नोटबंदी कालाधन,भ्रष्टाचार बनाम युवा होगा मुद्दा
समाजवादी पार्टी भले ही विघटन के कगार पर हो, कांग्रेस भी भले ही उतार पर हो लेकिन जब दो युवा नेता प्रदेश के युवाओं के समक्ष जाएंगे तो उस समय नोटबंदी की मार से कराहता युवक और गरीब तबका मोदी को वोट दे पाएगा। भाजपा भले ही दावा करे कि जीत उसकी होने जा रही है।समाजवादी पार्टी में विघटन नहीं होने जा रहा बल्कि चुनाव जीतने के लिए मुलायम सिंह से उनकी पार्टी और चुनाव चिन्ह तीन माह के लिए उधार मांग रहे हैं। यह बात मुलायम सिह के भी समझ में आ रही है। अखिलेश यादव का कहना है कि हमने पांच साल युवाओं के लिए लगाए हैं और वे युवा हमारे साथ हैं, जिन्हें मुलायम-शिवपाल ओर अमर सिंह की राजनीति कतई पसंद नहीं है। इसलिए वह चाहते हैं कि तीन माह का मौका दिया जाए वह सरकार बनवा देंगे उसके बाद वह सारे पद छोड़ सकते हैं। उन्होंन बड़ी भावुकता के अंदाज में अपनी बाद पार्टी और परिवार हित में कही है। इस बात को मुलायम ङ्क्षसंंह के समझ में आ रही है लेकिन पुराने दिग्गज होने के कारण एकदम से तो नहीं झुक सकते। आजखा के बीचबचाव से वह ऐसा अवश्य कर सकते हैं। समाजवादी पार्टी के पास दो दिनों का मौका है। वैसे भी विधायकोंं और पार्टी कार्यकर्ताओं के शपथ पत्र मिल जाने के बाद अखिलेश यादव का रास्ता साफ हो गया है फिर भी आज्ञाकारी पुत्र की छवि बनाए रखने के लिए पिता के समक्ष विनम्र विनती कर रहे हैं। इसके साथ ही वह अपना वोट बैंक बढ़ाने के लिए राहुल गांधी से हाथ मिला रहे हैं। इससे वोटरों में यह स्पष्ट संदेश जाएगा कि आने वाली सरकार युवाओं की हितैषी और बेदाग व विकास समर्थक होगी। ऐसी स्थिति में मोदी का नोटबंदी का मुद्दा कितना काम आएगा यह तो वक्त ही बतापाएगा।
No comments:
Post a Comment