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Monday, 30 January 2017

हे राम!15 वर्षों बाद एक बार फिर राजघाट नए लुक में

समाधि पर पहली बार राष्ट्रपिता के जीवन का विवरण और 30 अमृत वचन अंकित कराए गए  

सोलर पावर प्रोजेक्ट्स, एलईडी लाइटों के साथ  सुरूचिपूर्ण ढंग से सजाए गए 104 खंभों, सीसीटीवी कंट्रोल रूप का सोमवार को केन्द्रीय  शहरी विकास मंत्री श्री एम वैंकैया नायडू द्वारा गांधी जी की पुण्य तिथि के अवसर पर उ्दघाटन किया गया। दस हजार से अधिक देशी और विदेशी पर्यटक हर रोज महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित के लिए राष्ट्रीय राजधानी स्थित उनकी समाधि राजघाट पर आते हैं। पर्यटकों को गांधीजी के जीवन और कार्यों के बारे में जानकारी देने के लिए समाधि के निकट लगे काले पत्थर के अलावा और कोई स्रोत समाधि पर उपलब्ध नहीं है। इस कमी को पूरा करने के लिए और पर्यटकों का आकर्षण बढ़ाने के लिए शहरी विकास मंत्रालय के अंतर्गत राजघाट समाधि समिति ने पिछले दो वर्षों में अनेक उपाय किए हैं, जिनका उद्घाटन सोमवार को राष्ट्रपिता की 69वीं पुण्य तिथि के अवसर पर किया गया। इससे पहले 15 वर्ष पूर्व राजघाट पर सुधार कार्य संचालित किए गए थे।
पहली बार 157 शब्दों में राष्ट्रपिता के जीवन का विवरण और 131 शब्दों में गांधी समाधि का विवरण हिन्दी और अंग्रेजी, दोनों भाषाओं में राजघाट के तीनों द्वारों पर प्रदर्शित किया गया है। संगमरमर पर 30 अमृत वचन उत्कीर्ण कराए गए हैं, जिन्हें ग्रेनाइट के पत्थर की पीठिकाओं पर समाधि परिसर में प्रदर्शित किया गया। राजघाट परिसर में सभी मौजूदा परम्परागत लाइटों के स्थान पर ऊर्जा सक्षम और पर्यावरण अनुकूल एलईडी लाइटें लगाई गई हैं। पुराने खंभों के स्थान पर सुरूचिपूर्ण ढंग से सजाए गए 104 नए पोल लगाए गए हैं। एलईडी लाइटों के लगने से हर वर्ष 60 हजार से अधिक ऊर्जा की बचत होगी।  सुरक्षा बढ़ाने और पर्यटकों की बेहतर निगरानी के लिए 27 सीसीटीवी कैमरों के साथ एक सेंट्रल कंट्रोल रूम बनाया गया है।
इसके अलावा पूरे देश में महात्मा गांधी को दो मिनट का मौन रखकर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। राजघाट पर उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं अन्य गणमान्य जनों ने राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि अर्पित की।

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