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Monday, 9 January 2017

आधार कार्ड के बिना मनरेगा की मजदूरी नहीं मिलेगी

एक अप्रैल 2017 से मनरेगा में मजदूरी करना टेढ़ी खीर होगा। सबसे पहले तो आधार कार्ड अनिवार्य होगा और इसके बाद कई अन्य कागजी दस्तावेज जुटाने होंगे। इस योजना के तहत अपना नाम दर्ज कराने वालों को 31 मार्च 2017 को आधार कार्ड, या आधार कार्ड के आवेदन की पर्ची, आधार कार्ड के आवेदन के बाद मिलने वाला नंबर लेना जरूरी होगा। मंत्रिमंडल सचिवालय के एक अधिकारी ने द हिन्दू को जानकारी देते हुए बताया कि 31 मार्च तक आधार कार्ड, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर पहचान पत्र, किसान पासबुक फोटो सहित, मनरेगा के तहत जारी जाब कार्ड और तहसीलदार या गजटेड आफिसर द्वारा लाभार्थी का परिचय भी आवश्यक होगा। जिन्होंने आधार कार्ड के लिए आवेदन किया हो तो उनके आवेदन की मिलने वाली पर्ची या 12 आंकड़ों वाला वह नंबर देना होगा जो उसके पहचान का सबूत होगा, इस पर पता देशभर में कहीं का भी पड़ा हो।
सरकार आधार अधिनियम 2016 की धारा 7 के तहत उस व्यक्ति से आधार कार्ड रखने के बारे में पूछ सकती है जिसे वह व्यक्तिगत या कन्सोलिडेटेड फंड आफ इंडिया के तहत सेवाओं या सबसिडी के माध्यम से लाभ प्रदान करती है। मनरेगा का खर्चा इसी कन्सोलिडेटेड फंड आफ इंडिया के तहत प्राप्त होता है। वित्तीय वर्ष में मनरेगा को 38,500 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई थी। आधार लिंक्ड डाइरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम यानी डीबीटी स्कीम से जुड़े एक अन्य अधिकारी ने द हिन्दू को बताया कि मनरेगा में आधार कार्ड को इसलिए आवश्यक किया जा रहा है ताकि इस योजना में गड़बड़ी करने वालों और अवैध रूप से योजना से लाभ कमाने वालों को आसानी से पकड़ा जा सके। योजना के गलत इस्तेमाल को रोका जा सके। 

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