समाजवादी पार्टी में सुलह-सफाई की एक और कोशिश बेकार हो गई। दोनों गुट अपने-अपने चहेतोंं की कोई कुर्बानी देने को तैयार नहीं हैं। दिन पर मुलायम गुट पर अमर सिंह व शिवपाल सिंह को हटाने की कवायद चली। पता चला कि अमर सिंह इस्तीफा देने को तैयार हो गए और शिवपाल सिह भी केन्द्रीय राजनीति में जाने को तैयार हो गए लेकिन दानों ने राम गोपाल पर कार्रवाई की शर्त लगा दी। अखिलेश यादव गुट ने किसी शर्त को मानने से इनकार कर दिया तो मुलायम सिंह को फिर गुस्सा आ गया और वह प्रेस कांफ्रेंस में सुलह की जगह भड़ास निकालने वाले थे और वे अलग चुनाव लडऩे का ऐलान करने वाले थे। यानी सुलह की गुंजाइश खत्म होने वाली थी। इस स्थिति को भांप कर मध्यस्थता कर रहे आजम खान ने मुलायम सिंह को ऐसा करने से रोका। कुछ भी हो दोनों गुटों के पास मात्र दो दिनों का समय बाकी है। अखिलेश खेमा ने चुनाव आयोग को जवाद देने के लिए अपने सारे कागजात तैयार कर लिय हैं। मुलायम गुट इस बारे में चुप्पी साधे हुए है। इन दो दिनों में कोई तालमेल बैठ जाए तो ठीक वरना चुनाव आयोग बहुमत के आधार अखिलेश यादव को चुनाव चिन्ह आवंटित भी कर सकता है। इसलिए अखिलेश यादव खेमा क्यों झुके।
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