बैँकों में जमा काले धन पर लगेगा भारी-भरकम टैक्स
नोटबंदी के निर्णय के बाद से काला धन बाहर आए या बैँकों में जमा हो जाए। दोनों ही सूरतों में सरकार की चांदी ही चांदी होने वाली है। फाइनेंशियल इंटेलीजेंस यूनिट के आंकड़ों की बात माने तो देश में नोटबंदी के बाद जिस तरह से 2.10 करोड़ नए बैंक खाते खोले गए और उनमें 3 लाख करोड़ की राशि जमा की गई। इनमें बहुत सी राशि काला धन की हो सकती है। उधर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की समापन बैठक में आर्थिक प्रस्ताव पेश करते हुए माना कि देश का काला धन बैँकों में जमा हो गया है। इगके बाद अगले दिन वित्त मंत्री श्री जेटली ने यह स्पष्ट किया कि बैंकों में जमा कालाधन अपना रंग नहीं बदल सकता। आयकर विभाग इसकी जांच करेगा और कालेधन का सही मालिक सामने आया तो उस पर भारी टैक्स लगाया जाएगा। दूसरा विकल्प अपने आप ही सामने आ जाता है कि सही मालिक नमिलने पर यह राशि सरकार के कब्जे में आ जाएगी। सरकार को पहले से ही अनुमान था कि लगभग 3 लाख करोड़ रुपये का कालाधन देश में है। इस तरह से यदि 3 लाख करोड़ का काला धन सामने आ जाएगा और यदि उसके मालिक भी मिल जाएंगे तो सरकारी नियमों के अनुसार उस पर 85 प्रतिशत का जुर्माना लगाया जा सकता है क्योंकि सरकार ने पहले ही स्वैच्छिक आय घोषित करने की योजना के तहत सरकार ने 30 दिसंबर तक यह छूट दे रखी थी कि स्वयं आय घोषित करने वाले पर 55 प्रतिशत टैक्स व जुर्माना लगेगा यदि सरकार ने पकड़ा तो उस पर 65 प्रतिशत टैक्स व जुर्माना लगाया जाएगा। इस तरह से काला धन जमा करने वालों की चालाकी नहीं चल पाएगी और उन्हें सरकारी िनियमों का सामना करना पड़ेगा और जुर्माना भरना पड़ेगा।
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