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Monday, 9 January 2017

चुनावों में लग सकता है कालाधन

चुनाव आयोग ने कसी कमर,कहा- है कड़ी नजर

नोटबंदी के निर्णय के तत्काल बाद यह अनुमान लगाया गया था कि यह निर्णय अवश्य ही पांच राज्यों में होने वाले चुनाव में कालेधर के प्रयोग को रोकना है। इससे उन नेताओं की सारी आशाओं पर पानी फिर गया था जो चुनाव के लिए अपने पास बहुत बड़ी मात्रा में काला धन इकट्ठा किए हुए थे। इसी तरह की आशंका चुनाव आयोग ने भी जताई है। चुनाव आयोग ने इन चुनावों में खड़े होने वाले प्रत्याशी के खर्च की जांच-पड़ताल व खर्चों पर नजर रखने के लिए 200 व्यय प्रेक्षक तैनात किए हैं। आयोग ने इन व्यय प्रेक्षकों को विशेष निर्देश दिए हैं कि वे चुनाव में काले धन के इस्तेमाल पर विशेष नजर रखें ताकि प्रत्याशी इस धन से मतदाताओं को किसी भी प्रकार से प्रभावित न कर सकें।
मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी, चुनाव आयुक्त एके जोती और चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने मंगलवार को प्रेस को बताया कि इंडिया रेवेन्यू सर्विस, इंडिया आडिट और एकाउंट सर्विस से बुलाए गए अधिकारियों को व्यय प्रेक्षक बनाया गया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि आयोग कालेधन पर विशेष नजर रखे हुए है और यह तय करेगा कि किसी भी सूरत में कालेधन का प्रयोग चुनाव कार्यों में न हो सके और सभी को समान अवसर मिले। उन्होंने कहा कि व्यय प्रेक्षकोंं के यह निर्देश दिए गए हैं कि आयोग के चुनाव संबंधी नए निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए। यह भी बताया गया कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड और पंजाब में चुनाव के लिए प्रत्येक प्रत्याशी को 28 लाख रुपये तक खर्च करने की छूट है जबकि मणिपुर और गोवा में यह छूट सिर्फ 20 लाख रुपये हैं।
उन्होंने कहा कि आयोग का सबसे ज्यादा जोर प्रत्याशी द्वारा लिए गए चंदे की पारदर्शिता पर है। उन्होंने कहा कि अब कोई भी प्रत्याशी 20 हजार रुपये का चंदा नकद नहीं ले सकता। उसे इस राशि के लिए एकाउंट पेयी चेक का इस्तेमाल करना होगा। उन्होंने कहा कि नामांकन के समय प्रत्याशी को एक अलग से नया खाता खुलवाना होगा और इसी खाते से चुनाव का सारा खर्चा करना होगा। चुनाव आयुक्त एके जोती ने बताया कि मतदान के दिन प्रत्याशी के बूथ पर मतदाताओं को दी जाने वाली पर्ची का खर्च भी प्रत्याशी के खाते में जोड़ा जाएगा।
चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने इस बात पर चिंता जताई कि प्रत्याशी मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए टीवी चैनलों और अखबारों मे पार्टी की ओर से विज्ञापन प्रकाशित करवाते हैं लेकिन आयोग के नये निेर्देशों के अनुसार अब इस तरह के विज्ञापनों का स्तरीय बिल के आधार पर प्रत्याशी के हिस्से में खर्च डाला जाएगा।
कालेधन पर नजर रखने के लिए आयकर विभाग के सीडीबीटी ने चुनाव प्रभावित राज्यों के हवाई अड्डों पर नकदी के आवागमन की जांच करने के लिए अपनी एयर इंटेलीजेंस यूनिट को सतर्क कर दिया है। आयोग को इस तरह की आशंका है कि नोटबंदी के बावजूद लोगों के पास जमा कालेधन का चुनाव में इस्तेमाल किया जा सकता है। 

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