problems.
n his inaugural address, Trump said the US for too long has been invested in other countries' industries, militaries, borders and infrastructure while letting its own fall into ``disrepair and decay.''``That is the past,'' Trump said.In one of his first acts, Trump on Monday formally withdrew the US from the Trans-Pacific Partnership, a project launched under President George W. Bush and negotiated by President Barack Obama to set trade rules with Asia and counter China's growing economic influence.
rump said he was doing a ``great thing'' for US workers by tearing it up. But Sen. John McCain, a fellow Republican, said the withdrawal ``abdicates US leadership in Asia to China.''China isn't the only country that could profit from US retrenchment. In their own ways, Russia and Germany also could stake a claim to a greater global role. But no one can simultaneously match America's economic, military and moral might, and a more isolationist US could mean a power vacuum. ``There's no country or collection of countries that can do what the US has done for the last half-century,'' said Jon Alterman, a former State Department official now at the Center for Strategic and International Studies. ``It's partly a question of resources and capacity, and it's partly a question of ambition.''
``A huge number of things will simply not be done,'' he said.
While US rivals like China and Russia would relish the opportunity to try to replace the United States, many countries in Asia, Europe and elsewhere are fretting the prospect of an American retreat. Even Germany is unsettled about being increasingly looked to as a moral example.China, which has been investing billions in Africa and Latin America to curry influence in the developing world, could become an increasingly dominant economic power. It already is aggressively pursuing a multicountry trade deal that would appear the likeliest alternative to TPP, a scenario Obama's administration had warned would let China ``write the rules'' and lead to worse labor and environmental standards.
Beijing has used Trump's inauguration as an opportunity to ridicule America's democracy and tout its own communist system as superior. And many of China's neighbors share its fears about Trump's threats to trigger a ``trade war'' with the Asian powerhouse by taxing Chinese products.``Whether you like it or not, the global economy is the big ocean that you cannot escape from,'' Chinese President Xi Jinping said last week at the World Economic Forum in Davos, Switzerland, laying out his plans for growth, overseas investments and expanded trade opportunities. It was the type of agenda the US might have previously touted.



Award does not become the end of life’s purpose

PM presents National Bravery Awards

The Prime Minister, Shri Narendra Modi, today presented the National Bravery Awards to 25 children. Interacting with the awardees, the Prime Minister said their deeds of bravery show their decisiveness as much as their courage. He encouraged the children to ensure that this award does not become the end of their life’s purpose, and added that this award should only mark the beginning for them.
Reminding the children about the significance of the day – 23rd January, Netaji Subhas Chandra Bose’s birth anniversary – the Prime Minister urged the children to read as much as possible, and especially read biographies of leaders, sportspersons and other people who have done great deeds in their lives.
He said that bravery is a state of mind; a healthy body helps, but the prime moving force is the mind. Therefore, he added, we need to make the mind strong. He urged the children to ensure that the adulation and fame that they are getting, should not become an obstacle to their future progress.
The Minister for Women and Child Development, Smt Maneka Gandhi, was present on the occasion. The National Bravery Award Scheme was initiated by the ICCW – Indian Council for Child Welfare – to give due recognition to the children who distinguish themselves by performing outstanding deeds of bravery and meritorious service and to inspire other children to emulate their examples.

Monday, 23 January 2017

रिटर्न नहीं भरने पर आयकर के नोटिस फोन पर एसएमएस द्वारा आने लगेंगे

आयकर विभाग ने जिन लोगों को उनके ई-मेल आईडी पर नोटिस भेजने तथा करदाता से फोन पर बात करने व करदाता के पते पर अपना प्रतिनिधि को भेजने पर भी करदाता नहीं मिलने की समस्या का हल कर निर्धारण वर्ष 2015-16 में निकाला है।
आयकर विभाग ने प्रत्येक करदाता के पैन कार्ड के नंबर को आधार कार्ड नंबर से जोडऩा तथा आधार कार्ड नंबर में दिए गए मोबाइल नंबर से जोडऩे की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी है।
जिन लोगों को रिफण्ड प्राप्त करना है या उनकी कुल आय पंांच लाख रुपये सालाना से अधिक है,को पैन कार्ड नंबर को आधार कार्ड को फोन नंबर से लिंक करना आवश्यक कर दिया है।
यह प्र्िरक्रया आयकर विभाग ने लोगों को फोन पर ही नोटिस या अन्य कोई गतिविधि के बारे में अब एसएमएस के माध्यम से प्राप्त होने लगेेंगे। इस तरह से आयकर अधिकारी करदाता से प्रत्यक्ष वार्तालाप करने लगेंगे।यह प्रक्रिया टैक्स की चोरी करने वालों के लिए बड़ी मुसीबत की प्रक्रिया है।
जिन लोगों की कुल आय पांच लाख रुपये से कम है तथा रिफण्ड की राशि नहीं है , ऐसे करदाता अपनी रिटर्न की प्रति को आधार कार्ड से लिंक करना आवश्यक नहीं है।
आधार कार्ड में लिखे नाम,जन्म तिथि,व लिंग, पैन कार्ड के डाटा से अवश्य मिलने चाहिए। करदाता को केवल यह लाभ होगा कि उसे अपनी रिटर्न की प्रति हार्ड कापी आयकर विभाग में प्रत्यक्ष जमा कराने की आवश्यकता नहीं रहेगी।अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें।
सीए अतुल शर्मा, (आईसीए, कोपा, पीजीएफएम, एम.कॉम), संजिता टैक्स एसोसिएट, आर्य समाज रोड, पुराना शनि बाजार, सूरजपुर, ग्रेटर नोएडा।
फोन नं. 9911753788

