बेटा राज करेगा, पिता को वनवास मिलेगा’ यह टिप्पणी अमर सिंह ने उस वक्त की थी जब समाजवादी पार्टी और उसके चुनाव चिन्ह साइकिल के लिए मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के बीच कानूनी लड़ाई छिड़ गई थी और दोनों ही गुट चुनाव आयोग की अदालत में पहुंच गए थे। उसके बाद सपा और साइकिल दोनों ही अखिलेश यादव को मिल गए तो मुलायम सिंह थोड़ा बहुत गरजे व अकड़े जब देखा कि पूरा का पूरा माहौल अखिलेश के पक्ष में हैं तो उन्होंने अपने समर्थक तीन दर्जन से अधिक प्रत्याशियों की सूची अखिलेश को थमाकर वास्तव में वनवास को चले गए हैं। इसके बाद अखिलेश ने अपना पुत्र एवं परिवार धर्म को निभाते हुए पहली ही सूची में अपने प्रिय चाचा शिवपाल सिंह का नाम दे दिया। इसके अलावा छोटी बहू अपर्णा यादव को भी प्रत्याशी बनाए रखा। अखिलेश यादव के सियासी जंग जीतने के बाद अमरसिंह ने अलग रास्ता अपनाते हुए अखिलेश की जमकर तारीफ की थी।
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