मोदी की राह पर चलकर बुजुर्गों को करेंगे राजनीति से रिटायर
लोकसभा चुनाव से पहले ही प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी के तौर पर घोषित नरेन्द्र मोदी ने सबसे पहले भाजपा के उन बुजुर्गों को किनारे बैठाया जिनकी तूती बोलती थी। अपनी उम्र से मात्र 6-7 वर्ष के अधिक नामी-गिरामी नेताओं को राजनीति से रिटायर कर दिया था। इसका अपवाद केवल मुरली मनोहर जोशी बने हुए हैं, वे ही अकेले बुजुर्ग सांसद हैं। बाकी सभी को राजनीति से किनारे करके पूरी कमान अपने हाथ में ले ली थी। आज वे कामयाबी के शिखर पर पहुंच गए हैं। आज उसी तरह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और युवा नेता अखिलेश यादव भी समाजवादी पार्टी को उसी राह पर ले जा रहे हैं। उन्होंने प्रदेश में युवाओं के बलबूते पर अपनी सरकार बनाने की ठानी है। इसके लिए उन्होंने यूपी के चुनाव प्रचार में अपनी खास रणनीति यह बनाई है,जिसमें अधिक से अधिक युवा नेता ही मंच पर दिखेंगे। फिलहाल यह संकेत मिल रहे हैं कि वह राजनीतिक दलों के मेल मिलाप के बाद युवा नेताओं की फौज बनाकर मैदान में उतरेंगे, इसके लिए वह कांग्रेस के राहुल गांधी, रालोद के जयंत चौधरी से हाथ मिला सकते हैं। फिलहाल अखिलेश यादव की योजना राहुल गांधी, प्रियंका वाडरा, जयंत चौधरी, उनकी पत्नी, स्वयं अखिलेश व अपनी पत्नी डिम्पल यादव के साथ प्रचार कर युवाओं को लुभाने की है।
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