...तो इस बार यूपी में महिला नेताओं का रहेगा जोर

देश की राजनीतिक दिशा और दशा तय करने वाले उत्तर प्रदेश का राजनीतिक भविष्य इस बार महिला नेताओं के दम पर तय होने जा रहा है। अभी तक उत्तर प्रदेश की सियासत में बसपा प्रमुख सुश्री मायावती ही अकेली महिला थीं जो वोटरों को इमोशनली,पॅालिटकली, सोशली और अन्य रास्तों से लुभातीं थी। इस बार के चुनाव में महिलाओं की फौज सामने आने वाली है। समाजवादी पार्टी की ओर से अभी फिलहाल दो महिलाओं के नाम सामने आए हैं उनमें से एक डिम्पल यादव और दूसरी अपर्णा यादवा। डिम्पल यादव कन्नौज लोकसभा सीट से सांसद भी हैं और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की धर्मपत्नी हैं। दूसरी अपर्णा यादव, अखिलेश के परिवार की बहू हैं और लखनऊ कैंट विधानसभा से सपा प्रत्याशी भी हैं। सपा के साथ गठबंधन करने के बाद प्रियंका गांधी वाडरा भी चुनाव मैदान में उतर आईं हैं। इसके अलावा उनकी मां कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तो मैदान में रहेंगी ही। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित भी हैं। सपा-बसपा गठबंधन और महिलाओं की राजनीति से सतर्क होकर भाजपा ने भी महिलाओं की फौज को मैदान में उतारने के संकेत दिये हैं। भाजपा की ओर से अभी जहां गुपचुप रूप से स्मृति ईरानी को मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी माना जा रहा है। स्मृति ईरानी की मदद के लिए केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल को मैदान में लाया जा रहा है ताकि वे महिलाओं के वोट के साथ ही गैर यादव पिछड़े वर्ग के वोटरों को पार्टी की झोली में डाल सकें। इसके साथ ही पूर्वी उत्तर प्रदेश में पार्टी की पकड़ मजबूत करने के लिए बसपा सुप्रीमों पर टिप्पणी करके चर्चा में आये दयाशंकर की पत्नी श्रीमती स्वाति सिंह को भी प्रचार में लाए जाने के संकेत मिल रहे हैं। इसके अलावा मथुरा से सांसद और अभिनेत्री हेमा मालिनी भी प्रचार करने के लिए सक्रिय हो सकतीं हैं। इन महिलाओं के भरोसे यूपी जीतने की तैयारी में जुटे हैं सभी राजनीतिक दल।

Sunday, 22 January 2017

Keeping the farmers’ interest foremost in our research programmes: Radha Mohan Singh

Union Minister of Agriculture and Farmers Welfare, Mr. Radha Mohan Singh addressed the Plenary Session of 9th Berlin Agriculture Ministers’ Conference at Berlin, Germany today. In his addressed Shri Singh said that keeping the farmers’ interest foremost in our research programmes, there is a need to optimize the resources’ use efficiency.  Mr Singh said that water is certainly the most critical resource for agriculture, gaining primacy even on other important inputs like soil. The competing use of water for agriculture and non-agricultural purposes, inefficient irrigation practices, injudicious use of pesticides, poor conservation infrastructure, and lack of governance have lead to increasing water scarcity and pollution worldwide. 
   Union Minister of Agriculture and Farmers Welfare said that though India is among the leading producers of foodgrains in the world but India’s productivity vis-à-vis world average and highest yield (kg/ha) for major crops  cereals, pulses, oilseeds, sugarcane and vegetables remains short of the highest levels achieved elsewhere in the world, except castor an industrial oil crop.  India has highest courage, production and productivity of castor in the world mainly because of hybrid technologies and water use efficiency in castor.  Similarly, in livestock sector also, despite India being the top producer of milk, bovine productivity is only 1538 kg per year as compared to the world average of 2238 kg per year. The low productivity levels also indicate existence of enormous untapped potential. Shri Singh further said that efficiency-mediated improvement in productivity is the most viable option to raise production. Development of new crop varieties with more efficient photosynthesis and shorter duration would be of immense help in increasing cropping intensity.

