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Friday, 6 January 2017

श्रद्धांजलि: बुलंद आवाज के साथ बेबाक इरादों के मालिक थे ओमपुरी


बुलंद आवाज और बेबाक इरादों के धनी बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता ओम पुरी का सुबह दिल का दौरा पडऩे से निधन हो गया। सन् 1950 में पंजाब के अम्बाला में एक पंजाबी परिवार में जन्मे थे। उन्होंने पुणे के इंस्टीट्यूट आफ इंडिया से फिल्म एवं टेलीविजन में स्नातक किया था इसके बाद उन्होंन ेनेशलल स्कूल आफ ड्रामा से कोर्स किया। 1973 में किए गऐ इस कोर्स में नसीरु ददीन उनके सहपाठी थे।
आर्ट फिल्मों के सुपरस्टार माने जाने वाले ओम पुरी की फिल्क आक्रोश ने जबर्दस्त कामयाबी पायी। इसके अलावा उनकी प्रमुख फिल्में घासीराम कोतवाल, सैंडगेट, मिर्च मसाला, धारावी, माचिस, गुप्त, धूप, युवा, डॉन, अग्निपथ, अद्र्धसत्य, आरोहन थीं। उन्होंने 250 फिल्मों में काम करके लोगों का दिल जीत लिया। उन्होंने रिचर्ड एटनबरों की फिल्म गांधी में भी वह नजर आए। ओमपुरी ने ब्रिटिश फिल्मों के साथ-साथ हॉलीवुड फिल्मों मं भी काम किया। बॉलीवुड में हिन्दी फिल्मों के अलावा, मराठी, तमिल, तेलुगू,कन्नड़ व पंजाबी भाषा की फिल्मों मं भी काम किया।
ओम पुरी न केवल एक बेहतरीन एक्टर थे, बल्कि, नाट्यकार, कथाकार भी थे। उन्होंने फिल्मों के साथ-साथ कई नाटक में काम किया है, वे मराठी नाटक में काम कर चुके हैं। उनकी बुलंद आवाज ने कई सीरियल्स में जान डाली है। उन्होंने कुल 250 फिल्मों में काम किया है। उनकी मौत से पूरे बॉलीवुड में शोक की लहर फैल गई है। अपने फिल्मी करियर के दौरान उन्हें कई तरह के विवादों का सामना करना पड़ा। दरअसल, वे बहुत ही बेबाक हैं और हर मुद्दे पर खुल कर बात करते हैं। कई बार उन्हें इसकी वजह विवादों का सामना करना पड़ा। अपने निजी जीवन में भी उन्हें कई तरह के विवादों का सामना करना पड़ा लेकिन वह अडिय़ल नहीं थे। जब उन्हें अपनी गलती का अहसास हो जाता था तो वे बिना कोई देर लगाए सरेआम माफी मांग लेते थे।
देश के नेता और सांसद गंवार और अनपढ़ हैं
रामलीला मैदान में जब अन्ना हजारे अनशन के लिए बैठे थे तब भी ओम पुरी ने मंच से कहा था कि मुझे शर्म आती है, जब एक आईएस और आईपीए अफसर हमारे गंवारे नेता और सांसदों को सल्यूट करते हैं। हमारे देश में आधे से ज्यादा नेता और सांसद गंवार हैं, अनपढ़ हैं और इनका बैकग्राउंड क्या है। हालांकि उन्होंने बाद में इसपर खेद भी जताया था।
फाइटर हैं नक्सली, गरीबों को तंग नहीं करते
एक बार उन्होंने नक्सलियों को फाइटर कहा था, नाकि आतंकवादी। उन्होंने कहा था कि नक्सल एक फाइटर हैं, वे आतंकवादियों की तरह सडकों में बम नहीं प्लांट करते। वे अपने हक के लिए जिम्मेदारी की लड़ाई लडते हैं। वे गरीबों को नहीं तंग करते हैं।
आमिर से बोले, लड़ों या मुल्क से बाहर जाओ
राष्ट्रभक्ति कल लहर में सवार होकर ओमपुरी ने आमिर खान के असहिष्णुता पर दिए गए बयान पर भीे हमला बोला था। ओम पुरी ने कहा था कि ये बहुत ही शर्म की बात है कि आमिर और उनकी पत्नी ऐसा सोचते हैं कि हमारा देश असहिष्णु है। मुझे बहुत ही आश्चर्य लग रहा है। इस तरह के बयान कतई बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। दोनों ने एक बहुत ही गैर जिम्मेदाराना बयान दिया है। ये कोई अचानक दिया गया बयान नहीं है, बल्कि दोनों ने सोच समझकर ऐसे शब्द कहें हैं। इसका मतलब, भैया या तो तैयार हो जाओ,या लड़ो या तो मुल्क छोडक़र चले जाओ।
‘जवानों को किसने कहा, सेना में आएं’
एक टीवी शो के दौरान उरी हमले में शहीद हुए जवान और उनके पिता पर दुखद टिप्पणी करके विवादों में फंस गए थे। इसके बाद उनकी खूब निंदा हुई थी। उन्होंने कहा था कि  किसने जवानों को सेना में आने के लिए कहा है और किसने उन्हें हथियार उठाने को कहा है। इसके बाद उनपर इस मामले को लेकर केस भी दर्ज हुआ था। आलोचनाएं झेलने के बाद उन्होंने पूरे देश से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगी और कहा कि मैं अपने शब्द वापस लेता हूं, मैंने गलत कहा है। मुझे सजा मिलनी चाहिए।

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