देश की राजनीतिक दिशा और दशा तय करने वाले उत्तर प्रदेश का राजनीतिक भविष्य इस बार महिला नेताओं के दम पर तय होने जा रहा है। अभी तक उत्तर प्रदेश की सियासत में बसपा प्रमुख सुश्री मायावती ही अकेली महिला थीं जो वोटरों को इमोशनली,पॅालिटकली, सोशली और अन्य रास्तों से लुभातीं थी। इस बार के चुनाव में महिलाओं की फौज सामने आने वाली है। समाजवादी पार्टी की ओर से अभी फिलहाल दो महिलाओं के नाम सामने आए हैं उनमें से एक डिम्पल यादव और दूसरी अपर्णा यादवा। डिम्पल यादव कन्नौज लोकसभा सीट से सांसद भी हैं और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की धर्मपत्नी हैं। दूसरी अपर्णा यादव, अखिलेश के परिवार की बहू हैं और लखनऊ कैंट विधानसभा से सपा प्रत्याशी भी हैं। सपा के साथ गठबंधन करने के बाद प्रियंका गांधी वाडरा भी चुनाव मैदान में उतर आईं हैं। इसके अलावा उनकी मां कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तो मैदान में रहेंगी ही। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित भी हैं। सपा-बसपा गठबंधन और महिलाओं की राजनीति से सतर्क होकर भाजपा ने भी महिलाओं की फौज को मैदान में उतारने के संकेत दिये हैं। भाजपा की ओर से अभी जहां गुपचुप रूप से स्मृति ईरानी को मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी माना जा रहा है। स्मृति ईरानी की मदद के लिए केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल को मैदान में लाया जा रहा है ताकि वे महिलाओं के वोट के साथ ही गैर यादव पिछड़े वर्ग के वोटरों को पार्टी की झोली में डाल सकें। इसके साथ ही पूर्वी उत्तर प्रदेश में पार्टी की पकड़ मजबूत करने के लिए बसपा सुप्रीमों पर टिप्पणी करके चर्चा में आये दयाशंकर की पत्नी श्रीमती स्वाति सिंह को भी प्रचार में लाए जाने के संकेत मिल रहे हैं। इसके अलावा मथुरा से सांसद और अभिनेत्री हेमा मालिनी भी प्रचार करने के लिए सक्रिय हो सकतीं हैं। इन महिलाओं के भरोसे यूपी जीतने की तैयारी में जुटे हैं सभी राजनीतिक दल।
No comments:
Post a Comment