बसपा सुप्रीमो सुश्री मायावती ने जहां मुस्लिम-दलित और प्लस अन्य वर्ग के सोशल समीकरण से यूपी में बाजी मारने की ठानी है, वही चंद तथाकथित कट्टरपंथी मुस्लिम बहुल क्षेत्र में अपनी पार्टी आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुसलमीन के पैर जमाने के लिए इसके सदर जनाब असदुद्दीन ओवैसी अपने प्रत्याशियों को ऑक्सीजन देने के लिए दलितों के वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं। शायद उन्हें यह नहीं मालूम मायावती का यह वोट बैंक किसी का नहीं हो सकता। इसके बावजूद अपने मनपसंद क्षेत्र के प्रत्याशियों को जीत दिलाने के लिए सोमवार को ओवैसी ने संभल में जनसभा में बाबा साहेब अम्बेडकर को महात्मा गांधी से बड़ा नेता करार दिया। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने धर्मनिरपेक्ष संविधान बनाकर बहुत ही नेक काम किया है। इससे सभी को इंसाफ मिलना तय हो सका है। इसी संविधान के चलते आरएसएस जैसे संगठनों की मनमानी नहीं चल सकी है और समाज के निचले तबके के लोगों को पूरा-पूरा इंसाफ मिल सका है।
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