समाजवादी पार्टी के विभाजन के बाद अखिलेश का अकेले लडऩा तय हो गया है। इस बीच नवभारत टाइम्स में प्रकाशित एक सर्वे में यह दिखाया गया है कि अखिलेश यादव मुख्यमंत्री पद की पहली पसंद हैं लेकिन उनकी पार्टी मात्र 54 प्रतिशत समर्थन हासिल करने के बाद भी सत्ता से बाहर रहेगी। ऐसी स्थिति में त्रिशंकु विधानसभा के परिणाम आ सकते हैंं। ऐसी स्थिति में अखिलेश यादव के लिए सरकार बनाना बहुत ही मुश्किल होगा। अखिलेश कैम्प के रणनीतिकारों के संकेतों की मानें तो अखिलेश नए खिलाड़ी की तरह भले ही मैदान में उतरें लेकिन उनके समर्थन में बहुत ही मंझे हुए अनेक खिलाड़ी उनके साथ में हैं। उनके योजनाकारों ने उन्हें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अक्टूबर माह में दी गई सलाह मानने की सिाफारिश की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी सलाह में अखिलेश यादव से कहा था कि वह अपने राज्य में शराब बंदी का आदेश लागू करवा दें तो महिलाओं के वोट थोक में मिल जाएंगे और उन्हें आने वाले समय में इसका काफी लाभ मिलेगा। फिलहाल अखिलेश के सामने सरकार बचाने और पार्टी पर कानूनी कब्जे करने की समस्या मुंह बाए खड़ी है। इससे निपटने के बाद उनकी सरकार बहुमत में रही तो निश्चित रूप से यह कानून लागू करवा कर अपनी छवि और सुधारना चाहेंगे। यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
No comments:
Post a Comment