पहले दो स्लैब की दरें भी होंगी कम
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नोटबंदी के कठोर निर्णय के बाद सरकार मध्यम वर्ग को राहत देने की योजना बना रही है। सरकार ने अपने आने वाले बजट में मध्यम वर्ग को राहत देने का मन बना रही है। कई औद्योगिक संगठनों व नीति आयोग के द्वारा आयकर छूट सीमा बढ़ाए जाने की मांग को सरकार ने गंभीरता से लिया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे अपने बजट में शामिल करते हुए आयकर छूट सीमा को बढ़ाने का संकेत दिया है। हालांकि अभी यह नहीं मालूम कि यह सीमा कहां तक बढ़ेगी। एक संगठन ने आयकर सीमा को वर्तमान 2.5 लाख रुपये से बढ़ा कर 5 लाख रुपये वार्षिक आय किए जाने की मांग की थी लेकिन इतनी सीमा बढ़ाए जाने की संभावना नहीं है। फिर भी यह माना जा रहा है कि यह सीमा तीन से चार लाख रुपये की वार्षिक आय तक बढ़ाई जा सकती है। यह कहा जा रहा है कि आयकर छूट सीमा बढ़ाए जाने से निम्न वर्ग के लोगों को लाभ मिलेगा। साथ ही मध्यम वर्ग के उन युवाओं को भी लाभ मिलेगा जो नई सरकारी नौकरी प्राप्त करके जीवन की पारी शुरुआत करते हैं।आयकर छूट सीमा के साथ ही आयकर की स्लैब दरों में भी राहत दी जा सकती है। वर्तमान में 2.5 लाख से अधिक और 5 लाख रुपये तक 10 परसेंट, 5-10 लाख तक 20 परसेंट और 10 लाख से अधिक पर 30 परसेंट का आयकर लगता है। जानकार सूत्र बता रहे हैं कि बजट में पहले दो स्लैब की दरों में राहत दी सकती है। इससे मध्यम वर्ग को काफी लाभ मिल सकता है।
वेतन आधारित नौकरी वालों को भत्तों में छूट दिए जाने का प्रस्ताव है। इससे काफी लाभ मध्यवर्ग को मिल सकता है। चिल्ड्रेन एजूकेशन एलाउंसेज,मेडिकल रिएम्बर्समेंट, हाउस रेंट और लीव ट्रेवेल एलाउंसेज की सीमा बढ़ाए जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
आयकर अधिनियम की धारा 60 सी के तहत भी छूट सीमा बढ़ाए जाने के संकेत मिल रहे हैं। यह सीमा फिलहाल 1,50,000 से 3,00,000 तक है । इसे बढ़ाया जा सकता है।
सीनियर सिटीजन के लिए भी आयकर में छूट सीमा बढ़ाई जा सकती है। 60 से 80 वर्ष की आयु वर्ग के लिए वर्तमान में 3,00,000 की सीमा को 4,00,000 तक बढ़ाया जा सकता है। 80 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लिए वर्तमान सीमा 5,00,000 को बढ़ा कर 6,50,000 तक किया जा सकता है।
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