उत्तर प्रदेश भाजपा के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। इस प्रदेश में चुनाव जीतने का मतलब 2019 के चुनाव की नींव तैयार करना है। इसलिए भाजपा हर तरह की कोशिश करके इस चुनाव को जीतना चाहती है। दो-दो सर्वे मं भाजपा की जीत दिखाई गई लेकिन भाजपा इस बार सशंकित है कि थोड़ी सी कसर कहीं न रह जाए। इसलिए वह दलित वोट बैँक में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है। फिलहाल यह वोट बैँक बसपा का पक्का वोट बैँक माना जाता है। फिर भी हर जगह दो गुटों की गुंजाइश होती है। स्थानीय स्तर पर जातिगत विद्वेष का लाभ उठाने के लिए भाजपा असंतुष्ट गुट को अपनी ओर खींचना चाहती है। भाजपा ने इसके लिए जगह-जगह स्थानीय दलित नेताओं की मदद से स्वाभिमान रैलियां करने की रणनीति बनाई है। चुनाव के समय में सम्मान मिलने के साथ ही दलित वोट बैँक थोड़ा भी भाजपा की ओर खिसक आया तो उसकी नैया पार हो सकती है।
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