Friday, 20 January 2017

National Conference to Promote and Develop Tourisms Begins in Rann of Kutch Today

A Three day National Conference to promote and develop Tourism, Culture, Youth Affaiors and Sports organized by the Ministries of Tourism, Culture, Youth Affairs and Sports in cooperation with the Government of Gujarat begins today at Rann of Kutch in Gujarat today. The theme of the Conference is “Converging Tourism, Culture, Youth Affairs and Sports and Creating Synergy with States and UTs towards building a Resurgent Young India and strengthening Ek Bharat, Shreshtha Bharat”. The Chief Guest Prime Minister Shri Narendra Modi delivered the inaugural address through a live video conference. Dr. Mahesh Sharma, Minister of State (I/C)  for Culture and Tourism, Shri Vijay Goel,Minister of State (I/C) for Youth Affairs and Sports, Shri Vijaybhai R. Rupani, Chief Minister of Gujarat, Shri Rajendra Trivedi, Minister of State for Sports, Youth and Culture, Govt. Of Gujarat, Shri Ganpatsinh Vasava, Minister for Tribal Development and Tourism, Govt of Gujarat, Ministers, Secretaries, Senior officers from States and many dignities were present.   Shri Vijaybhai R. Rupani, Chief Minister of Gujarat launched a “Quiz Competition under Ek Bharat, Shreshtha Bharat” on the occasion. A Film entitled “The Making of Rann Utsav” was also screened.

Anyhow controlled the Tax evasion

India participates in JITSIC meeting

India participated in the Joint International Taskforce on Shared Intelligence and Collaboration (JITSIC) meeting held in Paris on 16th and 17th January 2017 where 30 Revenue Authorities shared their findings on investigations arising from the Panama Papers;  including the role of tax intermediaries  such as financial institutions, advisers  etc, who facilitate tax evasion. The meeting included sharing of best practices and information between participating member countries based on legal instruments under the tax treaties and OECD and Council of Europe Multilateral Convention. The sharing of this information within a group of this size is unique and sets the basis for greater cooperation amongst tax administrations.
Since the last JITSIC meeting of this group, significant achievements have been made including the development of uniform approaches to requesting information between treaty partners, clearer understanding of the evasion typologies adapted by intermediaries, and new techniques for collating intelligence. JITSIC will continue to draw on the best intelligence capabilities from tax authorities around the world and share best practices for data analysis and collaboration on intelligence. The tax administrations will, accordingly, continue to share information under existing legal frameworks for exchange.

Yes we can: Obama

Thank’s letter of Obama

My fellow Americans,
It's a long-standing tradition for the sitting president of the United States to leave a parting letter in the Oval Office for the American elected to take his or her place. It's a letter meant to share what we know, what we've learned, and what small wisdom may help our successor bear the great responsibility that comes with the highest office in our land, and the leadership of the free world.
But before I leave my note for our 45th president, I wanted to say one final thank you for the honor of serving as your 44th. Because all that I've learned in my time in office, I've learned from you. You made me a better President, and you made me a better man.
Throughout these eight years, you have been the source of goodness, resilience, and hope from which I've pulled strength. I've seen neighbors and communities take care of each other during the worst economic crisis of our lifetimes. I have mourned with grieving families searching for answers -- and found grace in a Charleston church.
I've taken heart from the hope of young graduates and our newest military officers. I've seen our scientists help a paralyzed man regain his sense of touch, and wounded warriors once given up for dead walk again. I've seen Americans whose lives have been saved because they finally have access to medical care, and families whose lives have been changed because their marriages are recognized as equal to our own. I've seen the youngest of children remind us through their actions and through their generosity of our obligations to care for refugees, or work for peace, and, above all, to look out for each other.
I've seen you, the American people, in all your decency, determination, good humor, and kindness. And in your daily acts of citizenship, I've seen our future unfolding.
All of us, regardless of party, should throw ourselves into that work -- the joyous work of citizenship. Not just when there's an election, not just when our own narrow interest is at stake, but over the full span of a lifetime. I'll be right there with you every step of the way.
And when the arc of progress seems slow, remember: America is not the project of any one person. The single most powerful word in our democracy is the word 'We.' 'We the People.' 'We shall overcome.'
Yes, we can.