उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समाजवादी पार्टी के नेता और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर भारी पड़ सकते हैं। यह बात उस समय उजागर हुई जब समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता ने इकोनामिक टाइम्स को यह बताया कि समाजवादी पार्टी ने हाल ही में लखनऊ में आयोजित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मेगा रैली के दौरान अपना स्वयं का एक सर्वे कराया। समाजवादी पार्टी ने अपनी युवा शाखा के 150 कार्यकर्ताओं को इस रैली में भेजकर भाग लेने आए लोगों से मुख्यमंत्री पद की पसंद के लिए पूछतांछ की तो लोगों ने 60 परसेंट लोगों ने अखिलेश यादव को अपनी पसंद का व्यक्ति बताया साथ ही इन लोगों ने प्रधानमंत्री के तौर पर नरेन्द्र मोदी का नाम लेने से परहेज नहीं किया। जब यह बात प्रतिद्वंद्वी दल मान रहा है तो आम जन की बात ही और है। यह पहले ही कहा जा रहा है कि लोकप्रियता में नरेन्द्र मोदी के सामने अखिलेश यादव कहीं नहीं टिकते। इसके साथ दोनों ही हाईटैक हैं। अंतर बहुत बड़ा नहीं रहने वाला। बस कुछ ही अंतर जीत-हार तय होने वाली है। ये दोनों ही नेता अपने-अपने दलों को जीत दिलाने के लिए तत्पर हैं। यदि चुनावी तैयारियों और रैलियों की बात करेंं तो मोदी सिर्फ सात चरणों के लिए सात रैलियां करने वाले हैं जबकि अखिलेश ने 403 रैलियों को संबोधित करने की रणनीति बनाई है।
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