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Monday, 16 January 2017

यूपी का दंगल: पहला राउंड ही तय कर देगा मोदी-माया की तकदीर

मंगलवार को उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों के पहले राउंड के मतदान की प्रक्रिया के लिए चुनाव आयोग द्वारा अधिसूचना जारी किए जाने के साथ ही रणभेरी बज जाएगी। पहले राउंड में मंगलवार से ही नामांकन का काम शुरू होकर 24 जनवरी तक चलेगा। इसके बाद नामांकन वापसी का काम 27 जनवरी तक चलेगा। इसके बाद मतदान 11 फरवरी को होगा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई संवेदनशील जिलों सहित 15 जिले की 73 सीटों पर यह चुनाव भाजपा और बसपा के लिए निर्णायक साबित होने वाला है। हालंाकि मंगलवार को सपा के विवाद का पटाक्षेप होने के बाद अखिलेश का भी काफी कुछ दारोमदार रहेगा क्योंकि उनके पिता मुलायम सिंह यादव ने सोमवार को अपने पुत्र को मुस्लिम विरोधी करार देकर उनके खिलाफ एक संकेत दे दिया है जबकि बसपा ने पूरी तरह से मुस्लिम-दलित गठजोड़ के भरोसे कमर कस ली है। वैसे भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुस्लिम बसपा को अधिक तरजीह देते हैं। पिछले लोकसभा चुनाव मेंं  भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के एक बयान से हिन्दू मतों का ध्रुवीकरण हो गया था, इसका लाभ भाजपा को मिल गया था। इस बार भाजपा ने इन जिलों में कई पैराशूट प्रत्याशी उतार कर अपने स्थानीय नेताओं को नाखुश कर दिया है। चुनाव के मौके पर यह शुभ संकेत नहीं है। हालांकि नामांकन वापसी के बाद ही असली तस्वीर सामने आएगी। अखिलेश यादव ने एक जनवरी को ही अपने 403 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी थी। इस तरह से सपा और बसपा को चुनाव प्रचार का पर्याप्त मौका भी मिल गया है। इसका भी लाभ इन पार्टियों को मिल सकता है। भाजपा अभी असंतोष की लहर से निपटेगी। इसके बाद नामांकन वापसी तक मनौवल का खेल चलेगा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुस्लिम बहुल जिले मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, आगरा, फिरोजाबाद, एटा और कासगंज जिलों में पहले दौर का मतदान होगा। इनमें मुजफ्फरनगर, शामली ऐसे जिले हैं जहां दंगा प्रभावित राजनीति मुखर हो सकती है।

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