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Sunday, 15 January 2017

ट्रंप की नई चाल पड़ सकती है भारतीयों के लिए महंगी

महंगा हो सकता है एच1बी बीजा,स्थानीयों को नौकरी देना होगा अनिवार्य 

अमेरिका में डॉनल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद संभालने के बाद एच1बी वीजा नियमों में बदलाव की संभावना से भारतीय आईटी कंपनियों के कान खड़े हो गए हैं।  अमेरिका में कारोबार कर रही प्रौद्योगिकी क्षेत्र की भारतीय कंपनियों ने इस स्थिति से निपटने के लिए कमर कस ली है। ये कंपनियां अमेरिका में स्थानीय कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने और दूसरे कर्मचारियों के साथ उनका समन्वय बढ़ाने के तौर तरीकों पर विचार कर रही हैं। बिजनेस स्टैंडर्ड के अनुसार आईटी उद्योग का अनुमान है कि ट्रंप के सत्ता संभालने के बाद एन1बी पर भारत से इंजीनियर लाने के बजाय स्थानीय लोगों को नौकरी देना अनिवार्य किया जा सकता है। ट्रंप के वरिष्ठï नीति सलाहकार स्टीफन मिलर ने एच1बी वीजा देने की मौजूदा लॉटरी व्यवस्था को खत्म करने का प्रस्ताव रखा है। पिछले महीने ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के दो सांसदों ने एक विधेयक पेश किया था जिसमें एच1बी वीजा धारकों के न्यूनतम वेतन में एक लाख डॉलर की बढ़ोतरी और कार्य वीजा की फीस में बढ़ोतरी का प्रावधान है। देश की सबसे बड़ी दो कंपनियों टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और इन्फोसिस लिमिटेड का कहना है कि उन्हें इस बदलाव का पूर्वाभास है और इसे देखते हुए उन्होंने अमेरिका में अपनी स्थानीय टीमें बनाना शुरू कर दिया है। इन्फोसिस के मुख्य कार्याधिकारी विशाल सिक्का ने कहा कि हमें उम्मीद है कि अमेरिका में जब अगले सप्ताह नया निजाम आएगा तो वीजा के मोर्चे पर नीतियों में कुछ बदलाव होंगे। अभी इस बारे में कुछ कहना जल्दबाजी होगी लेकिन इस बारे में चीजें सामने आने पर हम इसका समाधान करेंगे। वास्तव में हम बड़े पैमाने पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर सकते हैं। दुनियाभर में फैले अपने कर्मचारियों को साथ लाने में नई पीढ़ी की तकनीक की अहम भूमिका हो सकती है। आने वाले समय में वीजा पर निर्भरता घटाने और स्थानीयकरण के लिए यह हमारी रणनीति का अहम हिस्सा है। भारत से होने वाले 108 अरब डॉलर के सॉफ्टवेयर निर्यात का करीब दो तिहाई हिस्सा अमेरिका जाता है। टीसीएस, इन्फोसिस और विप्रो जैसी भारतीय कंपनियां तथा आईबीएम, एक्सेंचर जैसी अमेरिकी कंपनियों का देश में व्यापक नेटवर्क है। वे स्थानीय प्रतिभाओं के जरिये दुनियाभर में अपनी सेवाएं देती हैं। टाटा संस के चेयरमैन निर्वाचित होने से पहले टीसीएस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रहे एन चंद्रशेखरन ने कहा कि मुझे लगता है कि वीजा नियमों में कुछ बदलाव होंगे। दो तरह की संभावनाएं हैं। एक वीजा फीस के संबंध में है और दूसरी वीजा संख्या के बारे में है। हम दोनों मोर्चों पर सक्रियता के साथ काम कर रहे हैं।

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